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बलिया को स्मार्ट नगर पालिका बनाने के लिए 2 करोड़ से अधिक की कार्य योजना को मिली मंजूरी, प्रमुख चौराहे विकसित होंगे

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बलिया को स्मार्ट नगर पालिका के रूप में विकसित करने की दिशा में लगातार काम किया जा रहा है। इसी कड़ी में जिलाधिकारी ने 15वें वित्त आयोग के तहत 2 करोड़ रुपये से अधिक की महत्वाकांक्षी कार्य योजना को मंजूरी दी है। इस कार्य योजना के तहत शहर में यातायात व्यवस्था को सुधारा जाएगा। इसके साथ ही प्रमुख चौराहों का सौंदर्यीकरण किया जाएगा।

योजना के तहत शहर के 10 प्रमुख चौराहों के विकास के लिए 75 लाख रुपये आवंटित किए गए हैं, जिनमें विशुनीपुर, पानी टंकी, कासिम बाजार, जगदीशपुर, हनुमानगढ़ी, नया चौक, शास्त्री, ऑक्टेन गंज, टीडी कॉलेज और कुंवर सिंह चौराहा शामिल हैं। स्टेडियम के पास 12.19 लाख रुपये की लागत से नया महाराणा प्रताप चौराहा बनेगा। इंदिरा मार्केट के सामने 8 लाख रुपये की लागत से एक आधुनिक चौराहे का निर्माण होगा।

छोटे व्यापारियों और स्ट्रीट वेंडर्स के लिए 50 लाख रुपये की लागत से दो मॉडल वेंडिंग जोन का निर्माण किया जाएगा। ये जोन शीश महल की गली के पीछे और कासिम बाजार में गुरुद्वारा के पीछे स्थापित किए जाएंगे। इसके अलावा ओवरब्रिज पर 20 लाख रुपये की लागत से बटरफ्लाई लाइट्स लगाई जाएंगी। पुलिस बूथ के पास 36 लाख रुपये की लागत से एक नया चौराहा बनेगा। बस स्टैंड से चित्तू पांडे चौराहे तक स्टेनलेस स्टील की रेलिंग लगाई जाएगी और वृक्षों-पुष्पों से सजाया जाएगा। जिलाधिकारी ने नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि टेंडर प्रक्रिया शीघ्र पूरी कर कार्य प्रारंभ किया जाए।

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बलिया

बलिया में लेखपालों का बड़ा फेरबदल, आठ साल से एक ही जगह जमे कर्मचारियों का हुआ ट्रांसफर

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बलिया जिले में प्रशासनिक सख्ती देखने को मिली जब जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार के आदेश पर मुख्य राजस्व अधिकारी त्रिभुवन ने लंबे समय से एक ही तहसील में जमे लेखपालों का स्थानांतरण कर दिया।

जिले की विभिन्न तहसीलों से कुल 173 लेखपालों को तत्काल प्रभाव से दूसरे स्थानों पर भेजा गया है। इनमें बांसडीह से 41, सदर से 14, बैरिया से 13, रसड़ा से 42, बिल्थरारोड से 33, और सिकंदरपुर से 30 लेखपाल शामिल हैं।

विशेष रूप से सिकंदरपुर तहसील में कुल 58 लेखपालों में से 30 ऐसे थे जो बीते आठ वर्षों से एक ही स्थान पर तैनात थे। प्रशासन ने इन्हें अन्य तहसीलों में भेजने के साथ-साथ उनके स्थान पर नए लेखपालों की तैनाती भी सुनिश्चित की है।

यह कदम न सिर्फ प्रशासनिक पारदर्शिता की दिशा में एक अहम पहल है, बल्कि इससे कार्य संस्कृति में भी सकारात्मक बदलाव की उम्मीद की जा रही है।

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बलिया

बलिया में आंधी-तूफान में गिरी बिजली ने ली युवक की जान, गांव में पसरा मातम

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बलिया जिले के नरही थाना क्षेत्र स्थित टुटवारी गांव में गुरुवार की शाम अचानक बदले मौसम ने एक हंसते-खेलते परिवार की दुनिया उजाड़ दी। तेज हवाओं के साथ आई आंधी और बारिश के दौरान गिरी आसमानी बिजली ने खेत में काम कर रहे एक युवक की जान ले ली। इस हृदयविदारक घटना ने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया।

मृतक सत्यकाम राय, उमेश राय के पुत्र थे, जो खेत में प्याज की खुदाई के दौरान मौजूद थे। मौसम बिगड़ते ही जब गांव में तीन जगह बिजली गिरी, तब सत्यकाम खेत के पास एक बगीचे में स्थित पेड़ के नीचे जाकर बारिश से बचने लगे। मजदूर तो पहले ही घर लौट गए थे, लेकिन सत्यकाम अपने प्याज की देखरेख के लिए वहीं रुक गए। दुर्भाग्यवश, उसी पेड़ पर बिजली गिर गई और मौके पर ही उनकी मृत्यु हो गई।

परिवार को इस अनहोनी का अंदेशा तक नहीं था। रात का भोजन डेरे पर रखकर परिजन यही सोचते रहे कि सत्यकाम खेत में व्यस्त होंगे। अगले दिन सुबह एक ग्रामीण जब शौच के लिए निकला, तो उसने सत्यकाम का शव पेड़ के नीचे देखा और तत्काल परिजनों को सूचना दी।

जैसे ही खबर गांव में फैली, कोहराम मच गया। सत्यकाम की पत्नी और मां का रो-रोकर बुरा हाल है। लोगों की आंखें नम हैं और हर कोई इस अकाल मृत्यु से स्तब्ध है। चार साल पहले शादी हुई थी और उनका एक तीन साल का बेटा भी है, जो अब पिता की छाया से वंचित हो गया है। स्थानीय पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया है। गांव में अब भी शोक की लहर है।

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बलिया के बेल्थरारोड में गेहूं की फसल में लगी भीषण आग, 30 बीघा फसल जलकर राख

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बलिया के बेल्थरा रोड क्षेत्र के रुपवार भगवानपुर गांव में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब गेहूं की खड़ी फसल में अचानक आग भड़क उठी। गर्म हवा और तेज़ झोंकों के चलते आग ने देखते ही देखते विकराल रूप ले लिया।

धधकती फसल को देखकर ग्रामीण तुरंत मौके पर पहुंचे और घरों से बाल्टियों में पानी लाकर आग बुझाने में जुट गए। साथ ही फायर ब्रिगेड को भी सूचना दी गई। ग्रामीणों की तत्परता और अथक प्रयासों से आखिरकार आग पर काबू पा लिया गया, लेकिन तब तक लगभग 30 बीघा में खड़ी गेहूं की फसल राख हो चुकी थी।

ग्रामीणों की सूझबूझ और मेहनत से पास की फसलें जलने से बचा ली गईं। इस आगजनी में जिन किसानों की फसलें प्रभावित हुईं, उनमें कमला सिंह, राम गोविंद सिंह, विजई सिंह, सुरेन्द्र सिंह, नगीना सिंह, बब्बन सिंह, शिवानंद सिंह, कल्पनाथ, चन्दन और विवेक शामिल हैं।

पीड़ित किसानों ने प्रशासन से क्षतिपूर्ति की मांग की है। घटना की जानकारी हल्का लेखपाल को दी गई, लेकिन वे जिला मुख्यालय में होने के कारण घटनास्थल पर नहीं पहुंच सके। आग लगने के पीछे के कारणों का फिलहाल कोई स्पष्ट कारण सामने नहीं आया है।

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