बलिया
क्या बलिया में गुटबाजी से उबर पाएगी भाजपा, जानें सातों विधानसभा सीटों के समीकरण!
बलिया। उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव नजदीक नजदीक आ चुका है। 2022 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होना है। सुबे में राजनीति की नर्सरी कहे जाने वाले बलिया जिले में कुल 7 विधानसभा सीटें हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में बलिया के 7 विधानसभा सीटों में से 5 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी को कामयाबी मिली थी। लेकिन 2022 के चुनाव में बलिया जिले का समीकरण उलट-पलट गया है। जिले में भाजपा के भीतर की गुटबाजी पार्टी को नुकसान पहुंचाती दिख रही है। कोरोना महामारी के दौर के बाद वैसे भी उत्तर प्रदेश कि योगी आदित्यनाथ सरकार को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दे ने अलग से भाजपा की सियासत की जमीन कमजोर की है। भाजपा के लिए सवाल बड़ा है कि 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बलिया जिले में वह कैसा प्रदर्शन कर पाएगी?
सीटवार विश्लेषण
357 बेल्थरा रोड (सुरक्षित)- 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के धनंजय कनौजिया ने 77504 वोट लेकर 18319 वोटों से जीत दर्ज की। उनके मुक़ाबले दूसरे स्थान पर रहे सपा के गोरख पासवान को 59185 वोट मिले। बसपा के छट्टू राम को 47297, RLD के धीरेन्द्र कुमार सिंह को 1031 , वोट मिले। प्रतिष्ठा की इस सीट पर 2022 में कौन कौन उम्मीदवार होंगे, इसपर काफ़ी कुछ निर्भर करेगा। सपा की कड़ी चुनौती बीजेपी को रहेगी। अभी बीजेपी के पक्ष में माहौल नहीं है। यहाँ दलबदल की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
358 रसडा – 2017 के विधानसभा चुनाव में बसपा के उमा शंकर सिंह ने 92272 वोट लेकर 33887 वोटों से जीत दर्ज की। उनके मुक़ाबले दूसरे स्थान पर रहे बीजेपी के राम इक़बाल सिंह को 58385 वोट मिले। सपा के सनातन पांडे को 37006 , NCP के रामजन्म चौहान को 1251, वोट मिले। 2022 में कौन उम्मीदवार होंगे, इसपर काफ़ी कुछ निर्भर करेगा। राम इक़बाल सिंह बीजेपी विरोधी बयान दे रहे हैं। मुमकिन है कि उनका लक्ष्य सपा से टिकट पाना हो। बसपा के वर्तमान विधायक उमा शंकर सिंह की मतदाताओं में अच्छी पकड़ है। सपा के सनातन पांडेय भी सक्रिय हैं।
359 सिकंदरपुर – 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के संजय यादव ने 69536 वोट लेकर 23548 वोटों से जीत दर्ज की। उनके मुक़ाबले दूसरे स्थान पर रहे सपा के ज़ियाउद्दीन रिज़वी को 45988 वोट मिले। निर्दलीय अरविन्द को 2936 वोट मिले। 2017 में सीट पर रिज़वी विरोधी ध्रुवीकरण होने से सपा के परंपरागत वोट भी बीजेपी को मिल गये थे। बीजेपी उम्मीदवार यादव समाज से सम्बन्ध रखते थे। 2022 में कौन उम्मीदवार होंगे, इसपर काफ़ी कुछ निर्भर करेगा। चर्चा है कि यहाँ सभी पार्टी नए चेहरों के साथ मैदान में होंगी।
360 फेफना– 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के उपेंद्र तिवारी ने 70588 वोट लेकर 17897 वोटों से जीत दर्ज की। उनके मुक़ाबले दूसरे स्थान पर रहे बसपा के अंबिका चौधरी को 52691 वोट मिले. सपा के संग्राम यादव को 50016 वोट मिले। उपेंद्र तिवारी राज्य सरकार में मंत्री हैं. भूमिहार मतदाताओं पर उनकी पकड़ है। अंबिका चौधरी बसपा से वापस सपा में शामिल हुए हैं।
361 बलिया नगर- 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के आनंद स्वरुप शुक्ला ने 52889 वोट लेकर 40432 वोटों से जीत दर्ज की। उनके मुक़ाबले दूसरे स्थान पर रहे सपा के लक्ष्मण को 52457 वोट मिले। बसपा के नारद राय को 31195 वोट मिले।
सीट पर ठाकुर, ब्राह्मण और भूमिहार व व्यापारी वर्ग का वर्चस्व है। चुनाव घोषणा तक परिस्थितियों में बदलाव आएगा। जनअसंतोष के कारण 2022 में, बीजेपी के लिए बदली परिस्थितियों में सीट जीतना दुष्कर होगा।
362 बांसडीह– 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा के राम गोविन्द चौधरी ने 51201 वोट लेकर 1687 वोटों से जीत दर्ज की। उनके मुक़ाबले दूसरे स्थान पर रहीं निर्दलीय केतकी सिंह को 49514 वोट मिले। केतकी बीजेपी से टिकट मांग रही थीं मगर सीट बीजेपी कोटे में से सुहेलदेव भारत समाज पार्टी (ओमप्रकाश राजभर) को मिल गयी जो बीजेपी के साथ गठबंधन में थी। इसके उम्मीदवार अरविन्द राजभर को 40234 वोट मिले। बसपा के शिव शंकर को 38745, लोकदल के नीरज सिंह गुड्डू को 10315, निर्दलीय अरविन्द को 6080, निर्दलीय जवाहर को 2718, और निर्दलीय पूनम को 1684 वोट मिले।
2022 के समीकरण अभी स्पष्ट नहीं हैं कि केतकी सिंह किस पार्टी से चुनाव लड़ेंगी और सीट क्या ओमप्रकाश राजभर को सपा गठबंधन में मिलेगी और यदि मिलती है तो सपा के वर्तमान विधायक रामगोविंद चौधरी की क्या भूमिका होगी। हालांकि केतकी सिंह भाजपा की बड़ी नेता हैं। लेकिन पिछले चुनाव में जब भाजपा से उन्हें टिकट नहीं मिला तो निर्दलीय ही मैदान में उतर गईं थीं। अब देखना होगा कि इस बार बांसडीह सीट पर क्या समीकरण बैठते हैं?
363 बैरिया ( पुराना नाम दोआबा ) 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के सुरेंद्र ने 64868 वोट लेकर 17077 वोटों से जीत दर्ज की। उनके मुक़ाबले दूसरे स्थान पर रहे सपा के जय प्रकाश अंचल को 47791 वोट मिले। बसपा के जवाहर को 27974 वोट मिले। निर्दलीय अश्विनी सिंह को 6122, निर्दलीय मनोज को 5946, और निर्दलीय संजय को 2197 वोट मिले।
इस विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी की गुटबाज़ी चरम पर है। वर्तमान विधायक ठाकुर सुरेंद्र सिंह का टिकट कटने के चर्चा जोरों पर हैं। सीट पर ठाकुर व यादव मतदाता प्रभाव रखते हैं। बलिया के पूर्व सांसद भरत सिंह इस विधानसभा क्षेत्र में पदयात्रा कर रहे हैं। जिसको लेकर कई प्रकार की चर्चा हो रही है। वहीं दूसरी ओर चर्चा बीजेपी सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त और विधायक सुरेंद्र सिंह के बीच अनबन को लेकर भी है। वीरेंद्र सिंह मस्त बीजेपी किसान मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष हैं और लगातार किसान आंदोलन के विरुद्ध बयान दे रहे हैं। यहाँ अधिकतर भूमिहार मतदाताओं की पहली पसंद बीजेपी है। 2017 में बीजेपी कुल 17077 वोट से जीती थी, इसलिए 2022 में, बीजेपी के लिए बदली परिस्थितियों में जीतना दुष्कर होगा। वहीं इस पर एक और चर्चा है कि अगर जनता दल (यु) से बीजेपी का गठबंधन होता है तो इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता की ये सीट जदयू के खाते में भी जा सकती है।
ये आर्टिकल स्वतंत्र पत्रकार असद हयात खान ने लिखी है।
बलिया
शिक्षा पदम सम्मान 2025 से सम्मानित हुए हाली पाथ कॉन्वेंट स्कूल के युवा निदेशक डॉ. परवेज अंसारी
हिमाचल प्रदेश के प्रतिष्ठित हिलटॉप पब्लिक स्कूल में आयोजित भव्य सम्मान समारोह में हाली पाथ कॉन्वेंट स्कूल के युवा निदेशक डॉ. परवेज अंसारी को “शिक्षा पदम सम्मान 2025” से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में उनके 10 वर्षों से अधिक की समर्पित सेवा और अभिनव प्रयासों के लिए प्रदान किया गया।
डॉ. अंसारी की नेतृत्व क्षमता और शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता ने स्कूल को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया है। उनके मार्गदर्शन में हाली पाथ कॉन्वेंट स्कूल ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, आधुनिक शिक्षण पद्धतियों और विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास पर विशेष ध्यान दिया है।
सम्मान प्राप्त करने के बाद डॉ. परवेज अंसारी ने कहा —
“यह सम्मान मेरे लिए प्रेरणा का स्रोत है। मैं शिक्षा के क्षेत्र में लगातार नवाचार और सुधार के लिए प्रयासरत रहूँगा।”
उनकी इस उपलब्धि से न केवल स्कूल परिवार बल्कि पूरे जनपद में गर्व की भावना व्याप्त है।
फेफना
दिखाया जज़्बा: जमुना राम मेमोरियल स्कूल के कराटे वीरों ने जीते 22 पदक, बलिया में बजाया अपना डंका
बलिया के बापू भवन में आयोजित 2nd Gyanti Devi Memorial Cup District Karate Championship 2K25 में जिले के लगभग 15 विद्यालयों ने भाग लिया। इस प्रतियोगिता में जमुना राम मेमोरियल स्कूल, मानपुर चितबड़ागांव के 22 छात्रों ने प्रतिभाग कर दमखम दिखाया।
शानदार प्रदर्शन करते हुए स्कूल के 12 छात्रों ने स्वर्ण पदक , 6 ने रजत पदक और 4 ने कांस्य पदक हासिल किए। छात्रों की इस उपलब्धि ने न केवल विद्यालय का नाम रोशन किया बल्कि माता-पिता और क्षेत्र को भी गौरवान्वित किया।
विद्यालय के प्रधानाचार्य अबरी के.बी. एवं प्रबंध निदेशक तुषार नंद जी ने विजेताओं को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की प्रतियोगिताएं बच्चों में आत्मविश्वास, अनुशासन और शारीरिक स्फूर्ति को बढ़ावा देती हैं।
विद्यालय प्रबंधन ने यह भी आश्वस्त किया कि भविष्य में भी छात्र ऐसे आयोजनों में भाग लेकर और बेहतर प्रदर्शन करेंगे।
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बलिया की राजनीति में हलचल: भानु दुबे जल्द कर सकते हैं सपा जॉइन, अटकलों का बाजार गर्म
बलिया।
बलिया के प्रमुख सामाजिक नेता भानु दुबे जल्द ही समाजवादी पार्टी (सपा) जॉइन कर सकते हैं। हाल ही में उनके सोशल मीडिया पोस्ट और गतिविधियों से इस बात के कयास तेज हो गए हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले कुछ दिनों से भानु दुबे लगातार सपा के बड़े नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। उनकी इन मुलाकातों और नेताओं के काफिलों में देखे जाने के बाद यह चर्चा और तेज हो गई है कि वे जल्द ही सपा का दामन थाम सकते हैं।
भानु दुबे को ब्राह्मण समाज का बड़ा चेहरा माना जाता है। सामाजिक स्तर पर उनकी लोकप्रियता भी युवाओं में काफी मजबूत है। अगर वे सपा में शामिल होते हैं तो न केवल बलिया में पार्टी को मजबूती मिलेगी, बल्कि आगामी 2027 विधानसभा चुनाव में बलिया सदर सीट से उनकी दावेदारी भी बेहद मजबूत मानी जा रही है।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि भानु दुबे के सपा में आने से बलिया की राजनीति में नया समीकरण बन सकता है। और यह फैसला पूरे जिले के राजनीतिक परिदृश्य को बदल सकता है।
अब देखना दिलचस्प होगा कि भानु दुबे कब और किस मंच से सपा की सदस्यता ग्रहण करते हैं और इसके बाद जिले की राजनीति कौन सा नया मोड़ लेती है।
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