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बलिया स्पेशल

बलिया में सात एडीओ पंचायत और 44 पंचायत सचिवों नोटिस जारी, मचा हड़कंप

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बलिया  के सात एडीओ पंचायत और 44 पंचायत सचिवों को अनिवार्य सेवा निवृत्ति की नोटिस जारी की है। सरकारी प्रवक्ता ने यहां यह जानकारी दी । उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी भवानी सिंह खंगारौत ने इस संबंध में इन सभी को नोटिस जारी करते हुए 15 दिन के अंदर जबाब मांगा है। उन्होंने बताया कि श्री खंगारौत पिछले चार महीनों से पंचायती राज विभाग के कार्याें की लगातार समीक्षा कर रहे हैं। रोजाना होने वाली बैठक में विशेष तौर पर शौचालय निर्माण की समीक्षा होती है। इसके अलावा आवास और अन्य योजनाओं के बारे में भी समीक्षा की जाती है।

जिलाधिकारी ने समीक्षा बैठक में कोताही पाये जाने पर चेतावनी देकर कर्मचारियों को सुधरने का अवसर दिया, लेकिन इसके बाद भी गांवों की हालत जस की जस बनी रहने पर उन्होंने स्क्रीनिंग कराकर अनिवार्य सेवानिवृत्ति की भी चेतावनी दी थी। बावजूद इसके कुछ सचिव अपनी कार्यशैली में सुधार नहीं कर रहे थे। इसका नतीजा था कि शौचालय निर्माण में अपेक्षित तेजी नहीं आ पा रही है। अब जिलाधिकारी ने सख्त रूख अख्तियार कर लिया है और इन सभी को नोटिस जारी करते हुए 15 दिन के अंदर जबाब मांगा है।

प्रवक्ता के अनुसार जिन सात एडीओ पंचायत एवं 44 पंचायत सचिवों पर खतरा मंडरा रहा है। उनमें सहायक खंड विकास अधिकारियों में विकास खंड गड़वार के एडीओ पंचायत रामदेव शर्मा, नगरा के रमेश प्रसाद, सीयर के परशुराम, चिलकहर के वायुनन्दन पांडेय, बैरिया के अरविंद श्रीवास्तव, दुबहड़ के पशुपति नाथ सिंह तथा मुरलीछपरा के अवधेश पांडेय शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार 44 पंचायत सचिव भी इसकी जद में हैं। इनमें विकास खंड बांसडीह के सत्यदेव सिंह, प्रेमनाथ राम, सतीशचंद राम, बेलहरी ब्लाॅक के राजेश कुमार सिंह, अक्षय कुमार मौर्या एवं शिवसागर दूबे, चिलकहर ब्लाॅक के गनेश राम, सुनीलदत्त तिवारी तथा दयानंद यादव, दुबहड़ ब्लाॅक के रवीन्द्रनाथ, राघवेंद्र प्रसाद सिन्हा और विनोद कुमार गुप्ता, हनुमानगंज ब्लाॅक के सुरेश प्रसाद, दिनेश सिंह तथा विनोद कुमार शामिल हैं। इसी प्रकार मनियर ब्लाॅक के परमेश्वर यादव, अवधेश कुमार पांडेय, सुनील तिवारी, रमाशंकर यादव तथा सुनील ओझा, नगरा ब्लाॅक के जयराम यादव, गुलाबचंद, नवानगर ब्लाॅक के शमशाद अहमद, जयप्रकाश सिंह, रामपुकार और मु.अमानतुल्लाह, रसड़ा ब्लाॅक के सुरेंद्र राम तथा चन्द्रशेखर, सोहांव ब्लाॅक के महेंद्र राम, बेरूआरबारी ब्लाॅक के जयशंकर पांडेय (नवनियुक्त) तथा मनोज कुमार यादव को भी नोटिस जारी हुई है। विकास खंड गड़वार के शिवदयाल राम, जवाहर प्रसाद तथा शैलेश मिश्र, मुरलीछपरा के शशिभूषण ठाकुर(नवनियुक्त), नगरा के शशिकांत सिंह, पन्दह ब्लाॅक के लुगरी राम, ओमप्रकाश राय और अरूण कुमार सिंह पर भी अनिवार्य सेवानिवृत्ति का खतरा मंडराता दिख रहा है। विकास खंड रसड़ा के अच्छेलाल राम, शिवजी दूबे, रामकेवल राम, प्रेमचंद राम तथा सीयर ब्लाॅक के चैथी राम को भी नोटिस जारी हुई है।

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बलिया की बेटी का NEET 2025 में परचम !

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बलिया के सनाथ पाण्डेय का छपरा निवासी श्री अजय कुमार पाण्डेय (एडवोकेट) एवं श्रीमती आशा पाण्डेय की पुत्री सौम्या पाण्डेय ने NEET 2025 की परीक्षा में 6602वां स्थान प्राप्त करके जिले का नाम रोशन किया है। उन्होंने NEET की परीक्षा में 99.69 पर्सेंटाइल अंक प्राप्त किए हैं। सौम्या ने केंद्रीय विद्यालय, बलिया से 10वीं और 12वीं की पढ़ाई पूरी की है।

वह बचपन से ही मेधावी छात्रा रही हैं, उन्होंने 10वीं में 96 फीसदी अंक लाकर जिले में अग्रणी स्थान हासिल किया था। उन्होंने अपनी इस सफलता का श्रेय माता पिता, गुरुजनों और कठिन परिश्रम को दिया है। उन्होंने आज के दौर में इंटरनेट के माध्यम से उपलब्ध शैक्षणिक सामग्री को अति उपयोगी तो बताया, लेकिन मोबाइल फोन से होने वाले भटकाव से सतर्क रहने की सलाह भी दी है।

यह भी महत्वपूर्ण है कि जीव विज्ञान संकाय की विद्यार्थी होने के बावजूद भी सौम्या ने JEE Mains 2025 की परीक्षा में भी 97 पर्सेंटाइल अंक प्राप्त करके शानदार सफलता अर्जित की थी, वह उनकी बहुमुखी प्रतिभा को दर्शाता है।

सौम्या की सफलता में एक मुख्य कारक प्रारम्भ से शिक्षा को लेकर परिवार में सकारात्मक माहौल भी है। उनके बड़े भाई आशुतोष कुमार पाण्डेय 2018 बैच के IRS अधिकारी हैं और वर्तमान में आगरा में आयकर उपायुक्त के पद पर कार्यरत हैं। उनकी भाभी अर्पिता दूबे IIM अहमदाबाद से अध्ययन करने के उपरांत शोधार्थी हैं। उनकी बड़ी दीदी प्रिया पाण्डेय एवं जीजाजी श्री गौरव मिश्रा IIT गुवाहाटी से स्नातकोत्तर कर शीर्ष बहुराष्ट्रीय संस्थानों में कार्यरत हैं। उनके नाना श्री राम पदारथ तिवारी PN इंटर कॉलेज, दूबे छपरा के सेवानिवृत्त प्रवक्ता हैं।

सौम्या भविष्य में न्यूरोसर्जन बनकर चिकित्सा को आम आदमी के लिए शुलभ बनाने का स्वप्न रखती हैं। उनकी इस सफलता से क्षेत्र में हर्ष का माहौल है।

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बलिया के एकलौते बसपा विधायक पर क्यों बैठी विजलेंस जांच ?

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बसपा के रसड़ा विधायक उमाशंकर सिंह की मुश्किलें बढ़ गई है। विजलेंस विभाग ने उनकी और उनके परिवार की संपत्तियों की जांच शुरू कर दी है। उमाशंकर सिंह की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं क्योंकि विभाग ने विधायक ही नहीं उनकी पत्नी, बेटा और बेटी के नाम खरीदी गईं जमीन, मकान, फ्लैट, व्यवसायिक और कृषि जमीन की पूरी जानकारी मांगी है।

वैसे सबको पता है नेता जी लोगों की आय से अधिक संपत्ति तो होती ही है। पुरानी स्क्रिप्ट है। लेकिन जब तक कोई नेता सत्ता के करीब होता है, तब तक उसकी संपत्ति पर कोई सवाल नहीं उठता। मगर विपक्ष पर यह कभी भी हो सकता है। उमाशंकर सिंह का मामला भी कुछ ऐसा ही लगता है। बसपा के इस इकलौते विधायक के खिलाफ अचानक जांच शुरू हो गई है। महानिरीक्षक प्रयागराज ने सभी उप निबंधन कार्यालय को निर्देशित किया है कि उमाशंकर सिंह, उनकी पत्नी पुष्पा सिंह, बेटी यामिनी व बेटे युकेश के नाम से प्रदेश में खरीदी गई जमीन, मकान, फ्लैट या अन्य प्रकार की संपत्तियों की जानकारी विजलेंस विभाग को उपलब्ध कराए।

उमाशंकर सिंह की बसपा के इकलौते विधायक हैं। 2022 में विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी। जब पूरे यूपी में बसपा का सूपड़ा साफ हो गया, तब भी वह अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे। बीते दिनों मायावती काफी मुखर है लेकिन क्या अब इसका खामियाजा उमाशंकर सिंह को भुगतना पड़ रहा है?

बसपा का हाल किसी से छिपा नहीं है। मायावती पार्टी को चुनावी मोड में कम, ‘मैनेजमेंट मोड’ में ज्यादा चला रही हैं। यूपी में अब बसपा केवल ‘बीजेपी की B-Team’ कहकर बदनाम हो रही है। लेकिन ऐसे में उमाशंकर सिंह के खिलाफ कार्रवाई को सिर्फ व्यक्तिगत मामला मान लेना भी सही नहीं होगा।

सवाल यह भी है कि आखिर राजनीति में आने के बाद कुछ नेताओं की संपत्ति मॉल्टीप्लाई मोड में कैसे चली जाती है? 2009 में जब उमाशंकर सिंह ने कंस्ट्रक्शन कंपनी खोली थी, तब शायद किसी ने नहीं सोचा होगा कि कुछ सालों में उनकी संपत्तियों की लिस्ट इतनी लंबी हो जाएगी कि सरकार को उसकी जांच करवानी पड़ेगी।

अगर कोई आम आदमी बिना पक्के दस्तावेजों के 5 लाख रुपये की जमीन भी खरीद ले, तो टैक्स विभाग और पुलिस उसके पीछे पड़ जाते हैं। मगर विधायक, सांसद, मंत्री खुलेआम करोड़ों की संपत्ति बना लेते हैं, और हमें लगता है कि यह सब “मेहनत” की कमाई है!

फ़िलहाल सूचना यह है कि उमाशंकर सिंह की तबियत खराब है। वह बीमार चल रहे हैं। लेकिन विजलेंस ने भी अपना काम शुरू कर दिया है

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बलिया में ATM कार्ड के जरिए फ्राड करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, Encounter के बाद 4 गिरफ्तार

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बलिया के हल्दी में पुलिस ने मुठभेड़ के बाद बिहार के चार अपराधियों को गिरफ्तार कर एटीएम कार्ड से धोखाधड़ी करने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि पुलिस की जवाबी कार्रवाई के दौरान पैर में गोली लग से एक आरोपी घायल हो गया।

अपर पुलिस अधीक्षक कृपा शंकर ने संवाददाताओं को बताया कि बुधवार रात को पुलिस को सूचना मिली कि हृदयाचक तिराहा से पीपा पुल की ओर जाने वाली सड़क पर एक कार में कुछ संदिग्ध लोग आ रहे हैं।

उन्होंने बताया कि जब पुलिस ने वाहन को रोकने का प्रयास किया तो चारों संदिग्ध कार से उतरकर भागने लगे।

शंकर ने कहा, ‘‘पीछा किए जाने पर अपराधियों में से एक ने पुलिस दल पर गोली चला दी, जिसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की। एक आरोपी पैर में गोली लगने से घायल हो गया, जिसके बाद पुलिस ने सभी चार संदिग्धों को काबू कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया।’’

अधिकारी ने कहा, ‘‘गोली लगने से घायल हुए बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के निवासी बच्चा लाल महतो (27) को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अन्य तीन की पहचान साहेब कुमार महतो (32), मदन महतो (37) और लाल बाबू महतो (38) के रूप में हुई है। ये सभी बिहार के हैं।’’

पुलिस ने आरोपियों के पास से दो देसी पिस्तौल (.315 बोर), दो कारतूस, दो खाली खोल, विभिन्न बैंकों के 63 एटीएम कार्ड, एक कार और 5,200 रुपये भी जब्त किए हैं।

अपर पुलिस अधीक्षक ने कहा, ‘‘पूछताछ के दौरान, आरोपियों ने एटीएम कार्ड धोखाधड़ी में संलिप्त एक गिरोह का हिस्सा होने की बात कबूल की। वे सीधे-साधे लोगों को निशाना बनाकर उनका एटीएम कार्ड बदल लेते थे और फिर उनके रुपये निकाल लेते थे या अंतरित कर लेते थे। चोरी की रकम गिरोह के सदस्यों के बीच बांटी जाती थी।’’

अधिकारी ने बताया कि आरोपियों ने यह भी कबूल किया कि उन्होंने बलिया और उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों के साथ-साथ दिल्ली में भी कई लोगों को ठगा है।

पुलिस रिकॉर्ड से पता चलता है कि बलिया, दिल्ली और अन्य स्थानों पर तीनों के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। पुलिस ने बताया कि गिरोह के अन्य सदस्यों और देश के विभिन्न हिस्सों में उनके नेटवर्क का पता लगाने के लिए आगे की जांच जारी है।

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