बलिया स्पेशल
Exclusive: हम गांधी बनाम गोडसे की लड़ाई लड़ रहे हैं- बलिया खबर से बोले रोहित सिंह
दिल्ली डेस्क पूर्वी उत्तर प्रदेश (East UP) और बलिया( Ballia) में जनता से जुड़े सवाल को लेकर लगातार संघर्ष करने वाले युवा चेतना (Yuva Chetna) के राष्ट्रीय संयोजक रोहित कुमार सिंह (Rohit Kumar Singh) से देश की राजधानी दिल्ली में बलिया खबर के मैनेजिंग एडिटर से तमाम मुद्दों पर बात की है. यह हैं कुछ सवाल जिसपर रोहित ने अपनी प्रतिक्रियाएं दीं.
सवाल– रोहित, आप लगातार बलिया समेत पूरे पूर्वांचल( Purvanchal) में जनवादी मुद्दों को लेकर मुखर रहे हैं और सत्ता में बैठे लोगों से मोर्चा लेते रहते हैं. क्या आप भविष्य में सक्रीय रूप से सियासत (Politics) में शामिल होंगे?
उत्तर– देखिए, देश में प्रजातांत्रिक व्यवस्था है, लेकिन माहौल राजतंत्र जैसा हो चला है. एक आम धारणा बन चुकी है कि नेता का बेटा ही नेता बनेगा. ऐसे में फिर डेमोक्रेसी का क्या मतलब रह गया. प्रजातंत्र में स्थापित हो रहे राजतंत्र को उखाड़ना ही मेरा लक्ष्य है.
सवाल– आप कभी पीएम मोदी (Narendra Modi ) और भाजपा (BJP) के बड़े प्रशंसक और समर्थक के तौर पर जाने जाते थे. अचानक से ऐसा क्या हो गया कि आपने एकदम से उनसे दूरी बना ली और उन्हें ही निशाने पर लेने लगे?
जवाब– देश की जनता लगातार दो बार मोदी जी के झाँसे में आ गई है. दरअसल मैंने भी कभी उनकी बातों को सच मानकर उनपर यकीन कर लिया था. लेकिन अब मुझे सच्चाई पता चल गयी है. प्रधानमंत्री मोदी (Narendra Modi ) ने जनभावनाओं के साथ सिर्फ़ खिलवाड़ किया है. इस बात का एहसास होने पर मैंने अपना रास्ता अलग कर लिया.
सवाल– कुछ दिनों पहले बलिया (Ballia) में आपके द्वारा आयोजित होने वाले युवा संवाद के कार्यक्रम को लेकर काफी राजनीति हुई और जहाँ प्रोग्राम होने वाला था, उस हॉल का आवंटन भी रद्द कर दिया गया. प्रशासन पर भी आपने कई तरह के आरोप लगाए थे.
जवाब– आप पत्रकार हैं. आपको पता है कि जब जनता का प्यार आपको मिलने लगता है और आप असत्य के ख़िलाफ़ लड़ते हैं तो सत्ता में बैठे लोग घबरा जाते हैं. ठीक वही हुआ. योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) जी और भाजपा युवा चेतना के प्रभाव से घबरा गई है.
सवाल– लोगों के बीच चर्चा है कि आप बलिया (Ballia) से लोकसभा (Lok Sabha Election) का चुनाव लड़ना चाहते हैं? इसमें कितनी सच्चाई है?
जवाब– अभी तो कोई चुनाव होना नहीं है और जब हुआ तो मैं उम्मीदवार (Candidate) नहीं था. हम चुनावी पक्षी नहीं हैं. देश में एक वैचारिक परिवर्तन लाने हेतु प्रयासरत हैं. उसमें सभी का सहयोग अपेक्षित है.
सवाल– क्या युवा चेतना (Yuva Chetna) भविष्य में राजनीतिक पार्टी बनकर एक विकल्प के तौर पर सामने आ सकती है?
जवाब– हम कोई ज्योतिष नहीं हैं. आगे क्या होगा फिलहाल इस पर कुछ नहीं कह सकते. भविष्य सब कुछ तय कर देगा.
सवाल– एक तरफ जहां भाजपा लगातार मज़बूत होती जा रही हैं, वहीं विपक्ष मजबूर दिख रहा है. इस चुनौती से विपक्ष कैसे निपटेगा?
जवाब– कांग्रेस (Congress) को बड़ा दिल दिखाकर सभी विपक्षी पार्टीयों को एक करने का प्रयास करना चाहिए. परिवर्तन निश्चित होगा. जनता के सहयोग से.
सवाल– अब तक के कार्यकाल को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) को आप कितना नम्बर देते हैं?
जवाब– ज़ीरो, योगी सरकार (Yogi Sarkar) हर मोर्चे पर असफल साबित हुई है. आवश्यकता है राज्यव्यापी जनसंघर्ष हेतु लोगों को एकजुट करने की.
सवाल– देश में राजनीति के केन्द्र में धर्म (Religion) आ गया है. आप इस पर क्या कहेंगे?
जवाब– धर्म आस्था का विषय है. राजनीति का नहीं. हम गांधी (Mahatma Gandhi) के साथ हैं. गोडसे (Godse) के साथ नहीं. यह लड़ाई गांधी बनाम गोडसे की है. जीत गांधी की होगी और गोडसे हारेंगे.
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प्रयागराज वकील हत्याकांड: बलिया के इस ब्लॉक प्रमुख पर 5 हज़ार का इनाम, पुलिस तलाश में जुटीं
प्रयागराज में चर्चित वकील अखिलेश शुक्ला हत्याकांड का मुख्य आरोपी बलिया निवासी अतुल प्रताप सिंह पर 5 हज़ार का इनाम घोषित किया गया है। आरोपी बीजेपी गड़वार ब्लॉक प्रमुख है और उसके ऊपर कई संगीन मुकदमे दर्ज हैं। इस मामले में बसंतपुर निवासी दुर्गेश सिंह और रामपुर निवासी प्रिंस सिंह पहले ही हाज़िर हो चुके हैं। इस मामले में ड्राइवर बसंतपुर निवासी अजय यादव अभी फरार चल रहा है।
जानकारी के मुताबिक, 17 नवंबर की रात सलोरी इलाके में विवाद के बाद अधिवक्ता को लाठी-डंडे, असलहे की बट और फायरिंग कर अधमरा कर दिया गया था। 20 नवंबर को अधिवक्ता की इलाज के दौरान लखनऊ में मौत हो गई थी। इस मामले में निखिल नामजद था जबकि चार अज्ञात आरोपी बनाए गए थे। मामले में 3 आरोपी निखिल सिंह, प्रिंस सिंह और मनोज सिंह पहले ही भेजे जा चुके हैं। पुलिस ने चौथे आरोपी को भी चिन्हित कर लिया था। वह छात्रनेता भी रह चुका है और मौजूदा समय में ठेकेदारी करता है।
अब पुलिस ने मुख्य आरोपी अतुल प्रताप सिंह पुत्र राणा प्रताप सिंह निवासी पचखोरा थाना गढ़वार जनपद बलिया और उसके चालक अजय यादव निवासी बसंतपुर सुखपुरा बलिया 5-5 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। साथ ही इन आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया है। इन दोनों की तलाश में पुलिस की तीन टीमें छापेमारी कर रही हैं।
प्रयागराज की शिवकुटी पुलिस ने वकील हत्याकांड में चार आरोपियों निखिल कान्त सिंह निवासी नरियांव थाना जहाँगीरगंज जनपद अम्बेडकर नगर, प्रिन्स सिंह उर्फ रणविजय सिंह निवासी रामपुर उदयभान थाना कोतवाली जनपद बलिया, मनोज सिंह निवासी टीलापुर पोस्ट जमधरवा थाना रेवती जिला बलिया और दुर्गेश कुमार सिंह निवासी ग्राम बसन्तपुर थाना सुखपुरा जनपद बलिया को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
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जानिए कौन हैं बलिया के नए एसपी विक्रांत वीर ?
बलिया पुलिस अधीक्षक पर गाज गिरने के बाद योगी सरकार ने पीएसी की 32वीं वाहिनी में तैनात विक्रांत वीर को बलिया का नया पुलिस अधीक्षक बनाया है। बता दें कि बिहार-बलिया बॉर्डर के नरही थाना क्षेत्र में ट्रकों से अवैध वसूली में संलिप्त पुलिसकर्मियों के खिलाफ बलिया में बड़ी कार्रवाई हुई थी। एडीजी वाराणसी और डीआईजी आजमगढ़ की संयुक्त टीमों ने छापामार कर बलिया के थाना नरही अंतर्गत भरौली तिराहा पर अवैध वसूली के संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया ।
मामले में पुलिसकर्मियों की संलिप्तता उजागर हुई है। तत्काल कार्रवाई करते हुए संबंधित थानाध्यक्ष नरही और चौकी प्रभारी कोरंटाडीह सहित तीन उपनिरीक्षक, तीन मुख्य आरक्षी, 10 आरक्षी और एक आरक्षी चालक को निलंबित किया गया है। वहीं देर रात बलिया एसपी को भी हटा कर विक्रांत वीर को बलिया की कमान सौंपी गई है। आईये जानते हैं
कौन हैं IPS विक्रांत वीर ?
विक्रांत वीर 2014 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वह मूल रूप से बिहार में नालंदा के रहने वाले हैं। आईपीएस बनने से पहले वह मर्चेंट नेवी में थे। विक्रांत वीर के पिता बिहार में मलेरिया इंसपेक्टर के पद पर रह चुके हैं।
1997 में झारखंड के पलामू से इंटर की परीक्षा पास करने के बाद वह मुंबई की मरीन इंजीनियरिंग कॉलेज से बीएससी करने चले गए। साल 2011 में उनका चयन मर्चेंट नेवी में हो गया।
नौकरी करते हुए वह यूपीएससी की तैयारी भी कर रहे थे। आखिरकार साल 2014 में उनका सेलेक्शन आईपीएस के लिए हो गया। उनकी पहली तैनाती कानपुर में बतौर एएसपी हुई।
कानपुर से विक्रांत वीर फैजाबाद और बलिया के एसएसपी भी रहे। उसके बाद वह लखनऊ ग्रामीण के एसपी बने। बतौर एसपी हाथरस विक्रांत वीर का पहला जिला था।
हालांकि हाथरस में लड़की के साथ घटे जघन्य अपराध के बाद विक्रांत वीर को सस्पेंड कर दिया गया है। इस मामले ने पूरे देश में तूल तब पकड़ा जब पीड़िता की मौत के बाद पुलिसवालों ने उसकी लाश देर रात खुद ही जला दी।
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