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राज्यमंत्री ने जारी किया शेर-ए-बलिया के सम्मान में विशेष लिफाफा, जानें क्या है खास

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उत्तर प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री और विधायक उपेंद्र तिवारी ने शेर-ए-बलिया चित्तू पांडेय के सम्मान में विशेष डाक लिफाफा जारी किया।

उत्तर प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री और विधायक उपेंद्र तिवारी ने शेर-ए-बलिया चित्तू पांडेय के सम्मान में विशेष डाक लिफाफा जारी किया। भारतीय डाक विभाग राष्ट्रीय डाक सप्ताह के अंतर्गत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। इसी के तहत बलिया मंडल के डाकघर अधिक्षक द्वारा फिलेटरी दिवस मनाया गया। इस मौके पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्यमंत्री उपेंद्र तिवारी ने स्वतंत्रता सेनानी चित्तू पांडेय के सम्मान में डाक लिफाफा जारी किया ।

बलिया जिले के फेफना विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के विधायक उपेंद्र तिवारी ने कहा कि 1857 में देश की आजादी के लिए मंगल पांडेय ने जो चिंगारी जलाई वो चित्तू पांडेय के समय तक आंधी का रूप धर चुकी थी। चित्तू पांडेय देश की आजादी के लड़ाई के अमर सेनानी हैं। राष्ट्रीय डाक सप्ताह के अंतर्गत आयोजित इस कार्यक्रम में चित्तू पांडेय के प्रपौत्र जैनेंद्र पांडेय की विशेष मौजूदगी रही। जैनेंद्र पांडेय ने कार्यक्रम में आए लोगों को चित्तू पांडेय के जीवन के बारे में बताया।

डाक अधिक्षक संजय त्रिपाठी ने बताया कि कोई भी व्यक्ति सिर्फ ढ़ाई सौ रुपए भुगतान कर अपना फिलेटरी खाता खोलवा सकता है। जिसमें भारतीय इतिहास संबंधित डाक टिकट संग्रह के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। बलिया में आयोजित इस कार्यक्रम में सेनानी राम विचार पांडेय और द्विजेंद्र मिश्र भी मौजूद रहे।

जानिए चित्तू पांडेय को: चित्तू पांडेय का जन्म बलिया जिले के रट्टूचक गांव में हुआ था। कहा जाता है कि चित्तू पांडेय ही वो शख्स थे जिन्होंने बलिया को देश की आजादी के पांच साल पहले ही आजाद करा लिया था। चित्तू पांडेय का जन्म 10 मई, 1865 को हुआ था। देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और भारत की आजादी में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले सुभाष चंद्र बोस ने चित्तू पांडेय को शेर-ए-बलिया कहा था।

1942 के अगस्त क्रांति के दौरान चित्तू पांडेय ने बलिया में अपनी सेना की एक टुकड़ी बनाकर अंग्रेजों को जिले से खदेड़ दिया था। लंबे समय तक बलिया में चित्तू पांडेय ने ब्रिटिश हुकूमत के सामानांतर अपनी सरकार चलाई थी। लेकिन फिर अंग्रेजों ने शासन हथिया लिया था। देश के आजाद होने से पहले ही 1946 में चित्तू पांडेय की मृत्यू हो गई थी।

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बलिया आरा रेल लाईन बनाने का काम जल्द शुरू होगा, 2300 करोड़ की लागत आएगी: पूर्व सांसद

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बलिया की आरा नई रेल लाइन को लेकर पूर्व सांसद वीरेन्द्र सिंह मस्त ने महत्वपूर्ण जानकारी दी। पूर्व सांसद ने बताया कि बलिया आरा नई रेल लाइन को बनाने में करीब 2300 करोड़ का खर्च आएगा। इस धनराशि को भारत सरकार के रेल मंत्रालय ने मंजूर कर दिया है। अगले वित्तीय वर्ष में रेलवे लाइन का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर डिवीजन के अंदर इस रेल लाइन को लिया गया है। इस कार्य की कार्यदायी संस्था गति शक्ति होगी।

पूर्व सांसद वीरेन्द्र सिंह ने पत्रकारों को बताया कि इसके लिए लगातार मैं रेल अधिकारियों व रेल मंत्री के संपर्क में हूं। मैं चाहता हूं कि जल्द से जल्द इस रेल लाइन का निर्माण कार्य शुरू हो जाए। सर्वे व डीपीआर का काम पूरा हो गया है। टेंडर की प्रक्रिया शुरू होने वाली है।

पूर्व सांसद ने स्पष्ट किया कि पहले इसे बलिया से आरा के जगजीवन हाल्ट तक ले जाने की योजना थी, किंतु आरा और बक्सर के लोगों की मांग को देखते हुए रेलवे बोर्ड ने रघुनाथपुर रेलवे स्टेशन को इस रेल लाइन से जोड़ने की संभावनाओं की जांच कर रहा है। इसका भी सर्वे हो चुका है। अगर इस रेल लाइन को रघुनाथपुर में जोड़ा जाएगा तो बक्सर से भी बलिया के लिए रघुनाथपुर के रास्ते ट्रेनों का आवागमन आसान हो जाएगा।

पूर्व सांसद ने कहा कि इसको लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष से हम लगातार संवाद कर रहे हैं। यह रेल लाइन इसलिए जरूरी है कि इंदिरा जी की सरकार में 50 के दशक में तत्कालीन रेल मंत्री राम शुभग सिंह बनवाना चाह रहे थे। लेकिन किसी कारण से नहीं बनवा पाए। उनकी इच्छा को मैंने पूरा करने का संकल्प लिया है।

पूर्व सांसद ने कहा कि इस रेल लाइन पर आठ रेलवे स्टेशन जवही के सामने गंगा पर पुल व छोटे-छोटे पुलियों का नक्शा का कार्य भी लगभग पूरा हो चुका है।

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बलिया में अभ्युदय कोचिंग सेंटर में पढ़ रहे 18 युवाओं ने पुलिस भर्ती परीक्षा में पाई सफलता

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उत्तरप्रदेश पुलिस लिखित परीक्षा का परिणाम जारी हो गया है। इन परिणामों में बलिया के कई युवा भी चयनित हुए हैं। जिन युवाओं का चयन हुआ है, उनमें से अधिकतर मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के अंतर्गत के संचालित कोचिंग में पढ़ रहे थे।

कोचिंग में पढ़ने वाले 18 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। जिला समाज कल्याण अधिकारी दीपक श्रीवास्तव ने इसकी जानकारी दी और बताया कि

अभी तक प्राप्त सूचनाओं के आधार पर मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना बलिया में अध्ययनरत छात्रों में 18 का चयन उत्तर प्रदेश पुलिस लिखित परीक्षा में हुआ है।

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बलिया में रोडवेज बस और जीप के बीच भीषण टक्कर, हादसे में 16 लोग घायल

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बलिया के सवरूपुर गांव के पास दर्दनाक हादसा हो गया, यहां रोडवेज बस और जीप के बीच खतरनाक टक्कर हो गई। टक्कर इतनी खतरनाक थी कि हादसे में 16 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इस घटना के बाद पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई, पुलिस ने घायल व्यक्तियों को तुरंत जिला अस्पताल भेजा।

जानकारी के मुताबिक, NH-31 पर ये हादसा हुआ। सभी घायल लोग रसड़ा से शादी समारोह में शामिल होकर सिंहपुर लौट रहे थे। इसी बीच सवरूपुर के पास तेज गति से आ रही बस ने जीप को टक्कर मार दी। हादसे में जीप बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और उसमें सवार लोग घायल हो गए।

हादसे में 20 वर्षीय पार्वती, 25 वर्षीय सुभावती, 35 वर्षीय शांति देवी, 26 वर्षीय कुसुम, 22 वर्षीय रूबी, 60 वर्षीय विमलावती, 60 वर्षीय गुलाब, 30 वर्षीय शोभा देवी, 4 वर्षीय अक्षांश, 35 वर्षीय जितेंद्र, 2 वर्षीय शुभम, 30 वर्षीय जवाहर, 26 वर्षीय काजल, 35 वर्षीय शांति देवी, 4 वर्षीय रितिका और 2 वर्षीय ऋषिकेश गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी घायलों को तत्काल एंबुलेंस द्वारा जिला चिकित्सालय भेजा गया, जहां उनका इलाज चल रहा है।

दुल्हा कमलेश ने बताया कि वह अपनी मारुति कार में था और उसके पीछे कमांडर जीप में उसके परिवार और रिश्तेदार बैठे थे। जैसे ही जीप सवरूपुर गांव के पास पहुंची, अचानक रोडवेज बस ने टक्कर मार दी। हादसे के बाद चीख पुकार मच गई। घटना के बाद जिला अस्पताल में इमरजेंसी अलर्ट घोषित कर दिया गया। हालांकि, अस्पताल में केवल एक इमरजेंसी डॉक्टर की मदद से घायलों का इलाज किया जा रहा है, जबकि सीएमएस और अन्य अधिकारी अब तक मौके पर नहीं पहुंचे हैं। कुछ घायलों की हालत अभी भी चिंताजनक बनी हुई है।

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