बलिया स्पेशल
बलिया में बोलें केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव- इस अमृतकाल में अच्छे नागरिक बनने का लें संकल्प
बलिया: आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव शनिवार को बलिया पहुंचे। चित्तू पांडेय की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद वह कलेक्ट्रेट स्थित बहुउद्देश्यीय सभागार में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। कार्यक्रम का शुभारंभ उन्होंने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस मौके पर सभागार में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा, मेरा सौभाग्य है कि आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर बलिया की बलिदानी धरती को नमन करने का मौका मिला। इस अमृत काल में भारत के अच्छे नागरिक बनने का संकल्प दिलाया।
केंद्रीय मंत्री श्री यादव ने कहा कि यह आजादी का अमृत महोत्सव हमारे लिए थोड़े समय के लिए सिर्फ उत्साहित होने वाला अवसर नहीं है, बल्कि संकल्प का अवसर है। हमारा सौभाग्य है कि प्रधानमंत्री के रूप में ऐसा नेतृत्व मिला है, जो देश के बारे में सोचता है। वन्देमातरम की कुछ पंक्तियों के व्याख्या करते हुए स्कूली बच्चों को शिक्षा के साथ स्वच्छता, स्वास्थ्य, बेटी के प्रति सम्मान और देश के अच्छे नागरिक बनने को प्रेरित करने वाला सन्देश दिया।
केंद्रीय वन व जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने सबसे पहले गांव-गांव, घर-घर स्वच्छता का संदेश दिया, दूसरा स्वास्थ्य के क्षेत्र में आयुष्मान कार्ड दिया, तीसरा देवियों के सम्मान के लिए बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा दिया, और चौथा पूरी दुनिया में जलवायु परिवर्तन के लिए ‘लाइफ’ का नारा देते हुए धरती के अनुकूल जीवनशैली अपनाने पर जोर दिया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि घर-घर तिरंगा लगाने के पीछे उद्देश्य यही है कि हम अपने उन महापुरुषों व वीर जवानों को याद करना है, जिन्होंने आजादी की लड़ाई और उसके बाद देश की सुरक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर किए हैं। यह भी संकल्प दिलाया कि तिरंगा लगाने के साथ अपने घर और गांव को स्वच्छ भी रखना है। बेटियों का हमेशा सम्मान करना है। उन्होंने कहा कि आज हमारा देश भारत डिजिटल क्रांति के माध्यम से तकनीकी रूप से मजबूत होने को अग्रसर है। देश को सिर्फ डॉक्टर, इंजीनियर ही नहीं, बल्कि वैज्ञानिकों की भी जरूरत है। इसलिए पहली बार साइंटिफिक इनोवेशन के लिए प्रधानमंत्री जी ने बजट का प्राविधान किया।
चित्तू पांडेय के नाम पर बलिया को मिले बड़ी संस्था- प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि देश की आजादी का जब भी इतिहास लिखा जाएगा, वह बलिया के बिना अधूरा ही रहेगा। उन्होंने आजादी की लड़ाई में बलिया के योगदान से जुड़े इतिहास को विस्तार से बताया। यह भी बताया कि किस तरह बलिया पांच वर्ष पूर्व ही आजाद हो गया था। परिवहन मंत्री ने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि स्वतंत्रता संग्राम के प्रथम सेनानी मंगल पांडेय जी हमारी विधानसभा क्षेत्र के रहने वाले थे।
देश के लिए जब भी जरूरत पड़ी, बलिया के वीर जवानों ने अपने प्राणों की आहुति देकर स्वर्ण अक्षरों में अपना नाम दर्ज कराया। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव जी आज इस धरती पर आकर यहां का मान बढ़ाया है। उनका स्वागत करते हुए अनुरोध किया कि प्रधानमंत्री जी के माध्यम से चित्तू पांडेय के नाम पर ऐसी संस्था बलिया को दिलवाएं, जिस पर हम सब को भी गर्व हो और उसका लाभ बलियावासियों को मिल सके।अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी ने इस ऐतिहासिक धरती पर पैदा होना ही सौभाग्य की बात है। प्रधानमंत्री जी के एक आवाह्न देशवासियों ने एकजुटता व देशभक्ति का जो भाव दिखाया है, यह हमारे सेनानियों व अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले जवानों के प्रति सच्ची श्रद्धाजंलि है।
सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त व रविन्द्र कुशवाहा ने कहा कि एक भारत-श्रेष्ठ भारत की कल्पना प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में पूरी हो रही है। राज्यसभा सदस्य नीरज शेखर ने भी आजादी अमृत महोत्सव को धूमधाम से मनाने का आवाहन किया। इस मौके पर पूर्व मंत्री उपेन्द्र तिवारी, पूर्व विधायक संजय यादव, भाजपा जिलाध्यक्ष जयप्रकाश साहू, जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल, सीडीओ प्रवीण वर्मा, डीएफओ श्रद्धा सहित भारी संख्या में लोग मौजूद थे। संचालन अतुल तिवारी ने किया।
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प्रयागराज वकील हत्याकांड: बलिया के इस ब्लॉक प्रमुख पर 5 हज़ार का इनाम, पुलिस तलाश में जुटीं
प्रयागराज में चर्चित वकील अखिलेश शुक्ला हत्याकांड का मुख्य आरोपी बलिया निवासी अतुल प्रताप सिंह पर 5 हज़ार का इनाम घोषित किया गया है। आरोपी बीजेपी गड़वार ब्लॉक प्रमुख है और उसके ऊपर कई संगीन मुकदमे दर्ज हैं। इस मामले में बसंतपुर निवासी दुर्गेश सिंह और रामपुर निवासी प्रिंस सिंह पहले ही हाज़िर हो चुके हैं। इस मामले में ड्राइवर बसंतपुर निवासी अजय यादव अभी फरार चल रहा है।
जानकारी के मुताबिक, 17 नवंबर की रात सलोरी इलाके में विवाद के बाद अधिवक्ता को लाठी-डंडे, असलहे की बट और फायरिंग कर अधमरा कर दिया गया था। 20 नवंबर को अधिवक्ता की इलाज के दौरान लखनऊ में मौत हो गई थी। इस मामले में निखिल नामजद था जबकि चार अज्ञात आरोपी बनाए गए थे। मामले में 3 आरोपी निखिल सिंह, प्रिंस सिंह और मनोज सिंह पहले ही भेजे जा चुके हैं। पुलिस ने चौथे आरोपी को भी चिन्हित कर लिया था। वह छात्रनेता भी रह चुका है और मौजूदा समय में ठेकेदारी करता है।
अब पुलिस ने मुख्य आरोपी अतुल प्रताप सिंह पुत्र राणा प्रताप सिंह निवासी पचखोरा थाना गढ़वार जनपद बलिया और उसके चालक अजय यादव निवासी बसंतपुर सुखपुरा बलिया 5-5 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। साथ ही इन आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया है। इन दोनों की तलाश में पुलिस की तीन टीमें छापेमारी कर रही हैं।
प्रयागराज की शिवकुटी पुलिस ने वकील हत्याकांड में चार आरोपियों निखिल कान्त सिंह निवासी नरियांव थाना जहाँगीरगंज जनपद अम्बेडकर नगर, प्रिन्स सिंह उर्फ रणविजय सिंह निवासी रामपुर उदयभान थाना कोतवाली जनपद बलिया, मनोज सिंह निवासी टीलापुर पोस्ट जमधरवा थाना रेवती जिला बलिया और दुर्गेश कुमार सिंह निवासी ग्राम बसन्तपुर थाना सुखपुरा जनपद बलिया को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
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जानिए कौन हैं बलिया के नए एसपी विक्रांत वीर ?
बलिया पुलिस अधीक्षक पर गाज गिरने के बाद योगी सरकार ने पीएसी की 32वीं वाहिनी में तैनात विक्रांत वीर को बलिया का नया पुलिस अधीक्षक बनाया है। बता दें कि बिहार-बलिया बॉर्डर के नरही थाना क्षेत्र में ट्रकों से अवैध वसूली में संलिप्त पुलिसकर्मियों के खिलाफ बलिया में बड़ी कार्रवाई हुई थी। एडीजी वाराणसी और डीआईजी आजमगढ़ की संयुक्त टीमों ने छापामार कर बलिया के थाना नरही अंतर्गत भरौली तिराहा पर अवैध वसूली के संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया ।
मामले में पुलिसकर्मियों की संलिप्तता उजागर हुई है। तत्काल कार्रवाई करते हुए संबंधित थानाध्यक्ष नरही और चौकी प्रभारी कोरंटाडीह सहित तीन उपनिरीक्षक, तीन मुख्य आरक्षी, 10 आरक्षी और एक आरक्षी चालक को निलंबित किया गया है। वहीं देर रात बलिया एसपी को भी हटा कर विक्रांत वीर को बलिया की कमान सौंपी गई है। आईये जानते हैं
कौन हैं IPS विक्रांत वीर ?
विक्रांत वीर 2014 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वह मूल रूप से बिहार में नालंदा के रहने वाले हैं। आईपीएस बनने से पहले वह मर्चेंट नेवी में थे। विक्रांत वीर के पिता बिहार में मलेरिया इंसपेक्टर के पद पर रह चुके हैं।
1997 में झारखंड के पलामू से इंटर की परीक्षा पास करने के बाद वह मुंबई की मरीन इंजीनियरिंग कॉलेज से बीएससी करने चले गए। साल 2011 में उनका चयन मर्चेंट नेवी में हो गया।
नौकरी करते हुए वह यूपीएससी की तैयारी भी कर रहे थे। आखिरकार साल 2014 में उनका सेलेक्शन आईपीएस के लिए हो गया। उनकी पहली तैनाती कानपुर में बतौर एएसपी हुई।
कानपुर से विक्रांत वीर फैजाबाद और बलिया के एसएसपी भी रहे। उसके बाद वह लखनऊ ग्रामीण के एसपी बने। बतौर एसपी हाथरस विक्रांत वीर का पहला जिला था।
हालांकि हाथरस में लड़की के साथ घटे जघन्य अपराध के बाद विक्रांत वीर को सस्पेंड कर दिया गया है। इस मामले ने पूरे देश में तूल तब पकड़ा जब पीड़िता की मौत के बाद पुलिसवालों ने उसकी लाश देर रात खुद ही जला दी।
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