बलिया के दो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को कायाकल्प अवार्ड मिला है। हैरानी की बात है कि जिन दो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को अवार्ड से सम्मानित किया गया है, उनमे से एक स्वास्थ्य केंद्र रेवती में स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर व्यवस्थाएं शून्य हैं। इस अस्पताल में अव्यवस्थाओं का आलम है, मरीजों को एंबुलेंस जैसी बुनियादी सुविधाएं भी नहीं मिल पातीं। इसके बाद भी ऐसे अस्पतालों को अवार्ड मिलना कई सवालों को जन्म दे रहा है। दरअसल शासन के द्वारा अस्पतालों की व्यवस्थाएं सुधारने के उद्देश्य से कायाकल्प योजना शुरु की गई है।
इस योजना के तहत ही जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सीयर तथा रेवती को कायाकल्प योजना के तहत वर्ष 2021-22 में अवार्ड मिला है। जिला परामर्शदाता क्वालिटी एश्योरेंस डॉ. रंजय कुमार ने बताया कि इस वर्ष 2021-22 में प्रथम बार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सीयर को 71.29 फीसदी अंक मिले हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रेवती को भी प्रथम बार 70.86 अंक मिला है। जानकारी देते हुए सीयर के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर तनवीर आजम ने बताया कि कायाकल्प योजना सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर स्वच्छता एवं बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने दो मई 2015 को आरम्भ की थी।
तीन चरणों में होता है मूल्यांकनः बता दें कि योजना के तहत तीन चरणों में अस्पताल का मूल्याकंन किया जाता है। इनके माध्यम से छह बिन्दुओं जैसे स्वास्थ्य सुविधाओं, स्वच्छता, कचरा प्रबंधन, संक्रमण नियंत्रण, तथा स्वच्छता को बढ़ावा देने पर स्वास्थ्य केंद्र का मूल्यांकन होता है। इन चरणों के माध्यम से आंतरिक मूल्यांकन का निरीक्षण स्थानीय टीम द्वारा, सहकर्मी मूल्यांकन का निरीक्षण मण्डल स्तरीय टीम द्वारा किया गया और जो अस्पताल तीनों चरणों में सबसे ज्यादा अधिक अंक हासिल करता है, उसे सम्मानित किया जाता है। राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को 15 लाख तथा द्वितीय स्थान प्राप्त इकाई को 10 लाख रुपये तथा अन्य 70 फीसदी से अधिक अंक प्राप्त सीएचसी को एक लाख रुपये का सांत्वना पुरस्कार दिया जाता है। वहीं अगर मूल्यांकन के 6 बिंदुओं को देखें, तो इसके हिसाब से दोनों अस्पताल की रेटिंग शून्य में होनी चाहिए।
रेवती अस्पताल को अवार्ड मिलने से उठे सवालः रेवती अस्पताल को अवार्ड मिलने के बाद लोग सवाल खड़े कर रहे हैं। क्योंकि अस्पताल में आए दिन अव्यवस्थाओं का आलम देखने को मिलता है। अभी हाल ही में एंबुलेंस में डीजल ना होने के वजह से मरीज को ठेले से दूसरे अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई थी। वहीं सर्पदंश का शिकार हुई युवती की इलाज न मिलने से मौत हो गई थी। अस्पताल में न तो एंटी वेनम था न ही अन्य सुविधा। इसके चलते युवती को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। वहीं अब ऐसे अव्यवस्थित अस्पताल को सम्मानित किया गया है जो समझ से परे हैं।
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