बलिया में अब 5 हजार से अधिक आबादी वाले गांवों को मॉडल विलेज बनाया जाएगा। इसके तहत सड़क, जल निकासी, कूड़ा निस्तारण सहित आदि की सुविधा नगर पंचायत की तरह होगी। एक गांव को लगभग 37 लाख रुपये मिलेंगे। ग्राम निधि से लगभग चार लाख रुपये इसमें खर्च होंगे। शासन से मिलने वाली यह धनराशि स्वच्छ भारत मिशन के मद से प्राप्त होगी।
अपर जिला पंचायत राज अधिकारी गुलाब सिंह ने बताया कि कुल 164 गांवों का प्रस्ताव भेजा गया था। इसमें बैरिया विकास खंड के चकिया सहित कुल 10 ग्राम पंचायतों को पहली किस्त में संतृप्त करने के लिए 4.40 करोड़ रुपये शासन से आवंटित हुए हैं। 154 गांवों का प्रस्ताव विचाराधीन है। इसमें मुरलीछपरा के 5 और बैरिया के 7 ग्राम पंचायतों को इस योजना के तहत संतृप्त किया जाएगा।
चयनित ग्राम पंचायतों को पूरी तरह से स्वच्छ बनाने के साथ ही प्लास्टिक, पालीथिन, ठोस व तरल अपशिष्ट का प्रधन गांवों में ही किया जाएगा। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के जिला समन्वयक शैलेश ओझा ने बताया कि चयनित गांवों में ग्राम पंचायत द्वारा डोर-टू-डोर कूड़ा उठाया जाएगा। पूरी तरह से अपशिष्टों का प्रबंधन किय जाएगा। गांवों में गंदगी से संक्रामक रोग न फैले इसके लिए जरूरी उपाय होंगे।
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