बैरिया
लाल बालू : काली कमाई से बलिया पुलिस हो रही लाल, ट्रकों के लिए अलग तो ट्राली के लिए अलग रेट तय
बैरिया। बालू के अवैध कारोबार के बीच ओवरलोडिंग का खेल भी धड़ल्ले से बढ़ता जा रहा है। इस लाल बालू की काली कमाई से पुलिस लाल हो रही हैं। यह खेल चेकपोस्ट पर तैनात पुलिसकर्मियों की मिलीभगत से चल रहा है। वर्तमान समय में अवैध लाल बालू का परिवहन जयप्रकाश नगर व जयप्रभा सेतु मांझी के रास्ते ओवर लोड बालू ट्रक व ट्रैक्टर-ट्राली से वहां से निकलते हैं। चालक ट्रक और ट्रैक्टर ट्राली लेकर जयप्रकाश नगर चौकी व चांददियर चेक पोस्ट पार करते हुए बैरिया सर्किल क्षेत्र के बैरिया, दोकटी, रेवती, हल्दी थाने के सामने से होते हुए जिले के विभिन्न जगहों व गैर जनपदों में जाते हैं।
जिला खनन पदाधिकारी व परिवहन विभाग भले ही यह कहे कि पुलिसकर्मियों की मिली भगत में अवैध बालू परिवहन का खेल चलता है। लेकिन सत्य तो यह है कि खनन विभाग व परिवहन विभाग का इस खेल में पूरी तरह मिली भगत मानी जाती है। वहीं बालू के इस खेल को अनवरत जारी रखने के लिए रास्ते में पड़ने वाले थानों द्वारा जमकर वसूली होती है। सूत्रों की मानें तो इसके लिए अलग-अलग रेट बंधा है और बालू के एजेंट इसकी वसूली करते हैं। जानकारी के अनुसार बिहार से जयप्रभा सेतु के रास्ते प्रतिदिन 300 से 500 ओवर लोड लदे लाल बालू ट्रैक्टर आते हैं। वहीं क्षेत्र में मनमाने कीमत पर बेचा जाता है।
सूत्र बताते हैं कि चांददियर पुलिस पिकेट व जयप्रकाश नगर चौकी पुलिस द्वारा थाने के नाम पर प्रति ट्राली 200 से 250 रुपये की वसूली की जाती है। वहीं ट्रकों के लिए अलग-अलग रेट तय है।बताया जाता है कि ओवरलोड ट्रकों की जांच करने के लिए कभी-कभार पदाधिकारी भी निकलते हैं।वैसे तो यह जांच औचक कही जाती है लेकिन, आश्चर्यजनक रूप से इसकी जानकारी चेकपोस्ट से लेकर ट्रक चालकों तक सभी को होती है।ऐसे में जांच के लिए निकले पदाधिकारियों को या तो खाली हाथ आना पड़ता है या फिर एक-दो ट्रकों पर कारवाई कर अपनी खानापूर्ति कर लेते हैं।
बैरिया क्षेत्र में पहले शाम ढलते ही अवैध लाल बालू लदे ट्रैक्टर-ट्रालियों के निकालने का काम शुरू हो जाता है।फिर देर रात तक सड़कों पर अवैध बालू के ट्रैक्टर दौड़ते रहते हैं।लेकिन अब यह कारोबार दिन-रात चलता है। परंतु इन्हें देखने व रोकने के लिए कोई नहीं है।पुलिस व खनन विभाग के अधिकारी आपसी मिलीभगत के कारण मौन हैं।सबकुछ जानने के बावजूद खनन विभाग के अधिकारी बेखबर बने हुए हैं।जानकारों का कहना है बालू का अवैध कारोबार पुलिस की कमाई का जरिया बन गया है।अगर सूत्रों की मानें तो अवैध लाल बालू के अवैध कारोबार से हुए अवैध वसूली के पैसे में से जिले का आलाधिकारियों का भी हिस्सा बनना हुआ है।
यही कारण है कि आलाधिकारी सबकुछ जानते हुए भी अवैध लाल के खेल को रोकने में अपनी रूचि नहीं दिखाते हैं।जिससे बालू कारोबारियों व क्षेत्रीय पुलिस बेधड़क इस खेल को बड़े ही निश्चिंतता के साथ करते हैं।
रिपोर्ट- तिलक कुमार 
बैरिया
मैनेजर सिंह राजकीय पॉलीटेक्निक के नाम से जाना जाएगा इब्राहिमाबाद का पॉलीटेक्निक
बलिया के बैरिया क्षेत्र के इब्राहिमाबाद में करोड़ों की लागत से बने राजकीय पॉलीटेक्निक बनाया गया था। अब इसे जननायक स्व. बाबू मैनेजर सिंह राजकीय पॉलीटेक्निक के नाम से जाना जाएगा। परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह की पहल पर प्रदेश सरकार और राज्यपाल की ओर से इसकी मंजूरी मिल गयी है।
बता दें कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली प्रदेश की पिछली सरकार में करीब 19 करोड़ रुपए खर्च कर इब्राहिमाबाद में राजकीय पॉलीटेक्निक का निर्माण कराया गया था। इसका लोकार्पण तत्कालीन विधायक सुरेन्द्र सिंह ने किया था।
कुछ दिनों पहले परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने राजकीय पॉलीटेक्निक का नाम अपने मामा और बलिया के गांधी व बैरिया के मालवीय कहे जाने वाले पूर्व विधायक मैनेजर सिंह के नाम पर करने की पहल की थी। इसके लिए उन्होंने शासन को पत्र लिखा था।
अब इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। गुरुवार को परिवहन मंत्री ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि शासन से मंजूरी के बाद राज्यपाल की ओर से नामकरण की अनुमति मिल गयी है।
खास बात है कि मैनेजर सिंह ने बेरिया क्षेत्र में प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा के कई केन्द्र स्थापित किए। हालांकि किसी से उन्होंने अपना नाम नहीं जोड़ा। राजकीय पॉलीटेक्निक का नामकरण उनके नाम पर होना स्व. सिंह के प्रति श्रद्धांजलि है।
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बलिया के सुरेमनपुर रेलवे स्टेशन पर इन तीन ट्रेनों के ठहराव को मिली मंजूरी
बलिया में बैरिया विधानसभा के सुरेमनपुर रेलवे स्टेशन पर अब से 3 ट्रेनों के ठहराव को रेल मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है। जिन 3 ट्रेनों का ठहराव होगा, उसमें बरौनी – गोंदिया एक्सप्रेस, बरौनी – अम्बाला एक्सप्रेस और गोरखपुर कोलकाता एक्सप्रेस शामिल हैं। वाराणसी डिवीजन को इन तीन ट्रेनों के ठहराव के लिए जल्द से जल्द कहा गया है।
बता दें कि इन ट्रेनों के ठहराव की लागतार मांग हो रही थी। राज्यसभा सांसद नीरज शेखर के पत्र और जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि विनोद सिंह के अनुरोध पर बलिया निवासी मुरादाबाद रेल मंडल केएडीआरएम निर्भय नारायण सिंह के अथक प्रयास से आज बैरिया वासियों को बड़ी सौगात मिली है। इस पर क्षेत्रीय लोगों ने उन्हें बधाई दी।
इन ट्रेनों के ठहराव से अब बैरिया क्षेत्र के सैंकड़ों ग्रामवासियों को बहुत सुविधा होगी। अब रेलयात्री आसानी से सफर कर पाएंगे। ये तीनों ट्रेनें एक्सप्रेस ट्रेनें हैं, ऐसे में यात्री आसानी से अपने गंतव्य पर पहुंच सकेंगे।
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बलिया के रहने वाले हेड कांस्टेबल की हीट स्ट्रोक से मौत, पुलिस महकमा में शोक की लहर
बलिया जिले के बैरिया के रहने वाले हेड कांस्टेबल इमरान अली की सोमवार को हीट स्ट्रोक के चलते मौत हो गई। वाराणसी के अस्पताल में दो दिन तक अस्पताल में भर्ती रहने के बावजूद चिकित्सक उन्हें बचा नहीं सके। सूचना पर पुलिस महकमा में शोक की लहर दौड़ गई।
वहीं उनके मौत की खबर सुन के कई पुलिस अधिकारी अस्पताल पहुंच गए तो कमिश्नर कार्यालय से मृतक दीवान के परिजनों को फोन कर सूचना भी दी गई। हालांकि उनकी पत्नी समेत परिवार वर्तमान में वाराणसी में है।
बैरिया निवासी इमरान अली 2006 में पुलिस में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे। पिछले कुछ साल पहले उनको प्रोन्नति में हेड कांस्टेबल बनाया गया था और तब से उनकी तैनाती वाराणसी में थी। वर्तमान में कोतवाली में तैनात इमरान अली जिला एवं सत्र न्यायालय के लिए पैरोकार का काम करते थे।
शुक्रवार को कोर्ट जाने पर गर्मी और धूप से हीट स्ट्रोक की चपेट में आ गए। शनिवार को आनन फानन में उन्हें अर्दली बाजार स्थित सुधा सर्जिकल नर्सिग होम में भर्ती कराया गया, जहां उपचार के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। 
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