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बलिया में क्यों हो गई कोरोना टीकाकरण की रफ्तार धीमी? चल रहा है खोजो अभियान

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बलिया में कोरोना टीकाकरण की गति धीमी पड़ रही है। (फोटो साभार: Financial Express)

भारत में कोरोना वैक्सीन की सौ करोड़ से ज्यादा खुराक लगाई जा चुकी है। देश में सबसे ज्यादा टीकाकरण उत्तर प्रदेश में हुआ है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में लगभग तेरह करोड़ वैक्सीन डोज लगाई जा चुकी हैं। सरकार टीकाकरण की गति को तेज करने पर जोर देने की बात कह रही है। लेकिन उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में टीकाकरण की गति में अब धीमी पड़ने लगी है।

तकरीबन 32 लाख की आबादी वाले बलिया जिले में अब तक 58 फीसदी लोगों को कोरोना की टीका लगाई जा सकी है। इनमें टीके की पहली और दूसरी खुराक लेने वाले सभी लोग मौजूद हैं। हिन्दूस्तान की एक रिपोर्ट के मुताबिक अब बलिया जिले में कोरोना टीकाकरण में मंदी आ गई है। वैक्सीन लगवाने के लिए लोग कम आ रहे हैं। जिले के टीकाकरण केंद्रों पर पहले जैसी भीड़ देखने को नहीं मिल रही है।

गत गुरूवार यानी 28 अक्टूबर को बलिया के 188 टीकाकरण केंद्रों पर वैक्सीन लगाई गई। इसके अलावा जिले के दस गांवों में टीकाकरण के लिए कैंप भी लगाए गए थे। बलिया स्वास्थ्य विभाग की ओर से टीके से अब तक वंचित रहे लोगों को चिन्हित किया जा रहा है। ताकि ऐसे लोगों को भी कोरोना वैक्सीन की डोज दी जा सके। बेल्थरा रोड सीएससी के अधीक्षक डॉ. तनवीर आजम ने मीडिया को बताया है कि “जल्द से जल्द खोजो अभियान के तहत टीके से वंचित रहे लोगों को वैक्सीन लगवाई जाएगी।” बेल्थरा रोड के लगभग बीस गांवों में इस खोजो अभियान के तहत टीके से वंचित रहे लोगों की पहचान कर वैक्सीन लगाई गई।

जिले के अलग-अलग सीएचसी और टीकाकरण केंद्रों पर टीका लगवाने की कतार छोटी ही रही। कहा जा रहा है कि वैक्सीनेशन को लेकर लोग लापरवाही बरतने लगे हैं। कोरोना संक्रमण के काबू होने के बाद अब लोगों में इसकी चिंता कम होने लगी है। टीकाकरण को लेकर टाल-मटोल देखने को मिल रहा है। हालांकि टीका केंद्रों पर भीड़ न जुटने की एक और वजह भी है। ज्यादातर लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है। प्रोटोकॉल के अनुसार एक तय समयांतराल के बाद ही कोरोना टीके की दूसरी खुराक लगेगी। इस वजह से भी टीका लगवाने वाले लोगों की संख्या में गिरावट देखने को मिल रही है।

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बलिया में कलयुगी बेटे ने मां और दादी को उतारा मौत के घाट, इलाके में हड़कंप

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बलिया के गड़वार थाना क्षेत्र के विशुनपुरा गांव में दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक कलयुगी बेटे ने अपनी मां और दादी को मौत के घाट उतार दिया। इस घटना से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। मौके पर पुलिस पहुंचीं और मामले की जांच शुरू की। बहरहाल घटना के बाद से आसपास के रहवासी डरे हुए हैं, पुलिस उन्हें समझाने की कोशिश कर रही है।

जानकारी के मुताबिक, गड़वार थाना क्षेत्र के विशुनपुरा गांव निवासी उमेश चंद पांडेय का बेटा अभिषेक पांडेय उर्फ प्रतीक पांडेय ने अपनी माँ 55 वर्षीय विमला देवी और दादी छाया देवी पर फावड़े से वार कर मौत के घाट उतार दिया। सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक समेत कई थानों की फोर्स मौके पर पहुंच गई। गड़वार थानाध्यक्ष, सीओ सिटी गौरव कुमार, अपर पुलिस अधीक्षक दक्षिणी कृपा शंकर एवं पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर के साथ ही फॉरेंसिक टीम भी घटना स्थल पर पहुंच गए।

वहीं पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करते हुए हत्या में प्रयुक्त फावड़े को भी बरामद कर लिया। युवक ने दोनों को मौत के घाट क्यों उतरा। यह संशय बना हुआ है। कोई कह रहा है कि युवक मानसिक रोगी है तो कोई कह रहा है की हत्या कराई गई है। फिलहाल पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।

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बलिया आरा रेल लाईन बनाने का काम जल्द शुरू होगा, 2300 करोड़ की लागत आएगी: पूर्व सांसद

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बलिया की आरा नई रेल लाइन को लेकर पूर्व सांसद वीरेन्द्र सिंह मस्त ने महत्वपूर्ण जानकारी दी। पूर्व सांसद ने बताया कि बलिया आरा नई रेल लाइन को बनाने में करीब 2300 करोड़ का खर्च आएगा। इस धनराशि को भारत सरकार के रेल मंत्रालय ने मंजूर कर दिया है। अगले वित्तीय वर्ष में रेलवे लाइन का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर डिवीजन के अंदर इस रेल लाइन को लिया गया है। इस कार्य की कार्यदायी संस्था गति शक्ति होगी।

पूर्व सांसद वीरेन्द्र सिंह ने पत्रकारों को बताया कि इसके लिए लगातार मैं रेल अधिकारियों व रेल मंत्री के संपर्क में हूं। मैं चाहता हूं कि जल्द से जल्द इस रेल लाइन का निर्माण कार्य शुरू हो जाए। सर्वे व डीपीआर का काम पूरा हो गया है। टेंडर की प्रक्रिया शुरू होने वाली है।

पूर्व सांसद ने स्पष्ट किया कि पहले इसे बलिया से आरा के जगजीवन हाल्ट तक ले जाने की योजना थी, किंतु आरा और बक्सर के लोगों की मांग को देखते हुए रेलवे बोर्ड ने रघुनाथपुर रेलवे स्टेशन को इस रेल लाइन से जोड़ने की संभावनाओं की जांच कर रहा है। इसका भी सर्वे हो चुका है। अगर इस रेल लाइन को रघुनाथपुर में जोड़ा जाएगा तो बक्सर से भी बलिया के लिए रघुनाथपुर के रास्ते ट्रेनों का आवागमन आसान हो जाएगा।

पूर्व सांसद ने कहा कि इसको लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष से हम लगातार संवाद कर रहे हैं। यह रेल लाइन इसलिए जरूरी है कि इंदिरा जी की सरकार में 50 के दशक में तत्कालीन रेल मंत्री राम शुभग सिंह बनवाना चाह रहे थे। लेकिन किसी कारण से नहीं बनवा पाए। उनकी इच्छा को मैंने पूरा करने का संकल्प लिया है।

पूर्व सांसद ने कहा कि इस रेल लाइन पर आठ रेलवे स्टेशन जवही के सामने गंगा पर पुल व छोटे-छोटे पुलियों का नक्शा का कार्य भी लगभग पूरा हो चुका है।

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बलिया में अभ्युदय कोचिंग सेंटर में पढ़ रहे 18 युवाओं ने पुलिस भर्ती परीक्षा में पाई सफलता

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उत्तरप्रदेश पुलिस लिखित परीक्षा का परिणाम जारी हो गया है। इन परिणामों में बलिया के कई युवा भी चयनित हुए हैं। जिन युवाओं का चयन हुआ है, उनमें से अधिकतर मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के अंतर्गत के संचालित कोचिंग में पढ़ रहे थे।

कोचिंग में पढ़ने वाले 18 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। जिला समाज कल्याण अधिकारी दीपक श्रीवास्तव ने इसकी जानकारी दी और बताया कि

अभी तक प्राप्त सूचनाओं के आधार पर मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना बलिया में अध्ययनरत छात्रों में 18 का चयन उत्तर प्रदेश पुलिस लिखित परीक्षा में हुआ है।

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