बलिया स्पेशल
VIDEO-धीरेंद्र को संरक्षण दिए जाने के सवाल पर बोले DIG- आरोपी की 7 दिनों की पुलिस कस्टडी की मांग करेंगे
बलिया डेस्क : बलिया गोलीकांड के मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह को सोमवार को कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने आरोपी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। धीरेंद्र को रविवार को लखनऊ में उत्तर प्रदेश एसटीएफ से गिरफ्तार किया था। धीरेंद्र सिंह को न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद ये सवाल उठ रहे हैं कि पुलिस ने आखिर उसे अपनी कस्टडी में क्यों नहीं लिया? क्या गोलीकांड के आरोपी धीरेंद्र सिंह को पुलिस का संरक्षण मिल रहा है?
डीआईजी आज़मगढ़ सुभाष चंद्र दुबे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के ज़रिए इन सवालों के जवाब दिए हैं। उन्होंने कहा कि धीरेंद्र सिंह के खिलाफ़ पुलिस सख्त कार्रवाई कर रही है। उसे पुलिस की कस्टडी में लिए जाने की विधिक कार्रवाई की जा रही है। डीआईजी ने कहा कि अस्लहे की बरामदगी नहीं हुई है, इसलिए आरोपी को पुलिस कस्टडी में लिया जाने की आवश्यकता है। हम आरोपी को 7 दिनों की पुलिस कस्टडी में लिए जाने की अर्ज़ी दाखिल करने जा रहे हैं। इसके लिए विधिक प्रक्रिया होती है, जिसे हम पूरा कर रहे हैं।
इस दौरान डीआईजी ने मामले में पक्षपातपूर्ण कार्रवाई किए जाने के आरोपों का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त जी को भी हमने आश्वस्त किया है कि मामले में कोई पक्षपात नहीं होगा। दोनों पक्षों की सुनी जाएगी। दूसरा पक्ष लिखकर शिकायत देगा, जिसकी जांच कर निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी।
डीआईजी ने कहा कि इस मामले में आठ लोग नामज़द है। इनमें से पांच को गिरफ्तार किया जा चुका है। गिरफ्त में आए पांच में से तीन 50-50 हजार रुपये के इनामी हैं। धीरेंद्र सहित दो अन्य को रविवार को गिरफ्तार किया गया है। शेष तीन को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इस प्रकरण में बेहद कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इन पर गैंगस्टर एक्ट के साथ ही एनएसए लगेगा, इसके साथ ही इनकी प्रापर्टी भी सीज़ की जाएगी।
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प्रयागराज वकील हत्याकांड: बलिया के इस ब्लॉक प्रमुख पर 5 हज़ार का इनाम, पुलिस तलाश में जुटीं
प्रयागराज में चर्चित वकील अखिलेश शुक्ला हत्याकांड का मुख्य आरोपी बलिया निवासी अतुल प्रताप सिंह पर 5 हज़ार का इनाम घोषित किया गया है। आरोपी बीजेपी गड़वार ब्लॉक प्रमुख है और उसके ऊपर कई संगीन मुकदमे दर्ज हैं। इस मामले में बसंतपुर निवासी दुर्गेश सिंह और रामपुर निवासी प्रिंस सिंह पहले ही हाज़िर हो चुके हैं। इस मामले में ड्राइवर बसंतपुर निवासी अजय यादव अभी फरार चल रहा है।
जानकारी के मुताबिक, 17 नवंबर की रात सलोरी इलाके में विवाद के बाद अधिवक्ता को लाठी-डंडे, असलहे की बट और फायरिंग कर अधमरा कर दिया गया था। 20 नवंबर को अधिवक्ता की इलाज के दौरान लखनऊ में मौत हो गई थी। इस मामले में निखिल नामजद था जबकि चार अज्ञात आरोपी बनाए गए थे। मामले में 3 आरोपी निखिल सिंह, प्रिंस सिंह और मनोज सिंह पहले ही भेजे जा चुके हैं। पुलिस ने चौथे आरोपी को भी चिन्हित कर लिया था। वह छात्रनेता भी रह चुका है और मौजूदा समय में ठेकेदारी करता है।
अब पुलिस ने मुख्य आरोपी अतुल प्रताप सिंह पुत्र राणा प्रताप सिंह निवासी पचखोरा थाना गढ़वार जनपद बलिया और उसके चालक अजय यादव निवासी बसंतपुर सुखपुरा बलिया 5-5 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। साथ ही इन आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया है। इन दोनों की तलाश में पुलिस की तीन टीमें छापेमारी कर रही हैं।
प्रयागराज की शिवकुटी पुलिस ने वकील हत्याकांड में चार आरोपियों निखिल कान्त सिंह निवासी नरियांव थाना जहाँगीरगंज जनपद अम्बेडकर नगर, प्रिन्स सिंह उर्फ रणविजय सिंह निवासी रामपुर उदयभान थाना कोतवाली जनपद बलिया, मनोज सिंह निवासी टीलापुर पोस्ट जमधरवा थाना रेवती जिला बलिया और दुर्गेश कुमार सिंह निवासी ग्राम बसन्तपुर थाना सुखपुरा जनपद बलिया को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
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जानिए कौन हैं बलिया के नए एसपी विक्रांत वीर ?
बलिया पुलिस अधीक्षक पर गाज गिरने के बाद योगी सरकार ने पीएसी की 32वीं वाहिनी में तैनात विक्रांत वीर को बलिया का नया पुलिस अधीक्षक बनाया है। बता दें कि बिहार-बलिया बॉर्डर के नरही थाना क्षेत्र में ट्रकों से अवैध वसूली में संलिप्त पुलिसकर्मियों के खिलाफ बलिया में बड़ी कार्रवाई हुई थी। एडीजी वाराणसी और डीआईजी आजमगढ़ की संयुक्त टीमों ने छापामार कर बलिया के थाना नरही अंतर्गत भरौली तिराहा पर अवैध वसूली के संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया ।
मामले में पुलिसकर्मियों की संलिप्तता उजागर हुई है। तत्काल कार्रवाई करते हुए संबंधित थानाध्यक्ष नरही और चौकी प्रभारी कोरंटाडीह सहित तीन उपनिरीक्षक, तीन मुख्य आरक्षी, 10 आरक्षी और एक आरक्षी चालक को निलंबित किया गया है। वहीं देर रात बलिया एसपी को भी हटा कर विक्रांत वीर को बलिया की कमान सौंपी गई है। आईये जानते हैं
कौन हैं IPS विक्रांत वीर ?
विक्रांत वीर 2014 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वह मूल रूप से बिहार में नालंदा के रहने वाले हैं। आईपीएस बनने से पहले वह मर्चेंट नेवी में थे। विक्रांत वीर के पिता बिहार में मलेरिया इंसपेक्टर के पद पर रह चुके हैं।
1997 में झारखंड के पलामू से इंटर की परीक्षा पास करने के बाद वह मुंबई की मरीन इंजीनियरिंग कॉलेज से बीएससी करने चले गए। साल 2011 में उनका चयन मर्चेंट नेवी में हो गया।
नौकरी करते हुए वह यूपीएससी की तैयारी भी कर रहे थे। आखिरकार साल 2014 में उनका सेलेक्शन आईपीएस के लिए हो गया। उनकी पहली तैनाती कानपुर में बतौर एएसपी हुई।
कानपुर से विक्रांत वीर फैजाबाद और बलिया के एसएसपी भी रहे। उसके बाद वह लखनऊ ग्रामीण के एसपी बने। बतौर एसपी हाथरस विक्रांत वीर का पहला जिला था।
हालांकि हाथरस में लड़की के साथ घटे जघन्य अपराध के बाद विक्रांत वीर को सस्पेंड कर दिया गया है। इस मामले ने पूरे देश में तूल तब पकड़ा जब पीड़िता की मौत के बाद पुलिसवालों ने उसकी लाश देर रात खुद ही जला दी।
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