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Nestle कंपनी के प्रबंध निदेशक समेत 17 अधिकारी बलिया कोर्ट में तलब, धोखाधड़ी का आरोप

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Nestle कंपनी के प्रबंध निदेशक समेत 17 अधिकारी बलिया कोर्ट में तलब, धोखाधड़ी का आरोप।

Nestle कंपनी के प्रबंध निदेशक सुरेश नारायणन सहित कंपनी के कुल 17 अधिकारियों को बलिया कोर्ट ने तलब किया है। इन सभी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 406, 420 और 120-बी के तहत बलिया कोर्ट में मुकदमा दर्ज है। मामला मनोज कुमार बनाम सुरेश नारायणन और अन्य के बीच है। नेस्ले इंडिया कंपनी के सीएमडी सुरेश नारायणन समेत अन्य 17 अधिकारियों और कर्मचारियों को बलिया कोर्ट में अगले महीने की 28 तारिख को पेश होना है।

मजिस्ट्रेट ने मुकदमा दर्ज कराने वाले मनोज कुमार द्वारा पेश किए गए साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों को प्रथम दृष्टया उपरोक्त धाराओं का दोषी प्रतीत होता पाया है। नेस्ले कंपनी के प्रबंध निदेशक सुरेश नारायणन, संजय कौल, सुशी केशरवानी, प्रियंका गहलोत, विजय यादव, पी गणेश, संजय डेगरी, सेल्स मैनेजर रातु चंत्रा, गौरव रघुवंशी, दीपक उपाध्याय, समीर अक्रवाल, विशाल सिंह, मृदु मिश्रा, तिनेश कुमार, रंकज कुमार, रामबाबू, अनिल अग्रवाल समेत कुल 17 लोगों को तलब किया है।

क्या है मामला: परिवादी मनोज कुमार के पिता स्व. चन्द्रिका राय आर्य समाज रोड पर लवली स्टोर नाम की एक दुकान चलाया करते थे। 1 दिसंबर, 1990 को नेस्ले इंडिया कंपनी की ओर से उन्हें कंपनी के उत्पादों का वितरक बनाया गया। जिसके बाद उन्होंने 1991 से ही एजेंसी का काम शुरू कर दिया। कंपनी के उत्पादों की सप्लाई बलिया, गाजीपुर और मऊ में होने लगी। कंपनी के निर्देश के आधार पर परिवादी ने बैंक ऑफ बड़ौदा से तीस लाख रुपए का कर्ज लिया गया। ताकि कंपनी के उत्पादों को रखने के लिए एक गोदाम बनवाया जा सके। उत्पाद खरीदने के लिए एचडीएफसी बैंक से भी एक करोड़ पचहत्तर लाख का सीसी ऋण लिया गया। इसके बाद कंपनी के अधिकारियों ने बिक्री की कमीशन के रूप में 5% हिस्सा मांगा गया। कमीशन न देने पर अधिकारियों ने दूसरा वितरक नियुक्त करने की घमकी भी दी गई।

दूसरा झमेला तब शुरू हुआ जब 2014 में नेस्ले के उत्पाद मैगी को लेकर कंपनी और सरकार के बीच विवाद पैदा हो गया। जिसके बाद मैगी को प्रतिबंधित कर दिया गया था। मैगी जब प्रतिबंधित हुआ तब परिवादी के गोदाम में लगभग 25 लाख का उत्पाद रखा हुआ था। जो कि बाद में एक्सपायर हो गया। कंपनी की पॉलिसी के मुताबिक एक्सपायर हुए उत्पाद को कंपनी वापस ले लेती है। इसी नीति के अनुसार वेस्ट गुड की श्रेणी में आए मान को कंपनी के अधिकारियों के सामने 18 अगस्त, 2015 को मिलान करवा कर नष्ट करा दिया गया। इन अधिकारियों में संजय जांगरी, गौरव रघुवंशी, समीर अग्रवाल, दीपक उपाध्याय, ऑडिटर ए. के. मिश्रा की उपस्थिति में शामिल थे।

इसके बाद कंपनी के अधिकारियों द्वारा ढ़ाई लाख रुपए की कमीशन की मांग की गई। जब पीड़ित ने कमीशन देने से इनकार कर दिया तब नष्ट किए गए माल की कीमत सिर्फ 7 लाख 29 हजार 960 रुपए बताई गई। जबकि असल कीमत लगभग 25 लाख रुपए थे। 2016 में सभी दस्तावेजों को नष्ट करके एजेंसी की मान्यता भी खत्म कर दी गई। अब यह पूरा विवाद अदालत में पहुंच गया है।

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बलिया

मंडलायुक्त ने बलिया के 5 ग्राम पंचायतों में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को किया सम्मानित

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मंडलायुक्त आजमगढ़ मनीष चौहान ने बलिया के पांच ग्राम पंचायतो मे उत्कृष्ट कार्य करने के लिए सम्मानित किया। इसके अंतर्गत मंडलायुक्त ने चयनित विकासखंड गड़वार के ग्राम पंचायत फेफना के प्रधान केशव गुप्ता को अपने ग्राम पंचायत में किये गये चौतरफा विकाश कार्यो के लिए आजमगढ़ मे आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान प्रशस्ति पत्र देकर सम्मान बढ़ाया। साथ ही बधाईया भी दी।

उल्लेखनीय है कि सम्मानित प्रधान के कार्यकाल के दौरान पंचायत मे नाली, खड़ंजा, सीसी रोड से लगायत शौचालय, सोखता आदि कार्य शाशन की मंसा के अनुरूप कराये गये है। इधर, सम्मानित होने की खबर जैसे ही ग्राम पंचायत फेफना में सम्मानित होने की खबर पहुंची लोगों में खुशी का माहौल छा गया ग्रामीणों ने प्रधान केशव गुप्ता को फेफना तिराहा पर फूल माला पहना कर शुभकामनाएं एवं बधाइयां दी।

सम्मान से उत्साहित केशव गुप्ता ने कहा कि ग्राम पंचायत फेफना के चौमुखी विकास के लिए हमेशा प्रयासरत रहुगा और आप सभी सम्मानित ग्रामवासी के प्रति आभार प्रकट करता हूं कि आप लोग अपना आशीर्वाद ऐसे ही बनाए रखें । इस मौके पर प्रधान प्रतिनिधि अरुण गुप्ता सहित शेष चारो प्रधानो के चेहरे खिले हुये थे।

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बलिया

बलिया में बारात से लौट रही स्कॉर्पियो अनियंत्रित होकर गड्ढे में पलटी, 1 की मौत, 3 लोग घायल

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बलिया रसड़ा मार्ग स्थित अमहर गांव में दर्दनाक सड़क हादसा हो गया। यहां एक स्कॉर्पियो गाड़ी अनियंत्रित होकर गड्ढे में पलट गई। हादसा इतना भयानक था कि एक व्यक्ति की मौत हो गई, वहीं 3 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। स्थानीय लोग सभी घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे, जहां घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद मऊ जनपद के लिए रेफर कर दिया गया।

बताया जा रहा है कि रसड़ा कोतवाली क्षेत्र के माधोपुर गांव से विशाल सिंह के घर से रविवार के दिन गाज़ीपुर बरेसर बारात गई हुई थी। कुछ बाराती खाना खाने के बाद घर वापस आ रहे थे, अमहर गांव के समीप गैस एजेंसी के पास स्कॉर्पियो गाड़ी बारातियों से भरी अनियंत्रित होकर बगल के गड्ढे में पलट गई। इसमें माधोपुर गांव निवासी 45 वर्षीय अजीत सिंह की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि माधोपुर गांव निवासी 38 वर्षीय अजय सिंह, 35 वर्षीय अर्जुन सिंह, 25 वर्षीय आदित्य सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए।

इस घटना में अजीत सिंह की मौत हो गई। उनकी मौत की सूचना मिलने पर परिवार के लोगों में कोहराम मच गया। घटना की सूचना पाते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज कर मामले की जांच शुरू की।

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बलिया

बलिया के युवा कवि को उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान करेगा सम्मानित, इन 2 रचनाओं के लिए होंगे पुरुस्कृत

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बलिया के युवा ने प्रदेश स्तर पर जिले का नाम रोशन किया है। युवा कवि आचार्य सागर ‘बेघर’ जी को उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा पुरुस्कृत किया जाएगा। उन्हें ये सम्मान उनके द्वारा रचित 2 रचनाओं के लिए दिया जा रहा है।

बता दें कि आचार्य सागर ‘बेघर’ जिनका मूल नाम विशाल कुमार पटेल है, राजपूत नेवरी, भृगु आश्रम बलिया के निवासी है जो इस समय केन्द्रीय विद्यालय झाझा (बिहार) में टीजीटी संस्कृत पद पर निवर्तमान है। हिन्दी और संस्कृत की उच्च शिक्षा प्राप्त आचार्य सागर हिन्दी और संस्कृत साहित्य के मर्मज्ञ युवा विद्वान, कुशल व्यंग्यकार तथा युवा कवि है। साहित्य साधना में लीन आचार्य सागर ‘बेघर’ उपनाम से भोजपुरी, हिन्दी और संस्कृत भाषाओ के विभिन्न विधाओं में रचना करते है।

‘हनुमत् सूर्य संवाद’, ‘ये बारिश क्यो होती है ?,’ ‘श्रीराममानसपूजा’, ‘चण्डी स्तुति’, ‘हम पत्थर ही अच्छे है’, ‘जीउतिया’, ‘बक्सर से पटना के साँच घटना’, ‘भागर्वभूषण’ (खण्डकाव्य) इत्यादि उनकी प्रसिद्ध रचनाएं हैं। इनमें से 2 रचनाओं ‘हनुमत् सूर्य संवाद’ और ‘ये बारिश क्यो होती है?’ के लिए उन्हें 30 दिसंबर को ‘उत्तरप्रदेश हिन्दी संस्थान’ द्वारा लखनऊ में सम्मानित किया जाएगा। उन्हें द्वितीय विजेता के रूप में 5000 रुपये की धनराशि से पुरुस्कृत किया जाएगा। आचार्य सागर की लेखन कला के प्रेरणास्रोत इनके पिताजी अंगद प्रसाद पटेल जी रहे हैं।

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