बलिया स्पेशल
आखिर क्यों फरियादियों की तरह लाइन में खड़े हुए योगी सरकार के मंत्री, फोटो वायरल
बलिया- सोशल मीडिया पर योगी सरकार के एक मंत्री की लाइन में खड़े हुए फोटो वायरल हो रही है। जिस पर लोग अलग अलग तरीके से अपनी बात कह रहे हैं । बता दें की मंत्री ओम प्रकाश के निजी सचिव के फोन करने के करीब एक घंटे बाद भी कोतवाल नहीं पहुंचे तो कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर का पारा चढ़ गया। वे लोअर व टी-शर्ट में ही स्थानीय कोतवाली पहुंच गये और आम फरियादियों की तरह कतार में खड़े हो गये। करीब एक घंटे बाद सीओ के पहुंचने पर उनके तेवर थोड़े नरम हुए। कैबिनेट मंत्री के अचानक पहुंचने से कोतवाली में अफरा-तफरी का माहौल रहा।
गुरुवार की सुबह कैबिनेट मंत्री रसड़ा स्थित अपने केंद्रीय कार्यालय पर जनसमस्याएं सुन रहे थे। इसी बीच कार्यकर्ताओं ने गोपालपुर गांव में दो दिन पहले हुई घटना का उदाहरण देते हुए रसड़ा कोतवाली पुलिस पर उपेक्षा का आरोप लगाया। इस पर मंत्री ने निजी सचिव से फोन करके कोतवाल को बुलाने को कहा। करीब एक घंटे के इंतजार के बाद भी कोतवाल नहीं आये। इससे मंत्री नाराज हो गये और सीधे कोतवाली पहुंच गये और फरियादियों की तरह लाइन में खड़े हो गए। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने मंत्री के आने की जानकारी कोतवाल को दी तो वह भागे-भागे पहुंचे। मंत्री ने कोतवाल ज्ञानेश्वर मिश्र से बुलाने के बावजूद नहीं आने का कारण पूछा तो बताया कि ड्राइवर नहीं होने की वजह से देर हो गयी। हालांकि मंत्री उनके जवाब से संतुष्ट नहीं हुए, और कहा कि इस तरह बहानेबाजी नहीं चलेगी।
कैबिनेट मंत्री ने कोतवाल से उपेक्षा का कारण पूछते हुए कहा, पीली गमछी से एलर्जी है क्या? अगर हां तो सुधर जाएं। ड्राइवर के नहीं होने का कारण बताते हुए कोतवाल लगातार मंत्री को मनाने की कोशिश करते रहे। करीब एक घंटे बाद वहां पहुंचे सीओ अवधेश चौधरी ने मंत्री को अंदर ले जाकर बैठाया। तब जाकर मंत्री के तेवर कुछ नरम हुए और कुछ देर बातचीत करने के बाद राजभर चले गये।
मंत्री ने कोतवाल को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सही बात करनी हो तो बेहिचक करता हूं। कहा कि जनता की शिकायत के निस्तारण के लिए किसी के खिलाफ भी आवाज उठानी पड़ी तो उठाऊंगा।
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प्रयागराज वकील हत्याकांड: बलिया के इस ब्लॉक प्रमुख पर 5 हज़ार का इनाम, पुलिस तलाश में जुटीं
प्रयागराज में चर्चित वकील अखिलेश शुक्ला हत्याकांड का मुख्य आरोपी बलिया निवासी अतुल प्रताप सिंह पर 5 हज़ार का इनाम घोषित किया गया है। आरोपी बीजेपी गड़वार ब्लॉक प्रमुख है और उसके ऊपर कई संगीन मुकदमे दर्ज हैं। इस मामले में बसंतपुर निवासी दुर्गेश सिंह और रामपुर निवासी प्रिंस सिंह पहले ही हाज़िर हो चुके हैं। इस मामले में ड्राइवर बसंतपुर निवासी अजय यादव अभी फरार चल रहा है।
जानकारी के मुताबिक, 17 नवंबर की रात सलोरी इलाके में विवाद के बाद अधिवक्ता को लाठी-डंडे, असलहे की बट और फायरिंग कर अधमरा कर दिया गया था। 20 नवंबर को अधिवक्ता की इलाज के दौरान लखनऊ में मौत हो गई थी। इस मामले में निखिल नामजद था जबकि चार अज्ञात आरोपी बनाए गए थे। मामले में 3 आरोपी निखिल सिंह, प्रिंस सिंह और मनोज सिंह पहले ही भेजे जा चुके हैं। पुलिस ने चौथे आरोपी को भी चिन्हित कर लिया था। वह छात्रनेता भी रह चुका है और मौजूदा समय में ठेकेदारी करता है।
अब पुलिस ने मुख्य आरोपी अतुल प्रताप सिंह पुत्र राणा प्रताप सिंह निवासी पचखोरा थाना गढ़वार जनपद बलिया और उसके चालक अजय यादव निवासी बसंतपुर सुखपुरा बलिया 5-5 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। साथ ही इन आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया है। इन दोनों की तलाश में पुलिस की तीन टीमें छापेमारी कर रही हैं।
प्रयागराज की शिवकुटी पुलिस ने वकील हत्याकांड में चार आरोपियों निखिल कान्त सिंह निवासी नरियांव थाना जहाँगीरगंज जनपद अम्बेडकर नगर, प्रिन्स सिंह उर्फ रणविजय सिंह निवासी रामपुर उदयभान थाना कोतवाली जनपद बलिया, मनोज सिंह निवासी टीलापुर पोस्ट जमधरवा थाना रेवती जिला बलिया और दुर्गेश कुमार सिंह निवासी ग्राम बसन्तपुर थाना सुखपुरा जनपद बलिया को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
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जानिए कौन हैं बलिया के नए एसपी विक्रांत वीर ?
बलिया पुलिस अधीक्षक पर गाज गिरने के बाद योगी सरकार ने पीएसी की 32वीं वाहिनी में तैनात विक्रांत वीर को बलिया का नया पुलिस अधीक्षक बनाया है। बता दें कि बिहार-बलिया बॉर्डर के नरही थाना क्षेत्र में ट्रकों से अवैध वसूली में संलिप्त पुलिसकर्मियों के खिलाफ बलिया में बड़ी कार्रवाई हुई थी। एडीजी वाराणसी और डीआईजी आजमगढ़ की संयुक्त टीमों ने छापामार कर बलिया के थाना नरही अंतर्गत भरौली तिराहा पर अवैध वसूली के संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया ।
मामले में पुलिसकर्मियों की संलिप्तता उजागर हुई है। तत्काल कार्रवाई करते हुए संबंधित थानाध्यक्ष नरही और चौकी प्रभारी कोरंटाडीह सहित तीन उपनिरीक्षक, तीन मुख्य आरक्षी, 10 आरक्षी और एक आरक्षी चालक को निलंबित किया गया है। वहीं देर रात बलिया एसपी को भी हटा कर विक्रांत वीर को बलिया की कमान सौंपी गई है। आईये जानते हैं
कौन हैं IPS विक्रांत वीर ?
विक्रांत वीर 2014 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वह मूल रूप से बिहार में नालंदा के रहने वाले हैं। आईपीएस बनने से पहले वह मर्चेंट नेवी में थे। विक्रांत वीर के पिता बिहार में मलेरिया इंसपेक्टर के पद पर रह चुके हैं।
1997 में झारखंड के पलामू से इंटर की परीक्षा पास करने के बाद वह मुंबई की मरीन इंजीनियरिंग कॉलेज से बीएससी करने चले गए। साल 2011 में उनका चयन मर्चेंट नेवी में हो गया।
नौकरी करते हुए वह यूपीएससी की तैयारी भी कर रहे थे। आखिरकार साल 2014 में उनका सेलेक्शन आईपीएस के लिए हो गया। उनकी पहली तैनाती कानपुर में बतौर एएसपी हुई।
कानपुर से विक्रांत वीर फैजाबाद और बलिया के एसएसपी भी रहे। उसके बाद वह लखनऊ ग्रामीण के एसपी बने। बतौर एसपी हाथरस विक्रांत वीर का पहला जिला था।
हालांकि हाथरस में लड़की के साथ घटे जघन्य अपराध के बाद विक्रांत वीर को सस्पेंड कर दिया गया है। इस मामले ने पूरे देश में तूल तब पकड़ा जब पीड़िता की मौत के बाद पुलिसवालों ने उसकी लाश देर रात खुद ही जला दी।
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