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मिलिए बलिया के यशवंत पांडेय से, जो पर्यावरण को ज़हरीले पानी से बचाकर हमें कर रहे हैं सेफ़!

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बलिया डेस्क : विश्व में बढ़ते प्रदूषण के साथ ही साफ़ पानी की क़िल्लत बढ़ती जा रही है। साफ़ पानी आने वाली नस्लों को मुहैया हो सके, इसके लिए पानी को संरक्षित किया जाना बेहद ज़रूरी हो चुका है। जल संरक्षण की इसी ज़रूरत को मद्देनज़र रखते हुए बलिया के रहने वाले पर्यावरण विशेषज्ञ यशवंत कुमार पांडेय दूषित पानी को रिसाइकिल करने का कार्य कर रहे हैं।

पांडेय ने इस कार्य के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण किया है। वह इस कार्य को एक फर्म के ज़रिए अंजाम दे रहे हैं, जिसका नाम यासमीन इनवायरो इंजिनियर्स प्राइवेट लिमिटेड है। इस फर्म की शुरुआत यशवंत पांडेय ने दो साल पहले अपनी पत्नी मीना पांडेय के साथ मिलकर की थी। बलिया ख़बर को दिए साक्षात्कार में यशवंत पांडेय ने बताया कि उनकी फर्म का काम दूषित जल उपचार संयंत्र स्थापित करना और उसका उचित रखरखाव करना है।

उन्होंने बताया कि उनकी फर्म द्वारा विभिन्न स्थानों जैसे अस्पतालों, हाउसिंग कॉलोनीज़, औद्योगिक इकाइयों और शिक्षा संस्थानों में यफ्लूएंट एवं सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट ( ETP & STP ) लगाए जा रहे हैं। पांडेय ने बताया कि उनकी फर्म द्वारा जो पानी रिसाइकिल किया जाता है, उसे बहुत सी राज्य सरकारें बिल्डरों एवं किसानों को उचित मूल्य पर बेच भी देती हैं। उनकी फर्म उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, मणिपुर, गुजरात, अंडमान एवं निकोबार के साथ ही अन्य राज्यों में भी काम कर रही है।

क्या है सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट? – सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट यानी मलजल उपचार संयंत्र। इसके ज़रिए नालियों में बहते गंदे पानी को तकनीक के जरिये स्वच्छ किया जाता है। इसके बाद इस पानी से किसी चीज को साफ-सफाई करने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है। सीधे तौर पर कहें तो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का काम बर्बाद होते पानी को री साइक्लिंग कर फिर से इस्तेमाल में लाने योग्य बनाना है।

बताया जाता है कि अगर दूषित पानी का उचार नहीं किया जाए और ये दूषित पानी किसी भी जल स्रोत या अन्य स्रोतों में मिल जाए तो इससे कई तरह की गंभीर संक्रामक बीमारियां भी हो सकती हैं। इसलिए बढ़ते प्रदूषण के साथ सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की आवश्यकता बढ़ी है। केंद्र और राज्य सरकारों ने इसके महत्व को समझते हुए इस दिशा में कार्य शुरु कर दिया है। इसका उत्तम उदाहरण पतित पावनी गंगा नदी है, जिसके प्रदूषण से बचाव के लिए जगह-जगह सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जा रहे हैं।

केंद्रीय व राज्य प्रदूषण निवारण बोर्ड और राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल इसके लिए लगातार कार्य कर रहे हैं। यशवंत पांडेय की पत्नी और उनकी फर्म में पार्टनर मीना पांडेय का कहना है कि जल संरक्षण के लिए जागरुकता की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि उनकी फर्म यासमीन इनवायरो इंजिनियर्स प्राइवेट लिमिटेड इस संबंध में लगातार प्रशिक्षण एवं जन जागरण का काम कर रही है। उन्होंने बताया कि सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के ज़रिए गांव में खुले में बहने वाली गंदगी का समुचित उपचार किया जा रहा है।

उनके मुताबिक सरकार भी इस दिशा में अच्छा कार्य कर रही है। सरकार द्वारा विभिन्न स्तरों पर स्मार्ट गांव के तहत सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने का कार्य किया जा रहा है। जिससे गांवों एवं शहरों को भी स्वच्छ बनाया जा सके। कौन हैं यशवंत कुमार पांडेय? यशवंत कुमार पांडेय बलिया के रसड़ा के रहने वाले एक उद्यमी हैं। उन्हें पर्यावरण से बेहद प्रेम है, इसी वजह से वह दूषित जल सुधार एवं उसके उपयोग के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। उन्होंने अपनी पोस्ट ग्रेजुएशन गाजीपुर विश्वविद्यालय से पूरी की है। जहां वह टॉपर भी रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से एमफिल भी किया है।

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बलिया के फेफना तिराहे के पास खुली डिजिटल लाइब्रेरी, मिलेंगी विशेष सुविधाएं

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बलिया के फेफना तिराहा से 500 मीटर रसड़ा रोड़ वोडाफोन टावर के सामने बाबा विश्वनाथ डिजिटल लाइब्रेरी की शुरुआत की गई है। इस लाइब्रेरी में कई प्रकार की सुविधाएं मिलेंगी, खासतौर पर लड़कियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।

इस लाइब्रेरी में शांत वातावरण, हाई स्पीड वाई-फाई सेवा, पूर्णतया वातानुकूलित, शुद्ध पेयजल की सुविधा, पार्किंग सुविधा, सीसीटीवी कैमरे की सुविधा मिलेगी। इसके अलावा प्रत्येक दिन अख़बार भी पढ़ने दिया जाएगा। सेपरेट स्वच्छ वॉशरूम और टायलेट की सुविधा मिलेगी। यहां अनुशासनात्मक परिसर मिलेगा, जिससे पढ़ने में आसानी होगी।

इस लाइब्रेरी में प्रवेश लेने के लिए प्रोफेसर चंदन चौरसिया (मोबाइल नंबर- 8798946155) और पवन चौरसिया (7800921043) से संपर्क किया जा सकता है।

 

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बलिया डीएम ने किया होम्योपैथिक चिकित्सालयों का निरीक्षण किया, 29 डॉक्टर मिले गैरहाजिर, सभी का वेतन रोका गया

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बलिया जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने बुधवार को जिला होम्योपैथिक चिकित्सालय के अलावा जनपद के 27 होम्योपैथिक चिकित्सालयों का औचक निरीक्षण कराया, जिसमें 29 चिकित्सक अनुपस्थित मिले। जिलाधिकारी में सभी ग़ैरहाजिर चिकित्सकों का वेतन अग्रिम आदेश तक रोकते हुए जिला होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया है कि सबका स्पष्टीकरण प्राप्त कर अपनी आख्या सहित सीडीओ को उपलब्ध कराएं।

सभी एसडीएम और खंड विकास अधिकारियों के माध्यम से यह निरीक्षण अभियान चलाकर कराया गया। इस दौरान जिला होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी डा सुरेश गोंड के अलावा राजकीय होम्योपैथिक जिला चिकित्सालय में वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. लिली मुनींद्र व डा मनु अनुपस्थित मिले। इसके अलावा जो चिकित्साधिकारी अनुपस्थित थे, उनमें राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय रेपुरा में चिकित्साधिकारी डॉ उपेंद्र सिंह, सीता कुंड में डॉ रामबचन, रसड़ा में डॉ लाल बहादुर, सिकंदरपुर में सुनील कुमार वर्मा, काजीपुर में डॉ नवनीता सिंह, बांसडीह में शिवकुमार सिंह, राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय शेर पर डॉ आलोक त्रिपाठी, प्रधानपुर में डॉ बृजेश कुमार भारती गैरहाजिर मिले।

शाह मोहम्मदपुर में डॉ दयाशंकर, सूर्यपुरा में डा संजय कुमार, ससना बहादुरपुर में डॉ रुबी गुप्ता, पड़री में डॉ राजकुमार, सरयाडीह भगत में डॉ नरेंद्र कुमार, डुमरी में डॉ सुशील प्रकाश सागर, उजियार में डॉ पुनीता राय, टुटवरी में डॉ कनक, लालगंज में शैलेंद्र कुमार शर्मा, खरुआव में आशुतोष यादव, उधरन गजियापुर में डॉ लाल सिंह, जमीन सिसौंड में डॉ नीलम कुमार, बहुताचक में डॉ राजमणि, पचखोरा में डॉ चंद्रिका धर, दुगाईपट्टी में डॉ राधावती यादव, बड़ागांव में डॉ प्रदीप कुमार यादव, मानिकपुर में उदयराज व शंकरपुर अस्पताल पर दिव्या राजपूत शामिल थे। जिलाधिकारी ने सभी अनुपस्थित चिकित्साधिकारियों का एक दिन का वेतन अग्रिम आदेश तक रोकते हुए सीडीओ के यहां स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही चेतावनी भी दी है कि समय से अपने अस्पताल पर उपस्थित रहकर अपने दायित्व का निर्वहन करें।

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बलिया पुलिस ने चोरी की वारदात का किया खुलासा, आरोपी गिरफ्तार

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बलिया की फेफना पुलिस ने चोरी की वारदार का खुलासा करते हुए 1 आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के कब्जे से चोरी की 1 अंगूठी, 1 अंगूठी सफेद धातु और 2180 रुपये नगद सहित 1 मोबाइल और 1 अवैध चाकू बरामद किया गया है।

पीड़ित ने बताया कि 18 अक्टूबर की शाम समय वो लगभग 8 बजे अपने आवास पर पहुंची तो देखा कि उनके कमरे का ताला खुला हुआ था, उन्होंने अंदर जाकर देखा तो बक्से का ताला भी खुला था। बक्से के अंदर रखी सोने और चांदी की अंगूठी के साथ 3 हजार नकद गायब था। पीड़ित ने बताया कि उनके आवास के पास में रहने वाला अश्निवी सिंह काफी दिनों से उनके आवास के पास संदिग्ध अवस्था में घूमता दिख रहा था। मुझे उस पर शक है।

इस शिकायत के बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू की और तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया और उसके पास से चोरी अंगूठी, 2180 नगद और 1 मोबाइल बरामद किया। इस कार्रवाई में फेफना पुलिस टीम के वरिष्ठ उपनिरीक्षक राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय, उपनिरीक्षक सुधीर चौहान, उपनिरीक्षक अजय कुमार, कांस्टेबल नन्दू पाल, कांस्टेबल हरिश्चन्द्र की विशेष भूमिका रही।

 

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