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बलिया

लॉकडाउन: श्रमिकों के लिए जीवनदायिनी साबित हो रही मनरेगा योजना, इतने हजार लोगों को मिल रहा काम….

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बलिया. बाहर से आए लोगों को उनके घर पर ही रोजगार दिलाने के लिए जिला प्रशासन प्रतिबद्ध है। हाल-फिलहाल इन लॉकडाउन में भी मनरेगा योजना श्रमिकों के लिए जीवनदायिनी साबित हो रही है। वजह कि इस के अंतर्गत ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मुहैया कराया जा रहा है, चाहे वह यहां के हों या बाहर से आए हुए लोग हों।
मुख्य विकास अधिकारी बद्रीनाथ सिंह ने बताया कि वर्तमान में 782 ग्राम पंचायतों में 50 हजार से अधिक श्रमिकों द्वारा चकबन्ध कार्य, तालाब व परंपरागत जल स्रोतों का जीर्णोद्धार, व्यक्तिगत लाभार्थ कार्य, कुओं के साफ सफाई तथा वृक्षारोपण के लिए अग्रिम मृदा कार्य कराए जा रहे हैं। इससे कार्य करने वाले हर श्रमिक को एक निश्चित आय हो रही है। अब तक विभिन्न महानगरों से आए करीब 8 हजार प्रवासियों के जॉब कार्ड निर्गत किए जा चुके हैं। इसके अलावा जो भी प्रवासी ग्राम पंचायतों में आ रहे हैं उनकी क्वॉरेंटाइन अवधि समाप्त होने के बाद जॉब कार्ड बनाया जा रहा है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में 2.2 लाख मानव दिवस सृजित किए जा चुके हैं। मानव दिवस, अर्थात एक व्यक्ति अगर दस दिन काम किया तो दस मानव दिवस माना जाता है।
सीडीओ ने बताया कि अन्य विभागों से कन्वर्जेंस कराकर उनके द्वारा कार्य कराया जा रहा है, जिससे अतिरिक्त रोजगार का सृजन हो रहा है। उदाहरण के तौर पर सिंचाई विभाग, वन विभाग, पीडब्ल्यूडी, भूमि संरक्षण विभाग, उद्यान विभाग, बाढ़ खण्ड में श्रमिक लगाए जा रहे हैं।

कोई समस्या हो तो मनरेगा कंट्रोल रूम को करें फोन

सीडीओ श्री सिंह ने बताया कि मनरेगा योजना में कार्य करने के लिए जॉब कार्ड बनाए जाने तथा अन्य किसी प्रकार की समस्या होती है तो उसको प्राथमिकता के आधार पर सुना जा रहा है। इसके लिए जनपद स्तर पर बने मनरेगा सेल में कंट्रोल रूम बना है जिसका नम्बर 05498-220220 है। मनरेगा सम्बन्धी किसी भी समस्या को इस नंबर पर दर्ज करा सकते हैं।

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बलिया

बलिया में बेल्थरा रोड के निजी अस्पताल में गर्भवती महिला और बच्चे की मौत, परिजनों ने किया हंगामा

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बलिया के बेल्थरा रोड के बहोरवां स्थित पूजा अस्पताल में शुक्रवार रात एक गर्भवती महिला और उसके बच्चे की मौत हो गई, जिसके बाद क्षेत्र में तनाव फैल गया। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें ऑपरेशन से पहले दो लाख रुपए जमा करने के लिए मजबूर किया और एक कागज पर हस्ताक्षर भी करवाए। इसके बाद अस्पताल ने परिजनों को बाहर कर दिया और जब काफी समय तक कोई सूचना नहीं मिली, तो पता चला कि अस्पताल का स्टाफ और डॉक्टर चोरी-छिपे वहां से फरार हो गए थे।

इस घटना के बाद नाराज मृतका के परिवार ने अस्पताल में तोड़फोड़ की। उभांव थाना प्रभारी, राजेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि पीड़ित परिवार ने अब तक न तो कोई औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है और न ही शव को पोस्टमार्टम के लिए सौंपा है।

स्वास्थ्य विभाग की डिप्टी सीएमओ, डॉ. पद्मावती ने कहा कि पूजा अस्पताल के खिलाफ पहले भी शिकायतें प्राप्त हो चुकी हैं और विभाग ने दो बार छापेमारी भी की थी, लेकिन हर बार अस्पताल बंद पाया गया। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि इस नई शिकायत पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।

वहीं, बेल्थरा रोड में कई अवैध अस्पताल बिना किसी निगरानी के संचालित हो रहे हैं, जो केवल चिकित्सकों की होर्डिंग्स के जरिए मरीजों को आकर्षित करते हैं। स्वास्थ्य विभाग इस समस्या से भली-भांति अवगत होने के बावजूद अब तक प्रभावी कदम नहीं उठा सका है।

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बलिया

बलिया में आधी रात को कलेक्ट्रेट के बाहर दो महिलाओं का धरना, दबंगों से जमीन कब्जाने का आरोप

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उत्तर प्रदेश के बलिया से एक अनोखा मामला सामने आया है, जिसने प्रशासनिक अधिकारियों को चौका दिया। रात के समय जिला मुख्यालय के कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर दो महिलाएं बैठी हुई मिलीं, जिससे वहां मौजूद लोग हैरान रह गए। जैसे ही पुलिसकर्मियों ने यह देखा, उन्होंने तुरंत अधिकारियों को सूचित किया और एसडीएम भी मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने महिलाओं से इस अप्रत्याशित स्थिति के बारे में पूछा तो जो जवाब मिला, वह उनकी नींद उड़ा देने वाला था।

यह घटना देर रात लगभग 11 बजे की है, जब बांसडीह तहसील के देवरार गांव की दो महिलाएं कलेक्ट्रेट ऑफिस के बाहर धरना देने पहुंची थीं। महिलाओं का आरोप था कि उन्हें जो पट्टा जमीन आवंटित की गई थी, उस पर स्थानीय दबंगों ने कब्जा कर लिया है। इसके बावजूद जब उन्होंने अपनी शिकायत की, तो कोई कार्रवाई नहीं हुई।

अधिकारियों ने तुरंत महिलाओं को शांत करने की कोशिश की, लेकिन वे अपनी मांगों पर अड़ी रही और किसी भी स्थिति में वहां से जाने को तैयार नहीं हुईं। इस घटना ने अधिकारियों के बीच हड़कंप मचाया और उन्हें यह समझ में आया कि स्थिति को गंभीरता से लेने की जरूरत है।

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बलिया में मोबाइल इस्तेमाल करने से मना किए जाने पर छात्रा ने दे दी जान !

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बलिया जिले में दो अलग-अलग घटनाओं में दो महिलाओं ने आत्महत्या कर ली। पहली घटना जिले के दुबहर थाना क्षेत्र से सामने आई जहां एक हाईस्कूल की छात्रा ने कथित तौर पर मोबाइल फोन का उपयोग करने से मना किए जाने के बाद आत्महत्या कर ली।

दुबहर थाना के प्रभारी निरीक्षक के अनुसार घटना के समय उनके घर पर केवल छात्रा की मां मौजूद थीं। एसएचओ ने कहा कि छात्रा अपनी आगामी परीक्षाओं के लिए पढ़ाई के दौरान अपने मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रही थी और उसकी मां ने उसे इसके लिए डांटा था।

वहीं दूसरी घटना सुखपुरा थाना क्षेत्र  में हुई, जहां 65 वर्षीय अनिता देवी ने अपने घर के एक कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

पुलिस के अनुसार, अनिता देवी का अपने बेटे के साथ विवाद चल रहा था, जिसकी शिकायत पहले थाने में की गई थी। पुलिस दोनों मामलों की जांच कर रही है।

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