featured
‘लिविंग लिजेंड्स ऑफ बलिया’- उपसभापति ने लेखक अतुल राय और रंगकर्मी आशीष त्रिवेदी को सराहा

बलिया: ‘लिविंग लीजेंड्स ऑफ बलिया’ फोरम के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ‘ रोल ऑफ लिविंग लिजेंड्स इन द होलिस्टि डेवेलपमेंट’ का आयोजन बुधवार को विश्वविद्यालय सभागार में हुआ। इसमें ‘लिजेंड्स ऑफ बलिया’ के सम्मानित सदस्यों में एक राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह व प्रसिद्ध मौसम वैज्ञानिक प्रो. जगदीश शुक्ल को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इन दोनों लिजेंड्स की उपलब्धियों की भी जानकारी सभागार में मौजूद लोगों को दी गयी।
इस अवसर पर आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए प्रो. शुक्ल ने कहा कि कोई भी संस्था समाज को बदलने में सहायक होती है। इस दिशा में बेहतर कार्य करने के लिए आपने विवि परिवार को धन्यवाद दिया। बताया कि मैं आइंस्टीन व गांधी का फैन हूँ। उन्होंने कहा कि बलिया में पहले इंडस्ट्रीज थीं, पर आज बंद हैं। इस दिशा में हम सबको सोचना होगा। यहाँ कृषि के क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाएं हैं। सुरहा ताल यहाँ के लिए एक बड़ा संसाधन है। प्रो.शुक्ल ने सुझाव दिया कि बड़े विश्वविद्यालय अपने यहाँ फाउंडेशन भी स्थापित करते हैं, उसी प्रकार यहाँ भी सोसाइटी विकसित कर काम हो तो यह एक बेहतर पहल होगी। यहाँ के नागरिकों की एक स्थायी कमेटी हो, जिसमें कृषि, विज्ञान, पर्यावरण समेत हर क्षेत्र से जुड़े लोग हों। उस कमेटी की हमेशा मीटिंग हो और बलिया के विकास पर चर्चा हो। ऐसा होने से नई सोच विकसित होती रहेगी।
बलिया के चहुँमुखी विकास में विवि दर्ज कराए सकारात्मक भूमिका
उपसभापति हरिवंश जी ने अपने जीवन के तमाम अनुभवों व संघर्ष के दिनों के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर व बसन्तपुर गाँव से जुड़े अपने रिश्तों को भी साझा किया। कहा कि बलिया की भूमि ऋषियों, विद्वानों व बागियों की धरती है। यहां एक अलग तरह की ऊर्जा है। चंद्रशेखर जैसी ज्वाला फिर यहाँ से निकले, ऐसा विश्वविद्यालय के माध्यम से कैसे हो, इस पर विचार करने की आवश्यकता है। नए भारत की रूपरेखा बनाने में उच्च शिक्षा का सबसे बेहतर योगदान हो सकता है। उन्होंने विशेष जोर देकर कहा कि पर्यावरण संरक्षण में, नवीन कृषि के क्षेत्र में, गाँवों को बेहतर बनाने में, ग्रामीण पर्यटन विकसित करने में, बलिया में पंजाब जैसी कृषि का विकास करने में विश्वविद्यालय अपनी भूमिका दर्ज कराए तो देश व पर्यावरण हित में बेहतर पहल होगी। उन्होंने कहा कि पहले दुनिया विचारों से संचालित होती थी, आज तकनीक से संचालित हो रही है। 2014 के बाद केंद्र सरकार ने तकनीकी क्षेत्र में अद्भुत काम किये हैं।
अतुल राय, आशीष त्रिवेदी की सराहना की
उपसभापति हरिवंश नारायण ने युवा साहित्यकार अतुल राय की किताब ‘चाँदपुर की चंदा’ जिक्र करते हुए कहा कि आप यह किताब जरूर पढ़ें। गांव की मनःस्थिति को जानने समझने के लिए ऐसी किताबें पढ़नी चाहिए। आपने नुक्कड़-नाटक के जरिए लोगों में बेहतर सोच के प्रति जागरूक करने वाले आशीष त्रिवेदी की भी खुली सराहना मंच से की। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो.कल्पलता पाण्डेय ने अपने उद्बोधन में विश्वविद्यालय की ओर से कृषि, पर्यटन, पौराणिक व अन्य क्षेत्र में की जा रही पहल को विस्तार से बताया। कहा कि यहाँ के बागीपन की ऊर्जा सकारात्मक दिशा में लग जाए तो बलिया का कोई सानी नहीं है। उन्होंने बलिया के जलजमाव व अन्य मूलभूत समस्याओं से भी अवगत कराया और समाधान की पहल पर बल दिया। मंगलाचरण एवं कुलगीत की प्रस्तुति प्रद्युम्न उपाध्याय, संचालन डाॅ प्रमोद शंकर पाण्डेय एवं धन्यवाद ज्ञापन डाॅ अजय कुमार चौबे ने किया।प्रथम तकनीकी सत्र ‘पर्यटन के आलोक में बलिया की ऐतिहासिक- सांस्कृतिक विरासत’ विषय पर केंद्रित था। इस सत्र में मेवाड़ विवि के प्रति कुलपति श्री आनंद वर्धन शुक्ल, दुबे छपरा महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डाॅ. गणेश पाठक एवं परिसर के इतिहास प्राध्यापक शैलेंद्र सिंह ने अपने व्याख्यान दिये। इस सत्र की अध्यक्षता प्रो अशोक कुमार सिंह, संकायाध्यक्ष, समाजविज्ञान, संचालन डाॅ सरिता पाण्डेय एवं धन्यवाद ज्ञापन डाॅ प्रियंका सिंह ने किया। इस कार्यक्रम में प्रो प्रतिभा पाण्डेय, प्रो जे पी एन पाण्डेय, प्रो आर के चौबे, डाॅ अवनींद्र सिंह, श्री निर्भय नारायण सिंह आदि लिविंग लिजेंड्स, प्रो आर एन मिश्र, प्रो नीरजा सिंह, प्रो अखिलेश राय, प्रो जैनेंद्र पाण्डेय, प्रो अरविंद नेत्र पाण्डेय प्रो देवेंद्र सिंह, प्रो साहेब दूबे, प्रो ओ पी सिंह, डाॅ पुष्पा मिश्रा आदि प्राध्यापक, विवि के कर्मचारी उपस्थित रहे।













featured
बलिया में गंगा स्नान के दौरान हादसा, युवक डूबा, तलाश जारी

बलिया के शिवपुर घाट पर शुक्रवार को गंगा स्नान के दौरान एक दर्दनाक हादसा हो गया। बिहार के रोहतास जिले के रहने वाले आकाश साहू गंगा में नहाते समय गहरे पानी में डूब गए।
बताया जा रहा है कि आकाश पिछले दो-तीन महीनों से दुबहर थाना क्षेत्र के माधवमठ गांव में अपने रिश्तेदार गोवर्धन साहू के घर ठहरे हुए थे। शुक्रवार को वह अपने एक अन्य रिश्तेदार के साथ श्रीरामपुर घाट पर गंगा स्नान करने पहुंचे थे। स्नान के दौरान अचानक संतुलन बिगड़ने से वह गहरे पानी में चले गए और देखते ही देखते लापता हो गए।
घटना की खबर मिलते ही घाट पर अफरा-तफरी मच गई। आसपास के लोग और आकाश के परिजन चीख-पुकार करते हुए मौके पर पहुंच गए। पुलिस भी तत्काल घटनास्थल पर पहुंची और स्थानीय मल्लाहों तथा ग्रामीणों की मदद से युवक की तलाश शुरू कर दी गई। हालांकि, काफी देर तक प्रयासों के बावजूद आकाश का कुछ पता नहीं चल सका।
featured
बलिया के बेल्थरारोड में दिनदहाड़े महिला से ठगी, लॉकेट और कान के टॉप्स उड़ा ले गए चोर

बेल्थरा रोड क्षेत्र में मंगलवार को दिनदहाड़े एक महिला से ठगी की सनसनीखेज वारदात सामने आई है। घटना चौधरी चरण सिंह तिराहे पर उस समय हुई जब फुलनी देवी, निवासी अटवा, तुर्तीपार, अपने भांजे की शादी से इंदारा, मऊ से लौटकर ऑटो का इंतजार कर रही थीं।
इसी दौरान एक युवक ने उनसे बातचीत शुरू की। तभी एक अन्य युवक वहां से गुजरा और उसका रुमाल गिर गया। तीसरे युवक ने रुमाल उठाया और कुछ ही देर में एक चौथा व्यक्ति आया, जिसने रुमाल में बड़ी रकम होने का दावा किया। चारों ने मिलकर महिला को बातचीत में उलझाया और एक रुमाल सुंघा दिया। बेहोशी की हालत में महिला के गहने — सिकड़ी, लॉकेट और कान के टॉप्स — चुरा लिए गए।
होश में आने के बाद पीड़िता ने तुरंत 112 पर कॉल कर पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची, महिला का बयान दर्ज किया और मामले की जांच शुरू कर दी है।
स्थानीय लोगों ने क्षेत्र में बढ़ती ऐसी घटनाओं पर चिंता जताते हुए गश्त बढ़ाने की मांग की है। गौरतलब है कि इस इलाके में पहले भी कई महिलाएं इसी तरह की ठगी का शिकार हो चुकी हैं, लेकिन आरोपी अब तक पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।
featured
बलिया में फ्रंट ऑफिस खोलने के प्रस्ताव का विरोध, स्टांप वेंडर और दस्तावेज लेखक धरने पर बैठे

उत्तर प्रदेश के बलिया ज़िले में रजिस्ट्री कार्यालय में फ्रंट ऑफिस खोले जाने के प्रस्ताव के खिलाफ विरोध तेज़ हो गया है। शनिवार को स्टांप वेंडरों और दस्तावेज़ लेखकों ने उप निबंधक कार्यालय परिसर में धरना दिया और प्रस्ताव का विरोध जताया।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इस कदम से रजिस्ट्री कार्यालय का निजीकरण बढ़ेगा, जिससे उनका पारंपरिक रोजगार खतरे में पड़ जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि पहले ही लगभग 85 प्रतिशत स्टांप वेंडर बेरोजगार हो चुके हैं और फ्रंट ऑफिस खुलने से लाखों परिवारों की रोज़ी-रोटी पर संकट आ सकता है।
इस मुद्दे को लेकर प्रदर्शनकारियों ने ज़िलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा है। उन्हें स्थानीय अधिवक्ता संघ का समर्थन भी प्राप्त हो गया है। वेंडरों और दस्तावेज़ लेखकों ने सरकार से मांग की है कि फ्रंट ऑफिस में उनकी भूमिका को स्पष्ट किया जाए और उन्हें राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाए।
प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया तो आंदोलन को और उग्र रूप दिया जाएगा। उन्होंने सरकार से फ्रंट ऑफिस खोलने का प्रस्ताव तत्काल वापस लेने की अपील की है।
-
featured2 weeks ago
बलिया के फेफना में बस्ती में लगी भीषण आग, दर्जनों परिवार बेघर, लाखों की संपत्ति खाक
-
featured1 week ago
बलिया में आंगनवाड़ी नियुक्तियों में फर्जीवाड़ा उजागर, दो नियुक्तियां रद्द, लेखपाल पर होगी कार्रवाई
-
बलिया2 weeks ago
बलिया के चंदायर में भीषण आग से उजड़े परिवारों को मिला मनोज और विनोद राजभर का सहारा
-
बलिया1 week ago
बलिया में शादी में हर्ष फायरिंग से दो घायल, एक की हालत गंभीर
-
featured3 weeks ago
पहलगाम में हुई टारगेट किलिंग के विरोध में बलिया में प्रदर्शन, पाकिस्तान का पुतला फूंका
-
featured2 weeks ago
बलिया में लू की स्थिति, अधिकतम तापमान 42 डिग्री तक पहुंचा
-
featured1 week ago
बलिया में फ्रंट ऑफिस खोलने के प्रस्ताव का विरोध, स्टांप वेंडर और दस्तावेज लेखक धरने पर बैठे
-
बलिया1 week ago
बलिया में ऐश्प्रा की शानदार पहल, वर्षों से बंद पड़े आरओ सिस्टम को कराया शुरू !