दुनिया
कोरोना को लेकर जानें क्या चेतावनी दे रहे वैज्ञानिक, सुनकर खिसक जाएगी पैरों तले जमीन
कोरोना वायरस को लेकर इस समय जहां पूरी दुनिया में सहमे हुए हैं, वहीं सरकारें भी अपने-अपने देश को बचाने को लेकर खासे चिंतित है. चूंकि कोरोना का अब तक कोई सटिक उपचार ईजाद नहीं हुआ, लिहाजा अब इसे लेकर वैज्ञानिक भी चेतावनी जारी किए हैं. आइए जानतें है कि कोरोना को लेकर दुनिया के वैज्ञानिक क्या कह रहे है.
– हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में महामारी विशेषज्ञ और स्टडी के लेखक मार्क लिपसिच ने कहा, संक्रमण दो चीजें होने पर फैलता है- एक संक्रमित व्यक्ति और दूसरा कमजोर इम्यून वाले लोग. जब तक कि दुनिया की ज्यादातर आबादी में वायरस के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित नहीं हो जाती है, तब तक बड़ी आबादी के इसके चपेट में आने की आशंका बनी रहेगी. वैक्सीन या इलाज ना खोजे जा पाने की स्थिति में 2025 में कोरोना वायरस फिर से पूरी दुनिया को अपनी जद में ले सकता है. महामारी विशेषज्ञ मार्क का कहना है कि वर्तमान में कोरोना वायरस से संक्रमण की स्थिति को देखते हुए 2020 की गर्मी तक महामारी के अंत की भविष्यवाणी करना सही नहीं है.
– यूके सरकार की वैज्ञानिक सलाहकार समिति ने सुझाव दिया था कि अस्पतालों पर मरीजों का बोझ बढ़ने से रोकने के लिए लंबे वक्त तक फिजिकल डिस्टेंसिंग बनाए रखने की जरूरत है. समिति ने कहा कि देश में करीब एक साल तक सरकार को कभी सख्ती तो कभी थोड़ी ढील के साथ सोशल डिस्टेंसिंग के नियम जारी रखने चाहिए. शोध के मुताबिक, नए इलाज, वैक्सीन के आने और स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर होने की स्थिति में फिजिकल डिस्टेंसिंग अनिवार्य नहीं रह जाएगा लेकिन इनकी गैर-मौजूदगी में देशों को 2022 तक सर्विलांस और फिजिकल डिस्टेंसिंग लागू करनी पड़ सकती है. शोधकर्ताओं ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर अभी कई रहस्य सुलझे नहीं हैं, ऐसे में बहुत लंबे वक्त के लिए इसकी सटीक भविष्यवाणी कर पाना मुश्किल है. अगर लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता स्थायी हो जाती है तो कोरोना वायरस पांच सालों या उससे ज्यादा लंबे समय के लिए गायब हो जाएगा. अगर लोगों की इम्युनिटी सिर्फ एक साल तक कायम रहती है तो बाकी कोरोना वायरसों की तरह सालाना तौर पर इस महामारी की वापसी हो सकती है.
– शोधकर्ता लिपसिच ने कहा, इस बात की ज्यादा संभावनाएं हैं कि दुनिया को करीब एक साल के लिए आंशिक सुरक्षा हासिल हो जाए. जबकि वायरस के खिलाफ पूरी तरह सुरक्षा हासिल करने के लिए कई साल लग सकते हैं. फिलहाल, हम सिर्फ कयास ही लगा सकते हैं. सभी परिस्थितियों में ये बात तय है कि एक बार का लॉकडाउन कोरोना को खत्म करने के लिए काफी नहीं होगा. पाबंदियां हटते ही कोरोना वायरस का संक्रमण फिर से पैर पसार लेगा.
– यूनिवर्सिटी ऑफ रीडिंग में सेल्युलर माइक्रोबायोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. सिमन क्लार्क ने द इंडिपेंडेट से बातचीत में कहा कि कोरोना वायरस के एंडगेम की तारीख बताना असंभव बात है. उन्होंने कहा, अगर कोई आपको कोरोना वायरस के अंत की तारीख बता रहा है तो इसका मतलब है कि वे क्रिस्टल बॉल देखकर भविष्यवाणी कर रहे हैं. सच्चाई तो यह है कि कोरोना वायरस फैल चुका है और अब यह हमारे साथ हमेशा के लिए रहने वाला है.
– साउथहैम्पटन यूनिवर्सिटी में ग्लोबल हेल्थ के शोधकर्ता माइकल हेड का कहना है कि कोरोना वायरस के बारे में कोई भी अंदाजा लगाना मुश्किल है. ये बिल्कुल नया वायरस है और दुनिया भर में महामारी का रूप धारण कर चुका है. उन्होंने कहा कि आने वाले कुछ महीनों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में गिरावट देखने को मिल सकती है. हालांकि, सर्दी के आते ही कोरोना वायरस के मामले फिर से बढ़ सकते हैं क्योंकि उस वक्त फ्लू भी दस्तक दे देगा.
– इंपीरियल कॉलेज लंदन के प्रोफेसर नील फार्ग्युसन के मुताबिक, सोशल डिस्टेंसिंग जैसे कदम संक्रमण की धीमी रफ्तार के लिए बहुत जरूरी हैं.जब तक वैक्सीन नहीं आ जाती, तब तक बड़े पैमाने पर सोशल डिस्टेंसिंग की जरूरत बनी रहेगी. कॉलेज की ही एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि कोरोना वायरस की वैक्सीन बनने में करीब 18 महीनों का वक्त लग सकता है.
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भारत–ब्रिटेन नौसेनाओं का संयुक्त अभ्यास ‘कॉनकन’ शुरू, चार दिनों तक चलेगा समुद्री शक्ति प्रदर्शन
ब्रिटेन के ‘कैरियर स्ट्राइक ग्रुप’ (CSG) ने भारतीय नौसेना के साथ मिलकर पश्चिमी हिंद महासागर में द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास ‘कॉनकन’ की शुरुआत की है। यह अभ्यास 5 अक्टूबर से शुरू हुआ है, जिसकी अगुवाई ब्रिटिश विमानवाहक पोत HMS Prince of Wales कर रहा है।
‘कॉनकन’ अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों की नौसेनाओं की संयुक्त समुद्री और वायु क्षमता को बढ़ाना है। यह पहला मौका है जब भारत और ब्रिटेन के दोनों कैरियर स्ट्राइक ग्रुप—ब्रिटिश ‘HMS Prince of Wales’ और भारतीय INS विक्रांत—एक साथ समुद्री अभ्यास कर रहे हैं। यह अभ्यास चार दिनों तक चलेगा, जिसमें पनडुब्बियों और विभिन्न विमानों की भी भागीदारी होगी।
ब्रिटेन का कैरियर स्ट्राइक ग्रुप वर्तमान में ‘ऑपरेशन हाईमास्ट’ के तहत आठ महीने की वैश्विक तैनाती पर है। अभ्यास समाप्त होने के बाद ब्रिटिश नौसेना के जहाज मुंबई और गोवा के बंदरगाहों का दौरा करेंगे। इस दौरान ब्रिटिश प्रतिनिधिमंडल भारत के साथ रक्षा संबंधों के साथ-साथ व्यापार और सांस्कृतिक साझेदारी को भी रेखांकित करेगा।
ब्रिटिश उच्चायुक्त लिंडी कैमरन ने कहा, “यूके और भारत एक मुक्त और खुले इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के पक्षधर हैं। हमारी दोनों नौसेनाओं के बीच यह सहयोग हमारे साझा विज़न 2035 के रक्षा साझेदारी के संकल्प को मज़बूती देता है।”
ब्रिटिश नौसेना के रक्षा सलाहकार कॉमोडोर क्रिस सॉन्डर्स ने कहा, “भारत और ब्रिटेन दोनों कैरियर संचालन करने वाले देश हैं। यह अभ्यास हमारे बीच जटिल बहु-क्षेत्रीय अभियानों में प्रशिक्षण और अनुभव साझा करने का अनूठा अवसर है।”
यूके कैरियर स्ट्राइक ग्रुप के कमांडर कॉमोडोर जेम्स ब्लैकमोर ने कहा, “भारतीय नौसेना के साथ फिर से काम करना शानदार है। यह साझेदारी हमारे सामूहिक समुद्री संचालन क्षमता को बढ़ाने में मदद करेगी।”
बंदरगाह दौरे के बाद, ब्रिटिश कैरियर स्ट्राइक ग्रुप भारतीय वायुसेना के साथ हवाई रक्षा अभ्यास में भी हिस्सा लेगा, जिससे दोनों सेनाएं अपनी रणनीतियों और तकनीकों का आदान-प्रदान कर सकेंगी।
‘कॉनकन’ अभ्यास 2004 से द्विवार्षिक रूप से आयोजित किया जा रहा है और यह भारत-ब्रिटेन की बढ़ती सामरिक साझेदारी का एक प्रमुख उदाहरण है।
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उत्तर प्रदेश के युवाओं को UK में पढ़ाई का सुनहरा मौका!
लखनऊ, 19 अगस्त। यूनाइटेड किंगडम (UK) सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच एक अहम समझौता (MoU) हुआ है जिसके तहत राज्य के छात्रों को प्रतिष्ठित Chevening Scholarship Programme का लाभ मिलेगा।
समझौते के अनुसार, उत्तर प्रदेश से हर साल 15 छात्रों को UK में एक साल की मास्टर डिग्री के लिए पूरी आर्थिक सहायता दी जाएगी।
यह MoU आज लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भारत में ब्रिटिश हाई कमिश्नर लिंडी कैमरन की मौजूदगी में हस्ताक्षरित हुआ।
Chevening स्कॉलरशिप का महत्व
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भारत में Chevening कार्यक्रम दुनिया का सबसे बड़ा है।
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1983 से अब तक 3,900 से अधिक भारतीय स्कॉलर्स और फेलोज़ को इसका लाभ मिल चुका है।
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इस कार्यक्रम का मकसद युवा प्रतिभाओं को विश्वस्तरीय शिक्षा और नेटवर्क उपलब्ध कराना है, ताकि वे भारत लौटकर समाज और देश के विकास में योगदान दें।
ब्रिटिश हाई कमिश्नर लिंडी कैमरन का बयान
उन्होंने कहा, “UK पढ़ाई के लिए एक बेहतरीन जगह है। उत्तर प्रदेश सरकार के साथ यह नई साझेदारी राज्य के और भी प्रतिभाशाली युवाओं को विश्वस्तरीय शिक्षा का अनुभव दिलाएगी। Chevening Alumni भारत और UK के बीच ‘Living Bridge’ की तरह काम करते हैं और दोनों देशों को वैश्विक चुनौतियों का समाधान खोजने में जोड़ते हैं।”
UK-India Vision 2035 के तहत दौरा
हाई कमिश्नर लिंडी कैमरन इस समय एक दिवसीय दौरे पर लखनऊ में हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ शिक्षा, व्यापार और निवेश से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की। हाल ही में जुलाई 2025 में UK और भारत के बीच Free Trade Agreement (FTA) पर हस्ताक्षर होने के बाद यह सहयोग और गहरा हुआ है।
अधिक जानकारी और आवेदन के लिए देखें: www.chevening.org/apply
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भारत-यूके ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर, ‘विज़न 2035’ और £5 बिलियन के निवेश सौदे हुए घोषित
नई दिल्ली/लंदन, 24 जुलाई 2025
भारत और यूनाइटेड किंगडम (UK) के बीच आज एक ऐतिहासिक दिन रहा, जब दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने ‘इंडिया-UK विज़न 2035’ नीति पत्र को मंजूरी दी और व्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौते (CETA) पर औपचारिक हस्ताक्षर किए। यह समझौता दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश, तकनीक और रणनीतिक सहयोग को अगले दशक में नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।
मुख्य घोषणाएं और समझौते:
भारत-यूके विज़न 2035:
भारत और यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्रियों द्वारा संयुक्त रूप से अनुमोदित ‘भारत–यूके विज़न 2035’ नीति पत्र दोनों देशों के दीर्घकालिक द्विपक्षीय सहयोग के लिए एक रणनीतिक खाका प्रस्तुत करता है। यह दस्तावेज़ आगामी दशक के लिए साझेदारी के प्रमुख क्षेत्रों को चिन्हित करता है और साझा लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए रूपरेखा निर्धारित करता है।
इस विज़न डॉक्यूमेंट में जिन प्रमुख क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है, उनमें ये प्रमुख बातें शामिल हैं
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व्यापार और निवेश: मुक्त व्यापार, उद्यमिता और बाजारों तक पारस्परिक पहुंच को बढ़ावा देना।
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शिक्षा और कौशल विकास: छात्रों, शोधकर्ताओं और शैक्षणिक संस्थानों के बीच सहयोग बढ़ाना और नई पीढ़ी के लिए ग्लोबल अवसर सृजित करना।
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रक्षा और रणनीतिक साझेदारी: समुद्री सुरक्षा, रक्षा उत्पादन और खुफिया सहयोग के क्षेत्र में साझा पहल करना।
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जलवायु परिवर्तन और सतत विकास: स्वच्छ ऊर्जा, हरित प्रौद्योगिकियों और जलवायु वित्त में संयुक्त परियोजनाएं चलाना।
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तकनीक और नवाचार: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सुरक्षा, क्वांटम टेक्नोलॉजी और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर में अनुसंधान एवं विकास को प्रोत्साहन देना।
यह नीति दस्तावेज़ इस बात का प्रमाण है कि भारत और यूके दोनों ही अपने द्विपक्षीय संबंधों को केवल आर्थिक साझेदारी तक सीमित न रखते हुए, उन्हें वैश्विक स्थिरता और नवाचार की दिशा में एक रणनीतिक सहयोग के रूप में देख रहे हैं।

व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता (CETA):
बहुप्रतीक्षित Comprehensive Economic and Trade Agreement (CETA) पर आज औपचारिक रूप से हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते के तहत:
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व्यापार पर लगने वाले शुल्कों में बड़ी कटौती होगी
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दोनों देशों के लिए सेवाओं, वस्तुओं और डिजिटल व्यापार के रास्ते और आसान बनेंगे
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निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा और कानूनी संरक्षण में सुधार होगा
व्यापार समझौते का प्रभाव मूल्यांकन:
सरकार ने इस समझौते के संभावित प्रभावों को लेकर एक विशेष मूल्यांकन रिपोर्ट भी जारी की है। रिपोर्ट के अनुसार:
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यूके की अर्थव्यवस्था को प्रति वर्ष अरबों पाउंड का लाभ हो सकता है
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भारत में रोजगार सृजन और तकनीकी ट्रांसफर में तेजी आएगी
टेक्नोलॉजी सिक्योरिटी इनिशिएटिव की वर्षगांठ:
UK-India Technology Security Initiative की पहली वर्षगांठ पर दोनों देशों ने एक संयुक्त बयान जारी कर तकनीकी सहयोग को और मजबूत करने का संकल्प लिया। इसमें क्वांटम कंप्यूटिंग, 5G सुरक्षा, साइबर नीति और डेटा प्रोटेक्शन के क्षेत्रों में सहयोग शामिल है।
प्रमुख निवेश और कॉर्पोरेट सौदे:
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एयरबस और रोल्स-रॉयस ने भारतीय विमानन कंपनियों के साथ करीब £5 बिलियन (लगभग ₹53,000 करोड़) के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं।
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यह सौदे विमानों की आपूर्ति, इंजनों की मरम्मत और दीर्घकालिक तकनीकी साझेदारी से संबंधित हैं।
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इसके अतिरिक्त कई अन्य व्यापार और निवेश समझौनों की सूची भी आज जारी की गई है।
संशोधित आधिकारिक बयान:
यूके के व्यापार और उद्योग सचिव जोनाथन रेनॉल्ड्स ने अपने बयान में कहा “भारत के साथ यह ऐतिहासिक व्यापार समझौता हमारे द्विपक्षीय संबंधों को एक नई ऊँचाई देगा। इससे दोनों देशों को आर्थिक समृद्धि और तकनीकी सशक्तिकरण मिलेगा।”
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