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संपादकीय : “धार्मिक शोर में दब गई बलिया की सच्चाई”

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बलिया। देश की सियासत में इन दिनों एक अजीब सी प्रवृत्ति देखने को मिल रही है, जब भी कोई ज़िम्मेदार नेता अपनी नाकामियों से घिरता है, वह जनता का ध्यान बंटाने के लिए धर्म या सांप्रदायिक बयानबाज़ी का सहारा लेता है।राजनीति में यह कोई नई बात नहीं है। लेकिन जब यह ऐसी बातें ज़मीनी हकीकत से ध्यान भटकाने का ज़रिया बन जाए, तो समझ लीजिए कि व्यवस्था ने आमजन से मुँह मोड़ लिया है।

बलिया की हालिया घटनाएं इसका एक जीता जागता उदाहरण हैं। समाजवादी पार्टी के विधायक ज़ियाउद्दीन रिज़वी के कावड़ यात्रा पर दिए बयान ने धार्मिक भावनाओं को झकझोर दिया। रिज़वी की टिप्पणी से काफी बवाल मच गया। भारत जैसे मुल्क में, जहां हर मज़हब के लोग रहते हैं, ऐसे स्टेटमेंट्स से सोशल हार्मनी पर गहरा असर पड़ता है। ऐसे समय में जब पूरा देश अमन-चैन और भाईचारे की ओर देख रहा है, एक जनप्रतिनिधि द्वारा इस तरह की बयानबाज़ी न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है बल्कि उनकी ज़िम्मेदारी पर भी सवाल खड़े करता है।

रिज़वी साहब को इस तरह का विवादित बयान देने से पहले एक बार अपनी ही विधानसभा क्षेत्र की ज़मीनी हकीकत पर नज़र डाल लेनी चाहिए थी। विधायक जी को समझाना चाहिए कि लोग उन्हें विवाद खड़ा करने के लिए नहीं, बल्क‍ि डेवलपमेंट के लिए चुनते हैं। उनकी विधानसभा में आज भी कई जगहों पर बुनियादी सुविधाओं का अभाव है, सड़कें जर्जर हालत में हैं, स्वास्थ्य सेवाएं अपर्याप्त हैं।

ऐसे में सवाल उठता है कि क्या एक विधायक का प्राथमिक कर्तव्य लोगों की समस्याओं का समाधान करना नहीं होना चाहिए? धर्म और आस्था के विषयों पर राजनीति करना आसान है, लेकिन ज़मीन पर विकास करना कठिन और चुनौतीपूर्ण कार्य है। ज़ियाउद्दीन रिज़वी को चाहिए कि वे अपने कर्तव्यों पर ध्यान केंद्रित करें और लोगों की उम्मीदों पर खरे उतरें। धार्मिक भावनाओं से खेलने की बजाय, अगर वे विकास की राजनीति करें तो न सिर्फ़ उनके क्षेत्र को लाभ होगा।

उधर, इस बयान पर मंत्री दयाशंकर सिंह ने भी तुरंत तीखा रिएक्शन दे दिया। टीवी और सोशल मीडिया पर ये बयान खूब वायरल हुआ। लेकिन उसी वक्त बलिया के ज़िला अस्पताल में पेशेंट्स को मोबाइल की टॉर्च जलाकर इलाज करवाना पड़ रहा था, क्योंकि हॉस्पिटल में बिजली नहीं थी। जिले के मुख्य हॉस्पिटल में ऐसी सुविधा नहीं है जहाँ हमेशा बिजली रहे और अगर बिजली जाए तो जनरेटर की व्यवस्था हो।

सबसे बड़ी विडंबना ये है कि इस इंसानियत को शर्मसार कर देने वाले सीन पर ना तो रिज़वी कुछ बोले, ना ही दयाशंकर सिंह। बल्कि दोनों साइलेंट हो गए, जैसे कुछ हुआ ही ना हो।

बलिया में दो-दो मंत्री हैं। लेकिन हालत ये है कि ज़िले के हॉस्पिटल अंधेरे में डूबे हुए हैं और इन रियल इशूज़ पर कोई बात नहीं करता क्योंकि इनमें वोट मिलने की संभावना नहीं हैं। क्या इन मंत्रियों ने इस मामले के बाद अस्पताल का औचक निरीक्षण किया? क्या उन्होंने किसी अधिकारी से जवाब तलब किया? जनता को बताया कि इस घटना के बाद क्या कार्रवाई हुई? क्या अस्पताल में बिजली और इलाज की बात चुनाव से कम ज़रूरी हो गई है?

बात यह भी है कि नेता वही बोलते हैं, जो जनता सुनना चाहती है। और जब जनता चुप रहती है, तो नेता मुद्दों से भागते हैं। यही वजह है कि धार्मिक बयान तुरंत सुर्खियाँ बन जाते हैं। यह कहना ग़लत नहीं होगा कि नेताओं की नाकामी के पीछे जनता की चुप्पी सबसे बड़ा कवच बन चुकी है।

जब कोई धार्मिक टिप्पणी होती है, तब लोग सोशल मीडिया पर टूट पड़ते हैं, मोर्चे निकालते हैं, नारे लगाते हैं। लेकिन जब बिजली नहीं होती, दवाइयाँ नहीं मिलतीं, स्कूल बंद होते हैं, तब वही जनता खामोश हो जाती है। क्या अब भी हम यह नहीं समझे कि यह सब एक सियासी रणनीति है? और धर्म, जाति और बयानबाज़ी की आड़ में नेताओं ने जनता को मूल मुद्दों से दूर कर दिया है।

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बी.एन. इंटरनेशनल स्कूल में विज्ञान प्रदर्शनी का भव्य आयोजन

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बलिया। नारायणपुर स्थित बी.एन. इंटरनेशनल स्कूल में शनिवार को विज्ञान प्रदर्शनी का शानदार आयोजन किया गया। विद्यार्थियों ने विज्ञान के विभिन्न आयामों पर आधारित अपने मॉडल प्रदर्शित कर सबको प्रभावित किया। उनकी सृजनशीलता और तकनीकी कौशल को देखकर अतिथि, अभिभावक व आगंतुक मंत्रमुग्ध रह गए।

कार्यक्रम का शुभारंभ क्षेत्र के विख्यात एवं सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता श्री विनोद कुमार सिंह द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य श्री बलविंदर सिंह, अभिभावकों तथा पूर्व छात्रों की उल्लेखनीय उपस्थिति रही, जिन्होंने बच्चों का उत्साहवर्धन किया।

प्राचार्य श्री बलविंदर सिंह ने कहा कि इस प्रकार की गतिविधियाँ छात्रों में नवाचार, शोध क्षमता और वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देती हैं। विद्यालय प्रबंधन ने सभी अतिथियों व प्रतिभागी छात्रों का आभार व्यक्त किया।

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BHU के शिक्षाविद् अजीत सिंह बनें जमुना राम मेमोरियल स्कूल के प्रिंसिपल

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चितबड़ागांव, बलिया।
जमुना राम मेमोरियल स्कूल में शुक्रवार को शिक्षा के नए अध्याय की शुरुआत हुई, जब श्री अजीत कुमार सिंह ने विद्यालय के नए प्रधानाचार्य के रूप में पदभार संभाला। अंग्रेज़ी विषय में स्नातक एवं परास्नातक काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पूर्ण करने वाले श्री सिंह पिछले 15 वर्षों से शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर चुके हैं। उनकी पहचान एक अनुशासित, नवाचारवादी और छात्र केंद्रित शिक्षक के रूप में रही है।

पद ग्रहण के अवसर पर विद्यालय के संस्थापक प्रबंधक प्रो. धर्मात्मा नंद ने उनका स्वागत करते हुए कहा कि—
“विद्यालय को हमेशा एक ऐसे नेतृत्व की आवश्यकता थी, जो शिक्षा को केवल पाठ्यक्रम नहीं बल्कि भविष्य निर्माण के रूप में देखे। हमें विश्वास है कि श्री सिंह के मार्गदर्शन में हमारे बच्चों का सर्वांगीण विकास होगा।”

समारोह में विद्यालय के निदेशक तुषार नंद, सह निदेशक सौम्या प्रसाद, सीनियर ऑडिटर अरविंद चौबे, प्राइमरी कोऑर्डिनेटर नीतू मिश्रा, एवं विद्यालय परिवार के सभी सदस्य मौजूद रहे। कार्यक्रम का कुशल संचालन इरफ़ान अंसारी ने किया।

अपने संबोधन में प्रधानाचार्य श्री अजीत कुमार सिंह ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा “शिक्षा वही है, जो आपको सोचने, समझने और समाज में योगदान देने की शक्ति दे। लक्ष्य बड़ा रखें, प्रयास निरंतर रखें और खुद पर विश्वास कभी मत खोएँ। यह विद्यालय आपकी सफलता की हर सीढ़ी पर आपके साथ खड़ा रहेगा।”

विद्यालय में छात्रों और शिक्षकों के बीच नए प्रधानाचार्य के आगमन से उत्साह, विश्वास और नई उम्मीदों का संचार स्पष्ट रूप से देखने को मिला। सभी को भरोसा है कि आने वाले वर्षों में विद्यालय प्रगति के नए आयाम स्थापित करेगा।

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फेफना खेल महोत्सव : कबड्डी फाइनल में जमुना राम मेमोरियल स्कूल की बेटियों का दमदार प्रदर्शन

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बलिया, 3 दिसंबर 2025। फेफना खेल महोत्सव 2025 के तहत आज बालिका वर्ग की कबड्डी प्रतियोगिता का फाइनल मुकाबला रोमांच और जोश से भरपूर रहा। खिताबी जंग जमुना राम मेमोरियल स्कूल, चितबड़ागांव और मर्चेंट इंटर कॉलेज, बलिया के बीच खेली गई।

कड़े संघर्ष से भरे इस मैच में जमुना राम मेमोरियल स्कूल की बालिकाओं ने शानदार कौशल, साहस और टीमवर्क का परिचय दिया। अंतिम मिनटों तक चले रोमांचक मुकाबले में शानदार प्रदर्शन करते हुए टीम ने उपविजेता का खिताब हासिल किया।

पूर्व खेल मंत्री ने बढ़ाया खिलाड़ियों का उत्साह

फाइनल मुकाबले में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे पूर्व खेल मंत्री श्री उपेंद्र तिवारी ने दोनों टीमों से भेंट कर उनका हौसला बढ़ाया। मैच के बाद उन्होंने विजेता और उपविजेता टीमों को मेडल व ट्रॉफी प्रदान कर सम्मानित किया।

विद्यालय परिवार में उत्सव जैसा माहौल

विद्यालय के प्रबंधक निदेशक इंजीनियर तुषार नंद ने छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि बेटियों का यह प्रदर्शन स्कूल के लिए गर्व की बात है।
प्रधानाचार्य अरविंद चौबे और क्रीड़ा शिक्षक सरदार मोहम्मद अफजल ने भी टीम की उपलब्धि पर खुशी व्यक्त करते हुए खिलाड़ियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

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