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डीएम बोलीं, जनता की हर समस्या का होगा समाधान, नौकरी को खिलवाड़ समझने वाले अधिकारी नपेंगे

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बलिया डेस्क :  बलिया डीएम अदिति सिंह ने चार्ज लेते हुए अपने सख्त तेवर में नजर आईं। कलेक्ट्रेट सभागार में सोमवार को विकास कार्यक्रमों की समीक्षा बैठक में उन्होंने  जनशिकायतों के निस्तारण में समय व गुणवत्ता का विशेष ध्यान रहे। कोई भी शिकायत डिफाल्टर की श्रेणी में नहीं जानी चाहिए। सभी अधिकारी तीन दिन के अंदर आईजीआरएस पोर्टल पर लम्बित जनशिकायतों का निस्तारण सुनिश्चित कराएं। भी अधिकारियों से विभागीय कार्यों की अद्यतन प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिया कि निर्माणाधीन सामुदायिक शौचालय व पंचायत भवनों को जल्द पूर्ण करा लिया जाए।

सभी बीडीओ को निर्देश दिया कि मनरेगा से होने वाले कार्यों में महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार दिया जाए। सार्वजनिक वितरण प्रणाली, राशन उठान आदि के बारे में जिला पूर्ति अधिकारी से पूछताछ की। लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता को निर्देश दिया कि सड़क, सेतु एवं अप्रोच मार्ग के निर्माण कार्य में तेजी बनाए रखें। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ हर पात्र को दिलाना सुनिश्चित किया जाए। किसान क्रेडिट कार्ड के लाभार्थियों की तहसीलवार रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश उप निदेशक कृषि को दिया। यह भी निर्देश दिया कि जनपद में बने गो-आश्रय स्थलों पर समय-समय पर निरीक्षण होता रहे। कहीं भी व्यवस्था में कमी नहीं होनी चाहिए।

सीएचसी-पीएचसी पर बायोमेट्रिक हाजिरी लगाई जाए

सीएमओ डॉ राजेन्द्र प्रसाद से चिकित्सा व्यवस्था व निर्माणाधीन भवन से संबंधित जानकारी ली। स्वास्थ्य कर्मियों की समय से उपस्थिति सुनिश्चित कराने पर बल देते हुए निर्देश दिया कि सभी सीएचसी-पीएचसी पर बायोमेट्रिक हाजिरी लगाई जाए। अगर कहीं व्यवस्था न हो तो 15 दिन के अंदर कर लिया जाए। आयुष्मान भारत के तहत बनने वाले गोल्डन कार्ड के संबंध में कहा कि हर गांव में कैंप लगाकर पात्रों का कार्ड बनवाया जाए। सभी आशा बहुओं के माध्यम से गर्भवती महिलाओं के संबंध में सूचना एक हफ्ते के अंदर उपलब्ध कराने की बात कही।

अस्पतालों में दलाल न हों, रखें नजर

जिलाधिकारी ने सीएमओ से कहा कि अस्पतालों में कोई भी दलाल ना रहे, इस पर विशेष नजर रखी जाए। सभी डॉक्टर भी इसका ख्याल रखेंगे। अगर ऐसा कहीं भी संज्ञान में आया तो जो भी दोषी मिलेगा, उस पर कड़ी कार्रवाई होगी। अल्ट्रासाउंड सेंटर पर भी मानक आदि चेक करा लिया जाए। कोई भी अवैध अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालित नहीं होना चाहिए।

10 बजे कार्यालय पहुंच जाएं अधिकारी-कर्मचारी

जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि सुबह 10 बजे सभी अधिकारी और कर्मचारी अपने कार्यालय में अवश्य पहुंच जाएं। जो भी लंबित कार्य हैं उसको समय से पूरा कराएं। कार्यालय में आने वाले हर किसी की बात सुनी जाए और उनकी समस्याओं का त्वरित निस्तारण किया जाए। बैठक में सीडीओ डॉ विपिन जैन, एडीएम रामआसरे, सीआरओ विवेक श्रीवास्तव, डीएफओ श्रद्धा सहित विकास कार्यों से जुड़े अधिकारी मौजूद थे।

पांच अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस

बैठक में अनुपस्थित रहने वाले पांच अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्देश जिलाधिकारी ने दिया। जिला विद्यालय निरीक्षक बृजेश मिश्र, आईटीआई के प्रधानाचार्य मनोज कुमार सिंह, श्रम प्रवर्तन अधिकारी जयशंकर प्रसाद, दुग्ध विभाग के प्रभारी सुरेश सिंह, लोक निर्माण प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता एसके सिंह अनुपस्थित थे।

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बलिया में पूजा चौहान की मौत ने खड़े किए कई सवाल ?

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बलिया के नगरा थाना क्षेत्र के सरयां गुलाबराम गांव में पूजा चौहान की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए है। सरयां गुलाबराम गांव में रविवार सुबह जो दृश्य देखने को मिला, उसने पूरे बलिया को हिला कर रख दिया है। सुबह गांव में जामुन के पेड़ से एक 20 वर्षीय युवती का शव लटका मिला। पैर करीब छह फीट ऊपर हवा में, हाथ पीछे बंधे हुए। नाम पूजा चौहान। 20 साल की पूजा चौहान का शव जब पेड़ से लटका देखा, तो लोगों के रोंगटे खड़े हो गए। जिसने भी ये मंजर देखा, उसकी रूह कांप गई। सबके मन में सवाल उठा की कोई इतना बेरहम कैसे हो सकता है।

हर दिन अखबारों में ऐसे मामले सामने आते हैं, जहां लड़कियों को मौत के घाट उतार दिया जाता है। सोचिये जब प्रशासन को यह पता है कि ऐसे अपराध बढ़ रहे हैं, फिर भी कोई ठोस कदम नहीं उठता। गुलाबराय सरया गांव में रविवार सुबह धर्मराज चौहान की बेटी पूजा का शव गांव में एक पेड़ से लटकता मिला, उसके हाथ पीछे बंधे हुए थे। शव देखते ही गांव में हड़कंप मच गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी। पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह समेत अन्य अधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंचे और हालात को बारीकी से देखा।

पूजा चौहान साधारण परिवार की लड़की थी। उसकी शादी अगले महीने 25 अप्रैल को होने वाली थी। घर में शादी की तैयारियां चल रही थीं। परिवार में खुशियों का माहौल था, लेकिन किसी को क्या पता था कि यह खुशी मातम में बदल जाएगी। पूजा के माता-पिता फिलहाल पीजीआई में अपना इलाज करा रहे थे, और वह घर पर अकेली थी। परिवार के बाकी सदस्य भी बाहर रहते थे। उसका भाई गुजरात में नौकरी करता है और बहन असम में शादीशुदा जिंदगी बिता रही है। फिर सवाल यह उठता है कि आखिर उसकी मौत के पीछे कौन हो सकता है?

पहले तो खबर आई की पूजा ने आत्महत्या की है लेकिन जिस तरीके से उसका शव पेड़ से लटक रहा था वह कुछ और ही बयां करता है। पूजा ने खुद अपनी जान ली होती, तो उसके हाथ पीछे बंधे कैसे होते? यह सवाल जितना आसान लगता है, इसका जवाब उतना ही पेचीदा है। आत्महत्या करने वाले व्यक्ति के हाथ पीछे बंधे नहीं हो सकते। मतलब, शायद किसी ने पूजा की हत्या की और फिर उसे पेड़ से लटकाकर मामले को आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की। क्या उसकी मौत के पीछे कोई पुरानी दुश्मनी थी? या फिर कोई और वजह? कई सवाल हैं। हो सकता है यह सिर्फ कोई मसेज देने के लिए किया गया हो।

घटनास्थल पर मौजूद किचन में बिखरा आटा और अस्त-व्यस्त बर्तन यह बताते हैं कि शायद पूजा का पहले किसी झगड़ा भी हुआ होगा उसके बाद उसके साथ यह अनहोनी हुई होगी। पुलिस जांच के शुरुआती तथ्यों को देखें तो इस मामले में यौन शोषण का भी एंगल जुड़ सकता है। पीड़िता की नानी का साफ कहना है कि उनकी नातिन आत्महत्या नहीं कर सकती। परिजन इस बात से साफ़ इंकार कर रहे हैं। लेकिन सवालों के जवाब आने है।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस मामले में योगी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि “उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। अपराधियों को खुली छूट मिल चुकी है और पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है।”

हाथरस, उन्नाव, बदायूं, और अब बलिया—कब तक यूपी की मिट्टी मासूम बेटियों के खून से लाल होती रहेगी?

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बलिया के एकलौते बसपा विधायक पर क्यों बैठी विजलेंस जांच ?

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बसपा के रसड़ा विधायक उमाशंकर सिंह की मुश्किलें बढ़ गई है। विजलेंस विभाग ने उनकी और उनके परिवार की संपत्तियों की जांच शुरू कर दी है। उमाशंकर सिंह की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं क्योंकि विभाग ने विधायक ही नहीं उनकी पत्नी, बेटा और बेटी के नाम खरीदी गईं जमीन, मकान, फ्लैट, व्यवसायिक और कृषि जमीन की पूरी जानकारी मांगी है।

वैसे सबको पता है नेता जी लोगों की आय से अधिक संपत्ति तो होती ही है। पुरानी स्क्रिप्ट है। लेकिन जब तक कोई नेता सत्ता के करीब होता है, तब तक उसकी संपत्ति पर कोई सवाल नहीं उठता। मगर विपक्ष पर यह कभी भी हो सकता है। उमाशंकर सिंह का मामला भी कुछ ऐसा ही लगता है। बसपा के इस इकलौते विधायक के खिलाफ अचानक जांच शुरू हो गई है। महानिरीक्षक प्रयागराज ने सभी उप निबंधन कार्यालय को निर्देशित किया है कि उमाशंकर सिंह, उनकी पत्नी पुष्पा सिंह, बेटी यामिनी व बेटे युकेश के नाम से प्रदेश में खरीदी गई जमीन, मकान, फ्लैट या अन्य प्रकार की संपत्तियों की जानकारी विजलेंस विभाग को उपलब्ध कराए।

उमाशंकर सिंह की बसपा के इकलौते विधायक हैं। 2022 में विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी। जब पूरे यूपी में बसपा का सूपड़ा साफ हो गया, तब भी वह अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे। बीते दिनों मायावती काफी मुखर है लेकिन क्या अब इसका खामियाजा उमाशंकर सिंह को भुगतना पड़ रहा है?

बसपा का हाल किसी से छिपा नहीं है। मायावती पार्टी को चुनावी मोड में कम, ‘मैनेजमेंट मोड’ में ज्यादा चला रही हैं। यूपी में अब बसपा केवल ‘बीजेपी की B-Team’ कहकर बदनाम हो रही है। लेकिन ऐसे में उमाशंकर सिंह के खिलाफ कार्रवाई को सिर्फ व्यक्तिगत मामला मान लेना भी सही नहीं होगा।

सवाल यह भी है कि आखिर राजनीति में आने के बाद कुछ नेताओं की संपत्ति मॉल्टीप्लाई मोड में कैसे चली जाती है? 2009 में जब उमाशंकर सिंह ने कंस्ट्रक्शन कंपनी खोली थी, तब शायद किसी ने नहीं सोचा होगा कि कुछ सालों में उनकी संपत्तियों की लिस्ट इतनी लंबी हो जाएगी कि सरकार को उसकी जांच करवानी पड़ेगी।

अगर कोई आम आदमी बिना पक्के दस्तावेजों के 5 लाख रुपये की जमीन भी खरीद ले, तो टैक्स विभाग और पुलिस उसके पीछे पड़ जाते हैं। मगर विधायक, सांसद, मंत्री खुलेआम करोड़ों की संपत्ति बना लेते हैं, और हमें लगता है कि यह सब “मेहनत” की कमाई है!

फ़िलहाल सूचना यह है कि उमाशंकर सिंह की तबियत खराब है। वह बीमार चल रहे हैं। लेकिन विजलेंस ने भी अपना काम शुरू कर दिया है

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बलिया के नगरा में पेड़ से लटकी मिली युवती की लाश, मौके पर पहुँचें एसपी ने क्या कहा ?

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बलिया के नगरा थाना क्षेत्र से सनसनीखेज घटना सामने आई है। यहाँ एक गांव में एक 17 वर्षीय युवती की लाश पेड़ से लटकी हुई पाई गई, जिससे इलाके में सनसनी फैल गई।

पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह ने बताया कि आज सुबह डॉयल 112 पर सूचना प्राप्त हुई कि थाना नगरा क्षेत्र के सरयां गुलाबराय गांव में एक युवती का शव पेड़ से लटका हुआ पाया गया है। सूचना मिलते ही फील्ड यूनिट, स्थानीय पुलिस, क्षेत्राधिकारी रसड़ा, एडिशनल एसपी, क्राइम ब्रांच और सर्विलांस टीम मौके पर पहुंच गई।

मृतिका का शव पेड़ से लटका हुआ था, और उसके हाथ पीछे बंधे हुए थे, जबकि उसके पैरों की ऊंचाई लगभग 6 फीट थी। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, युवती के माता-पिता दो दिन पहले पीजीआई इलाज के लिए गए थे, और वह अकेले इस घर में रह रही थी। आसपास के ग्रामीणों से पूछताछ की गई, लेकिन स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी। हालांकि, यह जानकारी प्राप्त हुई कि युवती के माता-पिता को घटना की सूचना दे दी गई है, जबकि उसका एक भाई गुजरात में और एक बहन असम में रहती है।

शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और पंचायतनामा भरकर उसकी वीडियोग्राफी की भी मांग की गई है ताकि इस मृत्यु के कारणों का स्पष्ट रूप से पता चल सके। पुलिस ने इस मामले की तहकीकात के लिए स्थानीय पुलिस, सर्विलांस टीम, क्षेत्राधिकारी रसड़ा और एडिशनल एसपी की चार टीमों का गठन किया है। सभी जरूरी पूछताछ और तकनीकी सर्विलांस के आधार पर जल्द ही इस मामले का खुलासा किया जाएगा।

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