Connect with us

बलिया स्पेशल

डीएम अदिति ने सीएचसी-पीएचसी प्रभारियों की ली बैठक, कहा- सही रिपोर्टिंग करें स्वास्थ्य कर्मी

Published

on

बलिया: जिलाधिकारी अदिति सिंह ने गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला टास्क फोर्स की बैठक में स्वास्थ्य विभाग की समस्त योजनाओं व कार्यक्रमों की समीक्षा की। उन्होंने सभी सीएचसी-पीएचसी स्तर पर योजनाओं की प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि जिले से लेकर ग्राम स्तर तक के स्वास्थ्य कर्मी सही सटीक रिपोर्टिंग करें, ताकि जहां कमियां मिले वहां सुधार के विशेष प्रयास किया जा सके।

सीएमओ को साप्ताहिक समीक्षा करने को कहा। समीक्षा में करीब हर कार्यक्रम में हनुमानगंज ब्लॉक की प्रगति खराब मिली। वहां के प्रभारी चिकित्साधिकारी भी मीटिंग में नहीं थे। इस पर जिलाधिकारी ने सीएमओ से कहा कि किसी सीनियर एसीएमओ को वहां भेजकर हर योजनाओं की अलग से समीक्षा कर रिपोर्ट दें।

जिलाधिकारी ने आशा बहुओं के भुगतान की समीक्षा सीएचसी-पीएचसी वार किया। साफ कहा कि बजट है तो मानदेय से लेकर इंसेंटिव तक का पूर्व का लंबित हर भुगतान हो जाना चाहिए। डीसीपीएम को निर्देश दिया कि इसकी लगातार मॉनिटरिंग करते रहें। जिलाधिकारी ने कहा कि जननी सुरक्षा योजना के तहत लाभार्थी का भुगतान लम्बित है तो उसको भी भिजवा दें। कलस्टर मीटिंग करते हुए मार्च तक भुगतान हर हाल में कर देना है। जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम की प्रगति हमेशा शत प्रतिशत रहे।

प्रसव की समीक्षा के दौरान कहा कि सिजेरियन डिलीवरी काफी कम है, इसे बढ़ाया जाए। जरूरत पड़ने पर एनेस्थीसिया वाले डॉक्टर जिले से जाएंगे। परिवार नियोजन की समीक्षा में जिन ब्लॉक में शून्य मिला, वहां के प्रभारी से पूछताछ की गई। सीडीओ ने सभी को निर्देश दिया कि ऑपरेशन थिएटर को तैयार कर लें। उसमें साफ सफाई व अन्य व्यवस्था में अगर कमी है तो उसे दुरुस्त करा लें। जिलाधिकारी ने कहा कि हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के बारे में स्थल चयन कर दें। अभी से यह काम शुरू होगा तभी बरसात तक कार्य हो पाएगा। इसलिए स्थल चिन्हित कर रिपोर्ट दे दें, ताकि कार्यदायी संस्था को निर्माण कार्य शुरू कर समय से पूर्ण कराने के लिए निर्देशित किया जा सके।

कोल्ड चेन को ‘ए’ श्रेणी में लाएं

वैक्सिनेशन सम्बन्धी जानकारी लेने के बाद कहा कि कोल्ड चेन को ‘ए’ श्रेणी में लाने के लिए क्या जरूरतें हैं, उसको लिखित रूप में दें। मार्च तक कोल्ड चेन को ‘ए’ श्रेणी में लाना है। प्रतिरक्षा वाले कार्यक्रमों की प्रगति में सुधार लाने की जिम्मेदारी एसीएमओ वेक्टर वार्न डॉ जेआर तिवारी को दिया। आयुष्मान भारत के तहत बनने आले गोल्डन कार्ड काफी कम संख्या में बनने पर सवाल किया। कहा, जल्द इसकी प्रगति ठीक कराई जाए। अगर कोई रुचि नहीं लेता है तो उस पर कार्रवाई हो।

दुबहड़ सीएचसी पर डिलीवरी शुरू हो

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दुबहड़ पर संस्थागत प्रसव नहीं होने पर जिलाधिकारी ने सवाल किया। कहा, वहां जो कमी है उसको लिखित में दें। उसको दूर कराकर प्रसव की सुविधा शुरू की जाएगी। बैठक में सीडीओ डॉ विपिन जैन, सीएमओ डॉ राजेन्द्र प्रसाद, सभी एसीएमओ, डीपीएम व सभी सीएचसी-पीएचसी के प्रभारी मौजूद थे।

संचारी रोग नियंत्रण माह अभियान की सफलता को लेकर हुई बैठक

जिलाधिकारी अदिति सिंह ने संचारी रोग नियंत्रण माह की तैयारियों की समीक्षा की। इस अभियान में किस विभाग की क्या जिम्मेदारी है, इसके बारे में विस्तार से बताया। कहा कि 1 मार्च से 31 मार्च तक वृहद अभियान चल रहा है। शुरुआत के आठ दिन, यानि 1 से 8 मार्च तक समस्त प्रभारी चिकित्साधिकारी को कार्ययोजना व माइक्रोप्लान बनाकर अपने अधीनस्थ स्वास्थ्य कर्मियों को ट्रेनिंग देनी है। नगर विकास, दिव्यांग जन सशक्तिकरण विभाग, पशुपालन व अन्य विभाग की जिम्मेदारी को बताया।

सीडीओ डॉ विपिन जैन ने बताया कि जेई/एईएस, कालाजार व अन्य संचारी रोग से बचाव के उद्देश्य से चलाए जा रहे अभियान में नगर पंचायतों को सफाई, आर्सेनिक प्रभावित हैंड पम्प पर लाल निशान लगाने, हैंडपम्पों के पास जलजमाव की समस्या को दूर करने जैसे अन्य महत्वपूर्ण कार्य करने है। पंचायत राज विभाग को भी इन जिम्मेदारियों का निर्वहन करने के साथ रोस्टर बनाकर फॉगिंग भी कराना है। पशुपालन विभाग, एएनएम व आशा बहुओं के कार्य को भी बताया।

उन्होंने कहा कि संचारी रोग से पीड़ित बच्चे के यहां भी पोषण मिशन के तहत पोषाहार घर जाकर देना है। संचारी रोग नियंत्रण के लिए फायदेमंद पौधों को लगाने के प्रति भी लोगों को जागरूक करने पर जोर दिया। यह भी कहा कि जगरूकता के लिए सबसे अहम कार्य शिक्षा विभाग का है।

डीआईओएस-बीएसए को निर्देश दिया कि सोशल मीडिया के जरिए शिक्षकों व छात्रों के अभिभावकों तक संचारी रोग से बचाव सम्बन्धी जागरूकता सन्देश पहुंचाना सुनिश्चित करें। सीएमओ डॉ राजेन्द्र प्रसाद, सीवीओ डॉ अशोक मिश्र, दिव्यांग जनसशक्तिकरण अधिकारी राजीव यादव समेत सभी अस्पताल प्रभारी थे।

Advertisement        
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

featured

20 दिन बाद भी फरार है बलिया का ये BJP का ब्लॉक प्रमुख ! गिरफ्तारी में देरी क्यों ? सड़को पर उतरे वकील

Published

on

प्रयागराज के मशहूर वकील अखिलेश शुक्ला की हत्या के बाद जिस तरह से मुख्य आरोपी अतुल प्रताप सिंह की गिरफ्तारी में देरी हो रही है, उसने पुलिस की कार्यशैली पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या वजह है कि पुलिस अभी तक उसे पकड़ नहीं पाई है? कहीं यह बीजेपी से उसके जुड़े होने और राजनीतिक पहुंच की वजह से तो नहीं हो रहा?
रविवार को वकीलों ने म्योहाल चौराहे पर जबरदस्त प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का काफिला रोकने की मांग कर दी। उनका कहना था कि इतने दिनों बाद भी मुख्य आरोपी फरार है, तो पुलिस की कार्रवाई पर भरोसा कैसे किया जाए? पुलिस बार-बार आश्वासन दे रही है, लेकिन अब तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकला।
कौन है अतुल प्रताप सिंह?
अतुल प्रताप सिंह बलिया जिले से बीजेपी का गड़वार ब्लॉक प्रमुख है। पहले से ही उस पर कई गंभीर मामले दर्ज है, फिर भी वह खुलेआम घूम रहा है।  पुलिस ने भले ही उस पर 5 हजार रुपये का इनाम घोषित किया हो, लेकिन सवाल है कि क्या यह इनाम भी सिर्फ औपचारिकता है? क्या राजनीतिक दबाव की वजह से पुलिस धीमी कार्रवाई कर रही है?
सड़क पर उतरे वकील !
रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का हेलीकॉप्टर जैसे ही पुलिस लाइन ग्राउंड पर उतरा, बड़ी संख्या में वकील महाराणा प्रताप चौराहे पर इकट्ठा हो गए। इसी रास्ते से सीएम का काफिला गुजरने वाला था। वकीलों ने ठान लिया था कि वे मुख्यमंत्री का काफिला रोककर अपनी नाराजगी जताएंगे और पत्रक सौंपेंगे। फिर क्या था ? अफसरों के माथे पर पसीना आ गया कि अगर काफिला रुका, तो सीधा यही मैसेज जाएगा कि यूपी में कानून व्यवस्था फेल हो चुकी है।
वकील इस बात से नाराज़ हैं कि अगर उनके कम्युनिटी के एक सीनियर मेंबर के साथ ऐसा हो सकता है, तो आम लोगों की सिक्योरिटी का क्या होगा? उन्होंने मुख्यमंत्री का काफिला रोकने की कोशिश तो की और अपनी मांगें सामने रखने के लिए प्रदर्शन किया। लेकिन यूपी पुलिस हमेशा की तरह प्रदर्शनकारियों को रोकने में कामयाब रही और एक बार फिर आश्वाशन देकर उन्हें वापस भेज दिया गया। हालात काबू से बाहर होते देख पुलिस कमिश्नर मौके पर पहुंचे। उन्होंने वकीलों को भरोसा दिलाया कि आरोपी की जल्द गिरफ्तारी होगी।
17 नवंबर को क्या हुआ था ?
आपको जानकारी के लिए बता दें कि, 17 नवंबर की रात सलोरी इलाके में हुए हमले ने प्रयागराज को हिला कर रख दिया था। अधिवक्ता अखिलेश शुक्ला पर लाठी-डंडों और असलहे से हमला हुआ। उन्हें इतना मारा गया कि वह अधमरे हो गए। तीन दिन तक वह जिंदगी और मौत से जूझते रहे और 20 नवंबर को लखनऊ में उनकी मौत हो गई। पुलिस ने आरोपी निखिल सिंह और तीन अन्य को जेल भेज दिया है। लेकिन अतुल प्रताप सिंह अभी तक फरार है।
इस मामले में बसंतपुर का दुर्गेश सिंह और रामपुर का प्रिंस सिंह पहले ही सरेंडर कर चुके हैं। लेकिन अतुल प्रताप सिंह और उसका ड्राइवर अजय यादव अभी तक पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। पुलिस का कहना है कि वह छापेमारी कर रही है, लेकिन जब सबकुछ पता है—नाम, पता और पहचान—तो अब तक गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई?
सवाल यह भी उठता है कि पुलिस की टीमें आखिर कहां छापेमारी कर रही हैं और अब तक क्या नतीजा निकला? मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार यूपी की बेहतर कानून व्यवस्था की बात करती है, लेकिन ऐसे मामलों में ढिलाई उनके दावों को कमजोर कर रहा है।
Continue Reading

featured

प्रयागराज वकील हत्याकांड: बलिया के इस ब्लॉक प्रमुख पर 5 हज़ार का इनाम, पुलिस तलाश में जुटीं

Published

on

प्रयागराज में चर्चित वकील अखिलेश शुक्ला हत्याकांड का मुख्य आरोपी बलिया निवासी अतुल प्रताप सिंह पर 5 हज़ार का इनाम घोषित किया गया है। आरोपी बीजेपी गड़वार ब्लॉक प्रमुख है और उसके ऊपर कई संगीन मुकदमे दर्ज हैं। इस मामले में बसंतपुर निवासी दुर्गेश सिंह और रामपुर निवासी प्रिंस सिंह पहले ही हाज़िर हो चुके हैं। इस मामले में ड्राइवर बसंतपुर निवासी अजय यादव अभी फरार चल रहा है।

जानकारी के मुताबिक, 17 नवंबर की रात सलोरी इलाके में विवाद के बाद अधिवक्ता को लाठी-डंडे, असलहे की बट और फायरिंग कर अधमरा कर दिया गया था। 20 नवंबर को अधिवक्ता की इलाज के दौरान लखनऊ में मौत हो गई थी। इस मामले में निखिल नामजद था जबकि चार अज्ञात आरोपी बनाए गए थे। मामले में 3 आरोपी निखिल सिंह, प्रिंस सिंह और मनोज सिंह पहले ही भेजे जा चुके हैं। पुलिस ने चौथे आरोपी को भी चिन्हित कर लिया था। वह छात्रनेता भी रह चुका है और मौजूदा समय में ठेकेदारी करता है।

अब पुलिस ने मुख्य आरोपी अतुल प्रताप सिंह पुत्र राणा प्रताप सिंह निवासी पचखोरा थाना गढ़वार जनपद बलिया और उसके चालक अजय यादव निवासी बसंतपुर सुखपुरा बलिया 5-5 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। साथ ही इन आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया है। इन दोनों की तलाश में पुलिस की तीन टीमें छापेमारी कर रही हैं।

प्रयागराज  की शिवकुटी पुलिस ने वकील हत्याकांड में चार आरोपियों निखिल कान्त सिंह निवासी नरियांव थाना जहाँगीरगंज जनपद अम्बेडकर नगर, प्रिन्स सिंह उर्फ रणविजय सिंह निवासी रामपुर उदयभान थाना कोतवाली जनपद बलिया, मनोज सिंह निवासी टीलापुर पोस्ट जमधरवा थाना रेवती जिला बलिया और दुर्गेश कुमार सिंह निवासी ग्राम बसन्तपुर थाना सुखपुरा जनपद बलिया को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

Continue Reading

featured

जानिए कौन हैं बलिया के नए एसपी विक्रांत वीर ?

Published

on

आईपीएस विक्रांत वीर बलिया

बलिया पुलिस अधीक्षक पर गाज गिरने के बाद योगी सरकार ने पीएसी की 32वीं वाहिनी में तैनात विक्रांत वीर को बलिया का नया पुलिस अधीक्षक बनाया है। बता दें कि बिहार-बलिया बॉर्डर के नरही थाना क्षेत्र में ट्रकों से अवैध वसूली में संलिप्त पुलिसकर्मियों के खिलाफ बलिया में बड़ी कार्रवाई हुई थी। एडीजी वाराणसी और डीआईजी आजमगढ़ की संयुक्त टीमों ने छापामार कर बलिया के थाना नरही अंतर्गत भरौली तिराहा पर अवैध वसूली के संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया ।

मामले में पुलिसकर्मियों की संलिप्तता उजागर हुई है। तत्काल कार्रवाई करते हुए संबंधित थानाध्यक्ष नरही और चौकी प्रभारी कोरंटाडीह सहित तीन उपनिरीक्षक, तीन मुख्य आरक्षी, 10 आरक्षी और एक आरक्षी चालक को निलंबित किया गया है। वहीं देर रात बलिया एसपी को भी हटा कर विक्रांत वीर को बलिया की कमान सौंपी गई है। आईये जानते हैं

कौन हैं IPS विक्रांत वीर ?

विक्रांत वीर 2014 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वह मूल रूप से बिहार में नालंदा के रहने वाले हैं। आईपीएस बनने से पहले वह मर्चेंट नेवी में थे। विक्रांत वीर के पिता बिहार में मलेरिया इंसपेक्टर के पद पर रह चुके हैं।

1997 में झारखंड के पलामू से इंटर की परीक्षा पास करने के बाद वह मुंबई की मरीन इंजीनियरिंग कॉलेज से बीएससी करने चले गए। साल 2011 में उनका चयन मर्चेंट नेवी में हो गया।

नौकरी करते हुए वह यूपीएससी की तैयारी भी कर रहे थे। आखिरकार साल 2014 में उनका सेलेक्शन आईपीएस के लिए हो गया। उनकी पहली तैनाती कानपुर में बतौर एएसपी हुई।

कानपुर से विक्रांत वीर फैजाबाद और बलिया के एसएसपी भी रहे। उसके बाद वह लखनऊ ग्रामीण के एसपी बने। बतौर एसपी हाथरस विक्रांत वीर का पहला जिला था।

हालांकि हाथरस में लड़की के साथ घटे जघन्य अपराध के बाद विक्रांत वीर को सस्पेंड कर दिया गया है। इस मामले ने पूरे देश में तूल तब पकड़ा जब पीड़िता की मौत के बाद पुलिसवालों ने उसकी लाश देर रात खुद ही जला दी।

Continue Reading

TRENDING STORIES

error: Content is protected !!