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बैरिया समेत बलिया के छह गांव बने हाटस्पॉट, पढ़ें जिलाधिकारी का दिशा निर्देश

बलिया डेस्क. जिले में शुक्रवार को अचानक कोरोना पॉजिटिव केस बढ़ने के बाद जिला मजिस्ट्रेट श्रीहरि प्रताप शाही ने जिले के 6 चिन्हित क्षेत्रों को हॉटस्पॉट घोषित किया है। उन्होंने रेवती थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत भैंसहा, बैरिया थाना क्षेत्र के नगर पंचायत बैरिया, ग्राम पंचायत जगदेवा व चाँद दियर, चितबड़ागांव थाना क्षेत्र के कारो व दोकटी थाना क्षेत्र के बाबू का डेरा खवासपुर को सील करने का आदेश दिया है। इसमें भैंसहा, चांद दियर, बाबू का डेरा खवासपुर व नपं बैरिया में दो-दो केस हैं, जबकि कारो व जगदेवा में कोरोना के एक-एक पॉजिटिव केस है।
कंटेनमेंट और बफर जोन में ये होगी गतिविधि
जिलाधिकारी ने बताया कि हॉटस्पॉट के संबंध में यह व्यवस्था है कि जहां कोविड-19 के संक्रमण का एकल प्रकरण हो, वहां एक किलोमीटर का दायरा कंटेनमेंट जोन होगा। इसी तरह जहां एक से अधिक केस होंगे, वहां तीन किलोमीटर का कंटेनमेंट जोन तथा दो किलोमीटर दूर का बफर जोन होगा।
कंटेनमेंट जोन में तीन गतिविधियां आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति, चिकित्सकीय टीम तथा सैनिटाइजेशन की टीम के अलावा और किसी भी प्रकार की अनुमति नहीं होगी। उन्होंने बताया कि 28 दिनों तक कोई संक्रमण प्राप्त नहीं होने पर हॉटस्पॉट ग्रीन जोन में परिवर्तित हो जाएगा। इसी के अनुसार इसका अनुपालन सुनिश्चित कराने का निर्देश उन्होंने दिया है।
सभी दुकान रहेगी बन्द, आवश्यक सामग्री की प्रशासन कराएगा होम डिलीवरी
जिला मजिस्ट्रेट ने स्पष्ट कहा है कि हॉटस्पॉट क्षेत्र के अंतर्गत किसी भी व्यक्ति को घर से बाहर नहीं निकलने दिया जाएगा। स्वास्थ्य जांच, साफ-सफाई, सेंनेटाइजेशन से संबंधित कर्मी एवं आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई से संबंधित कर्मियों को छोड़कर अन्य किसी को भी उस क्षेत्र के अंदर नहीं जाने दिया जाएगा। हॉटस्पॉट क्षेत्र में बैंक व राशन की दुकानें व सब्जी मंडी बंद रहेंगी। आवश्यक वस्तुओं की होम डिलीवरी जिला प्रशासन सुनिश्चित कराएगा। शत-प्रतिशत घरों की स्वास्थ्य एवं सैनिटाइजेशन संबंधित अधिकारियों द्वारा किया जाएगा। फायर इंजन से छिड़काव किया जाएगा। लोगों को फेस मास्क भी वितरित किए जाएंगे।
डॉक्टर सहित एम्बुलेंस रहेगी, नहीं चलेंगे निजी वाहन
जिला मजिस्ट्रेट ने बताया कि हॉटस्पॉट क्षेत्र में डॉक्टर सहित एंबुलेंस लगाई जाएगी। अगर किसी को अस्पताल ले जाना हो तो उसे एंबुलेंस या एएलएस से ही ले जाया जाएगा। किसी भी दशा में निजी वाहन की अनुमति नहीं दी जाएगी। किसी अपरिहार्य स्थिति में बैरिया, रेवती व मुरली छपरा ब्लॉक का कोई भी व्यक्ति चिकित्सा विभाग के कंट्रोल रूम नंबर 05498-220857 पर, अथवा प्रभारी चिकित्साधिकारी रेवती डॉ धर्मेंद्र के मोबाइल नंबर 7065432596 तथा चितबड़ागांव के लिए प्रभारी चिकित्साधिकारी नरही के मोबाइल नंबर 9759896185 पर संपर्क कर सकते हैं।
सघन पेट्रोलिंग के लिए लगाए 112 वाहन
डीएम श्री शाही ने बताया कि हॉटस्पॉट क्षेत्र में सघन पेट्रोलिंग की जाएगी। इसके लिए 112 वाहन लगाए जाएंगे। इसके अलावा पुलिस तथा 112 की गाड़ियों से लाउडस्पीकर से घोषणा करके जनता को जागरूक किया जाएगा। अगर कोई व्यक्ति फिर भी धारा 144 का उल्लंघन करेगा तो उसके विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
हॉटस्पॉट क्षेत्र में पूर्व में जारी सभी पास निरस्त
जिलाधिकारी ने बताया कि हॉटस्पॉट क्षेत्र में सेक्टर स्कीम लागू की जाएगी तथा पिकेट ड्यूटी लगाई जाएगी। साफ कहा है कि आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति में लगे व्यक्तियों को छोड़कर शेष सभी व्यक्तियों को पूर्व में अगर पास निर्गत किया गया है तो वह निरस्त माना जाए। इस अवधि में निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार संबंधित क्षेत्र में रहने वाले समस्त व्यक्ति अपने आवास में ही रहेंगे। अगर कोई उल्लंघन करेगा तो इसे दण्डनीय अपराध समझा जाएगा।











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बलिया के हिमांशु ने लंबे सघर्ष के बाद पास की IBPS SO परीक्षा, प्रेरणादायक है उनकी सफलता की कहानी

लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती और कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। बलिया के हिमांशु राय ने इन पंक्तियों को चारितार्थ करके दिखाया है। उन्होंने लंबे संघर्ष के बाद IBPS SO की परीक्षा में उच्चतम अंक हासिल कर सफलता हासिल की। इस परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के बाद उनका चयन पंजाब नेशनल बैंक में हुआ है, जो उनके करियर की एक नई शुरुआत साबित होगी।
अजीत कुमार राय के पुत्र हिमांशु राय का जीवन एक प्रेरणा है। बचपन से ही मेधावी रहे हिमांशु ने अपनी शिक्षा में कभी भी समझौता नहीं किया। 2014 में उन्होंने ज्ञान कुंज अकादमी से कॉमर्स में इंटरमीडिएट की परीक्षा में लगभग 90 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। इसके बाद, उन्होंने BHU से बी.कॉम में प्रथम श्रेणी से सफलता हासिल की और MBA (MAT) की परीक्षा पास की। इसके साथ ही UGC NET की परीक्षा भी उत्तीर्ण की और HDFC बैंक में नौकरी प्राप्त की।
हालांकि, जीवन की राह में आ रही कठिनाइयों ने हिमांशु को कभी हार मानने नहीं दिया। कोरोना महामारी के कारण उन्हें अपनी नौकरी छोड़नी पड़ी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और कुछ समय तक कॉलेज में पढ़ाना शुरू किया। इस दौरान, उन्होंने अपने परिवार की दुकान में भी मदद की और घर में मां का ख्याल रखते हुए रात में अपनी पढ़ाई जारी रखी।
संगर्ष की इस लंबी यात्रा में, हिमांशु ने कई बार सफलता के काफी करीब जाकर असफलता का सामना किया, लेकिन उनकी मेहनत और हिम्मत ने उन्हें 1 अप्रैल को शानदार सफलता दिलाई। हिमांशु अपनी इस सफलता का श्रेय अपने पिता श्री अजीत कुमार राय के मार्गदर्शन और संघर्ष, और अपनी मां श्रीमती संगीता राय के त्याग को देते हैं। वे कहते हैं, “मेरे माता-पिता ने हमेशा मुझे संघर्ष से लड़ने और जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।”
हिमांशु ने अपनी मौसी, जिन्हें वह छोटी माता के नाम से बुलाते हैं, को भी इस सफलता का अहम श्रेय दिया। इसके अलावा, उनकी एक मित्र संध्या ने इस परीक्षा में उनका अनमोल साथ दिया, जिन्होंने न केवल पढ़ाई में मदद की बल्कि परीक्षा और इंटरव्यू की तैयारी में भी मार्गदर्शन किया। हिमांशु का मानना है कि संध्या के सहयोग के बिना यह सफलता संभव नहीं थी।
आखिरकार, हिमांशु ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने परिवार, रिश्तेदारों और बाजार के सभी लोगों को दिया, जिन्होंने हर कदम पर उनका समर्थन किया। उनकी यह कहानी यह सिद्ध करती है कि सही मार्गदर्शन, कड़ी मेहनत, और कभी हार न मानने का जज्बा किसी भी मुश्किल को पार कर सफलता की ऊँचाइयों तक पहुंच सकता है।
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बलिया में 16 वर्षीय किशोरी ने फांसी लगाकर दी जान !

बलिया के फेफना थाना क्षेत्र में एक किशोरी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस घटना के बाद से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के मुताबिक, फेफना थाना क्षेत्र की घटना है। जहां 16 वर्षीय किशोरी ने आत्महत्या कर ली। किशोरी का नाम खुशी था और वो मनियर गांव की रहने वाली थी। खुशी कुछ वर्षों से अपने नाना गंगाराम के घर में रह रही थी। उसकी मां का देहांत कुछ साल पहले हो गया था। वह यहीं रहकर पढ़ाई कर रही थी।
मंगलवार की रात को वह रोजाना की तरह खाना खाकर अपने कमरे में सोने चली गई। सुबह देर तक जब कमरे का दरवाजा नहीं खुला, तो परिजनों ने दरवाजा खटखटाया। कोई जवाब नहीं मिलने पर दरवाजा तोड़ा गया। अंदर खुशी का शव पंखे से दुपट्टे के सहारे लटका हुआ मिला।
घटना की सूचना पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। थाना प्रभारी अजय कुमार त्रिपाठी ने बताया कि परिजनों को सूचित कर दिया गया है।
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बलिया में पूजा चौहान की मौत ने खड़े किए कई सवाल ?

बलिया के नगरा थाना क्षेत्र के सरयां गुलाबराम गांव में पूजा चौहान की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए है। सरयां गुलाबराम गांव में रविवार सुबह जो दृश्य देखने को मिला, उसने पूरे बलिया को हिला कर रख दिया है। सुबह गांव में जामुन के पेड़ से एक 20 वर्षीय युवती का शव लटका मिला। पैर करीब छह फीट ऊपर हवा में, हाथ पीछे बंधे हुए। नाम पूजा चौहान। 20 साल की पूजा चौहान का शव जब पेड़ से लटका देखा, तो लोगों के रोंगटे खड़े हो गए। जिसने भी ये मंजर देखा, उसकी रूह कांप गई। सबके मन में सवाल उठा की कोई इतना बेरहम कैसे हो सकता है।
हर दिन अखबारों में ऐसे मामले सामने आते हैं, जहां लड़कियों को मौत के घाट उतार दिया जाता है। सोचिये जब प्रशासन को यह पता है कि ऐसे अपराध बढ़ रहे हैं, फिर भी कोई ठोस कदम नहीं उठता। गुलाबराय सरया गांव में रविवार सुबह धर्मराज चौहान की बेटी पूजा का शव गांव में एक पेड़ से लटकता मिला, उसके हाथ पीछे बंधे हुए थे। शव देखते ही गांव में हड़कंप मच गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी। पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह समेत अन्य अधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंचे और हालात को बारीकी से देखा।
पूजा चौहान साधारण परिवार की लड़की थी। उसकी शादी अगले महीने 25 अप्रैल को होने वाली थी। घर में शादी की तैयारियां चल रही थीं। परिवार में खुशियों का माहौल था, लेकिन किसी को क्या पता था कि यह खुशी मातम में बदल जाएगी। पूजा के माता-पिता फिलहाल पीजीआई में अपना इलाज करा रहे थे, और वह घर पर अकेली थी। परिवार के बाकी सदस्य भी बाहर रहते थे। उसका भाई गुजरात में नौकरी करता है और बहन असम में शादीशुदा जिंदगी बिता रही है। फिर सवाल यह उठता है कि आखिर उसकी मौत के पीछे कौन हो सकता है?
पहले तो खबर आई की पूजा ने आत्महत्या की है लेकिन जिस तरीके से उसका शव पेड़ से लटक रहा था वह कुछ और ही बयां करता है। पूजा ने खुद अपनी जान ली होती, तो उसके हाथ पीछे बंधे कैसे होते? यह सवाल जितना आसान लगता है, इसका जवाब उतना ही पेचीदा है। आत्महत्या करने वाले व्यक्ति के हाथ पीछे बंधे नहीं हो सकते। मतलब, शायद किसी ने पूजा की हत्या की और फिर उसे पेड़ से लटकाकर मामले को आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की। क्या उसकी मौत के पीछे कोई पुरानी दुश्मनी थी? या फिर कोई और वजह? कई सवाल हैं। हो सकता है यह सिर्फ कोई मसेज देने के लिए किया गया हो।
घटनास्थल पर मौजूद किचन में बिखरा आटा और अस्त-व्यस्त बर्तन यह बताते हैं कि शायद पूजा का पहले किसी झगड़ा भी हुआ होगा उसके बाद उसके साथ यह अनहोनी हुई होगी। पुलिस जांच के शुरुआती तथ्यों को देखें तो इस मामले में यौन शोषण का भी एंगल जुड़ सकता है। पीड़िता की नानी का साफ कहना है कि उनकी नातिन आत्महत्या नहीं कर सकती। परिजन इस बात से साफ़ इंकार कर रहे हैं। लेकिन सवालों के जवाब आने है।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस मामले में योगी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि “उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। अपराधियों को खुली छूट मिल चुकी है और पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है।”
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