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कोरोना अपडेट: 14 मरीज स्वस्थ होकर लौटे घर, ठीक हुए मरीजों ने एकस्वर से बोला…

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बलिया डेस्क. कोरोना मरीजों की संख्या में इजाफा जरूर हो रहा है, लेकिन राहत की बात यह है कि रिकवर करने वालों की भी संख्या बढ़ रही है। बसन्तपुर स्थित एल-1 फैसिलिटी सेंटर में आइसोलेट किए गए मरीजों में 14 और मरीज ठीक होकर अपने घर पहुंचे। संयुक्त मजिस्ट्रेट और कोरोना के नोडल विपिन कुमार जैन की मौजूदगी में सभी मरीजों को एंबुलेंस से उनके घर पहुंचाया गया।
घर जाने के लिए एंबुलेंस में बैठाते समय श्री जैन ने सभी को जरूरी सलाह दी। कहा, अभी घर जाकर एक हफ्ते होम क्वारंटाइन में रहना है। उसके बाद भी मास्क का प्रयोग, सोशल डिस्टेंस का पालन आदि जैसी सावधानियां बरतनी है। बताया कि सभी लोगों को एक हजार उनके खाते में भेजा जाएगा और अगले दिन उनके घर राशन भी पहुंच जाएगा। नए युवाओं से कहा कि अगर आप लोग रोजगार के इच्छुक हों तो मनरेगा योजनांतर्गत जॉबकार्ड बनवा कर अपने गांव में ही काम करके आय प्राप्त कर सकते हैं।

 

63 वर्षीय वृद्धा भी हुई ठीक, रोज पूछती थी कब जाऊंगी घर

बसन्तपुर अस्पताल में आइसोलेट की गई 63 वर्षीय वृद्धा को भी अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। दरअसल, 60 वर्ष के ऊपर के मरीज को अक्सर मण्डलीय स्तर पर बने फैसिलिटी सेंटर में रेफर कर दिया जाता है, लेकिन यहां एल-1 अस्पताल में बेहतर चिकित्सा सुविधा दी गई। मेडिकल स्टाफ ने वृद्धा का विशेष तौर पर ख्याल रखा। आयुर्वेदिक औषधि, च्वनप्राश आदि समय-समय पर देते रहे।इसी का परिणाम रहा कि महज एक हफ्ते में ही महिला की रिपोर्ट नेगेटिव आ गई और उनको अस्पताल से छुट्टी मिल गई। डॉक्टरों के अनुसार, स्वस्थ होने के बाद घर जाने की सूचना जैसे ही महिला को मिली, वह खुशी से झूम उठी। वजह कि अस्पताल में आने के बाद से ही वह रोज पूछती थी कि घर कब जाऊंगी। जाते समय उसके चेहरे पर खुशी साफ दिख रही थी। वृद्धा ने वहां मौजूद संयुक्त मजिस्ट्रेट विपिन जैन समेत सभी डॉक्टरों को हाथ जोड़कर अभिवादन और धन्यवाद ज्ञापित किया।

 

– अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद भला कौन खुश नहीं होगा। वह भी ऐसी बीमारी से, जिससे पूरा विश्व भयभीत है। बसंतपुर अस्पताल से सोमवार को 14 मरीज जब ठीक होकर अपने घर की ओर निकले तो वे बेहद खुश थे। उन्होंने बाहर आकर सभी चिकित्सकों के प्रति आभार प्रकट किया। जैसे ही एंबुलेंस स्टार्ट हुई, ठीक हुए सभी मरीजों ने एक स्वर से सभी अधिकारियों और डॉक्टरों को ‘थैंक्स सर’ बोला। यह क्षण भी पूरे सरकारी महकमे के लिए गौरवान्वित करने वाला था।

 

आगामी रणनीति पर की चर्चा, बढ़ाया हौसला

संयुक्त मजिस्ट्रेट विपिन कुमार जैन ने सभी ठीक हुए मरीजों को घर भेजने के बाद अस्पताल के बाहर ही सभी मेडिकल स्टाफ के साथ आगे की रणनीति पर चर्चा की। उन्होंने शासन की ओर से मिल रही ताजा गाइडलाइन से लेकर मरीजों की व्यवस्था की बेहतरी पर बातचीत की। डॉक्टरों का हौसला बढ़ाते हुए कहा, ‘आप लोगों की ईमानदारी और लगन से की गई मेहनत का ही परिणाम है कि जिले में एक हफ्ते से भी कम समय में मरीज रिकवर कर जा रहे हैं।’ डॉक्टरों ने भी एकस्वर से भरोसा दिलाया कि इस महामारी में बिना रुके, बिना थके तब तक काम करते रहेंगे, जब तक इस महामारी पर विजय नहीं पा लें।

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मंडलायुक्त ने बलिया के 5 ग्राम पंचायतों में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को किया सम्मानित

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मंडलायुक्त आजमगढ़ मनीष चौहान ने बलिया के पांच ग्राम पंचायतो मे उत्कृष्ट कार्य करने के लिए सम्मानित किया। इसके अंतर्गत मंडलायुक्त ने चयनित विकासखंड गड़वार के ग्राम पंचायत फेफना के प्रधान केशव गुप्ता को अपने ग्राम पंचायत में किये गये चौतरफा विकाश कार्यो के लिए आजमगढ़ मे आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान प्रशस्ति पत्र देकर सम्मान बढ़ाया। साथ ही बधाईया भी दी।

उल्लेखनीय है कि सम्मानित प्रधान के कार्यकाल के दौरान पंचायत मे नाली, खड़ंजा, सीसी रोड से लगायत शौचालय, सोखता आदि कार्य शाशन की मंसा के अनुरूप कराये गये है। इधर, सम्मानित होने की खबर जैसे ही ग्राम पंचायत फेफना में सम्मानित होने की खबर पहुंची लोगों में खुशी का माहौल छा गया ग्रामीणों ने प्रधान केशव गुप्ता को फेफना तिराहा पर फूल माला पहना कर शुभकामनाएं एवं बधाइयां दी।

सम्मान से उत्साहित केशव गुप्ता ने कहा कि ग्राम पंचायत फेफना के चौमुखी विकास के लिए हमेशा प्रयासरत रहुगा और आप सभी सम्मानित ग्रामवासी के प्रति आभार प्रकट करता हूं कि आप लोग अपना आशीर्वाद ऐसे ही बनाए रखें । इस मौके पर प्रधान प्रतिनिधि अरुण गुप्ता सहित शेष चारो प्रधानो के चेहरे खिले हुये थे।

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बलिया में बारात से लौट रही स्कॉर्पियो अनियंत्रित होकर गड्ढे में पलटी, 1 की मौत, 3 लोग घायल

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बलिया रसड़ा मार्ग स्थित अमहर गांव में दर्दनाक सड़क हादसा हो गया। यहां एक स्कॉर्पियो गाड़ी अनियंत्रित होकर गड्ढे में पलट गई। हादसा इतना भयानक था कि एक व्यक्ति की मौत हो गई, वहीं 3 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। स्थानीय लोग सभी घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे, जहां घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद मऊ जनपद के लिए रेफर कर दिया गया।

बताया जा रहा है कि रसड़ा कोतवाली क्षेत्र के माधोपुर गांव से विशाल सिंह के घर से रविवार के दिन गाज़ीपुर बरेसर बारात गई हुई थी। कुछ बाराती खाना खाने के बाद घर वापस आ रहे थे, अमहर गांव के समीप गैस एजेंसी के पास स्कॉर्पियो गाड़ी बारातियों से भरी अनियंत्रित होकर बगल के गड्ढे में पलट गई। इसमें माधोपुर गांव निवासी 45 वर्षीय अजीत सिंह की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि माधोपुर गांव निवासी 38 वर्षीय अजय सिंह, 35 वर्षीय अर्जुन सिंह, 25 वर्षीय आदित्य सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए।

इस घटना में अजीत सिंह की मौत हो गई। उनकी मौत की सूचना मिलने पर परिवार के लोगों में कोहराम मच गया। घटना की सूचना पाते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज कर मामले की जांच शुरू की।

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बलिया के युवा कवि को उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान करेगा सम्मानित, इन 2 रचनाओं के लिए होंगे पुरुस्कृत

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बलिया के युवा ने प्रदेश स्तर पर जिले का नाम रोशन किया है। युवा कवि आचार्य सागर ‘बेघर’ जी को उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा पुरुस्कृत किया जाएगा। उन्हें ये सम्मान उनके द्वारा रचित 2 रचनाओं के लिए दिया जा रहा है।

बता दें कि आचार्य सागर ‘बेघर’ जिनका मूल नाम विशाल कुमार पटेल है, राजपूत नेवरी, भृगु आश्रम बलिया के निवासी है जो इस समय केन्द्रीय विद्यालय झाझा (बिहार) में टीजीटी संस्कृत पद पर निवर्तमान है। हिन्दी और संस्कृत की उच्च शिक्षा प्राप्त आचार्य सागर हिन्दी और संस्कृत साहित्य के मर्मज्ञ युवा विद्वान, कुशल व्यंग्यकार तथा युवा कवि है। साहित्य साधना में लीन आचार्य सागर ‘बेघर’ उपनाम से भोजपुरी, हिन्दी और संस्कृत भाषाओ के विभिन्न विधाओं में रचना करते है।

‘हनुमत् सूर्य संवाद’, ‘ये बारिश क्यो होती है ?,’ ‘श्रीराममानसपूजा’, ‘चण्डी स्तुति’, ‘हम पत्थर ही अच्छे है’, ‘जीउतिया’, ‘बक्सर से पटना के साँच घटना’, ‘भागर्वभूषण’ (खण्डकाव्य) इत्यादि उनकी प्रसिद्ध रचनाएं हैं। इनमें से 2 रचनाओं ‘हनुमत् सूर्य संवाद’ और ‘ये बारिश क्यो होती है?’ के लिए उन्हें 30 दिसंबर को ‘उत्तरप्रदेश हिन्दी संस्थान’ द्वारा लखनऊ में सम्मानित किया जाएगा। उन्हें द्वितीय विजेता के रूप में 5000 रुपये की धनराशि से पुरुस्कृत किया जाएगा। आचार्य सागर की लेखन कला के प्रेरणास्रोत इनके पिताजी अंगद प्रसाद पटेल जी रहे हैं।

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