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विधानसभा’वार: बलिया सदर के 2012 चुनाव में ऐसा क्या हुआ था कि रातों-रात समीकरण उलट गया?

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बलिया सदर विधानसभा

विधानसभा- बलिया सदर/नगर

वर्ष- 2012

विधायक- नारद राय (समाजवादी पार्टी)

विधानसभा’वार में जिले की विधानसभा बलिया सदर की चर्चा करेंगे। हर क्षेत्र की अपनी कोई न कोई खासियत होती है। लेकिन बलिया सदर की खासियत अलग ही है। बलिया जिले के अंतर्गत आने वाले विधानसभा संख्या 361 है बलिया नगर। वर्ष 2012 के आंकड़ों के मुताबिक इस विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 3 लाख 48 हजार 334 है। जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 1 लाख 96 हजार 514 है। जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 1 लाख 51 हजार 779 है। जिसमें समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को जीत मिली थी।

क्या रही है बलिया सदर की राजनीतिक स्थिति

16वीं विधानसभा यानी 2012 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के नारद राय ने कौमी एकता दल के साथी राम जी गुप्ता को हरा कर जीत दर्ज की थी। बहुजन समाज पार्टी के संजय उपाध्याय तीसरे स्थान पर रहे। जबकि कांग्रेस के नागेंद्र पांडेय को चौथे स्थान पर। 2012 में इस सीट पर जीत दर्ज करने के बाद नारद राय 2017 तक यहां से विधायक रहे। मुलायम सिंह के करीबी माने जाने वाले नारद राय मंत्री भी रहे। पहले नगर विकास मंत्री और फिर खेलकूद मंत्री रहे नारद राय, आखिरी दौर में पार्टी से निष्कासित भी हुए। 2012 के राजनीतिक परिस्थितियों को याद करते हुए नगर के वार्ड नंबर 12 से सभासद अमित दुबे बताते हैं कि तत्कालीन समय सोशल मीडिया का नहीं था ऐसे में चुनाव की लहर आखिरी दिन तक प्रभावित होती थी।

चुनाव प्रचार के आखिरी दिनों का जिक्र करते हुए वो कहते हैं, “चुनाव में प्रचार के आखिरी दिनों में कौमी एकता दल के उम्मीदवार और व्यापारी नेता साथी रामजी गुप्ता की झंडा- पोस्टर के साथ एक बड़ी रैली निकली, जिसके बाद शहर के व्यापारीयों में कई तरह की बातें उठने लगीं। लोग दबी-जु़बान से अंसारी परिवार के हस्तक्षेप के बढ़ने की बात भी करने लगे। जिसके बाद व्यापारी समुदाय का वोट साथी रामजी गुप्ता को नहीं मिला। तत्कालीन सरकार बसपा की थी ऐसे में सपा को लेकर सकारात्मक लहर थी, नारद राय कद्दावर नेता थे जिसका असर हुआ और वह चुनाव जीते “

कौन हैं इस सीट के धुरंधर

अपने प्रारंभिक राजनीतिक जीवन के बारे में एक समाचार पत्र को दिए इंटरव्यू में नारद राय बताते हैं कि 1973 के दौरान वो जनेश्वर मिश्र के संपर्क में आए। दरअसल गंगा के किनारे घर होने के कारण पैतृक आवास बाढ़ के भेंट चढ़ गया। इसके बाद श्री राय का परिवार शहर में दूध का कारोबार करने लगा। इस दौरान चौधरी चरण सिंह के लेवी विरोधी आंदोलन में नारद राय जेल भी गए। हालांकि नाबालिग होने के कारण उन्हें 24 घंटे में छोड़ दिया गया। 12वीं पास करने के बाद श्री जनेश्वर मिश्र के कहने पर नारद राय ने नैनी एग्रीकल्चर इंस्टिट्यूट में बी.एस.सी में एडमिशन लिया। लेकिन वहां मन नहीं लगा और वापस आकर टीडी कॉलेज में एडमिशन ले लिया।

यहां छात्र संघ में सक्रिय भूमिका निभाने के बाद 2002 में उन्हें समाजवादी पार्टी ने टिकट दे दिया। वह भी यूं नहीं बल्कि स्व. विक्रमादित्य का टिकट काटकर। वह जीते और फिर मुलायम सिंह यादव ने उन्हें राज्यमंत्री बनाया। वह मुलायम सिंह के करीबी रहे। कद्दावर मंत्रालयों को संभाला। हाल ये रहा कि अपने एक कार्यकाल में श्री राय ने दो अलग-अलग कद्दावर मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली।

चुनावी समीकरण एवं मुद्दा

माना जाता है कि यहां ब्राह्मण, बनिक समुदाय, मुस्लिम, भूमिहार, क्षत्रिय, अनुसूचित जाति के वोटरों की अच्छी तादाद है।सामाजिक समीकरणों के लिहाज से यहां सपा के एमवाई समीकरण के साथ बसपा की दलित ब्राह्मण की जुगलबंदी भी काफी सफल रही। जाति-धर्म की परवान चढ़ती राजनीति में वास्तविक मुद्दा चुनाव दर चुनाव गौड़ होता चला गया। लिहाजा विकास की बात करना बेमानी ही है। आजतक ट्रैफिक जाम से जूझ रहे जिले में नगर विकास मंत्री भी रहे हैं। दो-दो मंत्रालय वाले विधायक की उपस्थिति में भी न तो यहां नगर विकास ही हो सका और ना ही खेलकूद की समुचित व्यवस्था।

यहां की आबादी बरसात में जल निकासी, बजबजाती नालियां, शहर में मिनटों में घण्टो तक लगे रहने वाले जाम जैसे बुनियादी समस्याओं से परेशान है, फिर भी सुरसा के बदन सरीखी यह समस्याएं कभी राजनीति का ही नहीं रहीं। वहीं रोजगार के लिए पलायन तो यहां की नियति में शुमार है। देश के किसी भी कोने में जाएं तो वहां हाड़ तोड़ मेहनत कर दो रोटी के लिये अपने शहर को छोड़ देने वाले तमाम बलिया के लोग मिल जाएंगे।


बलिया खबर के पाठकों, ये है हमारा नया कार्यक्रम विधानसभा’वार । इस कार्यक्रम में हम जिले की सभी विधानसभाओं पर  2007 से लेकर अब तक के सभी चुनावों  की विस्तृत रिपोर्ट करेंगे। इसके माध्यम से तत्कालीन चुनावी परिस्थितियों, स्थानीय मुद्दों और विजयी प्रत्याशी के राजनीतिक जीवन का ब्योरा देंगे। आप अपने सुझाव balliakhabar@gmail.com पर भेज सकते हैं।


 

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बी.एन. इंटरनेशनल स्कूल में विज्ञान प्रदर्शनी का भव्य आयोजन

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बलिया। नारायणपुर स्थित बी.एन. इंटरनेशनल स्कूल में शनिवार को विज्ञान प्रदर्शनी का शानदार आयोजन किया गया। विद्यार्थियों ने विज्ञान के विभिन्न आयामों पर आधारित अपने मॉडल प्रदर्शित कर सबको प्रभावित किया। उनकी सृजनशीलता और तकनीकी कौशल को देखकर अतिथि, अभिभावक व आगंतुक मंत्रमुग्ध रह गए।

कार्यक्रम का शुभारंभ क्षेत्र के विख्यात एवं सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता श्री विनोद कुमार सिंह द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य श्री बलविंदर सिंह, अभिभावकों तथा पूर्व छात्रों की उल्लेखनीय उपस्थिति रही, जिन्होंने बच्चों का उत्साहवर्धन किया।

प्राचार्य श्री बलविंदर सिंह ने कहा कि इस प्रकार की गतिविधियाँ छात्रों में नवाचार, शोध क्षमता और वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देती हैं। विद्यालय प्रबंधन ने सभी अतिथियों व प्रतिभागी छात्रों का आभार व्यक्त किया।

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BHU के शिक्षाविद् अजीत सिंह बनें जमुना राम मेमोरियल स्कूल के प्रिंसिपल

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चितबड़ागांव, बलिया।
जमुना राम मेमोरियल स्कूल में शुक्रवार को शिक्षा के नए अध्याय की शुरुआत हुई, जब श्री अजीत कुमार सिंह ने विद्यालय के नए प्रधानाचार्य के रूप में पदभार संभाला। अंग्रेज़ी विषय में स्नातक एवं परास्नातक काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पूर्ण करने वाले श्री सिंह पिछले 15 वर्षों से शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर चुके हैं। उनकी पहचान एक अनुशासित, नवाचारवादी और छात्र केंद्रित शिक्षक के रूप में रही है।

पद ग्रहण के अवसर पर विद्यालय के संस्थापक प्रबंधक प्रो. धर्मात्मा नंद ने उनका स्वागत करते हुए कहा कि—
“विद्यालय को हमेशा एक ऐसे नेतृत्व की आवश्यकता थी, जो शिक्षा को केवल पाठ्यक्रम नहीं बल्कि भविष्य निर्माण के रूप में देखे। हमें विश्वास है कि श्री सिंह के मार्गदर्शन में हमारे बच्चों का सर्वांगीण विकास होगा।”

समारोह में विद्यालय के निदेशक तुषार नंद, सह निदेशक सौम्या प्रसाद, सीनियर ऑडिटर अरविंद चौबे, प्राइमरी कोऑर्डिनेटर नीतू मिश्रा, एवं विद्यालय परिवार के सभी सदस्य मौजूद रहे। कार्यक्रम का कुशल संचालन इरफ़ान अंसारी ने किया।

अपने संबोधन में प्रधानाचार्य श्री अजीत कुमार सिंह ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा “शिक्षा वही है, जो आपको सोचने, समझने और समाज में योगदान देने की शक्ति दे। लक्ष्य बड़ा रखें, प्रयास निरंतर रखें और खुद पर विश्वास कभी मत खोएँ। यह विद्यालय आपकी सफलता की हर सीढ़ी पर आपके साथ खड़ा रहेगा।”

विद्यालय में छात्रों और शिक्षकों के बीच नए प्रधानाचार्य के आगमन से उत्साह, विश्वास और नई उम्मीदों का संचार स्पष्ट रूप से देखने को मिला। सभी को भरोसा है कि आने वाले वर्षों में विद्यालय प्रगति के नए आयाम स्थापित करेगा।

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फेफना खेल महोत्सव : कबड्डी फाइनल में जमुना राम मेमोरियल स्कूल की बेटियों का दमदार प्रदर्शन

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बलिया, 3 दिसंबर 2025। फेफना खेल महोत्सव 2025 के तहत आज बालिका वर्ग की कबड्डी प्रतियोगिता का फाइनल मुकाबला रोमांच और जोश से भरपूर रहा। खिताबी जंग जमुना राम मेमोरियल स्कूल, चितबड़ागांव और मर्चेंट इंटर कॉलेज, बलिया के बीच खेली गई।

कड़े संघर्ष से भरे इस मैच में जमुना राम मेमोरियल स्कूल की बालिकाओं ने शानदार कौशल, साहस और टीमवर्क का परिचय दिया। अंतिम मिनटों तक चले रोमांचक मुकाबले में शानदार प्रदर्शन करते हुए टीम ने उपविजेता का खिताब हासिल किया।

पूर्व खेल मंत्री ने बढ़ाया खिलाड़ियों का उत्साह

फाइनल मुकाबले में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे पूर्व खेल मंत्री श्री उपेंद्र तिवारी ने दोनों टीमों से भेंट कर उनका हौसला बढ़ाया। मैच के बाद उन्होंने विजेता और उपविजेता टीमों को मेडल व ट्रॉफी प्रदान कर सम्मानित किया।

विद्यालय परिवार में उत्सव जैसा माहौल

विद्यालय के प्रबंधक निदेशक इंजीनियर तुषार नंद ने छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि बेटियों का यह प्रदर्शन स्कूल के लिए गर्व की बात है।
प्रधानाचार्य अरविंद चौबे और क्रीड़ा शिक्षक सरदार मोहम्मद अफजल ने भी टीम की उपलब्धि पर खुशी व्यक्त करते हुए खिलाड़ियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

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