Connect with us

featured

बलिया – चंद्रशेखर यूनिवर्सिटी का दीक्षांत समारोह, 32 मेधावियों को राज्यपाल ने दिया स्वर्ण पदक

Published

on

बलिया: जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय का द्वितीय दीक्षांत समारोह शनिवार को कुलाधिपति व राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में विश्विद्यालय प्रांगड़ में सम्पन्न हुआ। इसमें बतौर मुख्य अतिथि पूर्व प्रमुख लोकायुक्त न्यायमूर्ति शंभूनाथ श्रीवास्तव एवं विशिष्ट अतिथि डिप्टी सीएम प्रो दिनेश शर्मा शामिल हुए।

अपने अध्यक्षीय संबोधन में राज्यपाल श्रीमती पटेल ने कहा कि आज देश में संचार क्रांति के साथ-साथ संस्कार क्रांति भी आवश्यक है। प्राचीन चिंतन परंपरा का समावेश कर शिक्षा देने का प्रयास होना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वर्ण पदक प्राप्त करने वालों में बेटियों की संख्या अधिक है, यह ‘बेटी बचाओ बेटी बढ़ाओ’ की सार्थकता को सिद्ध करती है। आश्वस्त किया कि बलिया व इसके आसपास के क्षेत्र का सर्वोत्तम केंद्र के रूप में यह विश्वविद्यालय विकसित होगा। विद्यार्थियों को तमाम सकारात्मक संदेश देते हुए उन्होंने कहा की दीक्षांत शिक्षा का अंत नहीं है। सफलता की सीढ़ी कठिन परिश्रम से ही बनती है। इसलिए जीवन में लक्ष्य बनाकर कार्य करें। विद्यार्थियों से काफी कुछ आशाएं समाज व राष्ट्र को है, जिस पर खरा उतरने का प्रयास करें।

70 फीसदी पाठ्यक्रम होगा एक जैसा

राज्यपाल ने कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव व नवाचार पर सरकार की मंशा साफ है। नई शिक्षा नीति में 70 फीसदी पाठ्यक्रम एक जैसा होगा, जो केंद्र सरकार की ओर से निर्धारित होगा। शेष तीस प्रतिशत प्रदेश स्तर से तय किया जा सकेगा। इस तीस फीसदी पाठ्यक्रम में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका शिक्षकों की है। कहा कि केजी से पीजी तक शिक्षा में एकरूपता होनी चाहिए। सुझाव दिया कि भागवत गीता की महत्वपूर्ण प्रेरणादायक बातें, महिला शिक्षा व सशक्तिकरण, युवा शक्ति को एकत्र करने, छोटे बच्चों में लचीलापन से जुड़े विषय पाठ्यक्रम में कैसे शामिल किया जाए, इसके दृष्टिगत तैयारी करें। पहली कक्षा से 12वीं तक गणित, हिंदी, पर्यावरण, विज्ञान, इतिहास आदि का चरणवार पाठ्क्रम कैसे तैयार होगा, इस पर सब मिलकर कार्य करें।

पठन पाठन व प्रशासनिक कार्य के लिए देखें नई जगह

यूनिवर्सिटी में बरसात के दिनों में जलभराव की समस्या को लेकर राज्यपाल ने कहा कि किसी अन्य जगह पर प्रशासनिक व शिक्षा व्यवस्था के लिए भवन निर्माण होगा। इसके लिए मंडलायुक्त, डीएम व विश्वविद्यालय प्रशासन बैठ कर जगह के लिए निर्णय लें। उम्मीद जताई कि अगला दीक्षांत समारोह नए भवन में होगा। उन्होंने कहा कि इस जगह का भी सदुपयोग होगा।

तकनीकी शिक्षा जरूरी, पर मूलभूत शिक्षा से नहीं भटकें

राजपाल ने कहा कि सरकार उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार के लिए काम कर रही है। शिक्षा में शोध की गुणवत्ता बढ़ाने पर जोर है। तभी हम वैश्विक चुनौतियों का सामना करने वाली पीढ़ी तैयार कर पाएंगे। नई शिक्षा नीति इसमें सहायक होगी। उन्होंने विज्ञान व शिक्षा में नवीनता व तकनीकी शिक्षा पर जोर तो दिया, लेकिन अपनी संस्कृति-सभ्यता व मूलभूत शिक्षा से नहीं भटकने की भी सलाह दी। बौद्धिक विकास के साथ उत्तम चरित्र का भी निर्माण जरूरी है। विश्वविद्यालय के कार्यों की तारीफ करते हुए राज्यपाल ने कहा कि तय समय में नकलविहीन परीक्षा व सबसे पहले परीक्षाफल घोषित कर मिशाल कायम की है।

आजादी का अमृत महोत्सव’ में विद्यार्थियों की हो भागीदारी

राज्यपाल ने कहा कि वर्ष 1930 में 12 मार्च का दिन आजादी का टर्निंग पॉइंट वाला दिन था। उस दिन गांधी जी ने दांडी यात्रा की शुरुआत की थी। तब आंदोलनकारियों ने तमाम अत्याचार झेले थे। उस नमक सत्याग्रह की वजह से देश में आजादी की चिंगारी फैल गई थी। लेकिन आजादी के उन संघर्षो के बारे में काफी कम युवा जानते होंगें। आवाह्न किया कि 75 सप्ताह तक चलने वाले कार्यक्रमों में बच्चों की भागीदारी होनी चाहिए। अमृत महोत्सव के जरिए देश के बच्चों को आजादी के संघर्ष व 150 साल तक स्वतंत्रता संग्राम कैसे चला, यह बताया जाना चाहिए।

पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए भागवत गीता, ताकि विद्यार्थियों का आत्मबल हो मजबूत

दूसरे दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति शम्भूनाथ श्रीवास्तव ने पुरातन शिक्षा से लेकर अब तक की शिक्षा व्यवस्था पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि अतीत को शिक्षा में स्थान दिया जाना चाहिए। हमारे प्राचीन ग्रन्थ अमूल्य धरोहर हैं। विद्यार्थियों में भगवत गीता जैसे महान ग्रंथों के संस्कार डालने होंगे। आह्वान किया कि सभी कक्षाओं में भगवद्गीता पढ़ाया जाए। यही नहीं, हर एक व्यक्ति को भागवत गीता अवश्य पढ़ना चाहिए। उससे आत्मबल मजबूत होता है। कठिन से कठिन परिस्थिति से निकलने की प्रेरणा मिलती है। स्पष्ट किया कि यह कोई धर्मिक किताब नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति-सभ्यता व दर्शन से जुड़ी किताब है।

जलभराव की समस्या को लेकर तैयार करें एक्शन प्लान

विशिष्ट अतिथि डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने यहां के क्रांतिवीरों व महापुरुषों को याद करते हुए कहा कि बलिया का अपना इतिहास स्वर्णिम रहा है। इस यूनिवर्सिटी के बेहतर निर्माण करने का सौभाग्य वर्तमान सरकार को मिला। यह विश्वविद्यालय दिन-ब-दिन ऊंचाइयों को छू रहा है। विश्वविद्यालय में शोध कार्यों के साथ सेमिनार, वेबिनार समेत कई बड़े आयोजन हुए, जो सराहनीय है। उन्होंने कहा कि यहां जलभराव की गंभीर समस्या के समाधान के प्रति कुलाधिपति समेत राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। जिला प्रशासन इसके लिए एक एक्शन प्लान तैयार कर उपलब्ध कराए। इस समस्या के समाधान के साथ विश्वविद्यालय के उन्नयन के लिए हरसम्भव कोशिश की जाएगी। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा में तमाम खामियां थी, जिसे पिछले चार वर्षों में दूर करने का प्रयास किया। इसके तहत 79 राजकीय महाविद्यालय की स्थापना की गई। स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रम के आधार पर भी संचालन करने की व्यवस्था सरकार कर रही है। उन्होंने कहा कि लघु एवं मध्यम विभाग का अनुबंध उच्च शिक्षा विभाग से हुआ है, जिसका लाभ आगे देखने को मिलेगा।

अपनी हल कापी देख सकें परीक्षार्थी, ऐसी की जा रही पहल

उच्च शिक्षा मंत्री श्री शर्मा ने कहा कि परीक्षा में परीक्षार्थी बैठता है तो बाद में वह अपनी कापी देख सके, ऐसी व्यवस्था कराने का प्रयत्न किया जा रहा है। इससे मूल्यांकन में स्पष्ट पारदर्शिता दिख सकेगी। ऑनलाइन टीचिंग, ऑनलाइन अंक पत्र, ऑनलाइन सत्यापन की व्यवस्था को नई शिक्षा नीति के अंतर्गत जोड़ा है। नवाचार व प्रोत्साहन की नीति, कालेजों को स्वायत्तता प्रदान करने के साथ यहां के मेधावी छात्रों को विदेश नहीं जाना पड़े, ऑस्ट्रेलिया समेत अन्य देशों के बेहतर यूनिवर्सिटी की शाखा यूपी में भी खुल सके, ऐसी पहल की जा रही है। चंद्रशेखर विश्वविद्यालय सुविख्यात प्रांगड़ के रूप में जाना जाए, इसकी शुभकामनाएं दी।

कुलपति ने बताई विवि की उपलब्धियां

कुलपति प्रो.कल्पलता पांडेय ने अतिथियों का स्वागत करने के बाद विश्वविद्यालय की उपलब्धियों के बारे में बताया। कहा, विश्वविद्यालय ने टीवी से ग्रसित छह बच्चों को गोद लिया है। तमाम समस्याओं के बाद भी सीमित संसाधनों में सकुशल परीक्षा कराने और सबसे पहले परीक्षाफल घोषित किया। चूंकि विश्वविद्यालय मुख्य मार्ग से काफी हट कर है, लिहाजा यहां छात्र-छात्राओं के आने में दिक्कत होने के दृष्टिगत छात्राओं के लिए सुगम स्थल पर दूसरे परिसर का प्रस्ताव भेजा गया है। इसके अलावा यूनिवर्सिटी परिसर में एससी-एसटी के विद्यार्थियों के लिए परिसर में ही हास्टल बनने का प्रस्ताव पास हो चुका है। कुलपति प्रो पांडेय ने कहा कि विश्वविद्यालय अपने दायित्व का निर्वहन बखूबी कर रहा है। उन्होंने कहा कि लिविंग लिजेंड्स ऑफ बलिया ग्रुप में 70 लोग है, जिनमें आज के मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति शम्भूनाथ जी भी शामिल हैं।

उपाधि पाने वालों में 66 फीसदी छात्राएं

दीक्षांत समारोह में कुल 21079 उपाधियाँ वितरित की गई, जिसमें 17,103 स्नातक व 3976 स्नातकोत्तर उपाधियाँ थी। उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में छात्राओं का अनुपात छात्रों से ज्यादा रहा। कुल 66.34 फीसदी छात्राओं ने उपाधि प्राप्त किया। राज्यपाल ने कहा कि बेटियों की संख्या ज्यादा होना महिला सशक्तिकरण और बेटी पढ़ाओ बेटी बढ़ाओ की सार्थकता को साबित करती है।

उपहार पाकर गदगद हुए प्राथमिक विद्यालय के बच्चे

द्वितीय दीक्षांत समारोह के अवसर पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने प्राथमिक विद्यालय के 50 बच्चों को अपनी ओर से उपहार वितरित कीं। उपहार स्वरूप मिले झोले में पेंसिल, टिफिन बॉक्स, किताबें व चॉकलेट था। बड़े भव्य मंच पर राज्यपाल के हाथों बाहर आकर बच्चों का भी खुशी का ठिकाना नहीं था।

शोभायात्रा के साथ दीक्षांत समारोह में पहुंचीं राज्यपाल

राज्यपाल का हेलीकॉप्टर ठीक दस बजे विवि परिसर में उतरा। जहां उनका स्वागत कुलपति प्रो कल्पलता पाण्डेय व जिलाधिकारी अदिति सिंह ने पुष्पगुच्छ देकर किया। इसके बाद उन्होंने डार्क रूम में दीक्षांत समारोह के लिए निर्धारित गणवेश धारण किया। फिर शोभायात्रा के साथ दीक्षांत समारोह स्थल पर पहुंचीं।

स्मारिका व पुस्तक का किया विमोचन

राज्यपाल समेत अन्य अतिथियों ने मंच से जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय की स्मारिका ‘मंथन’, त्रैमासिक समाचार पत्र ‘अन्वीक्षण’ के तृतीय अंक के साथ दीनदयाल उपाध्याय शोधपीठ की पुस्तक विचार-प्रवाह का लोकार्पण किया। इसके अलावा लिजेंड्स एंड लिविंग लिजेंड्स ऑफ बलिया पुस्तक एवं परिसर के प्राध्यापक प्रमोद शंकर पांडे की ‘सर्वेश्वर दयाल शर्मा का रचना संसार’, राजनीतिशास्त्र की प्रवक्ता मनीषा सिंह की रचना व गोपाल जी महाविद्यालय की प्राचार्य साधना श्रीवास्तव की पुस्तक ‘अजस्रधारा’ का भी लोकार्पण किया।

इन 32 मेधावियों को मिला स्वर्ण पदक

दीक्षांत समारोह में राज्यपाल व अन्य अतिथियों ने 32 छात्र-छात्राओं को सर्वोच्च अंक प्राप्त करने पर स्वर्ण पदक प्रदान किया। इसमें बीए में प्रतिमा दूबे, बीकॉम में चंचल सिंह, बीएससी में सीपनिता, बीएड में कृति सिंह, बीपीएड में प्रवीण कुमार, एलएलबी में लतिका सिंह, एमए हिंदी में अंकित वर्मा, एमए संस्कृत में नीरज तिवारी, एमए अंग्रेजी में गुलबहार अहमद, एमए प्राचीन इतिहास , संस्कृति एवं पुरातत्व में अंकित तिवारी, एमए मध्यकालीन एवं आधुनिक इतिहास में नन्दकिशोर तिवारी, एमए उर्दू में मोहम्मद सनाउल्लाह, एमए भूगोल में यशिका, एमए अर्थशास्त्र में मधु तिवारी, एमए समाजशास्त्र में तश्लिमा ख़ातून, एमए राजनीतिशास्त्र में निशिका सिंह, एमए मनोविज्ञान में संध्या मौर्य, एमए दर्शनशास्त्र में वैभव पांडेय, एमए शिक्षाशास्त्र नेहा गुप्ता, एमकॉम में रामध्यान कुमार यादव, एमएड में चंदा सिंह, एमएससी गणित अंशु यादव, एमएससी रसायन विज्ञान में नम्रता सौम्या, एमएससी वनस्पति में दीक्षा सिंह, एमएससी जंतु विज्ञान में आँचल दुबे, एमए गृह विज्ञान आहार एवं पोषण अर्चना सिंह, एमए गृह विज्ञान मानव विकास बुशरा अजीम, एमए सैन्य विज्ञान में दीपिका मौर्य, एमएससी जैव प्रौद्योगिकी में अंजली सिंह, एमएससी कृषि अर्थशास्त्र में धनंजय दुबे, एमएससी कृषि रसायन एवं मृदा विज्ञान में सत्य श्रीवास्तव, एमएससी कृषि अनुवांशिकी एवं पादप प्रजनन रविशेखर द्विवेदी को गोल्ड मेडल मिला।

Advertisement        
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

featured

बलिया के फेफना तिराहे के पास खुली डिजिटल लाइब्रेरी, मिलेंगी विशेष सुविधाएं

Published

on

बलिया के फेफना तिराहा से 500 मीटर रसड़ा रोड़ वोडाफोन टावर के सामने बाबा विश्वनाथ डिजिटल लाइब्रेरी की शुरुआत की गई है। इस लाइब्रेरी में कई प्रकार की सुविधाएं मिलेंगी, खासतौर पर लड़कियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।

इस लाइब्रेरी में शांत वातावरण, हाई स्पीड वाई-फाई सेवा, पूर्णतया वातानुकूलित, शुद्ध पेयजल की सुविधा, पार्किंग सुविधा, सीसीटीवी कैमरे की सुविधा मिलेगी। इसके अलावा प्रत्येक दिन अख़बार भी पढ़ने दिया जाएगा। सेपरेट स्वच्छ वॉशरूम और टायलेट की सुविधा मिलेगी। यहां अनुशासनात्मक परिसर मिलेगा, जिससे पढ़ने में आसानी होगी।

इस लाइब्रेरी में प्रवेश लेने के लिए प्रोफेसर चंदन चौरसिया (मोबाइल नंबर- 8798946155) और पवन चौरसिया (7800921043) से संपर्क किया जा सकता है।

 

Continue Reading

featured

बलिया डीएम ने किया होम्योपैथिक चिकित्सालयों का निरीक्षण किया, 29 डॉक्टर मिले गैरहाजिर, सभी का वेतन रोका गया

Published

on

बलिया जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने बुधवार को जिला होम्योपैथिक चिकित्सालय के अलावा जनपद के 27 होम्योपैथिक चिकित्सालयों का औचक निरीक्षण कराया, जिसमें 29 चिकित्सक अनुपस्थित मिले। जिलाधिकारी में सभी ग़ैरहाजिर चिकित्सकों का वेतन अग्रिम आदेश तक रोकते हुए जिला होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया है कि सबका स्पष्टीकरण प्राप्त कर अपनी आख्या सहित सीडीओ को उपलब्ध कराएं।

सभी एसडीएम और खंड विकास अधिकारियों के माध्यम से यह निरीक्षण अभियान चलाकर कराया गया। इस दौरान जिला होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी डा सुरेश गोंड के अलावा राजकीय होम्योपैथिक जिला चिकित्सालय में वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. लिली मुनींद्र व डा मनु अनुपस्थित मिले। इसके अलावा जो चिकित्साधिकारी अनुपस्थित थे, उनमें राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय रेपुरा में चिकित्साधिकारी डॉ उपेंद्र सिंह, सीता कुंड में डॉ रामबचन, रसड़ा में डॉ लाल बहादुर, सिकंदरपुर में सुनील कुमार वर्मा, काजीपुर में डॉ नवनीता सिंह, बांसडीह में शिवकुमार सिंह, राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय शेर पर डॉ आलोक त्रिपाठी, प्रधानपुर में डॉ बृजेश कुमार भारती गैरहाजिर मिले।

शाह मोहम्मदपुर में डॉ दयाशंकर, सूर्यपुरा में डा संजय कुमार, ससना बहादुरपुर में डॉ रुबी गुप्ता, पड़री में डॉ राजकुमार, सरयाडीह भगत में डॉ नरेंद्र कुमार, डुमरी में डॉ सुशील प्रकाश सागर, उजियार में डॉ पुनीता राय, टुटवरी में डॉ कनक, लालगंज में शैलेंद्र कुमार शर्मा, खरुआव में आशुतोष यादव, उधरन गजियापुर में डॉ लाल सिंह, जमीन सिसौंड में डॉ नीलम कुमार, बहुताचक में डॉ राजमणि, पचखोरा में डॉ चंद्रिका धर, दुगाईपट्टी में डॉ राधावती यादव, बड़ागांव में डॉ प्रदीप कुमार यादव, मानिकपुर में उदयराज व शंकरपुर अस्पताल पर दिव्या राजपूत शामिल थे। जिलाधिकारी ने सभी अनुपस्थित चिकित्साधिकारियों का एक दिन का वेतन अग्रिम आदेश तक रोकते हुए सीडीओ के यहां स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही चेतावनी भी दी है कि समय से अपने अस्पताल पर उपस्थित रहकर अपने दायित्व का निर्वहन करें।

Continue Reading

featured

बलिया पुलिस ने चोरी की वारदात का किया खुलासा, आरोपी गिरफ्तार

Published

on

बलिया की फेफना पुलिस ने चोरी की वारदार का खुलासा करते हुए 1 आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के कब्जे से चोरी की 1 अंगूठी, 1 अंगूठी सफेद धातु और 2180 रुपये नगद सहित 1 मोबाइल और 1 अवैध चाकू बरामद किया गया है।

पीड़ित ने बताया कि 18 अक्टूबर की शाम समय वो लगभग 8 बजे अपने आवास पर पहुंची तो देखा कि उनके कमरे का ताला खुला हुआ था, उन्होंने अंदर जाकर देखा तो बक्से का ताला भी खुला था। बक्से के अंदर रखी सोने और चांदी की अंगूठी के साथ 3 हजार नकद गायब था। पीड़ित ने बताया कि उनके आवास के पास में रहने वाला अश्निवी सिंह काफी दिनों से उनके आवास के पास संदिग्ध अवस्था में घूमता दिख रहा था। मुझे उस पर शक है।

इस शिकायत के बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू की और तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया और उसके पास से चोरी अंगूठी, 2180 नगद और 1 मोबाइल बरामद किया। इस कार्रवाई में फेफना पुलिस टीम के वरिष्ठ उपनिरीक्षक राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय, उपनिरीक्षक सुधीर चौहान, उपनिरीक्षक अजय कुमार, कांस्टेबल नन्दू पाल, कांस्टेबल हरिश्चन्द्र की विशेष भूमिका रही।

 

Continue Reading

TRENDING STORIES

error: Content is protected !!