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बिहार से बलिया जल्द होगा कनेक्ट, 3 बड़े पुलों के लिए बिहार सरकार देगी मुफ्त जमीन

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बलिया। बिहार से कनेक्टिविटी के लिए बिहार सरकार ने बलिया को तोहफा दिया है। बिहार सरकार ने 3 बड़े पुलों के अप्रोच मार्ग के निर्माण में आ रही बाधा को दूर करने के लिए कदम बढ़ाए हैं। बिहार सरकार ने अप्रोच मार्ग के लिए जमीन मुफ्त में दी है। सरयू नदी में 3 साल से बन रहे खरीद-दरौली घाट पुल के अप्रोच मार्ग के लिए करीब 500 मीटर भूखंड PWD बलिया को हैंडओवर कर दिया है। साथ ही चांदपुर और शिवपुर पुल के अप्रोच मार्ग के लिए भी मुफ्त में जमीन देने के लिए बिहार सरकार ने सहमति जताई है।

बता दें निर्माण कार्य अब अंतिम पड़ाव पर है बहुत जल्द प्रोजेक्ट उत्तर प्रदेश सेतु निगम हैंडओवर कर देगा। क्योंकि संपर्क मार्ग का निर्माण PWD को करना है। 679.81 करोड़ की तीनों परियोजनाओं के लिए अब प्रमुख अभियंता लखनऊ ने सिवान और छपरा के डीएम को पत्र लिख दिया है। कहा है कि अविलंब भूखंड हैंडओवर की प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाए। प्रकरण में सिवान प्रशासन की ओर से दरौली घाट के पहुंच मार्ग के लिए कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है।

वहीं पथ प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता ने जिला भू-अर्जन पदाधिकारी से जमीन का चिह्नांकन के लिए कहा है। बता दें कि खरीद-दरौली के पहुंच मार्ग के लिए बिहार का हिस्सा 500 मीटर है, जबकि चांदपुर में 2800 मीटर। इसी तरह शिवपुर में करीब 1800 मीटर लंबा मार्ग सीमा के उस पार बनाया जाना है। यूपी के हिस्से में जमीन फाइनल हो चुकी है। अब मार्ग का डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाई जा रही है। विधानसभा चुनाव के बाद प्रोजेक्ट्स को रफ्तार मिलेगी।

बिहार सरकार हैंडओवर करेगी जमीन- दरअसल बिहार सरकार की ओर से भूखंड हैंडओवर किया जाना है। उन्हें जमीन मुफ्त देनी है। इसके बाद बलिया के हिस्से में पहुंच मार्ग यहां के इंजीनियर बनाएंगे, जबकि बिहार के अभियंता अपने हिस्से का काम करेंगे। इस दिशा में सहमति भी बन चुकी है। उत्तर प्रदेश सेतु निगम के परियोजना अधिकारी संतराज का कहना है कि टाइम लाइन के अनुरुप काम पूरा करने की कोशिश है। तीनों परियोजनाओं से बिहार से कनेक्टिविटी मजबूत हो जाएगी।

कटान प्रभावित पुलों का दूर होगा पेंच- सरयू की कटान से खरीद-दरौली और चांदपुर पुल प्रभावित हैं। पिछले दिनों पहुंच मार्ग का हिस्सा घटाने के लिए लखनऊ मुख्यालय को पत्र लिखा गया था। इसके स्थान पर पिलर की संख्या बढ़ाए जाने की तैयारी है। दोनों प्रोजेक्टों के लिए राज्य स्तरीय कमेटी का गठन हो चुका है। विधानसभा चुनाव के बाद कमेटी बलिया आएगी और फंसे पेच को सुलझाने की दिशा में काम करेगी।

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बलिया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बलिया के एसपी के हलफनामे की भाषा पर जताई नाराजगी, न्यायालय की गरिमा बनाए रखने की दी सलाह

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बलिया के पुलिस अधीक्षक (एसपी) ओमवीर सिंह द्वारा दाखिल किए गए शपथपत्र की भाषा पर गंभीर आपत्ति जताते हुए उसे अनुचित और न्यायालय की मर्यादा के प्रतिकूल बताया है। अदालत ने भविष्य में अधिक सावधानी बरतने और भाषा में आवश्यक सुधार लाने की सख्त हिदायत दी है।

एसपी सिंह ने अपने हलफनामे में लिखा था कि पुलिस बल ‘किसी अदालत के किसी आदेश’ के अनुपालन में उपलब्ध कराया जाएगा। इस पर हाईकोर्ट ने टिप्पणी की कि न्यायालय कोई सामान्य संस्था नहीं है, बल्कि एक गरिमामयी संस्था है, जिसे ‘किसी अदालत’ कहकर संबोधित करना अनुचित है। इसे स्पष्ट रूप से ‘जनपद न्यायाधीश बलिया’ या ‘सिविल जज (सीनियर डिवीजन) बलिया’ कहकर संबोधित किया जाना चाहिए।

कोर्ट ने आगे समझाया कि तहसीलदार, जो कि सहायक कलेक्टर होता है, एसपी का अधीनस्थ नहीं होता। यदि तहसीलदार अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करता है, तो उसे पुलिस बल की आवश्यकता की जानकारी एसपी को औपचारिक मांग पत्र के माध्यम से देनी चाहिए। इसके बाद एसपी को स्वयं यह तय करना होगा कि कितनी पुलिस बल की आवश्यकता है, ताकि राज्य को आदेशों के क्रियान्वयन में किसी तरह की शर्मिंदगी का सामना न करना पड़े।

एसपी बलिया को न केवल भविष्य में सावधानी बरतने की चेतावनी दी गई है, बल्कि उनसे एक बेहतर और उपयुक्त भाषा में नया हलफनामा दाखिल करने का आदेश भी दिया गया है। मामले की अगली सुनवाई 9 मई की दोपहर को होगी।

यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने बलिया के रसड़ा निवासी गजेंद्र उर्फ धर्मात्मा की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया। याचिका में आरोप लगाया गया था कि सार्वजनिक भूमि पर अवैध कब्जा किया गया है। तहसीलदार रसड़ा ने अदालत के निर्देश पर मौके का निरीक्षण कर अतिक्रमण हटाने की कोशिश की, लेकिन पत्थरबाजी के कारण वह कार्रवाई अधूरी रह गई।

तहसीलदार ने अदालत को बताया कि उन्हें पर्याप्त पुलिस बल उपलब्ध नहीं कराया गया, जिसके चलते अतिक्रमण नहीं हट पाया। इस पर अदालत ने एसपी से जवाब मांगा था।

अपने शपथपत्र में एसपी ने कहा कि तहसीलदार ने 26 मई को अतिक्रमण हटाने की तिथि तय की थी और 3 मई को पुलिस बल की मांग का पत्र कोतवाली को भेजा गया था। उस पर तुरंत कार्रवाई करते हुए अतिक्रमणकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई है और 26 मई को पुलिस बल भी प्रदान किया जाएगा।

हालांकि, हाईकोर्ट ने इस हलफनामे पर असंतोष जताते हुए कहा कि एफआईआर तो कोर्ट के आदेश के बाद दर्ज की गई है, यह कोई विशेष उपलब्धि नहीं है। अदालत ने एसपी को निर्देश दिया कि वे एक संशोधित, उपयुक्त और गरिमामयी हलफनामा प्रस्तुत करें।

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बलिया

बलिया में फर्जी बी.पी.एल. प्रमाण पत्र के सहारे पाई आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की नौकरी, जिलाधिकारी ने नियुक्ति पर लगाई रोक

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बलिया जिले के नगरा क्षेत्र स्थित जहांगीरपुरा वार्ड संख्या-3 की एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पर फर्जी बी.पी.एल. प्रमाण पत्र के जरिए सरकारी पद प्राप्त करने का आरोप सिद्ध हुआ है। जिलाधिकारी को प्राप्त शिकायत की जांच के बाद मामला गंभीर पाया गया, जिसके चलते संबंधित नियुक्ति को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है।

शिकायत की जांच के लिए तहसीलदार एवं उपजिलाधिकारी रसड़ा को जिम्मेदारी सौंपी गई थी। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि 7 जनवरी 2025 को एक फर्जी आय प्रमाण पत्र तैयार करवा कर श्रीमती जयश्री, पत्नी राजीव मोहन यादव, ने स्वयं को बी.पी.एल. श्रेणी में दर्शाया था। इस फर्जीवाड़े में क्षेत्रीय लेखपाल की भी संलिप्तता पाई गई है।

उपजिलाधिकारी रसड़ा द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर जिलाधिकारी ने बाल विकास परियोजना अधिकारी (CDPO), नगरा को निर्देशित किया है कि श्रीमती जयश्री के विरुद्ध प्राथमिकी (FIR) दर्ज करवाई जाए। इसके साथ ही, दोषी लेखपाल पर प्रशासनिक एवं विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया तत्काल प्रारंभ करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रशासन की इस सख्त कार्रवाई से स्पष्ट संदेश दिया गया है कि शासकीय पदों की प्राप्ति हेतु धोखाधड़ी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

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बलिया के बेल्थरारोड में दिनदहाड़े महिला से ठगी, लॉकेट और कान के टॉप्स उड़ा ले गए चोर

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बेल्थरा रोड क्षेत्र में मंगलवार को दिनदहाड़े एक महिला से ठगी की सनसनीखेज वारदात सामने आई है। घटना चौधरी चरण सिंह तिराहे पर उस समय हुई जब फुलनी देवी, निवासी अटवा, तुर्तीपार, अपने भांजे की शादी से इंदारा, मऊ से लौटकर ऑटो का इंतजार कर रही थीं।

इसी दौरान एक युवक ने उनसे बातचीत शुरू की। तभी एक अन्य युवक वहां से गुजरा और उसका रुमाल गिर गया। तीसरे युवक ने रुमाल उठाया और कुछ ही देर में एक चौथा व्यक्ति आया, जिसने रुमाल में बड़ी रकम होने का दावा किया। चारों ने मिलकर महिला को बातचीत में उलझाया और एक रुमाल सुंघा दिया। बेहोशी की हालत में महिला के गहने — सिकड़ी, लॉकेट और कान के टॉप्स — चुरा लिए गए।

होश में आने के बाद पीड़िता ने तुरंत 112 पर कॉल कर पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची, महिला का बयान दर्ज किया और मामले की जांच शुरू कर दी है।

स्थानीय लोगों ने क्षेत्र में बढ़ती ऐसी घटनाओं पर चिंता जताते हुए गश्त बढ़ाने की मांग की है। गौरतलब है कि इस इलाके में पहले भी कई महिलाएं इसी तरह की ठगी का शिकार हो चुकी हैं, लेकिन आरोपी अब तक पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।

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