बलियाः करोड़ों की लागत से पंचायतों में सामुदायिक शौचालल का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है। अधिकांश सामुदायिक शौचालयों में ताला लटका रहता है और केयर टेकर इसका संचालन कागजों में कर रहे हैं।
केयर टेकरों को हर महीने 9 हजार की राशि मिलती है, लेकिन वे अपनी जिम्मेदारी ठीक तरह से नहीं निभा रहे। जिला पंचायत राज विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, जिले के 17 ब्लॉकों में 940 सामुदायिक शौचालय बनाने का लक्ष्य मिला था। इसमें से 833 सामुदायिक शौचालयों का निर्माण पूर्ण हो गया है। 37 का निर्माण अंतिम चरण में हैं और 70 के लिए जमीन की तलाश की जा रही है।
जिन गांवों में सामुदायिक शौचालय पूर्ण हो चुके हैं, उनके ताले नहीं खुल रहे हैं। ऐसे में ग्रामीण काफी ज्यादा परेशान हैं। सामुदायिक शौचालयों की देखरेख के लिए स्वयं सहायता समूह के केयर टेकर भी रखे। शौचालयों को खुलने का समय सुबह 5 से 9 और शाम 5 से 8 बजे तक है।
मनियर की जनता ने बताया कि रामपुर पंचायत के उदईपुर में 5 लाख की लागत से 2 साल पहले सामुदायिक शौचालय बनाया गया था, लेकिन आज तक इस सामुदायिक शौचालय का ताला नहीं खुला।
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