बलियाः गंगा, सरयू संग टोंस नदी में लगातार जलस्तर बढ़ रहा है। इससे गंगा में 4 सेमी प्रति घंटा के रफ्तार से बढ़ाव हो रहा है। सरयू में भी प्रति घंटा 1 सेमी बढ़ रही है। दोनों नदियों में उफान के चलते टोंस नदी में बढ़ाव शुरू हो गया है।
इसके लेकर जिला प्रशासन अलर्ट पर है। बाढ़ से प्रभावित गांवों के पास बाढ़ चौकी स्थापित की गई हैं। यहां लेखपालों की तैनाती की गई है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग की ओर से नजदीकी सीएचसी और पीएचसी के चिकित्सकों की ड्यूटी लगाई गई है। गायघाट में गंगा का जलस्तर 56.460 मीटर दर्ज किया गया है।
यहां खतरे का निशान 57.615 मीटर है। गंगा का जलस्तर अभी खतरा निशान से 1.155 मीटर नीचे हैं। तूर्तीपार डीएसपी हेड पर सरयू का जलस्तर 63.370 मीटर दर्ज किया गया। यहां लाल निशान 64.01 मीटर है। सरयू का जलस्तर लाल निशान से 64 सेमी नीचे हैं। जिला प्रशासन की ओर से सरयू से प्रभावित बेल्थरारोड तहसील क्षेत्र में 10, सिकंदरपुर क्षेत्र में सात बाढ़ चौकी स्थापित की गई है। गंगा से प्रभावित बैरिया क्षेत्र में 18, सदर तहसील क्षेत्र में 64 बाढ़ चौकी स्थापित की गई है।
बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता संजय मिश्र ने बताया कि जल्द ही बाढ़ का पानी डेंजर बिंदु तक पहुंचने की संभावना है। इसके लिए बाढ़ खण्ड के समस्त अभियंता अपनी टीम के साथ पूरी तरह मुस्तैद हैं। जिलाधिकारी ने गंगा किनारे के लोगों से बातचीत की और वहां हुए कार्य के बारे में जानकारी लेते हुए उनकी संतुष्टि के बारे में पूछा। लोगों ने वहां बने ठोकरों और जिओ बैग में बालू भरकर हुए कार्यों पर संतुष्टि जाहिर की।
गंगा के जलस्तर में वृद्धि होने के साथ चैन छपरा में गंगा के बैकरोल धारा के दबाव से कटान होने के कारण लगभग तीन दिन में सात एकड़ भूमि गंगा में विलीन हो गई। दुबे छपरा गोपालपुर, उदई छपरा, रामगढ़ के सोनार टोला, बनिया टोला के के लोग बाढ़ व कटान की आशंका से सहमे हुए हैं।
किसान परवल तोड़कर नाव से किनारे पर ला रहे हैं। अन्य सब्जी नेनुआ, भिंडी, बैगन, करैला, हरी मिर्च खेतों में भी पानी प्रवेश कर गया है। क्षेत्र में लगभग 200 एकड़ में सब्जी की फसल नष्ट हो रही है। मझौवा, धर्मपुरा, गरया, रुद्रपुर, शुक्लछपरा, गायघाट, पोखरा, बाबू बेल, बादिलपुर दियारा क्षेत्र में पानी का तेजी से फैलाव हो रहा है।
जिलाधिकारी रवीन्द्र कुमार ने दुबे छपरा स्थित कन्हाई ब्रह्म बाबा के स्थान पर हो रहे कटानरोधी कार्य का निरीक्षण किया। हर हाल में यह सुनिश्चित करना है कि कटान आबादी की तरफ नहीं हो। ग्रामीणों से भी कटान रोधी कार्य में सहयोग करने की अपील की। एसडीएम आत्रेय मिश्र को निर्देश दिया कि बाढ़ कटान से निपटने के लिए हर चीज की तैयारी पहले से पूरी होनी चाहिए।
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