बलिया
‘सत्ता में आए तो सिकंदरपुर को ट्रेन और सलेमपुर को मेडिकल कॉलेज देंगे’

सलेमपुर लोकसभा सीट से सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी आरएस कुशवाहा ने बलिया ख़बर से खास बातचीत की। इस बातचीत में उन्होंने बताया कि अगर सलेमपुर की जनता उन्हें अपना सांसद चुनती है तो वह यहां रेलवे और स्वास्थ्य व्यवस्था पर विशेष ध्यान देंगे।
उन्होंने इलाके में रेलवे और स्वास्थ्य व्यवस्था की ख़राब स्थिति का ज़िक्र करते हुए कहा कि अगर वह सत्ता में आते हैं तो इसे सुधारने की दिशा में हर संभव प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि आज़ादी के 70 साल बाद भी यहां की स्थिति बेहद खराब है, जिसमें सुधार की ज़रूरत है।
अगर केंद्र में गठबंधन की सरकार बनती है तो यहां की तस्वीर ज़रूर बदलेगी। जब उनसे पूछा गया कि यहां से दिल्ली-मुंबई के लिए सिर्फ एक ही ट्रेन चलती है, जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। आप इस स्थिति को सुधारने की दिशा में क्या कदम उठाएंगे? इसके जवाब में कुशवाहा ने कहा कि अभी कई ट्रेनें चल रही हैं, जो यहां रुकती नहीं। पहले हम इन ट्रेनों के ठहराव के लिए प्रयास करेंगे।
और निश्चित रूप से अगर केंद्र में गठबंधन की सरकार आती है तो यहां ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जाएगी, जिससे यहां के लोगों को असुविधा न हो। उन्होंने कहा कि सिकंदरपुर में ट्रेन नहीं है, तो हमारा प्रयास होगा कि सिकंदरपुर भी रेलवे से जुड़ जाए। बेल्थरा में ट्रेनों की संख्या बढ़ाने के लिए भी हम प्रयास करेंगे।
इसके साथ ही आरएस कुशवाहा ने इलाके की स्वास्थ्य व्यवस्था पर बात करते हुए कहा कि सलेमपुर में मेडिकल कॉलेज नहीं है, अगर वह सांसद बनते हैं तो यहां मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए भरपूर प्रयास करेंगे। जब उनसे मौजूदा सांसद के स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर किए जा रहे दावों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनके दावों में कोई दम नहीं है।
उन्होंने कहा कि सलेमपुर के लिए मेडिकल कॉलेज स्वीकृत किया गया था। लेकिन मेडिकल यहां बनने के बजाए देवरिया में बना। अगर सांसद जी का लगाव यहां की जनता से होता तो वो मेडिकल कॉलेज यहां बनता। उन्होंने कहा कि सांसद जी के पास यहां के लोगों के लिए वक्त ही नहीं है। अगर वह चाहते तो यहां का विकास कर सकते थे, लेकिन उन्होंने तो यहां सांसद निधी का पैसा तक खर्च नहीं किया।
इसके बाद जब गठबंधन प्रत्याशी से पूछा गया कि आपकी नज़र में यहां सबसे बड़ी समस्या क्या है और आप सांसद बनने के बाद उस समस्या से किस तरह निपटेंगे? इसके जवाब में कुशवाहा ने कहा कि यहां मेडिकल कॉलेज की ज़रूरत है, सत्ता में आने के बाद वह यहां मेडिकल कॉलेज बनवाएंगे।
उन्होंने आगे कहा कि यहां रेलवे व्यवस्था को भी दुरुस्त किए जाने की ज़रूरत है, जिसे वह करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इलाके में पुलों की कमी है, जिसे वह बनवाएंगे। उन्होंने कहा कि यहां के गांवों में सड़कों का बुरा हाल है। गांव में सड़के की हालत यह है कि गांव के अंदर कार तक नहीं जा पाती, अगर वह सत्ता में आए तो गांव-गांव में अच्छी सड़कें बनवाएंगे, जिससे लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े।
बता दें कि सलेमपुर लोकसभा सीट के लिए सातवें यानी आखिरी चरण में चुनाव होने हैं। इस सीट पर सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी आरएस कुशवाहा का मुकाबला बीजेपी के मौजूदा सांसद रविंद्र कुशवाहा और कांग्रेस उम्मीदवार डॉ. राजेश कुमार मिश्र से है।













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बलिया में गंगा स्नान के दौरान हादसा, युवक डूबा, तलाश जारी

बलिया के शिवपुर घाट पर शुक्रवार को गंगा स्नान के दौरान एक दर्दनाक हादसा हो गया। बिहार के रोहतास जिले के रहने वाले आकाश साहू गंगा में नहाते समय गहरे पानी में डूब गए।
बताया जा रहा है कि आकाश पिछले दो-तीन महीनों से दुबहर थाना क्षेत्र के माधवमठ गांव में अपने रिश्तेदार गोवर्धन साहू के घर ठहरे हुए थे। शुक्रवार को वह अपने एक अन्य रिश्तेदार के साथ श्रीरामपुर घाट पर गंगा स्नान करने पहुंचे थे। स्नान के दौरान अचानक संतुलन बिगड़ने से वह गहरे पानी में चले गए और देखते ही देखते लापता हो गए।
घटना की खबर मिलते ही घाट पर अफरा-तफरी मच गई। आसपास के लोग और आकाश के परिजन चीख-पुकार करते हुए मौके पर पहुंच गए। पुलिस भी तत्काल घटनास्थल पर पहुंची और स्थानीय मल्लाहों तथा ग्रामीणों की मदद से युवक की तलाश शुरू कर दी गई। हालांकि, काफी देर तक प्रयासों के बावजूद आकाश का कुछ पता नहीं चल सका।
बलिया
बलिया में विवाह समारोह के दौरान मारपीट, धारदार हथियार से हमला कर एक युवक घायल

बलिया जिले के बेल्थरा रोड क्षेत्र के एक्सार चौकिया गांव में शुक्रवार देर रात एक शादी समारोह के दौरान विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। सुरेन्द्र गोंड के पुत्र सागर के वरक्षा कार्यक्रम के दौरान दो भाइयों के बीच कहासुनी हो गई, जो बाद में झगड़े में बदल गई।
झगड़े को शांत कराने की कोशिश कर रहे 28 वर्षीय परशुराम पर एक पक्ष ने धारदार हथियार से हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों ने घायल परशुराम को तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सीयर पहुंचाया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।
परिजन उन्हें बेहतर इलाज के लिए मऊ स्थित एक निजी अस्पताल ले गए, जहां शनिवार को उनका इलाज जारी है। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है और मामले की तहकीकात जारी है।
बलिया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बलिया के एसपी के हलफनामे की भाषा पर जताई नाराजगी, न्यायालय की गरिमा बनाए रखने की दी सलाह

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बलिया के पुलिस अधीक्षक (एसपी) ओमवीर सिंह द्वारा दाखिल किए गए शपथपत्र की भाषा पर गंभीर आपत्ति जताते हुए उसे अनुचित और न्यायालय की मर्यादा के प्रतिकूल बताया है। अदालत ने भविष्य में अधिक सावधानी बरतने और भाषा में आवश्यक सुधार लाने की सख्त हिदायत दी है।
एसपी सिंह ने अपने हलफनामे में लिखा था कि पुलिस बल ‘किसी अदालत के किसी आदेश’ के अनुपालन में उपलब्ध कराया जाएगा। इस पर हाईकोर्ट ने टिप्पणी की कि न्यायालय कोई सामान्य संस्था नहीं है, बल्कि एक गरिमामयी संस्था है, जिसे ‘किसी अदालत’ कहकर संबोधित करना अनुचित है। इसे स्पष्ट रूप से ‘जनपद न्यायाधीश बलिया’ या ‘सिविल जज (सीनियर डिवीजन) बलिया’ कहकर संबोधित किया जाना चाहिए।
कोर्ट ने आगे समझाया कि तहसीलदार, जो कि सहायक कलेक्टर होता है, एसपी का अधीनस्थ नहीं होता। यदि तहसीलदार अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करता है, तो उसे पुलिस बल की आवश्यकता की जानकारी एसपी को औपचारिक मांग पत्र के माध्यम से देनी चाहिए। इसके बाद एसपी को स्वयं यह तय करना होगा कि कितनी पुलिस बल की आवश्यकता है, ताकि राज्य को आदेशों के क्रियान्वयन में किसी तरह की शर्मिंदगी का सामना न करना पड़े।
एसपी बलिया को न केवल भविष्य में सावधानी बरतने की चेतावनी दी गई है, बल्कि उनसे एक बेहतर और उपयुक्त भाषा में नया हलफनामा दाखिल करने का आदेश भी दिया गया है। मामले की अगली सुनवाई 9 मई की दोपहर को होगी।
यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने बलिया के रसड़ा निवासी गजेंद्र उर्फ धर्मात्मा की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया। याचिका में आरोप लगाया गया था कि सार्वजनिक भूमि पर अवैध कब्जा किया गया है। तहसीलदार रसड़ा ने अदालत के निर्देश पर मौके का निरीक्षण कर अतिक्रमण हटाने की कोशिश की, लेकिन पत्थरबाजी के कारण वह कार्रवाई अधूरी रह गई।
तहसीलदार ने अदालत को बताया कि उन्हें पर्याप्त पुलिस बल उपलब्ध नहीं कराया गया, जिसके चलते अतिक्रमण नहीं हट पाया। इस पर अदालत ने एसपी से जवाब मांगा था।
अपने शपथपत्र में एसपी ने कहा कि तहसीलदार ने 26 मई को अतिक्रमण हटाने की तिथि तय की थी और 3 मई को पुलिस बल की मांग का पत्र कोतवाली को भेजा गया था। उस पर तुरंत कार्रवाई करते हुए अतिक्रमणकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई है और 26 मई को पुलिस बल भी प्रदान किया जाएगा।
हालांकि, हाईकोर्ट ने इस हलफनामे पर असंतोष जताते हुए कहा कि एफआईआर तो कोर्ट के आदेश के बाद दर्ज की गई है, यह कोई विशेष उपलब्धि नहीं है। अदालत ने एसपी को निर्देश दिया कि वे एक संशोधित, उपयुक्त और गरिमामयी हलफनामा प्रस्तुत करें।
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