Connect with us

featured

EXCLUSIVE: जिला अस्पताल की सुरक्षा राम भरोसे, दिनभर नदारद रहे पुलसकर्मी

Published

on

बलिया डेस्क : मौजूदा समय में जिले के सबसे संवेदनशील जगहों में एक जिला अस्पताल है. लेकिन जिला अस्पताल में आलम यह है कि यहां अधिकांश समय सुरक्षा कर्मी अस्पताल परिसर से ही गायब चल रहे हैं. ऐसे में एक छोटी सी चूक भी तूल पकड़ सकता है, इससे इंकार नहीं किया जा सकता है.  सोमवार को जिला अस्पताल में सुबह से ही सुरक्षाकर्मी नदारद दिखे.

ऐसे में ड्यूटी के वक्त सुरक्षाकर्मी कहां गायब थे यक्ष प्रश्न बना हुआ है. वजह चाहे कुछ भी हो दो दीवान, तीन कांस्टेबिल व आठ होमगार्डों में से सभी लोगों का नदारद रहना व्यवस्था पर सवालिया निशान है और अस्पताल में परिसर में आए दिन हो रहे हंगामे को भी खुली दावत है.

अस्पताल परिसर में आए दिन चिकित्सक के साथ हो रही मारपीट और तीमारदारों के हंगामे के मद्देनजर पांच साल पहले जिला अस्पताल में पुलिस चौकी की स्थापना की गयी थी.

चौकी में दो दीवान के साथ ही तीन सिपाही की तैनाती हुई, जबकि अलग से आठ होमगार्ड भी लगाए गए थे. पहले इमरजेंसी भवन के बगल में जहां आज कल मरीजे के तीमारदार बाइक और साइकिल खड़ी करते हैं, चौकी का संचालन हुआ करता था, फिर 2018 में इमरजेंसी भवन के ही ग्राउंड फ्लोर पर चौकी की स्थापना कर दी गयी.

पुलिस चौकी की स्थापना हो जाने के बाद से अस्पताल परिसर में हंगामा काफी हद तक कम हो गया था और पुलिस चौकी की स्थापना भी सार्थक होने लगा था, लेकिन इधर कुछ महीनों से तमाम दिक्कतें फिर से आने लगी है और जिसकी वजह यही निकलकर सामने आया कि घटना के वक्त मौके पर कोई सुरक्षाकर्मी नहीं था.

खैर जैसे-तैसे चल रहा था, लेकिन इधर जबसे कोरोना महामारी शुरू हुआ है, तब से आम समय की अपेक्षा मौजूदा समय जिला अस्पताल सबसे संवेदनशील जगहों में से एक है और ऐसे समय में अस्पताल परिसर से सुरक्षाकर्मियों का गायब रहना पुलिस प्रशासन के साथ-साथ अस्पताल प्रशासन पर भी सवालिया निशान है.

जब पियक्कड़ ने किया तीमारदार को परेशान
सोमवार को जिला अस्प्ताल में दोपहर छीक तीन बजे एक पियक्कड़ ने नशे में धूत होकर तीमारदारों को खूब परेशान किया. अपने-अपने मरीज को लेकर पहले से ही परेशान तीमारदारों से पियक्कड़ ने कभी कुछ कभी कुछ कहकर पैसा मांग रहा थ, नहीं देने पर गालीगलौज कर रहा था, इस दौरान कई तीमारदार स्थिति से असहज भी दिखे और सुरक्षाकर्मी के पास जाना चाहा, लेकिन अफसोस चौकी के अंदर कुर्सियां तो थी, लेकिन उसमें बैठ कर ड्यूटी देने वाले पुलिसकर्मी नदारद दिखे.

एक-दूसरे के पाले में गेंद फेंकते नजर आए जिम्मेदार
अस्पताल परिसर से सुरक्षाकर्मी के गायब होने के सवाल पर चौकी इंचार्ज अजय यादव ने बताया कि स्टेशन पर ट्रेनों के आने के कारण रोटेशन के हिसाब कुछ सिपाहियों की वहां भी ड्यूटी लगाई जा रही है, बाकी होमगार्ड हमारे जिम्मे नहीं है. सीएमएस के अंडर में है.

उधर सीएमएस डा. बीपी सिंह से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि अस्पताल की सुरक्षा को लेकर मैं बहुत बार एसपी को आगाह कर चुका हूं, कुछ दिन पहले बाहरी एंबुलेंस तक का तांता लग जा रहा था, सारी शिकायत मैंने की, लेकिन कोई निदान नहीं हुआ. सुरक्षाकर्मी कहां गायब थे इसका उत्तर पुलिस विभाग ही दे सकता है, होमगार्ड के सवाल पर उन्होंने बताया कि मेरी मांग पर ड्यूटी लगी है, ड्यूटी करवाना मेरा काम नहीं है.

Advertisement        
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

featured

बलिया के हिमांशु ने लंबे सघर्ष के बाद पास की IBPS SO परीक्षा, प्रेरणादायक है उनकी सफलता की कहानी

Published

on

लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती और कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। बलिया के हिमांशु राय ने इन पंक्तियों को चारितार्थ करके दिखाया है। उन्होंने लंबे संघर्ष के बाद IBPS SO की परीक्षा में उच्चतम अंक हासिल कर सफलता हासिल की। इस परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के बाद उनका चयन पंजाब नेशनल बैंक में हुआ है, जो उनके करियर की एक नई शुरुआत साबित होगी।

अजीत कुमार राय के पुत्र हिमांशु राय का जीवन एक प्रेरणा है। बचपन से ही मेधावी रहे हिमांशु ने अपनी शिक्षा में कभी भी समझौता नहीं किया। 2014 में उन्होंने ज्ञान कुंज अकादमी से कॉमर्स में इंटरमीडिएट की परीक्षा में लगभग 90 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। इसके बाद, उन्होंने BHU से बी.कॉम में प्रथम श्रेणी से सफलता हासिल की और MBA (MAT) की परीक्षा पास की। इसके साथ ही UGC NET की परीक्षा भी उत्तीर्ण की और HDFC बैंक में नौकरी प्राप्त की।

हालांकि, जीवन की राह में आ रही कठिनाइयों ने हिमांशु को कभी हार मानने नहीं दिया। कोरोना महामारी के कारण उन्हें अपनी नौकरी छोड़नी पड़ी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और कुछ समय तक कॉलेज में पढ़ाना शुरू किया। इस दौरान, उन्होंने अपने परिवार की दुकान में भी मदद की और घर में मां का ख्याल रखते हुए रात में अपनी पढ़ाई जारी रखी।

संगर्ष की इस लंबी यात्रा में, हिमांशु ने कई बार सफलता के काफी करीब जाकर असफलता का सामना किया, लेकिन उनकी मेहनत और हिम्मत ने उन्हें 1 अप्रैल को शानदार सफलता दिलाई। हिमांशु अपनी इस सफलता का श्रेय अपने पिता श्री अजीत कुमार राय के मार्गदर्शन और संघर्ष, और अपनी मां श्रीमती संगीता राय के त्याग को देते हैं। वे कहते हैं, “मेरे माता-पिता ने हमेशा मुझे संघर्ष से लड़ने और जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।”

हिमांशु ने अपनी मौसी, जिन्हें वह छोटी माता के नाम से बुलाते हैं, को भी इस सफलता का अहम श्रेय दिया। इसके अलावा, उनकी एक मित्र संध्या ने इस परीक्षा में उनका अनमोल साथ दिया, जिन्होंने न केवल पढ़ाई में मदद की बल्कि परीक्षा और इंटरव्यू की तैयारी में भी मार्गदर्शन किया। हिमांशु का मानना है कि संध्या के सहयोग के बिना यह सफलता संभव नहीं थी।

आखिरकार, हिमांशु ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने परिवार, रिश्तेदारों और बाजार के सभी लोगों को दिया, जिन्होंने हर कदम पर उनका समर्थन किया। उनकी यह कहानी यह सिद्ध करती है कि सही मार्गदर्शन, कड़ी मेहनत, और कभी हार न मानने का जज्बा किसी भी मुश्किल को पार कर सफलता की ऊँचाइयों तक पहुंच सकता है।

Continue Reading

featured

बलिया में 16 वर्षीय किशोरी ने फांसी लगाकर दी जान !

Published

on

बलिया के फेफना थाना क्षेत्र में एक किशोरी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस घटना के बाद से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

जानकारी के मुताबिक, फेफना थाना क्षेत्र  की घटना है। जहां 16 वर्षीय किशोरी ने आत्महत्या कर ली। किशोरी का नाम खुशी था और वो मनियर गांव की रहने वाली थी। खुशी कुछ वर्षों से अपने नाना गंगाराम के घर में रह रही थी। उसकी मां का देहांत कुछ साल पहले हो गया था। वह यहीं रहकर पढ़ाई कर रही थी।

मंगलवार की रात को वह रोजाना की तरह खाना खाकर अपने कमरे में सोने चली गई। सुबह देर तक जब कमरे का दरवाजा नहीं खुला, तो परिजनों ने दरवाजा खटखटाया। कोई जवाब नहीं मिलने पर दरवाजा तोड़ा गया। अंदर खुशी का शव पंखे से दुपट्टे के सहारे लटका हुआ मिला।

घटना की सूचना पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। थाना प्रभारी अजय कुमार त्रिपाठी ने बताया कि परिजनों को सूचित कर दिया गया है।

Continue Reading

featured

बलिया में पूजा चौहान की मौत ने खड़े किए कई सवाल ?

Published

on

बलिया के नगरा थाना क्षेत्र के सरयां गुलाबराम गांव में पूजा चौहान की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए है। सरयां गुलाबराम गांव में रविवार सुबह जो दृश्य देखने को मिला, उसने पूरे बलिया को हिला कर रख दिया है। सुबह गांव में जामुन के पेड़ से एक 20 वर्षीय युवती का शव लटका मिला। पैर करीब छह फीट ऊपर हवा में, हाथ पीछे बंधे हुए। नाम पूजा चौहान। 20 साल की पूजा चौहान का शव जब पेड़ से लटका देखा, तो लोगों के रोंगटे खड़े हो गए। जिसने भी ये मंजर देखा, उसकी रूह कांप गई। सबके मन में सवाल उठा की कोई इतना बेरहम कैसे हो सकता है।

हर दिन अखबारों में ऐसे मामले सामने आते हैं, जहां लड़कियों को मौत के घाट उतार दिया जाता है। सोचिये जब प्रशासन को यह पता है कि ऐसे अपराध बढ़ रहे हैं, फिर भी कोई ठोस कदम नहीं उठता। गुलाबराय सरया गांव में रविवार सुबह धर्मराज चौहान की बेटी पूजा का शव गांव में एक पेड़ से लटकता मिला, उसके हाथ पीछे बंधे हुए थे। शव देखते ही गांव में हड़कंप मच गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी। पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह समेत अन्य अधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंचे और हालात को बारीकी से देखा।

पूजा चौहान साधारण परिवार की लड़की थी। उसकी शादी अगले महीने 25 अप्रैल को होने वाली थी। घर में शादी की तैयारियां चल रही थीं। परिवार में खुशियों का माहौल था, लेकिन किसी को क्या पता था कि यह खुशी मातम में बदल जाएगी। पूजा के माता-पिता फिलहाल पीजीआई में अपना इलाज करा रहे थे, और वह घर पर अकेली थी। परिवार के बाकी सदस्य भी बाहर रहते थे। उसका भाई गुजरात में नौकरी करता है और बहन असम में शादीशुदा जिंदगी बिता रही है। फिर सवाल यह उठता है कि आखिर उसकी मौत के पीछे कौन हो सकता है?

पहले तो खबर आई की पूजा ने आत्महत्या की है लेकिन जिस तरीके से उसका शव पेड़ से लटक रहा था वह कुछ और ही बयां करता है। पूजा ने खुद अपनी जान ली होती, तो उसके हाथ पीछे बंधे कैसे होते? यह सवाल जितना आसान लगता है, इसका जवाब उतना ही पेचीदा है। आत्महत्या करने वाले व्यक्ति के हाथ पीछे बंधे नहीं हो सकते। मतलब, शायद किसी ने पूजा की हत्या की और फिर उसे पेड़ से लटकाकर मामले को आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की। क्या उसकी मौत के पीछे कोई पुरानी दुश्मनी थी? या फिर कोई और वजह? कई सवाल हैं। हो सकता है यह सिर्फ कोई मसेज देने के लिए किया गया हो।

घटनास्थल पर मौजूद किचन में बिखरा आटा और अस्त-व्यस्त बर्तन यह बताते हैं कि शायद पूजा का पहले किसी झगड़ा भी हुआ होगा उसके बाद उसके साथ यह अनहोनी हुई होगी। पुलिस जांच के शुरुआती तथ्यों को देखें तो इस मामले में यौन शोषण का भी एंगल जुड़ सकता है। पीड़िता की नानी का साफ कहना है कि उनकी नातिन आत्महत्या नहीं कर सकती। परिजन इस बात से साफ़ इंकार कर रहे हैं। लेकिन सवालों के जवाब आने है।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस मामले में योगी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि “उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। अपराधियों को खुली छूट मिल चुकी है और पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है।”

हाथरस, उन्नाव, बदायूं, और अब बलिया—कब तक यूपी की मिट्टी मासूम बेटियों के खून से लाल होती रहेगी?

Continue Reading

TRENDING STORIES

error: Content is protected !!