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आखिर किसके डर से भू-माफियाओं को बचा रहे बलिया के कोतवाल!

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बलिया डेस्क : गरीबों की जमीन फर्जी तरीके से रजिस्ट्री कराकर हथियाने के मामले में आरोपियों का साथ इस समय कोतवाली पुलिस दे रही है। एक साल से भू-माफिया के आरोपी सच्चितानंद सिंह समेत कई अन्य आरोपियों के खिलाफ बलिया कोतवाली में एफआईआर दर्ज है। इन आरोपियों की गिरफ्तारी करने के लिए कमिश्नर और जिलाधिकारी भी कई बार कोतवाली पुलिस को निर्देश दे चुके हैं।

इसके बाद भी कोतवाली पुलिस आरोपी को गिरफ्तार करने के बजाय इन्हें बचा रही है। ये आरोपी दिनभर बलिया तहसील में घुमते नजर आते है, इसके बाद भी इन आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की जा रही है। इस मामले की विवेचना महेंद्र यादव कर रहे है। पीडि़त परिवार का भरोसा पुलिस से उठता जा रहा है। पीड़त परिवार ने आरोप लगाया है कि आरोपियों का साथ पुलिस दे रही है। आरोपियों को पुलिस बचा रही है और विवेचना करने में भी देरी की जा रही है।

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जिले एन्टी भू माफियाओं से अनगिनत मामले है, लेकिन उनके रसूख के चलते पुलिस भी उनपर हाथ नहीं दाल पाती है। ऐसे ही एक संगीन मामले का खुलासा संयुक्त मजिस्ट्रेट विपिन जैन की तीन सदस्यीय टीम ने किया। जिसके बाद राजिस्ट्री आफिस के अधिकारी से लेकर बाबू और भू माफियाओं के खिलाफ शहर कोतवाली में दर्ज कराया गया था। जिसमे कई लोगों की मौत भी हो चुकी है। इस प्रकरण में अब किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी पुलिस ने नहीं किया है।

जबकि ऐसे मामलों में पुलिस को सक्रियता दिखाना चाहिए। जबकि भू माफियाओं ने एक नहीं बल्कि कई जमीनों में ऐसा किया है कि वास्तविक पक्षकार न होने के बाद भी उस जमीन को अपने ही सगे संबंधियों में औने-पौने दाम लेकर खरीद बिक्री कर दिया गया है। यह खेल करीब 38 सालों से चल रहा था। कई मामले इस तरह के प्रकाश में आने के बाद तत्कालीन डीएम भवानी सिंह खंगरौत ने इस मामले में जांच बैठा दी।

आईएएस विपिन जैन की टीम ने जांच कर किया था खुलासा- राजिस्ट्री आफिस में फर्जी बैनामा कराने एवं उसकी फर्जी नकल जारी करने और दस्तावेज में हेराफेरी करने की शिकायत की जांच करने वाली विपिन जैन की तीन सदस्यीय टीम की रिपोर्ट के आधार पर कुल सात बैनामों की विस्तृत जांच में प्रथम दृष्टया सभी बैनामे फर्जी पाये गए। चूंकि 2018 में पहली बार ऐसे बैनामे प्रकाश में आए हैं। लिहाजा जांच समिति ने इस फर्जीवाड़े से जुड़े व्यक्तियों एवं सरकारी कर्मचारियों के विरूद्ध अपराधिक मुकदमा दर्ज कराने की संस्तुति तत्कालीन डीएम भवानी सिंह खंगारौत से की थी।

इस मामले में समस्त दस्तावेज को जिला निबंधक एवं उपनिबंधक सदर के माध्यम से सील करके कोषागार के डबल लाक में रखवा दिया गया। साथ ही यह आदेश भी दिया गया कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अपराधी तत्वों मूल मालिक और कब्जेदारों के कब्जे में दखल ना पैदा किया जाय। डीएम ने तत्काल इस मामले में एंटी भू माफिया कानून के तहत कार्रवाई करने का फरमान भी जारी कर दिया। इस प्रकरण में उपनिबंधक लक्ष्मण चौबे की तहरीर पर करीब 30 लोगों के खिलाफ नामजद तहरीर दर्ज की गई।

जबकि एक तरफ से उपनिबंधक लक्ष्मण चौबे सहित कई अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। इस मामले में कोतवाली पुलिस की ओर विवेचना इंस्पेक्टर को मिला। जिसमें उन्होंने सिर्फ एक हाशिए के गवाह की ही गिरफ्तारी कर सकें। जबकि बाकी के रसूखदार लोगों की अब तक गिरफ्तारी नहीं की गई। ऐसे में प्रदेश सरकार का एंटी भू माफिया अब तक धूल फांकता ही रहा हैं। अक्ष मामले की जांच कोतवाली पुलिस को दी गई है, लेकिन जांच में अब तक किसी आरोपी के खिलाफ साक्ष्य के आधार पर पुलिस ने किसी आरोपी की गिरफ्तारी तक नहीं किया।

रिपोर्ट- तिलक कुमार

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बलिया के फेफना तिराहे के पास खुली डिजिटल लाइब्रेरी, मिलेंगी विशेष सुविधाएं

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बलिया के फेफना तिराहा से 500 मीटर रसड़ा रोड़ वोडाफोन टावर के सामने बाबा विश्वनाथ डिजिटल लाइब्रेरी की शुरुआत की गई है। इस लाइब्रेरी में कई प्रकार की सुविधाएं मिलेंगी, खासतौर पर लड़कियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।

इस लाइब्रेरी में शांत वातावरण, हाई स्पीड वाई-फाई सेवा, पूर्णतया वातानुकूलित, शुद्ध पेयजल की सुविधा, पार्किंग सुविधा, सीसीटीवी कैमरे की सुविधा मिलेगी। इसके अलावा प्रत्येक दिन अख़बार भी पढ़ने दिया जाएगा। सेपरेट स्वच्छ वॉशरूम और टायलेट की सुविधा मिलेगी। यहां अनुशासनात्मक परिसर मिलेगा, जिससे पढ़ने में आसानी होगी।

इस लाइब्रेरी में प्रवेश लेने के लिए प्रोफेसर चंदन चौरसिया (मोबाइल नंबर- 8798946155) और पवन चौरसिया (7800921043) से संपर्क किया जा सकता है।

 

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बलिया डीएम ने किया होम्योपैथिक चिकित्सालयों का निरीक्षण किया, 29 डॉक्टर मिले गैरहाजिर, सभी का वेतन रोका गया

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बलिया जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने बुधवार को जिला होम्योपैथिक चिकित्सालय के अलावा जनपद के 27 होम्योपैथिक चिकित्सालयों का औचक निरीक्षण कराया, जिसमें 29 चिकित्सक अनुपस्थित मिले। जिलाधिकारी में सभी ग़ैरहाजिर चिकित्सकों का वेतन अग्रिम आदेश तक रोकते हुए जिला होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया है कि सबका स्पष्टीकरण प्राप्त कर अपनी आख्या सहित सीडीओ को उपलब्ध कराएं।

सभी एसडीएम और खंड विकास अधिकारियों के माध्यम से यह निरीक्षण अभियान चलाकर कराया गया। इस दौरान जिला होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी डा सुरेश गोंड के अलावा राजकीय होम्योपैथिक जिला चिकित्सालय में वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. लिली मुनींद्र व डा मनु अनुपस्थित मिले। इसके अलावा जो चिकित्साधिकारी अनुपस्थित थे, उनमें राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय रेपुरा में चिकित्साधिकारी डॉ उपेंद्र सिंह, सीता कुंड में डॉ रामबचन, रसड़ा में डॉ लाल बहादुर, सिकंदरपुर में सुनील कुमार वर्मा, काजीपुर में डॉ नवनीता सिंह, बांसडीह में शिवकुमार सिंह, राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय शेर पर डॉ आलोक त्रिपाठी, प्रधानपुर में डॉ बृजेश कुमार भारती गैरहाजिर मिले।

शाह मोहम्मदपुर में डॉ दयाशंकर, सूर्यपुरा में डा संजय कुमार, ससना बहादुरपुर में डॉ रुबी गुप्ता, पड़री में डॉ राजकुमार, सरयाडीह भगत में डॉ नरेंद्र कुमार, डुमरी में डॉ सुशील प्रकाश सागर, उजियार में डॉ पुनीता राय, टुटवरी में डॉ कनक, लालगंज में शैलेंद्र कुमार शर्मा, खरुआव में आशुतोष यादव, उधरन गजियापुर में डॉ लाल सिंह, जमीन सिसौंड में डॉ नीलम कुमार, बहुताचक में डॉ राजमणि, पचखोरा में डॉ चंद्रिका धर, दुगाईपट्टी में डॉ राधावती यादव, बड़ागांव में डॉ प्रदीप कुमार यादव, मानिकपुर में उदयराज व शंकरपुर अस्पताल पर दिव्या राजपूत शामिल थे। जिलाधिकारी ने सभी अनुपस्थित चिकित्साधिकारियों का एक दिन का वेतन अग्रिम आदेश तक रोकते हुए सीडीओ के यहां स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही चेतावनी भी दी है कि समय से अपने अस्पताल पर उपस्थित रहकर अपने दायित्व का निर्वहन करें।

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बलिया पुलिस ने चोरी की वारदात का किया खुलासा, आरोपी गिरफ्तार

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बलिया की फेफना पुलिस ने चोरी की वारदार का खुलासा करते हुए 1 आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के कब्जे से चोरी की 1 अंगूठी, 1 अंगूठी सफेद धातु और 2180 रुपये नगद सहित 1 मोबाइल और 1 अवैध चाकू बरामद किया गया है।

पीड़ित ने बताया कि 18 अक्टूबर की शाम समय वो लगभग 8 बजे अपने आवास पर पहुंची तो देखा कि उनके कमरे का ताला खुला हुआ था, उन्होंने अंदर जाकर देखा तो बक्से का ताला भी खुला था। बक्से के अंदर रखी सोने और चांदी की अंगूठी के साथ 3 हजार नकद गायब था। पीड़ित ने बताया कि उनके आवास के पास में रहने वाला अश्निवी सिंह काफी दिनों से उनके आवास के पास संदिग्ध अवस्था में घूमता दिख रहा था। मुझे उस पर शक है।

इस शिकायत के बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू की और तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया और उसके पास से चोरी अंगूठी, 2180 नगद और 1 मोबाइल बरामद किया। इस कार्रवाई में फेफना पुलिस टीम के वरिष्ठ उपनिरीक्षक राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय, उपनिरीक्षक सुधीर चौहान, उपनिरीक्षक अजय कुमार, कांस्टेबल नन्दू पाल, कांस्टेबल हरिश्चन्द्र की विशेष भूमिका रही।

 

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