बलिया। लगभग डेढ़ साल से क्षतिग्रस्त बलिया और देवरिया जिले को विभाजित करने वाली सरयू नदी पर बने तुर्तीपार-भागलपुर को देखने कम्पनी के उप प्रबंधक सुनील जाधव और सेतु निगम (गोरखपुर) के मुख्य परियोजना प्रबंधक अशोक सिंह के साथ परियोजना प्रबंधक वैभव सिंह पहुंचे। इस दौरान अधिकारियों ने सनफील्ड कम्पनी के कर्मचारियों को जरूरी निर्देश दिए।
मुख्य परियोजना प्रबंधक ने बताया कि शेष बचे 4 करोड़ से मरम्मत कार्य हो रहा है। 2-3 महीने का समय लग सकता है। इस बार मरम्मत हो जाने के बाद पुल पूरी तरह सुरक्षित हो जाएगा। आवागमन भी पहले की तरह होने लगेगा। बताया जाता है कि मुंबई की कम्पनी ने 4 करोड़ की लागत से 10 माह तक पुल मरम्मत का कार्य किया लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ।
आवागमन शुरू होने पर भारी वाहन के गुजरते समय 6वें और 7वें खम्भे के ज्वाइंट की दरार दो फीट फैल गई। सूचना मिलने पर आनन-फानन में पुल पर पहुंचे सेतु निगम के अधिकारियों ने 9 फीट ऊंचा बैरियर लगा कर पुल से दो पहिया के अलावा सभी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दिया था।
फिर अक्तूबर 2022 में पुल स्पेशलिस्ट दिल्ली से बीके रैना और आईआईटी के इंजीनियर मंगेश जोशी को बुलाया गया। पुल की जांच के बाद टीम ने भारी वाहनों पर रोक लगा दी। नवम्बर में उक्त अधिकारियों ने फिर पुल का निरीक्षण किया और स्पष्ट किया कि पुल से भारी वाहन हमेशा के लिए बंद रहेंगे या मरम्मत के बाद चल सकते हैं।
अधिकारियों के अनुसार दिल्ली में विशेषज्ञ इंजीनियरों के साथ बैठक में फैसला हुआ है कि मरम्मत के बाद भारी वाहन चल सकेंगे। मुख्य कार्यालय सेतु निगम (लखनऊ) को 4 करोड़ में बचे पैसे में मरम्मत कार्य कराने का आदेश दिया है। बजट कम होने पर और धनराशि भी मिल सकती है। अब भोपाल की सनफील्ड कम्पनी को मरम्मत का जिम्मा सौंपा है।
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