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बलिया- रेलवे स्टेशन पर नया फुट ओवरब्रिज शुरू, ट्रैक पार करने में होगी आसानी
बलिया। जनता की सुविधा के लिए रेलवे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म एक से 4 को जोड़ने के लिए बना नया फुट ओवरब्रिज चालू कर हो गया है। इसका निर्माण पिछले दो सालों से चल रहा था। तीन करोड़ से फुट ओवरब्रिज और स्वचालित सीढ़ी का कार्य हुआ है। सोमवार को किसान आंदोलन के कारण प्लेटफार्म पर बिना टिकट प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया। सुरक्षा के मद्देनजर चप्पे-चप्पे पर जवान तैनात रहे। बाजार जाने और ट्रेन पकड़ने के लिए हर किसी ने नए फुट ब्रिज का इस्तेमाल किया। इस पर काफी चहल पहल रही, इसके शुरू होने से सिविल लाइन क्षेत्र से आने वाले यात्रियों को ट्रैक पार करने से मुक्ति मिली।
9 माह पहले तोड़ा गया था 125 साल पुराना ओवरब्रिज- शहर दो हिस्सों में बंटा है। पहला सिविल लाइन तो दूसरा चौक क्षेत्र। चौक में मुख्य बाजार है और सिविल लाइन में सभी प्रशासनिक कार्यालय और जिले की सबसे ज्यादा आबादी है। रेलवे स्टेशन के साइकिल स्टैंड के सामने फुटओवर ब्रिज था, यह ब्रिज छोटी लाइन के समय का था, जो करीब 125 वर्ष पुराना था। प्रतिदिन हजारों यात्री आते-जाते थे। रेलवे ने प्लेटफार्म चार का विद्युतीकरण करने के लिए जनवरी में इसे तोड़ दिया, इसके चलते हजारों लोग रेलवे पटरी पार करते हए आने-जाने को विवश थे।
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मंडलायुक्त ने बलिया के 5 ग्राम पंचायतों में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को किया सम्मानित
मंडलायुक्त आजमगढ़ मनीष चौहान ने बलिया के पांच ग्राम पंचायतो मे उत्कृष्ट कार्य करने के लिए सम्मानित किया। इसके अंतर्गत मंडलायुक्त ने चयनित विकासखंड गड़वार के ग्राम पंचायत फेफना के प्रधान केशव गुप्ता को अपने ग्राम पंचायत में किये गये चौतरफा विकाश कार्यो के लिए आजमगढ़ मे आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान प्रशस्ति पत्र देकर सम्मान बढ़ाया। साथ ही बधाईया भी दी।
उल्लेखनीय है कि सम्मानित प्रधान के कार्यकाल के दौरान पंचायत मे नाली, खड़ंजा, सीसी रोड से लगायत शौचालय, सोखता आदि कार्य शाशन की मंसा के अनुरूप कराये गये है। इधर, सम्मानित होने की खबर जैसे ही ग्राम पंचायत फेफना में सम्मानित होने की खबर पहुंची लोगों में खुशी का माहौल छा गया ग्रामीणों ने प्रधान केशव गुप्ता को फेफना तिराहा पर फूल माला पहना कर शुभकामनाएं एवं बधाइयां दी।
सम्मान से उत्साहित केशव गुप्ता ने कहा कि ग्राम पंचायत फेफना के चौमुखी विकास के लिए हमेशा प्रयासरत रहुगा और आप सभी सम्मानित ग्रामवासी के प्रति आभार प्रकट करता हूं कि आप लोग अपना आशीर्वाद ऐसे ही बनाए रखें । इस मौके पर प्रधान प्रतिनिधि अरुण गुप्ता सहित शेष चारो प्रधानो के चेहरे खिले हुये थे।
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बलिया में बारात से लौट रही स्कॉर्पियो अनियंत्रित होकर गड्ढे में पलटी, 1 की मौत, 3 लोग घायल
बलिया रसड़ा मार्ग स्थित अमहर गांव में दर्दनाक सड़क हादसा हो गया। यहां एक स्कॉर्पियो गाड़ी अनियंत्रित होकर गड्ढे में पलट गई। हादसा इतना भयानक था कि एक व्यक्ति की मौत हो गई, वहीं 3 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। स्थानीय लोग सभी घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे, जहां घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद मऊ जनपद के लिए रेफर कर दिया गया।
बताया जा रहा है कि रसड़ा कोतवाली क्षेत्र के माधोपुर गांव से विशाल सिंह के घर से रविवार के दिन गाज़ीपुर बरेसर बारात गई हुई थी। कुछ बाराती खाना खाने के बाद घर वापस आ रहे थे, अमहर गांव के समीप गैस एजेंसी के पास स्कॉर्पियो गाड़ी बारातियों से भरी अनियंत्रित होकर बगल के गड्ढे में पलट गई। इसमें माधोपुर गांव निवासी 45 वर्षीय अजीत सिंह की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि माधोपुर गांव निवासी 38 वर्षीय अजय सिंह, 35 वर्षीय अर्जुन सिंह, 25 वर्षीय आदित्य सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए।
इस घटना में अजीत सिंह की मौत हो गई। उनकी मौत की सूचना मिलने पर परिवार के लोगों में कोहराम मच गया। घटना की सूचना पाते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज कर मामले की जांच शुरू की।
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बलिया के युवा कवि को उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान करेगा सम्मानित, इन 2 रचनाओं के लिए होंगे पुरुस्कृत
बलिया के युवा ने प्रदेश स्तर पर जिले का नाम रोशन किया है। युवा कवि आचार्य सागर ‘बेघर’ जी को उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा पुरुस्कृत किया जाएगा। उन्हें ये सम्मान उनके द्वारा रचित 2 रचनाओं के लिए दिया जा रहा है।
बता दें कि आचार्य सागर ‘बेघर’ जिनका मूल नाम विशाल कुमार पटेल है, राजपूत नेवरी, भृगु आश्रम बलिया के निवासी है जो इस समय केन्द्रीय विद्यालय झाझा (बिहार) में टीजीटी संस्कृत पद पर निवर्तमान है। हिन्दी और संस्कृत की उच्च शिक्षा प्राप्त आचार्य सागर हिन्दी और संस्कृत साहित्य के मर्मज्ञ युवा विद्वान, कुशल व्यंग्यकार तथा युवा कवि है। साहित्य साधना में लीन आचार्य सागर ‘बेघर’ उपनाम से भोजपुरी, हिन्दी और संस्कृत भाषाओ के विभिन्न विधाओं में रचना करते है।
‘हनुमत् सूर्य संवाद’, ‘ये बारिश क्यो होती है ?,’ ‘श्रीराममानसपूजा’, ‘चण्डी स्तुति’, ‘हम पत्थर ही अच्छे है’, ‘जीउतिया’, ‘बक्सर से पटना के साँच घटना’, ‘भागर्वभूषण’ (खण्डकाव्य) इत्यादि उनकी प्रसिद्ध रचनाएं हैं। इनमें से 2 रचनाओं ‘हनुमत् सूर्य संवाद’ और ‘ये बारिश क्यो होती है?’ के लिए उन्हें 30 दिसंबर को ‘उत्तरप्रदेश हिन्दी संस्थान’ द्वारा लखनऊ में सम्मानित किया जाएगा। उन्हें द्वितीय विजेता के रूप में 5000 रुपये की धनराशि से पुरुस्कृत किया जाएगा। आचार्य सागर की लेखन कला के प्रेरणास्रोत इनके पिताजी अंगद प्रसाद पटेल जी रहे हैं।
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