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रसड़ा

बलिया: कलियुगी बेटे ने माँ-बाप को जीते जी मार डाला, हड़प ली संपत्ति

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बलिया डेस्क : जिस मां ने नौ महीना नौ दिन कोख में रखकर, पीड़ा सहकर बेटा को दुनिया की रोशनी दिखाई, बाप ने उसकी हर छोटी-बड़ी जरूरतों को पूरा किया। उसी कलियुगी बेटे ने मां-बाप को जीते जी मार दिया और उनकी सारी संपत्ति पर कब्जा जमा लिया।

बेटा यहीं नहीं रूका ममता को तार-तार करते हुए बूढ़ी मां और बाप को घर से भी निकाल दिया। ऐसा ही चौकाने वाला मामला मंगलवार को तब प्रकाश में आया जब मां ने फरियाद लेकर डीएम दरबार पहुंची।  रसड़ा निवासी मां मैमून निशा का कहना है कि मेरे दो पुत्र है। जिसमें छोटा बेटा समसाद अंसारी ने मुझे और मेरे पति को यह कहते हुए घर से निकाल दिया कि जाओ इस घर में तुम लोगों के लिए कोई जगह नहीं है।

मैं फिलहाल अपना बड़ा बेटा समसेर अंसारी के साथ रहती हूं। पति बीमार चल रहे है। हम लोग जब नगर पालिका में पता किए तो पता चला कि हम दोनों को मृत घोषित कर दिया गया है। हम लोग पुलिस के पास भी गए, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

माँ ने बेटे पर आरोप लगाया कि पैसे के बल वो सब कुछ रुकवा देता है है और रसड़ा नगरपालिका के मिली भगत से हमे मृत घोषित कर दिया गया है जबकि मैं जिंदा हूं।

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बलिया के डॉ. प्रिंस गुप्ता कश्मीर यूनिवर्सिटी में बनें असिस्टेंट प्रोफेसर

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बलिया के रहने वाले डॉ. प्रिंस गुप्ता ने जिले का नाम रोशन किया है। डॉ. प्रिंस केंद्रीय विश्वविद्यालय कश्मीर, में प्रोफेसर बन गए हैं। उनकी इस उपलब्धि पर पूरे परिवार में हर्ष की लहर है। डॉ. प्रिंस गुप्ता के पिता का नाम कुंज बिहारी प्रसाद है और वे संवारा चिल्कहर के निवासी हैं।

प्रिंस की शुरुआती शिक्षा रसड़ा के अमर शहीद भगत सिंह इंटर कॉलेज से हुई थी। उन्होंने अपनी स्नातक की पढ़ाई इविंग क्रिश्चियन कॉलेज इलाहाबाद विश्वविद्यालय और स्नातकोत्तर की पढ़ाई भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की से की है। उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर से पीएचडी की है।

उन्होंने योनसेई विश्वविद्यालय दक्षिण कोरिया, साऊथर्न  यूनिवर्सिटी डेनमार्क, KTH रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, स्वीडन, राष्ट्रीय वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र (CNRS), फ्रांस से पोस्ट डॉक्टरल रिसर्च की है।

वो वर्तमान में केंद्रीय विश्वविद्यालय कश्मीर के भौतिकी विभाग में सहायक प्रोफेसर के पद पर तैनात पर तैनाती मिली हैं। उनकी इस कामयाबी पर स्वर्गीय बालेश्वर प्रसाद गुप्ता के परिवार सहित गाँव के लोग भी गौरान्वित महसूस कर रहे हैं। बता दें कि डॉ. प्रिंस गुप्ता की पत्नी डॉ. अंजली जायसवाल  बलिया के सतीश चंद्र कालेज के मैथमेटिक्स डिपार्टमेंट में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर तैनात हैं।

 

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अधिकारी बेलगाम ! दफ्तर पर ताला बलिया में धरने पर बैठे पार्षद, काम ठप

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बलिया जिले के चितबड़ागांव नगर पंचायत में सभासदों ने अधिशासी अधिकारी अनिल कुमार पर 1 करोड़ 60 लाख रुपये का गबन करने का आरोप लगाकर कार्यालय में ताला लगा दिया है। सभासदों का कहना है कि अधिशासी अधिकारी ने आम जनता के करोड़ों रुपये का घोटाला किया है। कार्यालय बंद होने से चितबड़ागांव के लोगों को जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र, नाम खारिज दाखिल आदि के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

अधिशासी अधिकारी यानी ईओ जो सरकारी अधिकारी होता है। नगर पंचायत के कार्यों की जिम्मेदारी इन्ही की होती है। नगर पंचायत के अध्यक्ष और सभासदों के साथ समन्वय बना कर नगर में स्वच्छता, स्वास्थ्य, शिक्षा, आवास, विकास आदि के क्षेत्रों में सुधार लाना उनका काम होता है । इन सभी कार्यों की जिम्मेदारी अधिशासी अधिकारी यानि ईओ की ही होता है। चितबड़ागांव नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी अनिल कुमार पर सभासदों ने करोड़ों के गबन के आरोप लगाए हैं।

जो लोग कहते हैं की इस सरकार में अधिकारी बेलगाम होते जा रहें है, उनकी बाते बलिया के चितबड़ागांव में साबित होती दिख रही हैं। इस बार के नगर पंचायत के चुनाव में भाजपा ने पूरी दमदारी से चुनाव लड़ा और नगर पंचायत में पहली बार कमल खिलाने में सफल हो गए। लेकिन भाजपा के अध्यक्ष और भाजपा की सरकार होने के बावजूद उनकी बातों को सरकारी अधिकारी अनसुना कर दे रहें हैं।

सभासदों ने बताया कि उन्होंने जिलाधिकारी से जांच कराने की मांग की थी, जिसमें ईओ को दोषी पाया गया था। लेकिन अब तक उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। वे यह भी कहते हैं कि ईओ ने अपने आप को बचाने के लिए अधिकारियों को रिश्वत दी है। खबरों के अनुसार, 29 अगस्त को जिलाधिकारी को पत्र लिखकर अधिशासी अधिकारी के खिलाफ जांच की मांग की गई थी। जिसके बाद जिलाधिकारी ने त्रिस्तरीय जांच करवाई थी। जांच में सभी आरोप सही पाए गए थे। इसके बाद जिलाधिकारी ने 20 नवंबर को रिपोर्ट शासन को भेज दिया था। लेकिन अभी तक अधिशासी अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इसी से नाराज होकर सभासदों ने सोमवार को कार्यालय में ताला लगा दिया। सभासदों का कहना है कि अधिशासी अधिकारी ने कम्बल, डस्टबीन, कस्तूरबा गाधी आवासीय विद्यालय का सुन्दरीकरण,आदि में करोड़ों रुपये का घोटाला किया है।

पिछले पांच दिन से इस नगरपंचाय का कार्यालय बंद है और सभासद धरने पर हैं। दफ्तर में ताला बंद कर सरकारी कार्य में बाधा डालना सही नहीं है। लेकिन सभासदों का भी गुस्सा जायज है। जब उनके आरोपों की जांच हो चुकी है और आरोप सही पाए गए हैं, तो फिर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है? यह भी गौर करने की बात है कि अधिशासी अधिकारी अनिल कुमार पर पहले भी कई आरोप लग चुके हैं। पिछले साल में भी उन पर गबन का आरोप लगा था। उस समय भी जांच में आरोप सही पाए गए थे। लेकिन तब भी उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या अधिशासी अधिकारी अनिल कुमार किसी के संरक्षण में हैं? क्या उनके खिलाफ कार्रवाई इसलिए नहीं हो रही है क्योंकि वे किसी ताकतवर नेता के करीबी हैं? या मामला कुछ और है ?

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बलिया में रिटायर्ड BSF जवान ने लाइसेंसी बंदूक से खुद को गोली मारकर की आत्महत्या

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बलिया के रसड़ा कोतवाली क्षेत्र में सीमा सुरक्षा बल (BSF) के एक अवकाशप्राप्त कर्मी ने अपनी लाइसेंसी बंदूक से गोली मारकर आत्महत्या कर ली। इस घटना से पूरे इलाके में कोहराम मच गया।

जानकारी के मुताबिक अमहर दक्षिण पट्टी गांव में गुरुवार को बीएसएफ के अवकाशप्राप्‍त कर्मी 60 वर्षीय हरेंद्र सिंह ने अपने घर पर लाइसेंसी बंदूक से खुद को गोली मार ली। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची तथा शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा।

पुलिस ने घटना में प्रयुक्त लाइसेंसी बंदूक को भी अपने कब्जे में ले लिया है। पुलिस ने बताया कि मृतक अकेले रहते थे। उनकी पत्नी और इकलौते बेटे की मौत हो गई। पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है।

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