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बलिया में चल रहा नकली दवाओं का अवैध धंधा, मालामाल हो रहे कारोबारी, विभाग मौन !

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बैरिया डेस्क : जीवन की रक्षा के लिए अनेकों उपाय किये जाते है। लोग कोरोना से भयभीत है। ऐसे में स्थानीय तहसील के अधिकांश दवा दुकानों पर नकली दवाओं का कारोबार हो रहा है। इस काले कारोबार से जुड़े लोग मालामाल हो रहे है। वही, इन दवाओं का सेवन करने वाली सीधी-साधी जनता को पता ही नही कि वो जिन दवाओं को इस्तेमाल कर रहे है, उससे उनकी सेहत को ही नुकसान है।

क्षेत्र में इस समय नकली दवा कारोबारियों के लिए जन्नत बनी हुई है। कई ऐसी दवा कंपनिया है, जो हकीकत में है ही नही और उनकी दवा मार्केट में धडल्ले से बिक रही है। वही, इससे संबंधित विभाग कभी-कभार छापेमारी कर अपनी जिम्मेदारियों की इतिश्री कर लेता है। लोगो में चर्चा है कि विभाग की मौन स्वीकृति से ही ये गोरखधंधा चल रहा है। लोगों में ये बात कही जा रही है कि साहब की जेब गर्म हो जाती है तो वो क्यों जहमत उठाये।

बाहर से आने वाली नकली दवा का कारोबार बड़े पैमाने पर फैला है। सूत्रों की माने तो अगर इनकी उच्चस्तरीय जांच कराई जाए तो एक बड़ा खुलासा हो सकता है। अब देखना है कि मौजूदा सरकार और विभाग  क्षेत्र में फैले इस काले कारोबार को रोकने के लिए कोई कदम उठाते है या फिर अपनी ढफली और अपना राग ही अलापेंगे। लोगों ने नकली दवा की बिक्री पर रोक लगाने के साथ जांचोरान्त गंभीर कार्यवायी की मांग की है। वहीँ इस पुरे मामले पर वरिष्ठ चिकित्सिाधिकारी डा. एनके सिंह का कहना है कि  नकली दवा बिक्री के खिलाफ अभियान चलाया जायेगा। इसके लिए शीघ्र ही टीम गठित की जायेगी।

बेअसर साबित हो रही कई सरकारी दवाईयां, सरकारी अस्पतालों में आपूर्ति की जा रही दवाओं पर उठा सवाल
सरकारी अस्पतालों में आपूर्ति की जा रही कई दवाईयां भी बेअसर साबित हो रही है। सरकारी अस्पतालों पर आपूर्ति की गयी दवा पर जानकार सवाल उठा रहे है। इससे सरकारी अस्पतालों को आपूर्ति हो रही दवाईयों की गुणवत्ता पर एक बार फिर से सवालिया निशान लगा है।
सरकारी अस्पताल के एक चिकित्सक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यूपी मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन से आपूर्ति हुई दवाईयों में अस्पतालों को उपलब्ध हुई दवाईयों के परीक्षण में सिंतबर से नवंबर के बीच आधा दर्जन दवाएं अधोमानक पाई गईं थी। इनमें सितंबर माह में कारबोक्सी सेल्यूलोज सोडियम आई ड्राप, नियोमाइसीन व रैनमीडीन इंजेक्शन के नमूने परीक्षण में गुणवत्ताहीन मिले थे, जबकि अक्टूबर में इमरजेंसी में खून रोकने में प्रयुक्त होने वाली हिमालया मेडिकेटेड प्रालि कंपनी के लिग्नोकेट हाइड्रोक्लोराइड इंजेक्शन, डाबुटामाइन हाइड्रो क्लोराइड इंजेक्शन व एड्रालीन गुणवत्ताहीन पाए गए थे।

वही, नवंबर माह में फैल्सीफेरम मलेरिया में दिया जाने वाला इंजेंक्शन एरथ्रेसुनेट-60 •ाी परीक्षण में गुणवत्ताहीन मिला था। अब आयरन शुक्रोज इंजेक्शन के बाद सरकारी अस्पतालों में आपूर्ति होने वाली दवाईयों पर सवालिया निशान लगा है। यही हाल रहा तो सरकारी अस्पताल की दवा जीवन रक्षा की जगह दूसरी बीमारी दे सकती है। कही न कही सरकारी अस्पतालों में दवा आपूर्ति में मोटी कमाई करने वालो की मंशा ने घटिया दवा आपूर्ति का खेल शुरू किया है, जो जनहित मे घातक है। लोगों ने मांग किया है कि इस मामले की जांच कर दोषियों पर गम्•ाीर कार्यवायी किया जाय। उधर, सीएचसी सोनबरसा में तैनात वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डा. एनके सिंह से पूछने पर उन्होने इससे साफ इन्कार कर दिया। बताया कि सरकारी दवा बिल्कुल ठीक है।

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बलिया के फेफना तिराहे के पास खुली डिजिटल लाइब्रेरी, मिलेंगी विशेष सुविधाएं

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बलिया के फेफना तिराहा से 500 मीटर रसड़ा रोड़ वोडाफोन टावर के सामने बाबा विश्वनाथ डिजिटल लाइब्रेरी की शुरुआत की गई है। इस लाइब्रेरी में कई प्रकार की सुविधाएं मिलेंगी, खासतौर पर लड़कियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।

इस लाइब्रेरी में शांत वातावरण, हाई स्पीड वाई-फाई सेवा, पूर्णतया वातानुकूलित, शुद्ध पेयजल की सुविधा, पार्किंग सुविधा, सीसीटीवी कैमरे की सुविधा मिलेगी। इसके अलावा प्रत्येक दिन अख़बार भी पढ़ने दिया जाएगा। सेपरेट स्वच्छ वॉशरूम और टायलेट की सुविधा मिलेगी। यहां अनुशासनात्मक परिसर मिलेगा, जिससे पढ़ने में आसानी होगी।

इस लाइब्रेरी में प्रवेश लेने के लिए प्रोफेसर चंदन चौरसिया (मोबाइल नंबर- 8798946155) और पवन चौरसिया (7800921043) से संपर्क किया जा सकता है।

 

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बलिया डीएम ने किया होम्योपैथिक चिकित्सालयों का निरीक्षण किया, 29 डॉक्टर मिले गैरहाजिर, सभी का वेतन रोका गया

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बलिया जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने बुधवार को जिला होम्योपैथिक चिकित्सालय के अलावा जनपद के 27 होम्योपैथिक चिकित्सालयों का औचक निरीक्षण कराया, जिसमें 29 चिकित्सक अनुपस्थित मिले। जिलाधिकारी में सभी ग़ैरहाजिर चिकित्सकों का वेतन अग्रिम आदेश तक रोकते हुए जिला होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया है कि सबका स्पष्टीकरण प्राप्त कर अपनी आख्या सहित सीडीओ को उपलब्ध कराएं।

सभी एसडीएम और खंड विकास अधिकारियों के माध्यम से यह निरीक्षण अभियान चलाकर कराया गया। इस दौरान जिला होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी डा सुरेश गोंड के अलावा राजकीय होम्योपैथिक जिला चिकित्सालय में वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. लिली मुनींद्र व डा मनु अनुपस्थित मिले। इसके अलावा जो चिकित्साधिकारी अनुपस्थित थे, उनमें राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय रेपुरा में चिकित्साधिकारी डॉ उपेंद्र सिंह, सीता कुंड में डॉ रामबचन, रसड़ा में डॉ लाल बहादुर, सिकंदरपुर में सुनील कुमार वर्मा, काजीपुर में डॉ नवनीता सिंह, बांसडीह में शिवकुमार सिंह, राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय शेर पर डॉ आलोक त्रिपाठी, प्रधानपुर में डॉ बृजेश कुमार भारती गैरहाजिर मिले।

शाह मोहम्मदपुर में डॉ दयाशंकर, सूर्यपुरा में डा संजय कुमार, ससना बहादुरपुर में डॉ रुबी गुप्ता, पड़री में डॉ राजकुमार, सरयाडीह भगत में डॉ नरेंद्र कुमार, डुमरी में डॉ सुशील प्रकाश सागर, उजियार में डॉ पुनीता राय, टुटवरी में डॉ कनक, लालगंज में शैलेंद्र कुमार शर्मा, खरुआव में आशुतोष यादव, उधरन गजियापुर में डॉ लाल सिंह, जमीन सिसौंड में डॉ नीलम कुमार, बहुताचक में डॉ राजमणि, पचखोरा में डॉ चंद्रिका धर, दुगाईपट्टी में डॉ राधावती यादव, बड़ागांव में डॉ प्रदीप कुमार यादव, मानिकपुर में उदयराज व शंकरपुर अस्पताल पर दिव्या राजपूत शामिल थे। जिलाधिकारी ने सभी अनुपस्थित चिकित्साधिकारियों का एक दिन का वेतन अग्रिम आदेश तक रोकते हुए सीडीओ के यहां स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही चेतावनी भी दी है कि समय से अपने अस्पताल पर उपस्थित रहकर अपने दायित्व का निर्वहन करें।

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बलिया पुलिस ने चोरी की वारदात का किया खुलासा, आरोपी गिरफ्तार

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बलिया की फेफना पुलिस ने चोरी की वारदार का खुलासा करते हुए 1 आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के कब्जे से चोरी की 1 अंगूठी, 1 अंगूठी सफेद धातु और 2180 रुपये नगद सहित 1 मोबाइल और 1 अवैध चाकू बरामद किया गया है।

पीड़ित ने बताया कि 18 अक्टूबर की शाम समय वो लगभग 8 बजे अपने आवास पर पहुंची तो देखा कि उनके कमरे का ताला खुला हुआ था, उन्होंने अंदर जाकर देखा तो बक्से का ताला भी खुला था। बक्से के अंदर रखी सोने और चांदी की अंगूठी के साथ 3 हजार नकद गायब था। पीड़ित ने बताया कि उनके आवास के पास में रहने वाला अश्निवी सिंह काफी दिनों से उनके आवास के पास संदिग्ध अवस्था में घूमता दिख रहा था। मुझे उस पर शक है।

इस शिकायत के बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू की और तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया और उसके पास से चोरी अंगूठी, 2180 नगद और 1 मोबाइल बरामद किया। इस कार्रवाई में फेफना पुलिस टीम के वरिष्ठ उपनिरीक्षक राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय, उपनिरीक्षक सुधीर चौहान, उपनिरीक्षक अजय कुमार, कांस्टेबल नन्दू पाल, कांस्टेबल हरिश्चन्द्र की विशेष भूमिका रही।

 

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