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बदले समीकरणों के बलिया में गठबंधन ने दी भाजपा को कड़ी टक्कर !

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लोकसभा चुनाव 2019 के सातवें चरण के ल‍िए 19 मई रव‍िवार को वोट डाले गए. यहां पर 53.51 प्रतिशत वोट डाले गए.

बलिया प्राचीन समय में कोसल साम्राज्य का एक भाग था। यह भी कुछ समय के लिए बौद्ध प्रभाव में आया था। पहले यह गाजीपुर जिले का एक हिस्सा था, लेकिन बाद में इसे जिला बना दिया गया। बलिया को राजा बलि की धरती मानी जाती हैं। उन्ही के नाम पर इसका नाम बलिया पड़ा।

भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में इस जिले के निवासियों के विद्रोही तेवर के कारण इसे बागी बलिया के नाम से भी जाना जाता है। यह क्षेत्र गंगा और घाघरा के बीच के जलोढ़ मैदानों में स्थित है।

भारत के पूर्व प्रधान मन्त्री चन्द्रशेखर भी इसी जिले के मूल निवासी थे। आपात काल के बाद हुई क्रांति के जनक तथा महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जयप्रकाश नारायण भी इसी जिले के मूल निवासी थे। समाजवादी चिंतक तथा देश में ‘छोटे लोहिया’ के नाम से विख्यात जनेश्वर मिश्र भी यही के निवासी थे।

बलिया का चुनावी इतिहास भी काफी रोचक रहा है। 1977 में जब चंद्रशेखर पूरी तरह राजनीति में सक्रिय हुए तब से आठ बार अकेले चंद्रशेखर ही यहां के प्रतिनिधि चुने गए। उनके गुजरने के बाद दो बार उनके पुत्र को बलिया की जनता ने अपना आशीर्वाद दिया। चंद्रशेखर के निधन के बाद 2007 में उपचुनाव कराये गए थे, जिसमें उनके बेटे नीरज शेखर को जीत मिली थी। उसके बाद 2009 के लोकसभा चुनाव में भी नीरज शेखर जीत दर्ज करने में कामयाब रहे थे।

पिछली बार 2014 के लोकसभा चुनाव में बलिया की जनता ने पहली बार भाजपा प्रत्याशी को जिताया। एक तरीके से यह कहा जा सकता है कि पहली बार इस क्षेत्र में चंद्रशेखर की विरासत के खिलाफ वोट पड़ा। चंद्रशेखर 10 नवंबर, 1990 में देश के नौंवे प्रधानमंत्री बने थे, लेकिन गठबंधन की सरकार महज सात महीने ही चल पाई और 21 जून 1991 को चंद्रशेखर सरकार गिर गई।

इस बार भाजपा ने अपनी प्रत्याशी बदल दिया है और यहां से विरेंद्र सिंह मस्त यहां से चुनाव लड़ रहे हैं। समाजवादी पार्टी से सनातन पांडेय चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।

पिछली बार के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के भरत सिंह यहां से विजयी हुए थे। भरत सिंह को 359,758 वोट मिले थे। दूसरे नंबर पर समाजवादी पार्टी के नीरज शेखर थे, उन्हें 2,20,324 वोट मिले थे। तीसरे नंबर कौमी एकता दल के अफजल अंसारी थे। अफजल को 1,63,943 वोट मिले थे। बसपा प्रत्याशी विरेंद्र चौथे नंबर पर थे।

बलिया 1952 में गाजीपुर के साथ संयुक्त संसदीय क्षेत्र के रूप में शामिल था और राम नगीना सिंह यहां से पहले सांसद बने थे।

2014 के आंकड़ों के मुताबिक यहां पर कुल 17,68,271 मतदाता हैं, जिनमें 973,384 पुरुष और 7,94,830 महिला मतदाता है।

बलिया लोकसभा सीट पर सवर्ण मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है। बलिया मुस्लिम आबादी लगभग सात प्रतिशत है। यहां पर ईसाइयों की आबादी है।

सपा-बसपा गठबंधन के बाद चुनावी समीकरण काफी बदल गए हैं। इसलिए सपा प्रत्याशी सनातन पांडेय  ने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को कड़ी टक्कर दी हैं।  वैसे अब 23 मई को ही तय होगा की बलिया का नया सिकंदर कौन होने वाला है ।

 

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बलिया के चिलकहर में अराजक तत्वों ने तोड़ी अम्बेडकर प्रतिमा, पुलिस बल तैनात

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बलिया के चिलकहर स्थित गड़वार थाना क्षेत्र में अम्बेडकर प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करने का मामला सामने आया है। यहां असामाजिक तत्वों ने नरांव शिव मंदिर के प्रांगण के पास में स्थापित अम्बेडकर प्रतिमा की अंगुली तोड़ दी और प्रतिमा के चेहरे सहित शरीर पर पेंट अराजक तत्वों ने फेंक दिया।

गुरुवार सुबह जब इसकी जानकारी मिलने पर सैकड़ों की भीड़ इकट्ठी हो गई और पुलिस को सूचना दी। सीओ सहित आधा दर्जन थानों की पुलिस फोर्स पहुंच गई। ग्रामीणों का आरोप था कि यह चौथी बार है जब प्रतिमा को तोड़ा गया है, हर बार पुलिस सिर्फ कार्रवाई का आश्वासन देती है, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती। इस बार भी अभी तक अराजकतत्वों को पकड़ नहीं गया है।

ग्रामीणों का कहना है कि जब तक सीसीटीवी कैमरा नहीं लगेगा और बाउंड्री नहीं होगी तब तक हम लोग यहां से नहीं जाएंगे। नराव में स्थापित अंबेडकर प्रतिमा को अभी फरवरी माह में ही अराजकतत्वों ने तोड़ दी थी। पुलिस ने मरम्मत करा कर लोगों को शांत कराया था। उसे समय भी ग्रामीणों ने सीसीटीवी कैमरा लगवाने और चहादिवारी करने की मांग की थी।

पुलिस ने आश्वासन दिया था कि एक माह के अंदर हो जाएगा, लेकिन नहीं हो पाया। गुरुवार की सुबह चौथी बार प्रतिमा को तोड़ा गया है। ग्रामीणों का कहना है कि इस बार जब तक सीसीटीवी कैमरा और बाउंड्री वॉल नहीं होगा हम लोग नहीं मानेंगे। अभी मौके पर पुलिस फोर्स तैनात है।

 

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बलिया में रेवती रेलवे स्टेशन को पूर्ण स्टेशन के रूप में बहाल करने की मांग को लेकर फिर एकजुट हुए लोग

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बलिया के रेवती हाल्ट रेलवे स्टेशन को दोबारा से पूर्ण स्टेशन के रूप में बहाल करने की मांग को लेकर एक बार फिर लोग एकजुट हुए। हजारों लोगों का जत्था रेलवे स्टेशन पर जुटा। विभिन्न स्थानों से आए लोगों ने अपनी आवाज उठाई। हालांकि, रेलवे स्टेशन पुलिस ने धरना प्रदर्शन कर रहे लोगों को परिसर में बैठने से मना कर दिया। इसके बाद पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हॉट टॉक हुआ।

धरने को संबोधित करते हुए रेलवे स्टेशन बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष लक्ष्मण पाण्डेय ने बताया कि रेलवे स्टेशन आजादी के मूक गवाह है, जिसके पहले हॉल्ट स्टेशन बना दिया है। हम बार-बार धरना प्रदर्शन करके स्टेशन को पूर्ण स्टेशन का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक हमारी मांगों पर कोई सुनवाई नहीं की जा रही है, जिससे मजबूर होकर हमें धरना प्रदर्शन करना पड़ा।

अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश उपाध्यक्ष अरविंद गांधी ने बताया कि 13 सितंबर को रेवती निवासी एक व्यापारी ट्रेन पकड़ते समय दोनों पैर कट गए, जिसके कुछ दिनों बाद उनकी मृत्यु हो गई। उन्होंने इस घटना का जिम्मेदार रेवती को हाल्ट बनाने की सुविधा विहीनता को बताया।

बता दें कि प्रदर्शन कर रहे लोगों ने मांग पूरी नहीं होने पर अनशन की भी चेतावनी दी। राणा योगेंद्र विक्रम सिंह माण्डलू ने कहा कि “हमारा धरना-प्रदर्शन क्रमिक अनशन तब तक चलेगा जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होतीं।” अमित पाण्डेय पप्पू ने इसे आजादी से पहले का स्टेशन बताते हुए इस पर ध्यान देने की अपील की। डॉ. आरबीएन पाण्डेय ने कहा कि धरना प्रदर्शन के बाद आमरण अनशन की तैयारी है।

धरने से पहले नगर पंचायत रेवती बाजार के व्यापारियों ने पूर्ण रूप से बाजार बंद रखा और धरना प्रदर्शन में भाग लिया। इस दौरान एसडीएम बांसडीह अभिषेक प्रियदर्शी और सीओ बैरिया मोहम्मद उस्मान धरनास्थल पर पहुंचे और वार्ता की। उन्होंने चार मांगपत्र लिए और धरनास्थल पर चार लोगों को बैठकर प्रदर्शन करने की सहमति दी।

कार्यक्रम का संचालन कामरेड ओमप्रकाश उर्फ मुन्नू कुंवर ने किया। इस दौरान आरपीएफ प्रभारी बीके सिंह और थानाध्यक्ष रेवती रोहन राकेश सिंह मय फोर्स मुस्तैद रहे। मौके पर आरएनपी स्कूल की प्रबंधक सुनीता पाण्डेय, महावीर तिवारी, विरेश तिवारी, अरूण तिवारी, भोला ओझा, राजेश गुप्ता सहित अन्य लोग भी मौजूद थे।

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बलिया में अपने स्थान पर किसी दूसरे व्यक्ति को फर्जी रूप से परीक्षा दिलाने वाला आरोपी गिरफ्तार

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बलिया में बीएड परीक्षा में फर्जी एडमिट कार्ड बनाकर अपने स्थान पर किसी दूसरे व्यक्ति से परीक्षा दिलाने वाले अभियुक्त को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी एयरफोर्स से रिटायर्ड कर्मचारी है और उसने अपनी जगह पर किसी और को परीक्षा देने भेजा था।

बताया जा रहा है कि बलिया के राम दहिन सिंह इंटर कॉलेज आमघाट पर 9 जून को परीक्षा आयोजित की गई थी। इस दौरान एक फर्जी परीक्षार्थी पकड़ा गया। उसने अपना नाम दिलीप कुमार सिंह बताया। दिलीप कुमार वास्तिवक परीक्षार्थी पंकज कुमार सिंह की जगह परीक्षा दे रहा था। इसने पंकज कुमार के एडमिट कार्ड पर फर्जी तरीके से अपना फोटो लगाया और उपस्थिति पुस्तिका पर फर्जी हस्ताक्षर बनाया। पुलिस ने दिलीप को हिरासत में लेकर पंकज की तलाश शुरू कर दी।

16 अक्टूबर को मुखबिर की सूचना के बाद पुलिस ने पंकज कुमार को गिरफ्तार किया। अभियुक्त एयरफोर्स का रिटायर्ड कर्मचारी बताया जा रहा है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने की तैयारी कर ली है।

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