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जानें अब बलिया के कोरोना संक्रमितों की जांच कहां होगी ?

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बलिया डेस्क : कोरोना वायरस (कोविड-19) के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए बलिया सहित प्रदेश के सभी जिलों द्वारा हाई रिस्क जनसंख्या को चिह्नत कर उनके सैम्पल मेडिकल कालेज स्थित कोविड-19 प्रयोगशालाओं को भेजने के निर्देश दिए गए हैं । इस सम्बन्ध में सचिव-चिकित्सा स्वास्थ्य वी. हेकाली झिमोमी ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र भेजकर कहा है कि कोविड-19 पीड़ित रोगियों और हाई रिस्क जनसँख्या को चिन्हित कर समय से जाँच एवं उपचार करने से इस वायरस के प्रसार को रोका जा सकता है ।


पत्र के मुताबिक बलिया सहित अन्य जिले चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर, मिर्जापुर, संत रविदास नगर (भदोही), सोनभद्र, आजमगढ़, वाराणसी, मऊ, प्रयागराज, कौशाम्बी और फतेहपुर के सैम्पल की जाँच आई.एम.एस. बीएचयू वाराणसी में होगी।  पत्रानुसार सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, मेरठ, बुलंदशहर, हापुड़, गाजियाबाद, बागपत, अमरोहा और बिजनौर जिले के सैम्पल एलएलआरएम मेडिकल कालेज-मेरठ को भेजने को कहा गया है। अलीगढ़, कासगंज, एटा, हाथरस, मथुरा, जेबी नगर, बदायूं, संभल, मुरादाबाद और रामपुर को जेएन मेडिकल कालेज एएमयू अलीगढ़ सैम्पल भेजने हैं ।

पीलीभीत, बरेली, बहराइच, गोंडा, श्रावस्ती, बलरामपुर, लखनऊ, हरदोई, शाहजहांपुर, लखीमपुर खीरी, सीतापुर और उन्नाव के सैम्पल की जाँच किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय लखनऊ में होगी । चित्रकूट, बाँदा, हमीरपुर, बाराबंकी, अम्बेडकरनगर, सुल्तानपुर, अमेठी, कानपुर नगर, औरैया, रायबरेली, प्रतापगढ़ और कानपुर देहात के सैम्पल की जाँच एसजी पीजीआई लखनऊ में होगी ।

इसी प्रकार बस्ती, संत कबीरनगर, सिद्धार्थनगर, गोरखपुर, देवरिया, महराजगंज, कुशीनगर और अयोध्या के सैम्पल की जाँच आई.सी.एम.आर.-आर.एम.आर. सी. गोरखपुर बी.आर.डी. मेडिकल कालेज गोरखपुर में होगी । इसके अलावा फिरोजाबाद, मैनपुरी, जालौन, ललितपुर, महोबा, झाँसी, आगरा, कन्नौज, फर्रुखाबाद और इटावा जिलों के सैम्पल की जाँच यू.पी. आर. आई.एम.एस. सैफई इटावा में होगी। इन मेडिकल कालेजों में सैम्पल कलेक्शन समय 24 घंटे तय किया गया है ।


पत्रानुसार बताया गया कि प्रतिदिन हर एक जिले में कम से कम चार सैम्पल (अधिकतम सैम्पल संख्या आवश्यकतानुसार) नियमानुसार ट्रिपल लेयर पैकिंग में सम्बंधित प्रयोगशाला भेजना है । इसके साथ ही इसकी सूचना स्वास्थ्य भवन लखनऊ हर रोज शाम छह बजे तक भेजनी होगी ।
हाई रिस्क श्रेणी के लोग –

  • अंतरराष्ट्रीय यात्रा के 28 दिनों के अन्दर कोविड-19 के लक्षणों वाले व्यक्ति ।
  • कोविड-19 रोगी के संपर्क में आने वाले ऐसे व्यक्ति जिनमें लक्षण उत्पन्न हो गए हों ।
  • कोविड-19 रोगी के साथ एक ही घर में रहने वाले व्यक्ति ।
  • सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी रोग (बुखार, खांसी या सांस की तकलीफ वाले सरकारी एवं निजी चिकित्सालयों में भर्ती रोगी ।
  • 28 दिनों के भीतर तबलीगी जमात में भाग लेने वाले समस्त व्यक्ति ।
  • कोविड-19 रोगियों की देखभाल में लगे स्वास्थ्य कर्मी जिनमें लक्षण उत्पन्न हो गए हों अथवा स्वास्थ्य कर्मी जिन्होंने पर्याप्त सुरक्षा के बिना कोविड-19 की जाँच की हो (संपर्क के पांचवें और पुनः 14वें दिन)
  • गंभीर लक्षणों वाले अंतरराज्यीय यात्री (अन्य श्रेणी में अर्ह सैम्पल न होने की दशा में इस श्रेणी में अधिकतम चार सैम्पल प्रतिदिन लिए जा सकते हैं) ।
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बलिया में पूजा चौहान की मौत ने खड़े किए कई सवाल ?

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बलिया के नगरा थाना क्षेत्र के सरयां गुलाबराम गांव में पूजा चौहान की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए है। सरयां गुलाबराम गांव में रविवार सुबह जो दृश्य देखने को मिला, उसने पूरे बलिया को हिला कर रख दिया है। सुबह गांव में जामुन के पेड़ से एक 20 वर्षीय युवती का शव लटका मिला। पैर करीब छह फीट ऊपर हवा में, हाथ पीछे बंधे हुए। नाम पूजा चौहान। 20 साल की पूजा चौहान का शव जब पेड़ से लटका देखा, तो लोगों के रोंगटे खड़े हो गए। जिसने भी ये मंजर देखा, उसकी रूह कांप गई। सबके मन में सवाल उठा की कोई इतना बेरहम कैसे हो सकता है।

हर दिन अखबारों में ऐसे मामले सामने आते हैं, जहां लड़कियों को मौत के घाट उतार दिया जाता है। सोचिये जब प्रशासन को यह पता है कि ऐसे अपराध बढ़ रहे हैं, फिर भी कोई ठोस कदम नहीं उठता। गुलाबराय सरया गांव में रविवार सुबह धर्मराज चौहान की बेटी पूजा का शव गांव में एक पेड़ से लटकता मिला, उसके हाथ पीछे बंधे हुए थे। शव देखते ही गांव में हड़कंप मच गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी। पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह समेत अन्य अधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंचे और हालात को बारीकी से देखा।

पूजा चौहान साधारण परिवार की लड़की थी। उसकी शादी अगले महीने 25 अप्रैल को होने वाली थी। घर में शादी की तैयारियां चल रही थीं। परिवार में खुशियों का माहौल था, लेकिन किसी को क्या पता था कि यह खुशी मातम में बदल जाएगी। पूजा के माता-पिता फिलहाल पीजीआई में अपना इलाज करा रहे थे, और वह घर पर अकेली थी। परिवार के बाकी सदस्य भी बाहर रहते थे। उसका भाई गुजरात में नौकरी करता है और बहन असम में शादीशुदा जिंदगी बिता रही है। फिर सवाल यह उठता है कि आखिर उसकी मौत के पीछे कौन हो सकता है?

पहले तो खबर आई की पूजा ने आत्महत्या की है लेकिन जिस तरीके से उसका शव पेड़ से लटक रहा था वह कुछ और ही बयां करता है। पूजा ने खुद अपनी जान ली होती, तो उसके हाथ पीछे बंधे कैसे होते? यह सवाल जितना आसान लगता है, इसका जवाब उतना ही पेचीदा है। आत्महत्या करने वाले व्यक्ति के हाथ पीछे बंधे नहीं हो सकते। मतलब, शायद किसी ने पूजा की हत्या की और फिर उसे पेड़ से लटकाकर मामले को आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की। क्या उसकी मौत के पीछे कोई पुरानी दुश्मनी थी? या फिर कोई और वजह? कई सवाल हैं। हो सकता है यह सिर्फ कोई मसेज देने के लिए किया गया हो।

घटनास्थल पर मौजूद किचन में बिखरा आटा और अस्त-व्यस्त बर्तन यह बताते हैं कि शायद पूजा का पहले किसी झगड़ा भी हुआ होगा उसके बाद उसके साथ यह अनहोनी हुई होगी। पुलिस जांच के शुरुआती तथ्यों को देखें तो इस मामले में यौन शोषण का भी एंगल जुड़ सकता है। पीड़िता की नानी का साफ कहना है कि उनकी नातिन आत्महत्या नहीं कर सकती। परिजन इस बात से साफ़ इंकार कर रहे हैं। लेकिन सवालों के जवाब आने है।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस मामले में योगी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि “उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। अपराधियों को खुली छूट मिल चुकी है और पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है।”

हाथरस, उन्नाव, बदायूं, और अब बलिया—कब तक यूपी की मिट्टी मासूम बेटियों के खून से लाल होती रहेगी?

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बलिया के एकलौते बसपा विधायक पर क्यों बैठी विजलेंस जांच ?

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बसपा के रसड़ा विधायक उमाशंकर सिंह की मुश्किलें बढ़ गई है। विजलेंस विभाग ने उनकी और उनके परिवार की संपत्तियों की जांच शुरू कर दी है। उमाशंकर सिंह की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं क्योंकि विभाग ने विधायक ही नहीं उनकी पत्नी, बेटा और बेटी के नाम खरीदी गईं जमीन, मकान, फ्लैट, व्यवसायिक और कृषि जमीन की पूरी जानकारी मांगी है।

वैसे सबको पता है नेता जी लोगों की आय से अधिक संपत्ति तो होती ही है। पुरानी स्क्रिप्ट है। लेकिन जब तक कोई नेता सत्ता के करीब होता है, तब तक उसकी संपत्ति पर कोई सवाल नहीं उठता। मगर विपक्ष पर यह कभी भी हो सकता है। उमाशंकर सिंह का मामला भी कुछ ऐसा ही लगता है। बसपा के इस इकलौते विधायक के खिलाफ अचानक जांच शुरू हो गई है। महानिरीक्षक प्रयागराज ने सभी उप निबंधन कार्यालय को निर्देशित किया है कि उमाशंकर सिंह, उनकी पत्नी पुष्पा सिंह, बेटी यामिनी व बेटे युकेश के नाम से प्रदेश में खरीदी गई जमीन, मकान, फ्लैट या अन्य प्रकार की संपत्तियों की जानकारी विजलेंस विभाग को उपलब्ध कराए।

उमाशंकर सिंह की बसपा के इकलौते विधायक हैं। 2022 में विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी। जब पूरे यूपी में बसपा का सूपड़ा साफ हो गया, तब भी वह अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे। बीते दिनों मायावती काफी मुखर है लेकिन क्या अब इसका खामियाजा उमाशंकर सिंह को भुगतना पड़ रहा है?

बसपा का हाल किसी से छिपा नहीं है। मायावती पार्टी को चुनावी मोड में कम, ‘मैनेजमेंट मोड’ में ज्यादा चला रही हैं। यूपी में अब बसपा केवल ‘बीजेपी की B-Team’ कहकर बदनाम हो रही है। लेकिन ऐसे में उमाशंकर सिंह के खिलाफ कार्रवाई को सिर्फ व्यक्तिगत मामला मान लेना भी सही नहीं होगा।

सवाल यह भी है कि आखिर राजनीति में आने के बाद कुछ नेताओं की संपत्ति मॉल्टीप्लाई मोड में कैसे चली जाती है? 2009 में जब उमाशंकर सिंह ने कंस्ट्रक्शन कंपनी खोली थी, तब शायद किसी ने नहीं सोचा होगा कि कुछ सालों में उनकी संपत्तियों की लिस्ट इतनी लंबी हो जाएगी कि सरकार को उसकी जांच करवानी पड़ेगी।

अगर कोई आम आदमी बिना पक्के दस्तावेजों के 5 लाख रुपये की जमीन भी खरीद ले, तो टैक्स विभाग और पुलिस उसके पीछे पड़ जाते हैं। मगर विधायक, सांसद, मंत्री खुलेआम करोड़ों की संपत्ति बना लेते हैं, और हमें लगता है कि यह सब “मेहनत” की कमाई है!

फ़िलहाल सूचना यह है कि उमाशंकर सिंह की तबियत खराब है। वह बीमार चल रहे हैं। लेकिन विजलेंस ने भी अपना काम शुरू कर दिया है

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बलिया के नगरा में पेड़ से लटकी मिली युवती की लाश, मौके पर पहुँचें एसपी ने क्या कहा ?

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बलिया के नगरा थाना क्षेत्र से सनसनीखेज घटना सामने आई है। यहाँ एक गांव में एक 17 वर्षीय युवती की लाश पेड़ से लटकी हुई पाई गई, जिससे इलाके में सनसनी फैल गई।

पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह ने बताया कि आज सुबह डॉयल 112 पर सूचना प्राप्त हुई कि थाना नगरा क्षेत्र के सरयां गुलाबराय गांव में एक युवती का शव पेड़ से लटका हुआ पाया गया है। सूचना मिलते ही फील्ड यूनिट, स्थानीय पुलिस, क्षेत्राधिकारी रसड़ा, एडिशनल एसपी, क्राइम ब्रांच और सर्विलांस टीम मौके पर पहुंच गई।

मृतिका का शव पेड़ से लटका हुआ था, और उसके हाथ पीछे बंधे हुए थे, जबकि उसके पैरों की ऊंचाई लगभग 6 फीट थी। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, युवती के माता-पिता दो दिन पहले पीजीआई इलाज के लिए गए थे, और वह अकेले इस घर में रह रही थी। आसपास के ग्रामीणों से पूछताछ की गई, लेकिन स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी। हालांकि, यह जानकारी प्राप्त हुई कि युवती के माता-पिता को घटना की सूचना दे दी गई है, जबकि उसका एक भाई गुजरात में और एक बहन असम में रहती है।

शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और पंचायतनामा भरकर उसकी वीडियोग्राफी की भी मांग की गई है ताकि इस मृत्यु के कारणों का स्पष्ट रूप से पता चल सके। पुलिस ने इस मामले की तहकीकात के लिए स्थानीय पुलिस, सर्विलांस टीम, क्षेत्राधिकारी रसड़ा और एडिशनल एसपी की चार टीमों का गठन किया है। सभी जरूरी पूछताछ और तकनीकी सर्विलांस के आधार पर जल्द ही इस मामले का खुलासा किया जाएगा।

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