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प्रोफेसर पुरुषोत्तम अग्रवाल की किताब ‘कबीर’ क्यों है खास?

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कबीर पर लिखी हज़ारी प्रसाद द्विवेदी और प्रोफेसर पुरुषोत्तम अग्रवाल की किताबें।

कबीर दास का समय १५ वीं सदी का है। आज २१ वीं सदी के भारत में और कबीर के समय के देश में अनेक अंतर हैं। ऐसे में कबीर हमको क्या सीखा सकते हैं? प्रोफेसर पुरुषोत्तम अग्रवाल की कबीर पर लिखी गई नई पुस्तक आप पढ़िए। आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी अपनी पुस्तक कबीर के उपसंहार में यह लिखते हैं कि हिन्दी साहित्य के हजारों साल के इतिहास में कबीर जैसा व्यक्तित्व लेकर कोई लेखक उत्पन्न नहीं हुआ।

प्रोफेसर पुरुषोत्तम अग्रवाल ने अपनी किताब में यह स्पष्ट कर दिया है कि वैश्विक समाज में भी कबीर अद्वितीय हैं। पश्चिम सभ्यता में मार्डरनिज्म का सिद्धांत जिसे आधुनिकतावाद कहते हैं धर्म के परे की चेतना का समर्थक है। समाज में सही-गलत की पहचान केवल धर्म के प्रचलित व्यवहार की कसौटी पर नहीं, सामाजिक चेतना के आधार पर होगी। यह सामाजिक चेतना हर व्यवहार, मान्यता, परंपरा, और प्रश्नों पर चर्चा करने, उसके उत्तर खोजने से आती है। कोई भी प्रश्न पूछने की, जांचने की मनाही नहीं है। विज्ञान का मार्ग यही है। विकास का मार्ग यही है। यह विचार १९ वीं, २० वीं सदी में यूरोप में आया। कबीर यह १५ वीं सदी के भारत में ही कर रहे थे। अपने विवेक को जगाना और उस विवेक की कसौटी पर बातों को परखना, कबीर के उपदेशों के मूल में यही था। और यह अभी भी प्रासंगिक हैं। आगे भी रहेगा। जिसका व्यक्तित्व पीछे के हजारों सालों में विलक्षण है,वह आगे भी लंबे समय तक प्रासंगिक रहेगा।

पुस्तक में कबीर के समय के बाद से वर्तमान तक समाज में कबीर साहित्य के व्यापक प्रभाव पर विस्तृत चर्चा है। जहां आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी की पुस्तक कबीर के जन्म से पहले के समाज पर चर्चा करती है, यह पुस्तक जन्म के बाद के समय पर चर्चा करती है। यह पुस्तक की पहली खासियत है।

कबीर संत थे, यह बात सर्वविदित है। कबीर एक विलक्षण साहित्यकार थे, यह भी सबको पता है। स्कूल के समय से कबीर के दोहे पाठ्यक्रम का हिस्सा रहे हैं। आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी ने कबीर को भाषा का डिक्टेटर कहा है। कबीर ने भाषा से जब जो करवाना चाहा, करवा लिया। प्रोफेसर पुरुषोत्तम अग्रवाल की यह व्याख्या कि कबीर की विशिष्टता देशज भाषा का इस्तेमाल है, यह विस्मृत करती है। कबीर से पहले साहित्य में जो अनुकरणीय था वह अधिकतर संस्कृत में था। दर्शन जो प्रसिद्ध था, मान्यता प्राप्त था, संस्कृत में था। जो हाल आजकल अंग्रेजी का है। कबीर साहित्य इस एकाधिकार को छोड़ देता है। अपनी अलग सोच को आकार देने के लिए आप किसी भाषा विशेष में स्वीकार्यता मत खोजिए। देशज भाषाओं, आम बोल-चाल की भाषा में विलक्षण साहित्य हो सकता है, गंभीर दर्शन हो सकता है, यह बतलाना इस किताब की दूसरी खासियत है।

कबीर धर्म गुरु थे। ऐसा आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी ने अपनी पुस्तक “कबीर” के उपसंहार में लिखा है। वह किस धर्म के गुरु थे? प्रोफेसर पुरुषोत्तम अग्रवाल का आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी से इस बात पर मतभिन्नता है। आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी ने कबीर को भारतीय दर्शन के स्थापित सिद्धान्तों, वेद, उपनिषद, पुराणों आदि द्वारा स्थापित धर्म व्याख्या में खोजने की कोशिश की है। आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी का मानना है कि कबीर का धर्म इन्हीं प्रचलित व्याख्या का एक मिश्रण है। प्रोफेसर पुरुषोत्तम अग्रवाल ने इस चर्चा पर अधिक बल दिया है कि प्रचलित धर्म इस बात से निर्धारित होता है कि समाज उसका अनुपालन किन रीति-रिवाजों, परंपराओं से कर रहा है। पुस्तक में लिखा क्या है वह केवल एक पहलू है। ऐसे में कबीर को उन धार्मिक व्याख्याओं में स्थापित करना ग़लत है। यह चर्चा पुस्तक में विस्तार से है और यह इस किताब की तीसरी खासियत है।

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि किताब सरल भाषा में है। लेखन आपको बांध कर रखता है। आपको सोचने विचारने के लिए नये आयाम देता है। मैं एक साधारण पाठक हूं जिसको न तो साहित्य का ज्ञान है, न ही दर्शन का। मेरी डिग्री इंजिनियरिंग की है और काम साफ्टवेयर, स्टार्टअप व्यापार का है। मेरे जैसे आम व्यक्ति को यह किताब मनभावन लगी। विषय में रुचि रखने वाले तो और भी आनंद ले पाएंगे।
आप इन दोनों पुस्तकों को जरुर पढ़िए। कबीर को जानना, पढ़ना जरुरी है।

 

यह लेख गौरव तिवारी ने लिखा है। गौरव बनारस में एक स्टार्टअप में काम करते हैं।

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बलिया पहुंचे डिप्टी सीएम, चंद्रशेखर हॉस्पिटल की आधुनिक डायलिसिस सेंटर का किया उद्घाटन

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आज उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक बलिया पहुंचे। उन्होंने जननायक चंद्रशेखर हॉस्पिटल एंड कैंसर इंस्टीट्यूट की अत्याधुनिक डायलिसिस इकाई का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने निशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण शिविर में भी भाग लिया।

डिप्टी सीएम ने पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की स्मृतियों को नमन करते हुए कहा कि चंद्रशेखर जी के बगैर भारतीय राजनीति को पूर्ण नहीं माना जा सकता। चंद्रशेखर और बलिया एक दूसरे के पर्याय थे। पूरे भारत वर्ष में बलिया को स्थापित करने का कार्य किया। 1980 के दशक में उन्होंने कल्पना की थी कि बलिया के हर किसी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिले और उसी सोच के क्रम में उन्होंने जिला मुख्यालय से सुदूर अपने गांव में इस अस्पताल का निर्माण करवाया था।

इस अस्पताल के आधारशिला में लोकनायक जयप्रकाश नारायण का नाम भी जुड़ा हुआ है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने पूरे प्रदेश के मुख्य सचिव होने हुए बलिया के इस अस्पताल को बेहतर स्वरूप में देखने की चिंता की, जिसके लिए वह भी धन्यवाद के पात्र हैं। अस्पताल संचालक का जिम्मेदारी उठाने वाले डॉक्टर संजय सिंह से कहा कि बलिया के ऐतिहासिक धरती के लोगों को किसी प्रकार की दिक्कत ना हो ,इसका पूरा ख्याल रखा जाना चाहिए। हर गरीब, किसान और बहन-बेटियों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत न होने पाए। सरकार ने जनता के लिए सारी व्यवस्था दी है। यहां भी स्वास्थ्य सुविधा ऐसी हो कि पूरे देश में इसका संदेश जाए।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रेगनेंसी के दौरान बहनों को तीन या चार बार अल्ट्रासाउंड के लिए जाना पड़ता है। इसको देखते हुए सरकार ने यह भी व्यवस्था दी है कि सरकारी के अलावा प्राइवेट अल्ट्रासाउंड सेंटर पर भी नि:शुल्क अल्ट्रासाउंड होगा। नवजात शिशु के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए जिले पर व्यवस्था है। इसके अलावा हर सीएससी, पीएचसी तथा सब-सेंटर पर टीकाकरण सहित जच्चा-बच्चा की की सारी सुविधाएं हैं।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे पहले हमें इस बात का ध्यान रखना है कि हम बीमार पड़े ही ना। इसके लिए किसी भी ऐसे पेय पदार्थ को नहीं लेना है या ऐसा कुछ नहीं खाना है, जिसका नुकसान हमारे शरीर पर पड़े। लगभग 40-50 मिनट योग-व्यायाम को अपनी दैनिक दिनचर्या में जरूर शामिल करें। आवश्यकता से अधिक भोजन न लें और पर्याप्त पानी पिएं। लोगों से यह भी आवाह्न किया कि अपने दांतों को सुरक्षित रखने पर भी विशेष ध्यान दें। इसके लिए सुबह के अलावा रात को भी दांतों की सफाई करके ही सोएं।

उपमुख्यमंत्री जी का जनपद आगमन पर स्वागत पूर्व मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, जिलाधिकारी श्री प्रवीण कुमार लक्षकार, पुलिस अधीक्षक श्री विक्रांत वीर तथा निदेशक डा.संजय सिंह सहित अन्य गणमान्य ने किया। कार्यक्रम को पूर्व मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने संबोधित करते हुए कहा कि हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री जननायक चंद्रशेखर जी सपना था कि हम अपने गांव में एक बड़ा हॉस्पिटल बनाएं। उन्होंने अस्पताल को संचालित करने में अहम भूमिका निभाने वाले सभी लोगों का आभार व्यक्त किया। उपमुख्यमंत्री और पूर्व मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने अस्पताल परिसर में वृक्षारोपण किया। इस मौके पर पूर्व विधायक धनंजय कनौजिया, डा. सुषमा शेखर, डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार, एसपी विक्रांतवीर आदि मौजूद रहे।

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बलिया में महिला अपने प्रेमी के साथ हुई फरार, पति विदेश में करता है नौकरी

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बलिया के बैरिया थाना क्षेत्र के गांव में रहने वाली महिला अपने पति को छोड़ प्रेमी के साथ फरार हो गई। पति कतर में रहकर नौकरी कर रहा था और बकायदा पत्नी को खर्च के लिए पैसे भेजता था। उसने अपनी पत्नी के नाम से जमीन भी खरीदी, लेकिन जब पति के कतर से वापस आने की सूचना पत्नी को मिली तो वो अपने प्रेमी के साथ फरार हो गई।

पत्नी अपने साथ सोने-चांदी के आभूषण समेत लगभग 8 लाख रुपये लेकर भाग गई। पति जब घर आया तो ये ख़बर सुनकर उसके पैरों तले ज़मीन खिसक गई। पति ने बैरिया थाने में पूरे मामले की तहरीर दी है।

जानकारी के मुताबिक, युवक पैसे कमाने के लिए कतर गया था। घर में माता-पिता और उसकी पत्नी थी। युवक ने पिछले 2 वर्षों में पत्नी के खाते में लगभग 8 लाख रुपये भेजे थे और उसके नाम पर जमीन भी खरीदी थी। जब उसने वापस अपने देश आने की बात पत्नी को बताई तो पत्नी जेवर और बैंक से पैसे लेकर प्रेमी के साथ फरार हो गई।

इस पूरे मामले में प्रभारी निरीक्षक रामायण सिंह का कहना है कि मेरे अवकाश पर रहने पर इस आशय का प्रार्थना पत्र पीड़ित द्वारा इंस्पेक्टर क्राइम अशोक दत्त त्रिपाठी को दी गई थी। उनके द्वारा मामले की जांच कराई जा रही है।

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कल बलिया आएंगे उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक, कैंसर हॉस्पिटल का करेंगे निरीक्षण

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उत्तर प्रदेश सरकार के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक कल बलिया आने वाले हैं। इस दौरान वे चंद्रशेखर कैंसर हॉस्पिटल इब्राहिमपट्टी पहुंचकर अस्पताल की व्यवस्थाओं का जायज़ा लेंगे। मुख्यतौर पर आईसीयू, ऑपरेशन थिएटर, ओपीडी कॉम्प्लेक्स आदि का निरीक्षण करेंगे।

इस दौरान उपमुख्यमंत्री नवनिर्मित डायलिसिस यूनिट और चिकित्सा शिविर का उद्घाटन करेंगे। इस दौरान वो अस्पताल में आयोजित अन्य कार्यक्रमों में भी मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेंगे। उप मुख्यमंत्री दोपहर 1 बजे डुमरी-मर्यादपुर मऊ तथा 2.45 बजे पहाड़ीपुर मऊ, फिर 03.05 बजे हेलीपैड इब्राहिम पट्टी बलिया पहुंचेंगे और 03.10 बजे लामार्टिनियर कालेज ग्राउण्ड, लखनऊ के लिए प्रस्थान करेंगे।

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