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बलिया जनपद के 200 दिव्यांग विद्यार्थी जुड़ेंगे ई-पाठशाला से, जानें क्या है शासनादेश…..

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बलिया डेस्क. अब अन्य विद्यार्थियों की तरह दिव्यांग बच्चों को भी ई-पाठशाला से जोड़ा जाएगा. राज्य परियोजना निदेशक विजय किराण आंनद ने प्रदेश के समस्त जनपदों के बेसिक शिक्षाधिकारियों को निर्देश दिया कि महामारी के कारण संपूर्ण भारत के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में भी लॉकडाउन है. जिसके कारण घर पर ही दिव्यांग बच्चों की शिक्षा में निरंतरता लाने के लिए आनलाइन शिक्षण की आवश्यकता है. इसी क्रम में समग्र शिक्षा उत्तर प्रदेश के मिशन प्रेरणा की ई-पाठशाला कार्यक्रम के अंतर्गत अन्य विद्यार्थियों की तरह दिव्यांग विद्यार्थियों को भी इस कार्यक्रम से जोड़ा जाना है. इसके तहत बलिया जनपद में लगभग 200 दिव्यांग विद्यार्थी को इस कार्यक्रम से जोड़कर उन्हें लाभान्वित करने के साथ शिक्षा की निरंतरता को बरकरार रखना है. इस संबंध में बेसिक शिक्षाधिकारी शिवनारायण सिंह ने बताया कि पत्र आ चुका है. आदेश के अनुपालन में दिव्यांग बच्चों को ई-पाठशाला से जोड़कर उन्हें लाभान्वित किया जाएगा.
राज्य परियोजना निदेशक ने यह भी निर्देश दिया है कि प्रारंभिक स्तर पर स्पेशल एजुकेटर्स द्वारा अपनी-अपनी यूनिट के बच्चों के अभिभावकों का ह्वाट्सएप ग्रुप बनाये जाये. स्पेशल एजुकेटर्स द्वारा ई-पाठशाला कार्यक्रम की समयसारिणी के अनुसार विषयवस्तु को अभिभावकों के साथ ह्वाट्सएप ग्रुप एवं अन्य माध्यमों द्वारा साझा किया जाये. स्पेशल एजुकेटर्स द्वारा दिव्यांग विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों को आनलाइन सपोर्ट प्रदान किया जाए. जिला समन्वयक (समेकत शिक्षा) के द्वारा आनलाइन टीचिंग प्रोग्राम की मानिटरिंग तथा अभिभावकों का फीडबैक प्राप्त किया जाए.
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upssaied@gmail.com पर हर माह की पहली तारीख को देना होगा फीडबैक
राज्य परियोजना निदेशक ने उप्र के समस्त जनपदों के समस्त बेसिक शिक्षाधिकारियों को यह भी निर्देश दिया है कि व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से लागू करने के साथ ही कितने बच्चे को ई-पाठशाला से जोड़ा गया, यदि कोई नहीं जोड़ा गया है कि किन कारणों से नहीं जोड़ा गया. ई-पाठशाला से जुड़ने के बाद बच्चे कितने लाभान्वित हो रहे हैं आदि तमाम विवरण upssaied@gmail.com पर हर माह की पहली तारीख को फीडबैक देना होगा.
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दो विद्यालय के 200 बच्चे होंगे लाभान्वित
गौरतलब हो कि जनपद में दिव्यांग बच्चों के लिए कुल दो विद्यालय स्थापित है. एक विशुनीपुर व दूसरा मिड्ढा विशुनीपुर में जहां लगभग 90 बच्चे हैं, वहीं मिड्ढा में लगभग 110 बच्चे. ऐसे में लगभग 200 बच्चों को ई-पाठशाला से जोड़ा जाएगा, उनके अभिभावक को जागरूक करने के साथ दिव्यांगों की शिक्षा निरंतरता बनाए रखने के साथ उन्हें शिक्षित किया जाएगा.
वर्जन:
राज्य परियोजना निदेशक के निर्देश के क्रम में जिला समन्वयक को जिम्मेदारी सौंपी गयी है, ई-पाठशाला के जरिए जनपद के समस्त दिव्यांग बच्चों को लाभान्वित किया जाएगा.
शिवनारायण सिंह
बेसिक शिक्षाधिकारी

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बलिया में बेल्थरा रोड के निजी अस्पताल में गर्भवती महिला और बच्चे की मौत, परिजनों ने किया हंगामा

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बलिया के बेल्थरा रोड के बहोरवां स्थित पूजा अस्पताल में शुक्रवार रात एक गर्भवती महिला और उसके बच्चे की मौत हो गई, जिसके बाद क्षेत्र में तनाव फैल गया। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें ऑपरेशन से पहले दो लाख रुपए जमा करने के लिए मजबूर किया और एक कागज पर हस्ताक्षर भी करवाए। इसके बाद अस्पताल ने परिजनों को बाहर कर दिया और जब काफी समय तक कोई सूचना नहीं मिली, तो पता चला कि अस्पताल का स्टाफ और डॉक्टर चोरी-छिपे वहां से फरार हो गए थे।

इस घटना के बाद नाराज मृतका के परिवार ने अस्पताल में तोड़फोड़ की। उभांव थाना प्रभारी, राजेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि पीड़ित परिवार ने अब तक न तो कोई औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है और न ही शव को पोस्टमार्टम के लिए सौंपा है।

स्वास्थ्य विभाग की डिप्टी सीएमओ, डॉ. पद्मावती ने कहा कि पूजा अस्पताल के खिलाफ पहले भी शिकायतें प्राप्त हो चुकी हैं और विभाग ने दो बार छापेमारी भी की थी, लेकिन हर बार अस्पताल बंद पाया गया। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि इस नई शिकायत पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।

वहीं, बेल्थरा रोड में कई अवैध अस्पताल बिना किसी निगरानी के संचालित हो रहे हैं, जो केवल चिकित्सकों की होर्डिंग्स के जरिए मरीजों को आकर्षित करते हैं। स्वास्थ्य विभाग इस समस्या से भली-भांति अवगत होने के बावजूद अब तक प्रभावी कदम नहीं उठा सका है।

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बलिया में आधी रात को कलेक्ट्रेट के बाहर दो महिलाओं का धरना, दबंगों से जमीन कब्जाने का आरोप

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उत्तर प्रदेश के बलिया से एक अनोखा मामला सामने आया है, जिसने प्रशासनिक अधिकारियों को चौका दिया। रात के समय जिला मुख्यालय के कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर दो महिलाएं बैठी हुई मिलीं, जिससे वहां मौजूद लोग हैरान रह गए। जैसे ही पुलिसकर्मियों ने यह देखा, उन्होंने तुरंत अधिकारियों को सूचित किया और एसडीएम भी मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने महिलाओं से इस अप्रत्याशित स्थिति के बारे में पूछा तो जो जवाब मिला, वह उनकी नींद उड़ा देने वाला था।

यह घटना देर रात लगभग 11 बजे की है, जब बांसडीह तहसील के देवरार गांव की दो महिलाएं कलेक्ट्रेट ऑफिस के बाहर धरना देने पहुंची थीं। महिलाओं का आरोप था कि उन्हें जो पट्टा जमीन आवंटित की गई थी, उस पर स्थानीय दबंगों ने कब्जा कर लिया है। इसके बावजूद जब उन्होंने अपनी शिकायत की, तो कोई कार्रवाई नहीं हुई।

अधिकारियों ने तुरंत महिलाओं को शांत करने की कोशिश की, लेकिन वे अपनी मांगों पर अड़ी रही और किसी भी स्थिति में वहां से जाने को तैयार नहीं हुईं। इस घटना ने अधिकारियों के बीच हड़कंप मचाया और उन्हें यह समझ में आया कि स्थिति को गंभीरता से लेने की जरूरत है।

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बलिया में मोबाइल इस्तेमाल करने से मना किए जाने पर छात्रा ने दे दी जान !

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बलिया जिले में दो अलग-अलग घटनाओं में दो महिलाओं ने आत्महत्या कर ली। पहली घटना जिले के दुबहर थाना क्षेत्र से सामने आई जहां एक हाईस्कूल की छात्रा ने कथित तौर पर मोबाइल फोन का उपयोग करने से मना किए जाने के बाद आत्महत्या कर ली।

दुबहर थाना के प्रभारी निरीक्षक के अनुसार घटना के समय उनके घर पर केवल छात्रा की मां मौजूद थीं। एसएचओ ने कहा कि छात्रा अपनी आगामी परीक्षाओं के लिए पढ़ाई के दौरान अपने मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रही थी और उसकी मां ने उसे इसके लिए डांटा था।

वहीं दूसरी घटना सुखपुरा थाना क्षेत्र  में हुई, जहां 65 वर्षीय अनिता देवी ने अपने घर के एक कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

पुलिस के अनुसार, अनिता देवी का अपने बेटे के साथ विवाद चल रहा था, जिसकी शिकायत पहले थाने में की गई थी। पुलिस दोनों मामलों की जांच कर रही है।

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