बलिया
बलिया में स्वास्थ्य विभाग के 15 कर्मचारियों ने फर्जी दस्तावेज लगाकर पाई नौकरी, केस दर्ज

बलिया में स्वास्थ्य विभाग के 15 कर्मचारियों पर फर्जी कागजात के आधार पर नौकरी हासिल करने और वेतन लेने का आरोप लगा है। इन कर्मचारियों के खिलाफ फ्रॉड और गबन का मुकदमा दर्ज किया गया है। सभी आरोपी विभिन्न अस्पतालों में स्टाफ नर्स के पद पर तैनात हैं। इस मामले में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमओ) डॉ. विजय पति द्विवेदी ने नगर कोतवाली पुलिस को तहरीर दी थी। उनके अनुसार, कुछ स्टाफ नर्सों ने कूटरचित और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हासिल की और वेतन लिया।
डॉ. द्विवेदी के मुताबिक, जब यह मामला सामने आया, तो जांच के लिए सात सदस्यीय समिति बनाई गई। समिति ने संबंधित कर्मचारियों से उनके नियुक्ति से जुड़े अभिलेख मांगने के लिए नोटिस भेजे, ताकि इन कागजातों का सत्यापन किया जा सके। लेकिन आरोपी कर्मचारियों ने कोई दस्तावेज नहीं पेश किए। इसके बाद पुलिस ने चिलकहर, नरही, बसुधरपाह, अनिल कुमार, अंकित कुमार, तै जितेंद्र यादव, संतोष कुमार, विकास यादव, रेवती, बसंतपुर, मनियर, खेजुरी, जयप्रकाश नगर, और सुखपुरा में तैनात कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया।
सीएमओ के अनुसार, नवंबर 2023 में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा स्वास्थ्य विभाग में स्टाफ नर्स के पदों के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। इच्छुक उम्मीदवारों ने आवेदन किया और उनके दस्तावेजों की जांच की गई। पात्र पाए जाने पर नियुक्ति पत्र जारी कर दिए गए। इसके बाद, कुछ कर्मचारियों की पोस्टिंग में देरी हुई, जिसके कारण सीएमओ ने महानिदेशालय को पत्र लिखा और उनके लिए विभिन्न अस्पतालों में तैनाती सुनिश्चित की।
जांच से पता चला कि नौकरी मिलने के बाद इन कर्मचारियों को हर महीने 60 से 70 हजार रुपये वेतन के रूप में मिल रहे थे। अब तक वे लाखों रुपये की सैलरी ले चुके हैं। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, यह मामला और गहराएगा, क्योंकि जांच के बाद कई और कर्मचारियों के नाम सामने आ सकते हैं।
जब इन कर्मचारियों को जांच के बारे में पता चला, तो उन्होंने अपने दस्तावेजों में बदलाव करने की कोशिश की, लेकिन ऑनलाइन सिस्टम के कारण वे सफल नहीं हो सके और फिर वे गायब हो गए। सीएमओ ने इसकी जानकारी मिलने पर सभी अस्पतालों के प्रभारियों को पत्र भेजकर इन कर्मचारियों की नौकरी रोक दी और वेतन भुगतान पर भी रोक लगा दी।
सूत्रों के अनुसार, फर्जी कागजात के आधार पर इन कर्मचारियों की नियुक्ति में अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत की आशंका है। स्वास्थ्य निदेशालय के कुछ कर्मचारियों ने जांच के दौरान भेजे गए कई पत्रों को दबा दिया था। माना जा रहा है कि इस फर्जीवाड़े में लाखों रुपये का लेन-देन हुआ, जिसमें कुछ हिस्सा तत्कालीन सीएमओ, कर्मचारियों और दलालों ने आपस में बांटा था, जबकि कुछ हिस्सा निदेशालय के अधिकारियों तक पहुंचा था। अब पुलिस की जांच में यह मामला धीरे-धीरे खुलकर सामने आएगा या फिर अन्य मामलों की तरह यह फाइल बंद हो जाएगी, यह देखना बाकी है।













बलिया
बलिया में युवक ने भागलपुर पुल से सरयू नदी में कूदकर की आत्महत्या, पुलिस जांच में जुटी
बलिया में एक युवक ने भागलपुर पुल से सरयू नदी में कूदकर आत्महत्या कर ली। युवक बुलेट मोटरसाइकिल से पुल पर पहुंचा और अचानक नदी में कूद गया। आसपास के लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव की तलाश शुरू की।
जानकारी के मुताबिक, 19 वर्षीय प्रिंस तिवारी मऊ का रहने वाला था। वह दोपहर करीब साढ़े 12 बजे भागलपुर पुल पर पहुंची, उसने अपनी बुलेट गाड़ी खड़ी की। फिर कुछ देर तक पुल पर टहलता रहा। फिर अचानक रेलिंग के पास जाकर नदी में कूद गया। घटना देख लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी।
पुलिस जांच में पता चला कि युवक अपनी बुलेट में चाबी लगाकर और एक गमछे में आधार कार्ड लपेटकर छोड़ गया था। आधार कार्ड से युवक की पहचान मऊ जिले के अल्लीपुर मर्यादपुर थाना रामपुर निवासी स्वर्गीय अजय कुमार तिवारी के पुत्र प्रिंस तिवारी के रूप में हुई। भागलपुर चौकी और उभांव थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने परिजनों को घटना की सूचना दे दी है और युवक के शव की तलाश में जुटी है। यह पुल बेल्थरा रोड को देवरिया और बिहार से जोड़ता है। आत्महत्या के कारणों को लेकर अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है।
बलिया
बलिया में जाति प्रमाण पत्र की मांग को लेकर ‘ऑल गोंडवाना स्टूडेंट्स एसोसिएशन’ का जेल भरो आंदोलन, 700 प्रदर्शनकारी गिरफ्त में

बलिया जिला कलेक्ट्रेट परिसर सोमवार को छात्रों के गगनभेदी नारों से गूंज उठा, जब ऑल गोंडवाना स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने जाति प्रमाण पत्र जारी न होने के विरोध में जेल भरो आंदोलन के तहत जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस और प्रशासन ने लगभग 700 प्रदर्शनकारियों को प्रतीकात्मक रूप से हिरासत में लिया, जिन्हें बाद में निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया।
संगठन के प्रमुख अरविंद गोंडवाना ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार पहले ही गोंड जाति को अनुसूचित जनजाति के रूप में मान्यता देने का शासनादेश जारी कर चुकी है, लेकिन बलिया जिला प्रशासन उसे लागू करने से कतरा रहा है। उन्होंने बताया कि नगर पंचायत मनियर में एसटी महिला के लिए आरक्षित अध्यक्ष पद पर उपचुनाव होना है, जिसमें गोंड समुदाय की चार महिलाओं के नामांकन वैध पाए गए हैं—इसके बावजूद जाति प्रमाण पत्र नहीं जारी किए जा रहे।
वक्ताओं ने बताया कि संगठन पिछले 86 दिनों से कलेक्ट्रेट के मॉडल तहसील परिसर में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठा है। यह मुद्दा संसद और विधानसभा तक में गूंज चुका है, लेकिन स्थानीय प्रशासन टस से मस नहीं हो रहा। पूर्वांचल छात्र संघर्ष समिति के संरक्षक नागेंद्र बहादुर सिंह ‘झुन्नू’ ने छात्रवृत्ति में अनियमितताओं का मुद्दा भी जोर-शोर से उठाया।
इस बीच, सिटी मजिस्ट्रेट ने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों से जुड़ा ज्ञापन मुख्यमंत्री को भेजा जाएगा। हालांकि, संगठन के नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें जल्द नहीं मानी गईं, तो वे छात्र कर्फ्यू जैसा बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे।
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बलिया के पियरियां में नीलम ज्ञानदीप कॉन्वेंट स्कूल का भव्य उद्घाटन

रविवार को बलिया के गड़वार शिक्षा क्षेत्र के अंतर्गत पियरियां गाँव में नीलम ज्ञानदीप कॉन्वेंट स्कूल का शुभारंभ एक भव्य समारोह में किया गया। उद्घाटन समारोह में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह एवं क्षेत्रीय विधायक संग्राम सिंह यादव ने फीता काटकर स्कूल का उद्घाटन किया। इस अवसर पर विद्यालय के डायरेक्टर अरुण सर भी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे और आयोजन की कमान संभाली।
कार्यक्रम में रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ भी हुईं, जिसने माहौल को और भी खास बना दिया। विद्यालय के डायरेक्टर अरुण सर ने अपने संबोधन में कहा, हमारा उद्देश्य सिर्फ पढ़ाई कराना नहीं, बल्कि इस क्षेत्र के बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी तैयार करना है। मैं इस विद्यालय को एक ‘मंदिर’ मानकर सेवा भाव से शिक्षा दूंगा।
परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने विद्यालय को हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया, वहीं विधायक संग्राम सिंह यादव ने कहा, यह क्षेत्र अब भी पिछड़ेपन से जूझ रहा है, और हमारा दायित्व है कि किसी भी बच्चे को आर्थिक तंगी के कारण शिक्षा से वंचित न होना पड़े। उन्होंने स्कूल में ARO प्लांट लगवाने का भी वादा किया, ताकि बच्चों को स्वच्छ पेयजल मिल सके।
इस अवसर पर सैकड़ों गणमान्य अतिथियों, प्रमुख रुप से हीरालाल कौशल, रामाश्रय यादव, लालबाबू राम, देवदत्त सिंह, प्रभुनाथ यादव, अभिषेक यादव (पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष) आदि ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। कार्यक्रम के समापन पर अरुण सर ने सभी अतिथियों और सहयोगियों के प्रति आभार व्यक्त किया।
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