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बलिया स्पेशल

बद्रीनाथ सिंह बने सीडीओ बलिया, सुनील कुमार वर्मा नगर मजिस्ट्रेट

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उत्तर प्रदेश सरकार ने आईएएस अधिकारियों के तबादले के दूसरे दिन 49 पीसीएस अफसरों के तबादले कर दिए. इनमें 39 वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी व 10 डिप्टी कलेक्टर हैं. कई अधिकारियों को प्रोन्नति दी गई है.

  • इंदु प्रकाश सिंह – एसडीएम गाजियाबाद – एसडीएम चित्रकूट
  • देवी दयाल – संबद्ध अध्यक्ष राजस्व परिषद लखनऊ – एसडीएम अमेठी
  • अरुण कुमार सिंह -एसडीएम कन्नौज – एसडीएम लखीमपुर खीरी
  • बृजपाल सिंह – एसडीएम सीतापुर -एसडीएम इटावा
  • सूरज कुमार यादव – एसडीएम पीलीभीत – एसडीएम उन्नाव
  • मनोज कुमार सिंह – एसडीएम कानपुर देहात – एसडीएम चंदौली
  • अशोक कुमार शुक्ला – एसडीएम अमेठी – सहायक भूमि व्यवस्था आयुक्त राजस्व परिषद लखनऊ
  • राकेश कुमार-2 – सक्षम प्राधिकारी गेल इंडिया लिमिटेड, लखनऊ- एसडीएम रायबरेली
  • सत्य प्रकाश सिंह-2 – एसडीएम फतेहपुर – एसडीएम प्रतापगढ़
  • हिंमाशु कुमार गुप्ता – एसडीएम बुलंदशहर – स्थानांतरणाधीन जनपद संतकबीरनगर निरस्त करते हुए वर्तमान पद पर बनाए रखा गया है.
  • इंद्र भूषण वर्मा – नगर मजिस्ट्रेट जौनपुर – अपर जिलाधिकारी (वि/रा) महराजगंज
  • योगानंद पांडेय – एसडीएम लखीमपुर खीरी – नगर मजिस्ट्रेट जौनपुर
  • शेषमणि पांडेय -सीडीओ बदायूं – विशेष सचिव एवं निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण विभाग लखनऊ
  • उमाकांत त्रिपाठी – अपर आयुक्त लखनऊ मंडल – सीडीओ बदायूं
  • शीलधर सिंह यादव – विशेष सचिव राष्ट्रीय एकीकरण विभाग – अपर आयुक्त लखनऊ मंडल
  • उमेश नारायण पांडेय – अपर जिलाधिकारी (वि/रा) लखीमपुर खीरी -सीडीओ अंबेडकरनगर
  • अरुण कुमार सिंह – अपर जिलाधिकारी (न्यायिक)मैनपुरी – अपर जिलाधिकारी (वि/रा) लखीमपुर खीरी
  • डा. वंदना वर्मा – विशेष सचिव औद्योगिक विकास विभाग – विशेष सचिव संस्कृति विभाग व अपर निदेशक संस्कृति विभाग
  • अवधेश कुमार मिश्रा – नगर मजिस्ट्रेट पीलीभीत – अपर जिलाधिकारी (वि/रा) बिजनौर
  • पूनम निगम -एसडीएम झांसी – नगर मजिस्ट्रेट पीलीभीत
  • प्रदीप कुमार दुबे – नगर मजिस्ट्रेट गाजियाबाद – एडीएम (न्यायिक) इटावा
  • संतोष बहादुर सिंह -एसडीएम मेरठ – नगर मजिस्ट्रेट गाजियाबाद
  • देवेंद्र प्रताप मिश्र – नगर मजिस्ट्रेट मीरजापुर – एडीएम (न्यायिक) पीलीभीत
  • पंकज वर्मा – एसडीएम प्रतापगढ़ -नगर मजिस्ट्रेट मीरजापुर
  • प्रमिल कुमार सिंह – नगर मजिस्ट्रेट बहराइच -एडीएम (वि/रा) जालौन
  • प्रदीप कुमार यादव – एसडीएम झांसी – नगर मजिस्ट्रेट बहराइच
  • संजय कुमार सिंह – अपर नगर आयुक्त नगर निगम इलाहाबाद – नगर मजिस्ट्रेट बदायूं
  • महेंद्र – एसडीएम प्रतापगढ़ – मुख्य राजस्व अधिकारी सुल्तानपुर
  • प्रवरशील बरनवाल – एसडीएम शामली – मुख्य राजस्व अधिकारी फैजाबाद
  • विजय कुमार सिंह द्वितीय – एसडीएम बिजनौर- विशेष कार्याधिकारी विकास प्राधिकरण गाजियाबाद
  • विनय प्रकाश श्रीवास्तव- नगर मजिस्ट्रेट शाहजहांपुर – मुख्य राजस्व अधिकारी गोंडा
  • अतुल कुमार द्वितीय – एसडीएम गाजियाबाद – नगर मजिस्ट्रेट शाहजहांपुर
  • कमलेश कुमार सिंह -एडीएम (नगर) मुरादाबाद- अपर आयुक्त वाराणसी मंडल
  • जगतपाल सिंह -एडीएम (वि/रा) बरेली – एडीएम (नगर) मुरादाबाद
  • अजय कुमार श्रीवास्तव – एडीएम (प्रशासन) बदायूं – एडीएम (वि/रा) बरेली
  • मनोज कुमार पांडेय – नगर मजिस्ट्रेट बलिया – एडीएम (प्रशासन) बदायूं
  • सुनील कुमार वर्मा -एसडीएम वाराणसी – नगर मजिस्ट्रेट बलिया
  • विजय बहादुर सिंह-7 -एडीएम (वि/रा) झांसी- एडीएम (वि/रा) औरैया
  • नगेंद्र शर्मा – एडीएम (भू/अ) आगरा – एडीएम (वि/रा) झांसी
  • सत्य प्रकाश सिंह -एडीएम (प्रशासन) बरेली – एडीएम (भू/अ)आगरा,
  • राम सेवक द्विवेदी – एडीएम (वि/रा)औरैया – एडीएम (प्रशासन) बरेली
  • शमशाद हुसैन – नगर मजिस्ट्रेट इटावा – एडीएम न्यायिक बुलंदशहर
  • राकेश कुमार पटेल – नगर मजिस्ट्रेट सीतापुर -नगर मजिस्ट्रेट इटावा
  • हर्ष देव पांडेय – एसडीएम गोरखपुर -नगर मजिस्ट्रेट सीतापुर
  • संतोष कुमार – सीडीओ बलिया-अपर खाद्य आयुक्त लखनऊ
  • बद्री नाथ सिंह – कुलसचिव सिद्धार्थ विश्वविद्यालय, कपिलवस्तु, सिद्धार्थनगर – सीडीओ बलिया
  • उदय प्रताप सिंह – नगर मजिस्ट्रेट बरेली – कुलसचिव सिद्धार्थ विश्वविद्यालय, कपिलवस्तु, सिद्धार्थनगर
  • गणेश प्रसाद सिंह – एसडीएम कुशीनगर- नगर मजिस्ट्रेट बरेली
  • उमेश चंद्र उपाध्याय – एसडीएम गोंडा – नगर मजिस्ट्रेट बुलंदशहर
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बलिया के एकलौते बसपा विधायक पर क्यों बैठी विजलेंस जांच ?

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बसपा के रसड़ा विधायक उमाशंकर सिंह की मुश्किलें बढ़ गई है। विजलेंस विभाग ने उनकी और उनके परिवार की संपत्तियों की जांच शुरू कर दी है। उमाशंकर सिंह की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं क्योंकि विभाग ने विधायक ही नहीं उनकी पत्नी, बेटा और बेटी के नाम खरीदी गईं जमीन, मकान, फ्लैट, व्यवसायिक और कृषि जमीन की पूरी जानकारी मांगी है।

वैसे सबको पता है नेता जी लोगों की आय से अधिक संपत्ति तो होती ही है। पुरानी स्क्रिप्ट है। लेकिन जब तक कोई नेता सत्ता के करीब होता है, तब तक उसकी संपत्ति पर कोई सवाल नहीं उठता। मगर विपक्ष पर यह कभी भी हो सकता है। उमाशंकर सिंह का मामला भी कुछ ऐसा ही लगता है। बसपा के इस इकलौते विधायक के खिलाफ अचानक जांच शुरू हो गई है। महानिरीक्षक प्रयागराज ने सभी उप निबंधन कार्यालय को निर्देशित किया है कि उमाशंकर सिंह, उनकी पत्नी पुष्पा सिंह, बेटी यामिनी व बेटे युकेश के नाम से प्रदेश में खरीदी गई जमीन, मकान, फ्लैट या अन्य प्रकार की संपत्तियों की जानकारी विजलेंस विभाग को उपलब्ध कराए।

उमाशंकर सिंह की बसपा के इकलौते विधायक हैं। 2022 में विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी। जब पूरे यूपी में बसपा का सूपड़ा साफ हो गया, तब भी वह अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे। बीते दिनों मायावती काफी मुखर है लेकिन क्या अब इसका खामियाजा उमाशंकर सिंह को भुगतना पड़ रहा है?

बसपा का हाल किसी से छिपा नहीं है। मायावती पार्टी को चुनावी मोड में कम, ‘मैनेजमेंट मोड’ में ज्यादा चला रही हैं। यूपी में अब बसपा केवल ‘बीजेपी की B-Team’ कहकर बदनाम हो रही है। लेकिन ऐसे में उमाशंकर सिंह के खिलाफ कार्रवाई को सिर्फ व्यक्तिगत मामला मान लेना भी सही नहीं होगा।

सवाल यह भी है कि आखिर राजनीति में आने के बाद कुछ नेताओं की संपत्ति मॉल्टीप्लाई मोड में कैसे चली जाती है? 2009 में जब उमाशंकर सिंह ने कंस्ट्रक्शन कंपनी खोली थी, तब शायद किसी ने नहीं सोचा होगा कि कुछ सालों में उनकी संपत्तियों की लिस्ट इतनी लंबी हो जाएगी कि सरकार को उसकी जांच करवानी पड़ेगी।

अगर कोई आम आदमी बिना पक्के दस्तावेजों के 5 लाख रुपये की जमीन भी खरीद ले, तो टैक्स विभाग और पुलिस उसके पीछे पड़ जाते हैं। मगर विधायक, सांसद, मंत्री खुलेआम करोड़ों की संपत्ति बना लेते हैं, और हमें लगता है कि यह सब “मेहनत” की कमाई है!

फ़िलहाल सूचना यह है कि उमाशंकर सिंह की तबियत खराब है। वह बीमार चल रहे हैं। लेकिन विजलेंस ने भी अपना काम शुरू कर दिया है

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बलिया में ATM कार्ड के जरिए फ्राड करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, Encounter के बाद 4 गिरफ्तार

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बलिया के हल्दी में पुलिस ने मुठभेड़ के बाद बिहार के चार अपराधियों को गिरफ्तार कर एटीएम कार्ड से धोखाधड़ी करने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि पुलिस की जवाबी कार्रवाई के दौरान पैर में गोली लग से एक आरोपी घायल हो गया।

अपर पुलिस अधीक्षक कृपा शंकर ने संवाददाताओं को बताया कि बुधवार रात को पुलिस को सूचना मिली कि हृदयाचक तिराहा से पीपा पुल की ओर जाने वाली सड़क पर एक कार में कुछ संदिग्ध लोग आ रहे हैं।

उन्होंने बताया कि जब पुलिस ने वाहन को रोकने का प्रयास किया तो चारों संदिग्ध कार से उतरकर भागने लगे।

शंकर ने कहा, ‘‘पीछा किए जाने पर अपराधियों में से एक ने पुलिस दल पर गोली चला दी, जिसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की। एक आरोपी पैर में गोली लगने से घायल हो गया, जिसके बाद पुलिस ने सभी चार संदिग्धों को काबू कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया।’’

अधिकारी ने कहा, ‘‘गोली लगने से घायल हुए बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के निवासी बच्चा लाल महतो (27) को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अन्य तीन की पहचान साहेब कुमार महतो (32), मदन महतो (37) और लाल बाबू महतो (38) के रूप में हुई है। ये सभी बिहार के हैं।’’

पुलिस ने आरोपियों के पास से दो देसी पिस्तौल (.315 बोर), दो कारतूस, दो खाली खोल, विभिन्न बैंकों के 63 एटीएम कार्ड, एक कार और 5,200 रुपये भी जब्त किए हैं।

अपर पुलिस अधीक्षक ने कहा, ‘‘पूछताछ के दौरान, आरोपियों ने एटीएम कार्ड धोखाधड़ी में संलिप्त एक गिरोह का हिस्सा होने की बात कबूल की। वे सीधे-साधे लोगों को निशाना बनाकर उनका एटीएम कार्ड बदल लेते थे और फिर उनके रुपये निकाल लेते थे या अंतरित कर लेते थे। चोरी की रकम गिरोह के सदस्यों के बीच बांटी जाती थी।’’

अधिकारी ने बताया कि आरोपियों ने यह भी कबूल किया कि उन्होंने बलिया और उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों के साथ-साथ दिल्ली में भी कई लोगों को ठगा है।

पुलिस रिकॉर्ड से पता चलता है कि बलिया, दिल्ली और अन्य स्थानों पर तीनों के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। पुलिस ने बताया कि गिरोह के अन्य सदस्यों और देश के विभिन्न हिस्सों में उनके नेटवर्क का पता लगाने के लिए आगे की जांच जारी है।

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Ballia- बेलथरा रोड के सामाजिक कार्यकर्ता खालिद ज़हीर का निधन

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बेलथरा रोड डेस्क :  बलिया जिले के बेलथरा रोड से एक बुरी खबर सामने आई है।  नगर पंचायत के सामाजिक कार्यकर्ता रहे खालिद ज़हीर का वाराणसी में अचानक निधन हो गया। बताया जा रहा है कि गिरने की वजह से उनको सर में गहरी चोट लग गई जिसके बाद परिजन अस्पताल ले गए। इलाज के दौरान ही डाक्टरों ने उन्हे मृत्यु घोषित कर दिया।  सोमवार की रात करीब 12 बजे वह इस दुनिया को छोड़कर चले गए. उनकी उम्र लगभग 58  साल थी.

सामाजिक कार्यकर्ता होने के साथ साथ कई बार नगर पंचायत का चुनाव भी लड़ चुके थे । हर मुद्दे पर पर वो मुखर होकर अपनी बात रखते थे। सभी समुदाय में अच्छी पकड़ रखते थे। उनकी मौत की खबर से इलाके में शोक की लहर दौड़ पड़ी है।

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