त्तर प्रदेश सरकार ने गुरुवार को महिला शक्तियों को सम्मानित किया. महिला कल्याण विभाग की तरफ से रानी लक्ष्मी बाई वीरता पुरस्कार और बेगम अख्तर पुरस्कार वितरण समारोह का अयोजन किया गया. इसमें 130 महिलाओ को सम्मान मिला. 128 को रानी लक्ष्मी बाई वीरता पुरस्कार और 2 महिलाओं को बेगम अख्तर पुरस्कार दिया गया. इनमें 98 महिला ग्राम प्रधान भी शामिल हैं. इसमें विजेताओं को पुरस्कार राशि 1 लाख रुपये दी जा रही है.
कार्यक्रम में आगरा की नाजिया का जिक्र खूब हुआ. आगरा में एक बच्ची को अपहरण से बचाने वाली और जुआरियों से लोहा लेने वाली नाजिया खान को प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने स्पेशल पुलिस आॅफिसर घोषित किया है. खुद सीएम योगी ने नाजिया की प्रशंसा की. सीएम योगी ने कहा कि आगरा की एक लड़की नाज़िया ने अपने एरिया में एक लड़की का अपहरण होने से बचा लिया, उसने वहां जुआ खेलने पर रोक लगा दी. हमे ऐसी बेटियों से सबक लेना चाहिये. सभी लोग मिल-जुलकर सामुदायिक भाव से कार्य करें. लोग कुछ समय के लिए निर्वाचित होते हैं मालिक नहीं होते हैं. यदि भुखमरी या शराब पीने आदि से मरता है तो समाज की बदनामी होती है.
कार्यक्रम में सीएम योगी ने कहा कि मैं पुरस्कार विजेताओं का स्वागत करता हूं. बालक और बालिका के साथ एक जैसा व्यहार किया जाना चाहिये. यह हम सब के लिए प्रशांता का क्षण है, जो अपने क्षेत्र विशिष्ट योगदान किया उन्हें सम्मानित किया जा रहा है. हम लोगों ने 12वी और 10वी की छात्र छात्राओं को सम्मानित किया. जिसमें 147 में 99 सिर्फ लड़किया थीं. लड़कियों ने विपरीत परिस्थितयो में भी जो बेहतर प्रदर्शन किया है, वह काबिले तारीफ है. सीएम ने कहा कि बालिकाओं के साथ समानता का व्यवहार करने के लिये विशेष ध्यान देने व जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता है. सरकारी योजनाओं को लाभार्थियों तक पहुचाने की जरूरत है. बता दें नाजिया को इस वर्ष का राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार मिला है.
नाजिया 7 सात अगस्त 2015 की घटना को याद करते हुए बताती हैं कि हर दिन की तरह स्कूल से वापस घर आ रही थीं. इसी दौरान 6 साल की बच्ची को दो मोटरसाइकिल सवार उठाकर बाइक पर बैठाने का प्रयास कर रहे थे. लोग मूकदर्शक बने हुए थे. वह बैग फेंककर मोटरसाइकिल सवार बदमाशों के पास पहुंच गई.
हेलमेट लगाए अपहरणकर्ताओं के बीच बैठी बच्ची के फ्राक को पकड़ कर उसने घसीटना शुरू कर दिया. मोटरसाइकिल सवार बदमाश गिर गए. नाजिया ने बच्ची को नहीं छोड़ा. बदमाशों ने उसके ऊपर हमला भी किया, लेकिन उसने हार नहीं मानी. इस बीच लोगों की भीड़ भी आ गई और मौका देख बदमाश फरार हो गए. नाजिया ने बच्ची डिम्पी से पता पूछा और उसे उसके घरवालों के सुपुर्द कर दिया. घटना की आगरा ही नहीं पूरे प्रदेश में चर्चा हुई थी.
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