जम्मू कश्मीर में एक हादसे के दौरान अपनी जान गंवाने वाले सेना के जवान का पार्थिव शरीर आज बलिया के पकड़ी थाना स्थित उनके पैतृक गांव जगदरा पहुंचा। तिरंगे में लिपटे जवान के शव को देख कर पूरे गांव में माहौल गमगीन हो गया। हर किसी की आंखें भर आई। पूरा गांव भारत माता की जय और वंदे मातरम् के नारे से गूंज उठा।
जवान के अंतिम दर्शन के लिए लोगों का तांता लग गया। गांव और आसपास के क्षेत्रों से सैकड़ों लोग तिरंगा लेकर पहुंचे। माहौल पूरी तरह गम और गर्व से भरा हुआ था। सेना के सम्मान के साथ जवान का अंतिम संस्कार किया गया। जवान के छोटे भाई राणा प्रताप ने मुखाग्नि दी। सिकंदरपुर के विधायक मोहम्मद जियाउद्दीन रिजवी, पूर्व विधायक भगवान पाठक, रामजी यादव और अनंत मिश्रा सहित सैकड़ों लोग श्रद्धांजलि देने पहुंचे।
इस दौरान परिवारवाले सरकार पर भेदभाव के आरोप लगाते हुए नज़र आए। उन्होंने कहा कि अभी तक कोई भी जिला प्रशासन का अधिकारी शोक जताने या श्रद्धांजलि देने नहीं आया है। परिजनों ने सवाल उठाया कि क्या शहीद का सम्मान केवल औपचारिकता बनकर रह गया है? परिजनों और ग्रामीणों ने सरकार से शहीदों के परिवारों को सम्मान और सहारा देने की मांग की है।
ग़ौरतलब है की शनिवार को जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा जिले में सेना का ट्रक खाई में गिर गया था। इस हादसे में चार जवान शहीद हो गए, जबकि दो गंभीर रूप से घायल हुए। शहीद जवान जितेंद्र भी उसी ट्रक में सवार थे।