एससी/एसटी एक्ट की पुनर्विचार याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि कोर्ट एससी/एसटी एक्ट के खिलाफ नहीं है, लेकिन बेगुनाहों को सजा नहीं मिलनी चाहिए. वहीं दूसरी तरफ, कोर्ट के सलाहकार अमरेन्द्र शरन ने जल्द सुनवाई का विरोध करते हुए कहा था कि कानून व्यवस्था का हवाला देकर जल्द सुनवाई की मांग नहीं रखी जा सकती. बता दें कि अटार्नी जनरल ने जल्द सुनवाई करने के लिए कानून व्यवस्था का हवाला दिया था.
कोर्ट ने साफ किया के वे एक्ट के क्रियान्वयन के खिलाफ हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वे जानते हैं कि लोगों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा कैसे की जाए.
एससी/एसटी एक्ट रिव्यू पिटीशन की सुनवाई करते हुए कोर्ट की तरफ से कहा गया, “जो लोग सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्होंने शायद हमारा फैसला पढ़ा भी नहीं है. हम सिर्फ बेगुनाह लोगों को लेकर चिंतित हैं, उन्हें जेल नहीं भेज सकते. हम एक्ट के खिलाफ नहीं हैं. सरकार क्यों चाहती है कि बिना जांच के लोगों को गिरफ्तार किया जाए?”
सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार द्वारा दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुरक्षित रख सकती है.
SC/ST प्रोटेक्शन एक्ट मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “हम एक्ट के खिलाफ नहीं हैं. बेगुनाहों को सजा नहीं मिलनी चाहिए.”
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