समूचे पूर्वांचल में पिछले कई दिनों से हो रही लगातार बारिश की वजह से नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है। नदी किनारे वाले इलाकों में अभी से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। लगातार हो रही बारिश से न सिर्फ कटानरोधी कार्यो की सरकारी पोल खुल रही है, बल्कि गंगा, सरयू और घाघरा नदियां उफनाने लगी हैं। पहाड़ी इलाकों में हो रही भारी बारिश से गंगा का जलस्तर बढ़ने के बाद प्रशासन गंगा किनारे रह रहे लोगों को अलर्ट जारी कर रहा है। नदियों के जलस्तर में वृद्धि का क्रम यूं ही बना रहा तो घाघरा नदी लाल निशान को पार कर सकती है, क्योंकि लाल
निशान और नदी के बीच का फासला महज 17 सेमी बाकी रह गया है। जबकि पूर्वांचल के जिलों से होकर गुजरने वाली हर छोटी बड़ी नदियां उफनाने लगी हैं। वाराणसी के बाद गाजीपुर और बलिया में गंगा नदी में एक सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से जलस्तर में बढ़ोत्तरी हो रही है।सुकून की बार फिलहाल यह है कि नदी अभी खतरे के निशान से नीचे है। मगर, इसके बावजूद तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों को बाढ़ की चिंता सताने लगी है। वहीं, बलिया में सरयू नदी भी अपना विकराल रूप धारण करने लगी है। सरयू के जलस्तर में भी तेजी से वृद्धि हो रही है, इससे बाढ़ की समस्या बढ़ने लगी है।
बलिया से गुजरने वाली नदियों में पानी इसीलिए भी बढ़ गया है क्योंकि, भारी बारिश के अलावा बीते दिनों हरिद्वार, नरोरा और कानपुर से करीब चार लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से जलस्तर बढ़ गया है।बाढ़ विभाग के अधिकारियों का कहना है कि, बांधों से छोड़ा गया पानी बलिया 5-6 दिन में पहुंचेगा। गाजीपुर के सैदपुर तहसील के आदित्य घाट की 14 सीढ़ियों के डूबने के बाद गंगा के बढ़ते पानी का अंदाजा हो गया है। 16 जून से तीन से चार सेंटीमीटर के हिसाब से बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है।
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