बलिया वासियों को अब अपने प्राचीन इतिहास और क्रांतिकारीयों की गाथाओं को किताबों में टटोलने की आवश्यकता नहीं होगी। इसके लिए रेलवे विभाग की तरफ से एक पहल की शुरुआत की गई है।जिसके तहत मॉडल रेलवे स्टेशन पर उतरते ही अब मुसाफिरों को जिले की पौराणिक व क्रांतिकारी झलक दिखाई देगी। जिससे न सिर्फ जिले वासी बल्कि अन्य लोग भी बलिया के गौरवशाली इतिहास को करीब से जान सकेंगे। स्टेशन के वित्तीय प्रवेश द्वार की दीवारों पर महर्षि भृगु का चित्रण किया गया है जिसमें उन्हें भृगु संहिता लिखते हुए दिखाया गया है।
इस दृश्य में महर्षि भृगु भगवान विष्णु से वार्ता करते हुए दिखाई दे रहे हैं साथ ही बाबा बालेश्वर नाथ का भी दर्शन होगा। इसके अतिरिक्त देश में अंग्रेजी शासन के खिलाफ 29 मार्च 1857 में बिगुल फूंकने वाले आजादी के प्रथम नायक मंगल पांडे की क्रांति को भी जीवंत रूप दिया गया है।इस दृश्य में उन्हें छावनी में बगावत करते हुए व उनके फांसी को चित्रित किया गया है,जिसे देखते ही वीरता,गर्व व उनके प्रति श्रद्धा का भाव जागृत हो जाता है। वहीं आजादी के जंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले व बलिया को आजादी दिलाने वाले चितू पांडेय की कहानी को भी उकेरा गया है।
इन सबके अलावा बलिया का ऐतिहासिक ददरी मेला के दृश्य भी दीवारों पर दिखाएं जाएंगे। जिसमें बच्चों के साथ मेला देखने जा रहे लोगों,मेले में लगे झूलों, नौटंकी व सर्कस आदि के दृश्य को चित्रित किये जायेंगे। रेलवे के इस पहल से यात्रियों को बलिया के पौराणिक गाथाओं, क्रान्तिकारी आन्दोलन और संस्कृति की की समझ तो विकसित होगी ही, मॉडल स्टेशन का सौन्दर्यीकरण भी हो जाएगा।
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