बलिया में फिलहाल लोगों को बाढ़ से राहत नहीं मिली है. हालाँकि गंगा नदी का अब घटने लगा है लेकिन तटवर्ती इलाकों की हालत अब भी जस की तस बनी हुई है. आपको बता दें कि बाढ़ ग्र’सि’त इलाकों का बीते दोनो सीएम योगी ने भी दौरा किया था और इसके बाद अधिकारीयों को राहत कार्य को लेकर जरूरी दिशा निर्देश दिए थे लेकिन जैसा कि इलाके के लोगों का कहना है कि प्रशासन की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. यहाँ तक की प्रशासन ने खाने पीने तक का इंतजाम ठीक से नहीं किया.
मुश्किल की इस घडी में इलाके के लोग खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. इसकी वजह यह है कि न तो प्रशासन उनकी सुध ले रहा है और ही वह लोग जिन्हें उन्होंने जीतकर सांसद और विधायक बनाया था. हालत यह है कि लोगों को शौचालय के गेट पर शरण लेनी पड़ रही है. इलाके के सांसद हैं वीरेन्द्र सिंह मस्त लेकिन जब से बाढ़ आई है, वह खुद में मस्त है. या तो उन्हें इलाके की बदहाल स्थिति का अंदाजा नहीं है, या फिर यह भी हो सकता है कि वह इसका जायजा लेना ज़रूरी नहीं समझते हैं.
फिलहाल वह कहाँ है, इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है. फोन पर भी उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है. वही उनके निजी सचिव के मुताबिक वो महाराष्ट्र में किसान मोर्चे के किसी कार्यक्रम में गए हुए हैं. एक तरह जहाँ बलिया के बाढ़ की हर तरफ चर्चा हो रही है, वहीँ दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर बात बात पर पोस्ट करने वाले सांसद वीरेन्द्र सिंह मस्त ने इसे लेकर एक भी बयान नहीं दिया है. इसे लेकर लोगों में काफी नाराज़गी है.
इलाके के लोगों का कहना है कि राहत पहुंचाने की बात तो दूर की है, सांसद वीरेन्द्र सिंह मस्त ने इस पर एक शब्द नहीं कहा. नहीं कुछ तो कम से कम संवेदना ही व्यक्त कर देते. खैर, बाढ़ को लेकर उनके पहले बयान का इंतजार है. जब उनका बयान आएगा तो हम अपडेट कर देंगे.
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