उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा के देवी सीता मइया को ‘टेस्ट ट्यूब बेबी’ कहने वाले बयान पर बिहार में एक कोर्ट केस दर्ज हुआ है। दिनेश शर्मा के खिलाफ सीतामढ़ी की एक अदालत में परिवाद पत्र दायर किया गया है जिसमें आरोप लगाया गया है कि ये आपत्तिजनक बयान धार्मिक उन्माद फैलाने की साजिश है।
बिहार के सीतामढ़ी व्यवहार न्यायालय में स्थानीय अधिवक्ता चंदन कुमार सिंह ने परिवाद पत्र दायर किया। जिसमें कहा गया है कि दिनेश शर्मा का यह बयान धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला है और देश में धार्मिक उन्माद फैलाने की साजिश का हिस्सा प्रतीत होता है।
सिंह ने कोर्ट से अपील की है कि आरोपी शर्मा के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने का आदेश देकर कानूनी कार्रवाई की जाए। परिवाद पत्र में कहा गया है कि देवी सीता जगत जननी मइया हैं। ऐसे में यूपी के उप-मुख्यमंत्री का यह बयान सभी लोगों की मां का अपमान है। इस बयान से न केवल एक धर्म विशेष के लोगों की भावना आहत हुई है, बल्कि यह मिथिला और मैथिली का अपमान है। शर्मा ने हिंदू धर्म का मजाक उड़ाया है।
सिंह ने मीडिया से कहा, “शनिवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सरोज कुमारी की कोर्ट में मामले पर सुनवाई हुई, जिसके बाद कोर्ट ने इस परिवाद पत्र को स्वीकार कर लिया है।” याचिका को अपर मुख्य दंडाधिकारी ज्योति कुमारी की अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया है। जहां मामले पर अगली सुनावाई आठ जून को होगी।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ने एक कार्यक्रम में मां सीता को एक घड़े से जन्म लेने की तुलना ‘टेस्ट ट्यूब बेबी’ से कर दी थी। मान्यता है कि सीतामढ़ी माता सीता की जन्मस्थली है, जहां राजा जनक को हल चलाने के दौरान जमीन के अंदर से माता सीता बालिका रूप में मिली थी।
31 मई को लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित कौशल विकास क्षेत्रीय प्रतियोगिता में अपने उद्बोधन में उप-मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा था कि ‘सीता जी का जन्म घड़े से हुआ तो उस समय टेस्ट ट्यूब बेबी का कोई ना कोई प्रोजेक्ट रहा होगा। जनक जी ने हल चलाया तो घड़े से बेबी निकली, वह सीता बन गई। यह कोई ना कोई टेक्नोलॉजी थी जो आज टेस्ट ट्यूब बेबी है, वैसी कोई टेक्नोलॉजी रही होगी।’
यही नहीं इससे एक दिन पहले 30 मई को मथुरा में हिंदी पत्रकारिता दिवस के एक कार्यक्रम में दिए भाषण के दौरान महाभारत का उदाहरण देते हुए शर्मा ने कहा था कि महाभारत के युद्ध के दौरान संजय ने धृतराष्ट्र को महल में बैठे बैठे युद्ध का सीधा प्रसारण सुनाया था। वह आज टीवी पर होने वाला लाइव टेलीकास्ट नहीं तो और क्या है।
दिनेश शर्मा का बयान सोशल मीडिया में वायरल हो गया जिसके बाद हर तरफ उनके बयान का विरोध शुरू हो गया था। विवाद बढ़ता देख शर्मा ने सफाई पेश की और मामले को संभालने की कोशिश की। उन्होंने कहा, “भगवान राम और माता सीता हमारे आराध्य हैं। हमारे लिए राम व सीता जितने पूजनीय हैं उतना दूसरा कोई नहीं। सुबह उठता हूं तो सीताराम कहकर उठता हूं। रात को सोता हूं तो सीताराम कहकर सोता हूं। मेरे जैसे व्यक्ति के मुंह से विवादित शब्द नहीं निकल सकता।”
शर्मा ने आगे कहा, “कार्यक्रम में एक तकनीकी ज्ञान के विषय पर बोल रहा था। कहा था कि कहीं ऐसा तो नहीं है कि उस समय भी ऐसी टेक्नोलॉजी मौजूद हो। कार्यक्रम तकनीकी शिक्षा के विद्यार्थियों का होने के कारण उसमें मैंने दो उदाहरण देते हुए कहा था कि यह शोध का विषय है कि उस समय कैसा तंत्र विकसित रहा होगा। मैं विवाद से बहुत दूर रहता हूं, कुछ लोग विवाद खड़ा करना चाहते हैं।”
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