देश भर में एन आर सी वा सी ए ए का खुल कर विरोध हो रहा है। इस बीच मघ्य प्रदेश के इंदौर में जो कुछ भी हुआ ऐसा किसी ने भी सोचा होगा। खबर कुछ यूँ है कि यहाँ जिस 75 साल के एक कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े नेता ने इस कानून के विरोध में खुद को आग लगा ली थी, अब उनकी मौत हो गयी है। आपको बता दें कि मघ्यप्रदेश के इंदौर के रहने वाले रमेश प्रजापति कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े थे।
उन्होंने खुदको ही आग लगा ली थी जिसके बाद गंभीर हालत में उन्हें एमवाय अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहीँ रमेश प्रजापति के पास से पु लिस को सी ए ए वा एन आर सी के खिलाफ पर्चे मिले थे। फिलहाल पुलिस मामले की गम्भीरता से जांच कर रही है जिसके बाद और भी कई बातें सामने आ सकती हैं। पुलिस की खबरों के अनुसार वो इस पास हो रहे विरोध प्रर्दशन में अक्सर वो भाग लेते थे
जैसा कि उनके जेब से मिले पर्चे से ये बात साबित होती है कि वो इस काले कानुन के खिलाफ थे। उनकी जेब से मिले कागज में लाल सलाम, इंकलाब जिंदाबाद, जय भीम लिखा था। हेडिंग पर लिखा था भारतीय घर्म निरपेक्ष संविधान पर हमला। हालाकि अभी कुछ साफ नहीं कहा जा सकता। वहीँ इस घटना के बाद रमेश प्रजापति की हालत ऐसी नहीं थी कि वह बयान दे पायें ।
रमेश प्रजापति को 24 जनवरी को उन्हें अस्पताल लाया गया था। उस वक़्त से ही उनकी हालत काफी सीरियस बनी हुई थी और डॉक्टरों क कहना था कि वह 90 फीसदी से ज्यादा जल हुई अवस्था में थे। हालाँकि उन्हें बचाने के लिए डॉक्टरों ने काफी मशक्कत की लेकिन कामयाबी नहीं हासिल हो सकी और अब वह इस दुनिया से जा चुके हैं। सीधे तौर पर उनकी मौ’त को इस काले कानून से जोड़कर देखा जा रहा है।
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