बलिया में कोर्ट ने हत्या के मामले में सुनवाई करते हुए पिता-पुत्र को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दोनों को 15-15 हजार रुपये का अर्थदंड का भी भुगतान करना होगा। अर्थदंड न चुकाने की स्थिति में धारा 302 के लिए 6 माह और धारा 201 के लिए 3 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
जानकारी के मुताबिक, यह मामला वर्ष 2021 का है, जिसमें नरही थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह के निर्देशन में मॉनिटरिंग सेल और अभियोजन शाखा ने प्रभावी पैरवी की, जिसके फलस्वरूप दोनों आरोपियों को दोषी करार दिया गया।
मामले में नरही थाना क्षेत्र के नारायनपुर के निवासी विनोद राजभर और उनके पिता रामआशीष राजभर को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत दोषी पाते हुए आजीवन कारावास और 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। साथ ही धारा 201 के तहत सबूत मिटाने के जुर्म में 5-5 वर्ष की सजा और 5-5 हजार रुपये का अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया है कि अर्थदंड न चुकाने की स्थिति में धारा 302 के लिए 6 माह और धारा 201 के लिए 3 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
डीजीसी संजीव कुमार सिंह ने अभियोजन अधिकारी के रूप में इस मामले की पैरवी की। यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक द्वारा चलाए जा रहे ‘ऑपरेशन कन्विक्शन’ अभियान का हिस्सा है।
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