बलिया में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर सियासी गलियारों में हलचल मची हुई है। बीते दिन वार्ड नं. 28 से निर्देलीय पंचायत सदस्य का चुनाव जीते कांग्रेस नेता जनार्दन यादव ने पुलिस पर फेसबुक पोस्ट के जरिए आरोप लगाए कि पुलिस रात करीब एक बजे मेरे घर जाकर मेरे परिवार को डरा धमका रही है। जनार्दन यादव के इस आरोप से जिले का राजनैतिक पारा चढ़ गया। पूरे मामले को लेकर पुलिस का बयान सामने आया है। उभांव पुलिस का कहना है कि एक शिकायत मिली थी कि जिला पंचायत सदस्य की एक फोटो मुख्तार अंसारी के साथ वायरल हो रही है। इसके कारण उनके मुख्तार के साथ कनेक्शन होने की जांच की जा रही है। इसके अलावा उनके घर मणिपुर के नंबर की एक संदिग्ध वाहन भी मिला है, जिस पर लगा नंबर फर्जी है।
जनार्दन यादव ने फेसबुक पोस्ट में पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप– संदिग्ध वाहन की बात को लेकर जनार्दन यादव ने अपने फेसबुक पोस्ट के जरिए पुलिस पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने लिखा कि थानाध्यक्ष महोदय ने मीडिया को बताया था कि जनार्दन सिंह यादव जिस गाडी से चलते हैं वह फर्जी गाडी है उस गाडी का पेपर मैं फेसबुक पर डाल रहा हूँ। वह गाडी मेरे ही गांव के मूल निवासी और वर्तमान में वाराणसी के अस्थाई निवासी आदरणीय गिरजा शंकर तिवारी जी की है। उस गाड़ी का उपयोग में पिछले 2 साल से कर रहा हूं। महोदय जी हमारे थाने पर लगभग 6 माह से अधिक समय से तैनात हैं लेकिन कभी गाडी के बारे मे उन्होंने संज्ञान नहीं लिया। कल रात को मेरे पास कुछ प्रभावशाली लोगों का फोन आया मुझे
धमकी मिली कि, “मैं जैसा कहता हुं वैसा करो नही तो अंजाम भुगतना पडेगा।” उसके ठीक आधे घंटे बाद थानाध्यक्ष महोदय उभांव के तरफ से बृजेश सिंह सिपाही के नंबर से बात हुई। थानाध्यक्ष महोदय ने मुझसे पूछा- आप कहां हो? मैंने कहा में लगभग 10 दिन से बाहर हूं, कोई बात हो तो मुझे बताईए। इसके बात थानाध्यक्ष ने जबाव दिया कोई बात नहीं, आईएगा तो बात होगी। लेकिन इस बातचीत के ठीक आधे घंटे बाद पुलिस ने मेरे घर पर छापा मारा, मेरे परिवार वालों को डराया। जनार्दन यादव ने आगे लिखा कि थानाध्यक्ष महोदय मुझसे एक बार कह देते तो मैं खुद ही तहकीकात के लिए थाने में गाड़ी भेज देता। या गाड़ी मालिक का नंबर दे देता। थानाध्यक्ष महोदय आप गलतफमी के शिकार हुए हैं।
मुखतार अंसारी के साथ की फोटो सचिवालय की है। जिसमें उनके भाई शिगुला अंसारी साहब, उनका बेटा तथा और अन्य लोग भी हैं। मेरे परिवार के ऊपर किसी भी थाने में 151 तक का मुकदमा नहीं है। आप मुझे परेशान न करें। उन्होंने लिखा- मुझे मालूम है ईमानदार पुलिस अधिकारी का वही हाल होता है जो आज मेरे साथ हो रहा है। सरकारें आती-जाती रहती हैं लेकिन लेकिन साख एक बार गिर जाती है तो वह वापस नहीं आती। बेहरहाल पूरे मामले ने बलिया का राजनैतिक माहौल गरमा दिया है।
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